हेलो दोस्तों मेरा नाम दिव्या है आज मैं अपने सब दोस्तों के लंड का पानी निकालने वाली अपनी एक सच्ची देसी कहानी लेकर आई हूं, तो अब मैं ज्यादा टाइम ना लेते हुए सीधा अपनी कहानी पर आती हूं.
बात उन दिनों की है जब मेरे घर में रवि नाम का एक लड़का रेंट पर रहने आया था वह हमारे घर की तीसरी मंजिल पर रहता था. और उसे मिलने उसका एक दोस्त भी रोज आता था उसका नाम कमल था, दोनों दिखने में बहुत हैंडसम थे मेरा उनसे चुदने का दिल करता था.
मुझे रात को छत पर घूमने की आदत ही मैं अक्सर रात को छत पर घूमती थी ऐसे ही मैं छत पर घूम रही थी तो मैंने देखा कि रवि और उसका दोस्त टीवी देख रहे थे और साथ में शराब पी रहे थे. रवी के पजामे में उसका खड़ा लंड साफ दिख रहा था और कमल बार बार उसका लंड देख रहा था.
आगे जो मैंने देखा उस से में कांप उठी. कमल ने अपना हाथ रवि के लंड की तरफ बढ़ा दिया रवि ने उसकी बाजू पकड़ ली.
कमल ने कहा रवि मजा आ रहा है ना?
रवि ने कहा हां यार अब बस पूछ मत, बस तू दबा मेरे लंड को.
अब रवि ने भी अपना हाथ कमल के लंड पर रख दिया और अब वह दोनों एक दूसरे का लंड दबा दबा कर मुठ मारे थे. मेरी दिल की धड़कन तेज हो गयी और मैं मन ही मन सोचने लगी यह सब क्या कर रहे हैं? क्या यह गे सेक्स कर रहे हैं??
कुछ ही पल बाद कमल ने रवि के पजामे का नाड़ा खोल दिया और उसका ७ इंच का लंड बाहर निकाल दिया. इतना बड़ा लंड देख कर मेरी तो आंखें फटी की फटी रह गई.
कमल धीरे धीरे रवि का लंड ऊपर नीचे कर रहा था इतने में रवि ने भी कमल का पजामा उतार दिया और उसका भी लंड बाहर निकल गया. कमल का लंड भी अच्छा खासा था. मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगा मेरे सामने दो मोटे और लंबे लंड जो थे, अब मेरा दिल वहां से हटने का नहीं हो रहा था. मेरी नजर दोनों के लंड पर टिकी हुई थी. मैं जानना चाहती थी कि आगे क्या होगा और कैसे होगा? इसलिए मैं वहीं खड़ी होकर सब कुछ देखने लगी.
रवि और कमल को देख कर मेरा भी मन अंदर जाने का कर रहा था, वह दोनों कुत्तों की तरह आपस में लिपट कर अपनी कमर हिला रहे थे और आपस में अपने लंडो की प्यार वाली लड़ाई करवा रहे थे..
रवीना कहां कमल चल लेट जा यार अब फिर लंड चूसते हैं..
दोनों बेड पर आ गए और 69 का पोज बना लिया, कमल का लंड रवि के मुंह में था और रवि का लंड कमल के मुंह में था. यह देखकर तो मेरा सर चकराने लगा. वह दोनों जो कर रहे थे मैंने आज तक नहीं इसके बारे में न कुछ सुना है और नहीं कुछ देखा था.
दोनों एक दूसरे की गांड पकड़ कर अपने मुंह की तरफ दबा रहे थे और लंड को पूरा गले तक अंदर ले जा रहे थे. इतने में रवी ने कमल की गांड में अपनि एक उंगली डाल दी और फिर से उसकी गांड पर थूक लगा कर उंगली से उसकी गांड को चोदने लग गया..
अचानक रवी खड़ा हुआ और कमल की गांड पर सवार हो गया, उसने काफी सारा थूक कमल की गांड पर लगाया और अपना लंड उसकी गांड पर सेट कर दिया. कमल ने अपनी टांग खोल दी और रवि अपना लंड कमल की गांड में उतार दिया. जब वह कमल की गांड को चोद रहा था तो उसकी बॉडी और भी ज्यादा कमाल की लग रही थी. और रवि अपनी कमर हिला हिला कर कमल की गांड की चुदाई में लगा हुआ था.
अब रवी ने कमल को घोड़ी बना लिया और फिर से उसकी गांड पर सवार हो गया अब रवि कुत्तों की तरह कमल की गांड को चोद रहा था. कुछ देर बाद रवि ने अपने हाथ में कमल का लंड लिया और उस को आगे पीछे करने लगा. कमल का लंड भी अब जोश में आ गया और पूरा खड़ा हो गया. रवि अभी दो काम एक साथ कर रहा था. एक तो वह कमल की गांड की चुदाई कर रहा था और साथ में उसकी मुट्ठ मार रहा था..
