मैं सोनू दिल्ली से इंजिनियरिंग कर रहा हूँ। मैं 5’5″ का एक लम्बे हथियार का मालिक हूँ! जो किसी को भी पूरी संतुष्टि देने की ताक़त रखता है।

अब मैं अपने कहानी पर आता हूँ! बात उस समय की है! जब मैं 10वीं पास करके हॉस्टिल से बाहर एक किराए के कमरे में रहने आया था। मैं हमेशा अकेला रहना ज़्यादा पसंद करता हूँ!

मैंने एक अकेला कमरा, किराए पर ढूँढ कर ले लिया। मकान मालिक थोड़ा पैसों के लालची थे! उन्होंने मुझसे कमरे का किराया 2गुना लिया! हालांकि! कमरा बहुत छोटा था और मुझे जरुरी थी।

उनके परिवार में 2 बेटे और 2 बेटियाँ थी। बड़ी बेटी दिखने में कोई खास नहीं थी, लेकिन छोटी वाली तो गजब की लगती थी! मासूम चेहरा! फिगर भी मस्त था!

एक दिन! मैंने उसे जब देखा! तो ख्याल आया! कि क्यों ना! इसी से किराया वसूल किया जाए। अब मैं उसे पाटने में लग गया। धीरे धीरे! बात शुरू हुई।

मुझे पता लगा! उसका अभी कोई आशिक नहीं था। मैं डोरे डालने लगा! वो भी, अब धीरे धीरे! मेरी तरफ आकर्षित होने लगी!

होंठों का चुम्बन और लण्ड चुसाई
एक दिन! उसका जन्मदिन था, तो वो एक मिठाई का डब्बा और आईसक्रीम ले कर मेरे कमरे में आ गई। मैंने तो सोचा! कि लगता है, अब बात बन जाएगी!

मैंने उसे जन्मदिन की बधाई दी और फिर साधारण सी बात हुई। एकाएक! मैं उसके होंठों से अपने होंठ को लागाकर चूमने लगा!

अचानक! वो भी हैरान हो गई! लेकिन! फिर उसने भी मेरा साथ दिया। हम 10 मिनट तक! ऐसे ही चिपके रहे! ऐसा लग रहा था! जैसे मुझसे ज़्यादा उसे ही जल्दी हो चुदवाने की!

अब उसने मेरा जीन्स खोलकर! मेरा लण्ड बाहर निकल लिया, और लोलीपॉप की तरह चूसने लगी! ऐसा लग रहा था! जैसे लण्ड चूसने में उसने पीएचडी किया हुआ है!

आंटी की मस्त चूचे देख पागल हुआ
अचानक! उसकी दीदी का फोन आया! कि मम्मी को शक हो गया है! वो अब जाने वाली है कमरे में, भागो वहाँ से! वो जल्दी से चली गई! और फिर आंटी आई, क्या मस्त! बूब्स थे उनके।

उन्होंने शक की नज़रों से, मेरे कमरे में इधर उधर देखा! लेकिन कुछ नही मिला। वो जाने लगी, मैं उनकी गांड देखकर पागल हो गया!

कुछ दिन! ऐसे ही गुजर गए, मुझे मूठ मार कर ही काम चलाना पड़ता था!

खैर! एक दिन किस्मत ने भी मेरा साथ दिया। उसके मकान से एक कमरा जुड़ा हुआ था और वो कमरा खाली हो गया। मुझे उस कमरे में जाना पड़ा।

उस कमरे का एक दरवाजा उसके मकान में जाता था। मैंने उसे अन्दर से बंद कर दिया! ताकि उनलोगों को कभी शक नही हो!

भूखी शेरनी जैसी मुझ पर टूट पड़ी
एक दिन! मैं लेटा हुआ था! कि अचानक! किसी ने दरवाजा ठोका! मैंने झट से खोल दिया, और वो जल्दी से मेरे कमरे में आ गई।

जब मैंने देखा! वो आंटी थी! और उन्होंने मुझे कुछ सोचने का मौका भी नहीं दिया। अचानक! मेरे ऊपर चढ़ गई!

मेरे शरीर पर हर जगह चूमने लगी! जैसे जन्मों की प्यासी हो! कुछ देर बाद! वो शांत हुई, तो मैंने पूछा- यह क्या कर रही हैं आप?

