चालू बुआ की चिकनी चूत

मेरा नाम यमन है और मैं गाज़ियाबाद में रहता हूँ।

आज मैं अपने जीवन के कुछ हसीन लम्हें आपके साथ बाँटना चाहता हूँ।

ये मेरी “एम एस एस” पर पहली कहानी है।

इस कहानी में सभी पात्र वास्तविक हैं लेकिन सभी नाम बदले गये हैं।

बात उस समय की है जब मेरी बडी बहन की शादी थी। शादी सर्दी में थी इसलिए विदाई अन्धेरे में सुबह चार बजे हुई।

हमारे यहां विदाई होने के बाद सभी मेहमान बहुत जल्दी ही जाने लगते है।

बहन की विदाई के बाद सभी रिश्तेदार अपना समान समेटने में लग गये और सुबह के सात बजते बजते सभी जाने भी लगे थे।

घर पर केवल मैं, मेरा बडे भाई, मेरी मां और मेरे पिताजी ही बाकी थे और शादी के बाद घर में बहुत सारा काम बाकी रह जाता है तो काम मे हाथ बटाने के लिए मेरे भाई ने मेरी चचेरी बहन रिचा को और मेरी मां ने मेरी बुआ सिमरन को रोक लिया।

मैं अपनी बुआ के बारे में आपको बताना चाहूँगा कि वो देखने मे साधारण है लेकिन उनको सेक्स का चसका है।

अपनी शादी के बाद उन्होनें अपने ससुराल मे बहुत से यार पाल रखे हैं। हमारे कई रिश्तेदारो की तरह मुझे भी उनके सारे कारनामों का पता था।

अब हम सीधा कहानी पर आते हैं।

हम चारों ने मिलकर तक़रीबन ग्यारह बजे तक काफ़ी काम निबटा लिया था। फ़िर हम सब ने मिलकर खाना खाया और छ्त पर धूप में सोने चले गये।

धूप लगभग एक बजे तक रही थी, उसके बाद हमने बाकी बचा काम भी निबटा लिया और एसे ही मस्ती करते रहे।

रात को हम नीचे ज़मीन पर ही सोये थे। भाई एक रज़ाई में और मैं और सिमरन बुआ एक रज़ाई में।

मैंने अपनी बुआ के करनामे सुने थे तो सोचा क्यूँ ना आज अपनी किस्मत आज़माई जाये।

मैंने धीरे धीरे बुआ की साडी रज़ाई में से ही ऊपर कुल्हे तक सरका दी। फिर मैंने उनकी चूत पर हाथ फेरा।

उनकी चूत पर कोई बाल नहीं था। फिर मैंने चूत में उंगली की तो मुझे वहां पर कुछ गीला गीला महसूस हुआ। “एम एस एस” पर कहानियाँ पढकर मुझे इतना तो पता था कि वो चूत का पानी है।

मतलब मुझे इतना पता था कि वो जाग रही हैं और मजे ले रही हैं। तो फिर मुझे किसी का डर नहीं था मैंने चूत मे उंगली करना तेज कर दी और उनके मुँह से मुँह मिला दिया और होंठों को चूसने लगा।

फिर वो भी मुझे किस करने लगीं। हमने एक दूसरे को लगभग दस मिनटों तक चूसा।

फिर मैं उनकी चूत चाटने लगा और पाँच मिनट में ही मैंने उनकी चूत से पानी निकाल दिया। ये सब हम धीरे धीरे कर रहे थे क्यूंकी मेरे बडे भाई भी वहीं सो रहे थे।

फिर मैंने थोडी देर बाद रज़ाई से मुँह निकाल कर बाहर देखा कि सब कुछ सही है या नहीं और फिर हमने दोबारा चुमा चाटी चालू कर दी।

एक बार झडने के बाद सिमरन बुआ थोडी ढिली पड गयी थीं लेकिन मेरी मेहनत ने उनको थोडी ही देर में फिर से उत्तेजित कर दिया।

फिर मैंने अपनी बुआ के साथ मे अपनी ज़िन्दगी की पहली चुदाई की। मैंने बुआ को पहली बार पांच मिनट ही चोदा होगा और मैं झड गया।

फिर हमने चुदाई का दूसरा दौर खेला। मैंने अब उनको दस मिनट तक चोदा और मैं उनकी चूत मे दौबारा झड गया।

उसके बाद हम अपने कपडे सही करके सो गये।

उस रात के बाद बुआ हमारे घर में दो दिन और रहीं और मैंने उनको दोनों रात में दो-तीन बार चोदा।

मेरी ज़िन्दगी का ये हसीन किस्सा, आपको कैसा लगा?

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