घर की बात है

मैं आपको अपने बारे में बता दूँ। मेरा नाम अमित है और मैं 19 साल का हूँ। मेरे घर में 4 सदस्य हैं। मेरी मम्मी और पापा और मैं और मेरी बहन रेखा। यह कहानी मेरे और मेरी बहन के बीच हुए सेक्स की कहानी है।

अब मैं आपको अपनी बहन के बारे में थोड़ा बता दूँ। वो 20 साल की है और बहुत सेक्सी है। बिलकुल रान्ड लगती है। उसका फ़िगर 34-26-38 है। मैं जब भी उसे देखता हूँ तो मेरा लन्ड फ़ुदकने लगता है। मेरा लन्ड हमेशा उसको चोदने को तड़पता रहता। लेकिन वो मेरी बहन है इसलिये अपने हमेशा मुठ मार के रह जाता। लेकिन जब से मैंने अन्तर्वासना को पढ़ना शुरु किया तो मुझे लगा कि बहनों को चोदने में कोई बुरी बात नहीं है। आखिर वो भी तो लड़की है, उसे भी तो एक लन्ड की जरुरत है, फ़िर चाहे वो लन्ड़ उसके भाई का ही क्यों न हो।

फिर मैंने अपना मन बदला और अपनी बहन को चोदने का मौका खोजने लगा। इसी बीच मुझे जब मौका मिलता तो मैं रेखा की ब्रा और पैन्टी पहनकर घर में घूमता। ऐसा करने में मुझे बड़ा मजा आता है। (कभी आप भी करना)

एक दिन जब घर पर कोई नहीं था तो मैंने सोचा कि चलो रेखा की ब्रा और पैन्टी पहनते हैं। मैं ब्रा और पैन्टी पहनकर घर में घूम रहा था कि तभी अचानक रेखा आ गई। मैं दो मिनट के लिये स्तब्ध रह गया और मेरे होश उड़ गये थे। रेखा मुझे देखती जा रही थी और मुझे लगा कि अब मेरी पोल खुल गई। लेकिन जैसा मैंने सोचा वैसा हुआ नहीं, रेखा तो जोर जोर से हँस रही थी।

मुझे थोड़ा अटपटा लगा और मैं कमरे में भाग गया। थोड़ी देर के बाद मैं उसके कमरे में उसकी ब्रा और पैन्टी देने गया। वहा मैंने देखा कि वो अपने कपड़े बदल रही है। रेखा की पीठ बिल्कुल नंगी थी।

मुझे देखकर उसने कहा- अच्छा हुआ कि तुम आ गये, मुझे मेरी ब्रा और पैन्टी चाहिये थी !

फिर उसने मुझ रोका और पूछा- तुम मेरी ब्रा और पैन्टी क्यों पहनते हो?

मैंने कहा- बस यूँ ही ! मुझे अच्छा लगता है तुम्हारे कपडे पहनना, लेकिन तुम माँ से कुछ मत कहना !

रेखा ने कहा- नहीं कहूँगी, लेकिन मुझे एक बात बताओ- क्या तुम्हें सिर्फ़ मेरी ब्रा-पैंटी ही अच्छी लगती है, मैं नहीं?

मैंने कहा- नहीं ऐसी बात नहीं है, तुम तो मेरी बहन हो, और बहन तो सभी को अच्छी लगती है।

रेखा ने कहा- अच्छा, तो तुम मेरा एक काम करोगे?

मैंने कहा- कौन सा काम?

फिर रेखा काफ़ी देर तक खामोश रही और थोड़ी देर बाद बोली- यह काम तुम कर सकते हो, लेकिन शायद तुम नहीं करोगे !

मैंने कहा- तुम कहो तो जरा ! तुम मेरी बहन हो और तुम्हारा हर काम मैं करुंगा, मैं तुम्हारी राखी का फ़र्ज निभाउंगा।

यह कहकर मैंने माहौल को हल्का करने की कोशिश की। लेकिन मुझे विश्वास नहीं हुआ जो उसने कहा।

रेखा ने मुझ से कहा- क्या तुम मुझे चोद सकते हो? अभी !

यह सुनते ही अचानक मैं डर गया और मैं रेखा से थोड़ा दूर हो गया।

मैंने कहा- यह क्या कह रही हो तुम? तुम मेरी बहन हो और कोई भी भाई अपनी बहन को नहीं चोदता है !

रेखा हँसते हुए बोली- अपनी बहन की ब्रा और पैन्टी पहनते हुए तो तुम्हें यह ख्याल नहीं आया कि मैं तुम्हारी बहन हूँ?

मैंने थोड़ा ठण्डे दिमाग से सोचा कि रेखा सही कह रही है और ऐसा मोका मुझे फिर नहीं मिलेगा। फिर भी मैंने यूँ ही कहा कि यह गलत है।

उसने कहा- इसमें कोई बुराई नहीं है, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा, घर में कोई नहीं है, तेरे पास लण्ड है और मेरे पास चूत है ! जल्दी कर मेरे भाई ! लूट ले आज अपनी बहन की इज्जत !

रेखा के इतना सब कहने पर भी मैंने उससे कहा- मैं यह नहीं कर सकता, तुम मेरी बहन हो।

और इतना कहने के बाद मैं अपने कमरे में चला गया और मैं अपने आप को कोसता रहा कि मैंने अपनी बहन को चोदने का सुनहरा मौका खो दिया। लेकिन कुछ देर बाद मेरे कमरे के दरवाजे के नीचे से एक कागज (चिठ्ठी) आया। उस पर कुछ लिखा था, जिसे पढ़कर मुझे बहुत गुस्सा आया।

उस पर लिखा था- मेरे प्यारे भैया अमित, आज आपने यह साबित कर दिया कि आप कभी किसी लड़की को नहीं चोद सकते, भले ही वो आपकी बहन ही क्यों ना हो ! क्योंकि आप नपुंसक हो। आप में वो ताकत ही नहीं है जिसकी एक लड़की को जरुरत होती है। मुझे यह कहने में ज़रा भी शर्म नहीं कि मेरा भाई नामर्द है।

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