उसने कहा- आज! कुछ मत बोलो! बस होने दो जो भी हो रहा है! मैं बहुत प्यासी हूँ! मेरे पति शराब के नशे में डूबे रहते है! इस वजह से अब उनमें वो दम नही रह गया है!

खैर! मुझे क्या फ़र्क पड़ता? कोई भी हो! अब मैं भी लग गया उनकी सेवा में! हम दोनों एक दूसरे के होंठ को खा जाना चाहते थे!

उन्होंने मुझे और खुद नंगी को गई
उनकी साँसे बहुत फूल रही थी, और सिसकारियाँ लिए जा रही थी! उसके बाद, मैंने धीरे धीरे! उनका कपड़ा उतारना शुरू किया! और उन्होंने मेरा कपड़ा उतारा!

अब हम दोनों नंगे हो गए! उन्होंने जैसे ही! मेरे लण्ड को देखा! तो खुशी से पागल हो गई!

वो कहने लगी- हाय! इतना मोटा लण्ड है आपका! मेरी बेटी को चोदते, तो वो मार ही जाती!

मुझे अचानक से झटका लगा! कि यह क्या बोल रही है? चूँकि! वो अपने आपे में नही थी! वो ज्यादा बहुत चुदासी थी!

वो अब मेरे लण्ड को लेकर चूसने लगी! 10 मिनट तक! चूसते हुए मुझे लगा! कि मैं झड़ने वाला हूँ! अब मैंने अपना लण्ड! उनके मुँह से निकाल लिया, और उनको बेड पर पटक दिया।

चिकनी चूत चटाई और दमदार चुदाई
अब मैंने उनकी चूत चाटनी शुरू की! क्या मस्त चूत थी! एकदम कसी हुई! और एक भी बाल नही थी चूत पर!

ऐसा लगता है! जैसे पूरी तैयारी के साथ मुझसे चुदवाने आई थी! मैं उनके दोनों चूचियों को बारी बारी से चूसने लगा! क्या रसीले चूचियाँ थीं उनकी! मज़ा आ गया!

अब वो कहने लगी- चोदो मुझे! भोसड़ा बना दो! मेरी चूत का! फाड़ दो इसे! बहुत दिनों से परेशान किए जा रही थी! आज इसकी पूरी गर्मी निकाल दो!

मैंने भी उसे अब घोड़ी बना दिया! और अपना लण्ड उनके चूत पर रखकर धक्का मारा! लण्ड फिसल गया! क्योंकि चूत बहुत कसी थी! बहुत दिनों से नहीं चुदवाने की वजह से!

मैंने लण्ड को फिर से चूत में रखा! और धक्का मारा! इस बार लण्ड चूत को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया। उनके मुँह से आवाज़ निकली! लेकिन मैंने अपने होंठों से उसके होंठ दबा दिया!

वरना! क़यामत आ जाती! मैं उनको ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा! और वो भी मेरे हर धक्के का जवाब! अपनी गांड उठा उठा कर दिए जा रही थी।

आंटी ने फिर से चुदने का वादा लिया
करीब 30 मिनट तक! धक्कम पेल चुदाई! चलने के बाद! मेरा अब गिरने वाला था। तब तक वो 2 बार गिर चुकी थी! मैंने धक्के और तेज कर दिए! और 5 मिनट के बाद! हम दोनों एक साथ झड़ गए।

हम दोनों थककर एक दूसरे के बाँहों में लिपटकर सो गए। कुछ देर बाद! हम दोनों उठे, और बाथरूम गए एक दूसरे को साफ करने के लिए! उसने कपड़े पहने, और लण्ड पर चूमने लगी!

उसने मुझसे कहा- अब अगली बार! पूरी तैयारी के साथ आऊँगी! मैं कुछ समझा नहीं! चूँकि! मैं पूरा थक चुका था, तो मुझे भी नींद आ गई!

दोस्तो, अब अगली कहानी में बताऊँगा! क्या थी वो तैयारी? फिर कैसे मौका मिला? मीनू को भी चोदने का! कैसे जमकर मसला दोनों माँ बेटी को! तब तक के लिए अलविदा!

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