करीब १० मिनट की चुदाई के बाद रवि ने अपनी स्पीड तेज कर दी और अपना सारा पानी कमल की गांड में निकाल दिया और कमल का लंड कसकर पकड़ते हुए एक मिनट में उसका भी पानी निकाल दिया. अब दोनों के मुंह से मस्ती भरी सिसकियां निकल रही थी और एक दूसरे के साथ बेड पर ही लेट गए.
प्रोग्राम खत्म हो चुका था अब मैं नीचे अपने कमरे में आ गई और पर मेरे दिल में रवि और कमल के लंड बस चुके थे. मैं दोनों से चुदना चाहती थी, पर ऐसा होना थोड़ा मुश्किल था. इसीलिए मैंने सोचा कि पहले रवि को पटाया जा सकता है क्योंकि वह मेरे घर में रहता है, और यह काम ज्यादा मुश्किल भी नहीं है. और मैं यह सब सोचते सोचते कब सो गई मुझे पता भी नहीं चला.
अगले दीन उठी तो देखा कि रवि कहीं बाहर गया हुआ है जैसे ही वह आया तो मैंने उसे अपने प्लान के हिसाब से रोक लिया.
मैंने कहा रवि अगर तुम बिजी नहीं हो तो मुझे एक छोटा सा काम था तुमसे.
रवि ने कहा नहीं मैं बिजी नहीं हूं. एक काम करो तुम ऊपर आ जाओ खाना खाते हुए बात कर लेंगे.
अब मेर भी रवि के पीछे उसके रूम में आ गई और उसके लिए खाना थाली में रखकर ले आई. इतने में वह फ्रेश होकर आ गया था और मैं उसके सामने बैठ गई.
रवि ने कहा हां अब बोलो दिव्या क्या बात है??
मैंने कहा काम तो कुछ नहीं बस मुझे तुमसे फिजिक्स समझनि है. मुझे पता है तुम्हारी फिजिक्स बहुत अच्छी है.
रवि ने कहा बस इतना सा काम था? कोई नहीं मैं कॉलेज से आकर तुम्हे पढ़ा दिया करूंगा.
यह कर कर वो वापिस चला गया और मैं भी अपने कॉलेज के लिए घर से निकल गई. दोपहर को कॉलेज से आकर रवि के आने का वेट करने लगी. जैसे ही वह आया तो मैं अपनी बुक्स लेकर उसके रूम में आ गई.
अब रवि चेयर पर बैठा और मैं भी उसके साथ चेयर पर बैठ गयी.. मुझे तो उसे अपने जाल में फंसाना था इसलिए मैं स्टडी नहीं कर रही थी और अपना पैरों से रवि के पैरों पर मारी थी. रवि को पता चल गया था और फिर भी उसने कुछ नहीं कहा.
वो मुझे देखने लग गया और मैंने मुस्कुरा दिया. मैंने फिर से पैर मारा तो अब रवि ने मन ही मन कहने लगा हसी तो फसी, रवि ने मेरी तरफ देखते हुए कहा दिव्या तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
मैं हैरान रह गई और बोली अच्छे तो तुम भी लगते हो मुझे..
रवि ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने और किया तो मैं जानबूझ कर उसके ऊपर गिर गई, और उसे तो जैसे हरी झंडी का सिग्नल मिल गया था. उसने मेरे बूब्स को पकड़ कर दबा दिया.
मैंने कहा हाय क्या कर रहे हो कोई देख लेगा.
रवि ने कहा कोई नहीं देखेगा मेरी जान..
अब मैं उस की गोदी में आकर बैठ गई और उसका लंड पैंट में खड़ा हुआ था और मेरी गांड को लग रहा था.
मैंने कहा यह क्या है?
रवि ने कहा मेरा लंड है.
मैंने कहा लंड क्या होता है??
रवि ने कहा मेरा लौड़ा, यह कहकर उसने अपना लंड मेरी गांड की गहराइयों में घुसाने लग गया.
मेंने कहा मार डालोगे क्या? पूरा घुसा दोगे क्या??
मैंने जैसे प्लान किया था बिल्कुल वैसे ही हो रहा था.
अब मैं अपनी स्कर्ट उतार कर पैंटी उतार दी. यह देख कर रवि को अहसास हो गया कि यह मेरे लोड़े को लेना चाहती है. अब रवि ने अपनी पेंट उतार दिया और उसका ७ इंच लंड बाहर आ गया और मैं अपनी चूत उस पर रखकर रवि के ऊपर बैठ गई और उसका लौड़ा अपनी गर्म चूत की गहराई में ले गई क्या खुशी मिल रही थी??
तभी नीचे पापा की आवाज आ गई और मैं गुस्से में लंड को निकाल कर खड़ी हो गई, और कपड़े ठीक करने लगी.
मैंने कहा तुम यहीं रहना मैं रात को आऊंगी…
रवि ने कहा ठीक है.
मैं अब नीचे चली गई और बहुत खुश हो गई. जैसे मैंने सोचा था बिल्कुल वैसे ही हो रहा था.
मेरा कमरा दूसरी मंजिल पर था और मम्मी पापा नीचे बेडरुम में सोते थे. मैं खाना खाकर अपने रूम में आ गई और घर का माहौल शांत होने का इंतजार करने लगी. और थोड़ी देर में सब शांत हो गया तो में ऊपर उसके पास जा पहुंची.
मैंने दरवाजा खोला तो हैरान रह गयी क्योंकि वहां रवि और कमल दोनों अपने लंड को पकड़ कर नंगे खड़े थे और गांड मारने की तैयारी में थे.
मैं उसके रूम से नीचे आने लगी तभी रवि बोला कहां जा रही हो? सॉरी हम ऐसी हालत में है क्योंकि हमें लगा कि तुम नहीं आओगी..
मैं मन ही मन बहुत खुश होने लगी, क्योंकि अब मुझे दोनों के लंड स्वाद अपनी चूत में जो मिलेगा और रुक गई..
मेंने कहा यह तुम क्या कर रहे हो? और अंदर आकर दरवाजा बंद कर दिया.
रवी ने कहां हम रोज ऐसे ही करते हैं और मजा लेते हैं. कभी मैं उसकी गांड मारता हूं तो कभी कमल मेरी गांड मारता हे.
दिव्या तुम यहीं बैठो और मजे लो हम तुम्हें कुछ नहीं कहेंगे, और यह कहकर जैसे रिक्वेस्ट करने लगे.
अरे तो क्या मैं तुम्हारी शक्ल देखूंगी? मुझे भी अपने ग्रुप में शामिल करो, ये सुनते ही दोनों खुश हो गए और दोनों के लंड और मचल उठे.
कमल तो अब कितनी बार लड़की की चुदाई करने वाला था. मैं उनके पास आकर खड़ी हो गई और उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए. अब हम तीनों बिल्कुल नंगे हो गए थे, और कमल मेरे शरीर को ऐसे देख रहा था जैसे कि अभी कच्चा खा जायेगा. दोनों के लंड मेरी चुत और गांड को देख रहे थे और डंडे की तरह खड़े होकर तन गए थे.
रवि मेरे आगे खड़ा हो गया और कमल मेरे पीछे और कहा दिव्या क्या तुम दोनों तरफ से लंड को सह पाओगी?
मैं ख़ुशी के मारे उछल पड़ी और दोनों को अपने से चिपका लिया और अब अपनी एक टांग ऊपर करके गांड को खोल कर कमल को कहां ले मेरे राजा ये गांड तुम्हारी और आगे खड़े रवि को कहा यह चूत तुम्हारी.. अब तुम दोनों शुरू हो जाओ..
मैंने मदहोशी की हालत में अपनी आंखें बंद कर ली और चुदाई का मजा लेने लगी. और उनके गरम शरीर की चिपचिपाहट मुझे पागल करने लगी. पहले कमल ने मेरी गांड पर तेल लगाया और अपना लंड एक ही झटके में अंदर उतार दिया.
अब रवि की बारी थी उसने आगे से मेरी चूत में अपना लंड उतार दिया.
अब दोनों की लंड मेरे अंदर तांडव कर रहे थे और मुझे भी बहुत मजा आ रहा था. मैं मदहोशी की हालत में खड़ी झूम रही थी. वह दोनों धीरे धीरे अपनी गांड उठा कर मेरी चुदाई कर रहे थे. मैं अपने मुंह से आह्ह औऊ हहह ईई ओऊ आवाज निकालने लगी और लंडो का पूरा मजा लेने लगी.
कमल तो मुझे अपने हाथों से पकड़ कर गांड मार रहा था पर अपने हाथों में मेरे बूब पकड़े कर जोर जोर से दबा रहा था, क्योंकि उसका तो यह पहला एक्सपीरियंस था, इसलिए वह जोर जोर से मेरे बूब्स दबा रहा था और दूसरी तरफ लंडो से मेरी चुदाई हो रही थी, जिसका एहसास मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. और अब दोनों के लंड आपस में टकराने लगे थे और मेरी चूत और गांड में चिकनाहट बनने लगी थी.
अभी दोनों का शरीर अकडने लगा और उन्होंने मुझे अपनी बाहों में जोर से जकड़ लिया और चुदाई को १० गुना तेज कर दिया मुझे बहुत मजा आने लगा. अब मेरी चूत ने भी अपना पानी निकाल दिया.
अब रवि ने मेरी चूत में लंड अंदर खोप कर अपना सारा पानी मेरी चूत में निकाल दिया और कमल ने भी गांड में अपना सारा पानी अंदर निकाल दिया. उनका पानी बहार निकल कर मेरी टांगों के रास्ते बहने लगा..
दोनों ने मुझे अपनी बाहों में भर कर बाकी की प्यास बुझाई और चुम्मा चाटी करने लगे.. अब मैंने उन्हें दो लंडो का एक साथ मजा देने के लिए थैंक यू कहा, और कपड़े पहन कर नीचे आ गई.
और अपने आप से बातें करने लगी कि आखिर कार मेरी चूत और गांड की प्यास एक साथ बुझ गई और अब मैं सोने की तैयारी करने लगी.