मुझे भाभी का इ-मेल आया हुआ था

मैं अपना इ-मेल चेक किया उसमे मुझे अनीता का इमेल मिला जिसमे उसने अपने घर का पता दिया था और कहा था इस टाइम पर घर आ जाना.उसने मेरी पुरानी क्लाइंट सुजाता का भी जिक्र किया था और मेरी फीस 5000 के बारे में भी. अब आप समझ गए होंगे की मैं एक पुरुष वेश्या का काम करता हूँ. मेरे घर के पास ही अनीता भाभी का घर है ,अनीता की शादी हो चुकी है और उसके तीन बच्चे हैं.

अनीता किसी सरकारी नौकरी में है और जनकल्याण काम करती है ,वो मुझसे करीब आठ-दस साल बड़ी होगी. उसकी उम्र करीब 34-35 साल की होगी लेकिन उसे देखकर लगता था की वो 27-28 की हो ,गोरा-गोरा रंग 35-30-37 का फिगर,काले लम्बे बाल जो उसकी बड़ी सी मतवाली गांड तक आती थी. जब वो अपनी मतवाली गांड मटकाते हुए चलती थी और उस पर उसके बाल खुले होते थे तो आग सी लग जाती थी. ऐसी भाभी की चूत किसी शराब के नशे से कम नहीं होती और जो भाभी की चूत मारता हैं उसे ही यह पता होता हैं.

अनीता भाभी मुझे कामुक नजरों से अक्सर देखा करती थी जिससे मुझे लगता था की वो मुझे चाहती हैं ,कभी कभी तो मेरे सामने इतनी मादक हरकते करती थी ,छेड़छाड़ ,मजाक भी करती थी लेकिन हमें एक ही में भी रहना था और उसका पति भी गुंडा किस्म का था सो मैंने अपनी हद कभी पार करने की कोशिश नहीं की. लेकिन अब अनीता भाभी का इ -मेल आने के बाद सोचा क्यों न अनीता भाभी की चूत का रस भी चखा जाए यदि वो खुद मुझसे अपना चूत चुदवाना चाहती है तो क्या दिक्कत है. तभी मेरे दिमाग में आया कही साली मुझे घर बुला कर पिटवाना तो नहीं चाहती है लेकिन सुबह मैंने देखा उसका पति अपने लोगों और बच्चों के साथ कही जा रहा है जिसे दख कर मेरे मन से डर दूर हो गया. अनीता भाभी का घर दो मंजिला था ,मैं उनके बताये हुए ठीक समय पर पहुँच गया और आवाज़ लगाई -भाभी,लेकिन अंदर से कोई आवाज़ नहीं आई.अब मैंने घर का दरवाज़ा खटखटाया तो धीरे से आवाज़ आई -कौन है,रुक जाओ ,मैं आ रही हूँ.

भाभी की सेक्सी चुंचियां

थोड़ी देर बाद दरवाज़ा खुला-सामने अनीता भाभी खड़ी थी ,उनके बाल बिखरे हुए थे जो चेहरे पर आ गए थे और सीने पर कोई दुप्पटा नहीं था,उनकी मस्त चुन्चिया उठान मार के खड़ी थी ,मैं उन्हें देखता ही रह गया.मैं कुछ बोलता उससे पहले भाभी बोली – तुम्हारे भैया 5-6 दिनों के लिए बाहर गए हैं ,ज्यादा जरुरत हो तो उनके फ़ोन पर काल कर लो. मैंने कहा -नहीं भाभी मुझे भैया से नहीं आप से ही काम है.फिर मैंने अपना वो वाला नाम बताया और इ -मेल के बारे में भी बताया,ये सब सुनकर वो शर्म से अपनी नजरें नीचे झुका ली. कुछ देर अनीता भाभी वैसे ही खड़ी रही और फिर खुलकर बात करने लगी-तो आप ही वो पुरुष वेश्या हो ,इतने दिनों से मेरे बारे में जानते हुए मुझे बताया भी नहीं और मेरे घर के पास भी रहते हो. कोई बात नहीं मैंने तुम्हारे लंड का फोटो देखा है और मेरी सहेली सुजाता ने भी सब कुछ बताया है. चलो अब घर के अंदर आ जाओ ,मैं तुम्हारे लिए चाय बना के लाती हूँ और वो अपनी बड़ी सी गांड मटकाते हुए चल पड़ी मैं भी उसकी मस्त गांड का नज़ारा लेते हुए उसके पीछे चल पड़ा.

भाभी की चूत गीली होते ही उसके तेवर बदल गए

अब अनीता भाभी का रंग बदल गया था,मैं चुपचाप उन्हें देखता रहा. कुछ देर में वो चाय ले आई,मैं चाय पीने लगा, अनीता ने एक देसी विडियो चुदाई की लगा दी और मेरे पास आकर बिस्तर पर लेट कर चाय पीने लगी. चाय पीने के बाद हमने एक दुसे के बदन से खेलना शुरू कर दिया ,मैंने उनकी चुन्चियों को अपने हाथ से जोर से दबा दिया तो उसके मुंह से आवाज निकल गई-धीरे से करो ना. यह सुनते ही मैं समझ गया की अनीता किसी जल्दीबाज़ी में नहीं है ,वो चुदवाना तो चाहती है लेकिन आराम-आराम से. इधर मैं भी मूड में आ गया था, मैंने उसे खींच कर गोदी में बैठा लिया, वो भी अपनी बड़ी गांड को मेरे लंड पर दबाते हुए बैठ गई. मैंने उनकी कमीज़ के अंदर हाथ डाल कर नर्म, मुलायम चुन्चो को छूते हुए ब्रा के हुक तक पहुँच गया और हुक को जोर से खींच दिया. मेरे कीं खींचते ही ब्रा का हुक टूट गया.

अरे तुम इतनी जल्दी में क्यों हो

अनीता बोल पड़ी इतनी जल्दी में क्यों हो. बोलते ही वो मेरी तरफ घूम गई मैंने भी मौके का फायदा उठाया और उनके चेहरे के पास आते ही रसीले लाल-लाल होठों को अपने होठों में दबा कर चूसने लगा. अनीता भाभी मुझसे दूर हटने की कोशिश करने लगी फिर भी मैंने उन्हें नहीं छोड़ा और उनकी मस्त गांड को पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया.मेरा खड़ा लंड उनके नाभि के पास लग रहा था और उनका गाल मेरे मुंह के पास आ गया था. मैंने इस बार उनकी गांड दबाते हुए मुंह में मुंह घुसा कर चुसना शुरू कर दिया. मैंने धीरे-धीरे उनके कमीज़ को उपर करते हुए बाहर निकल दिया. भाभी बोल पड़ी-क्या कर रहे हो तुम. मैंने कहा-प्यार कर रहा हूँ भाभी जी. भाभी बोली- कोई गीगोलो (पुरुष वेश्या ) भी इतना प्यार करता है क्या. मैंने कहा- दूसरों का मुझे पता नहीं है पर मैं तो करता हूँ. भाभी ने फिर कहा-दुसरे (पुरुष वेश्या) गीगोलो तो आते हैं और चोदना शुरू कर देते हैं. मैंने कहा-मेरा सोचना कुछ अलग है ,आप खुश तो मैं भी खुश.

इतना सुनते ही अनीता भाभी ने मेरा टी-शर्ट निकाल कर बाहर कर दिया, मैंने भी उनके सलवार का नाडा खोल कर नीचे खींचा तो उनकी लाल रंग की पैंटी भी नीचे आ गई. मैंने धीरे-धीरे उनके बदन से सरे कपडे को अलग कर दिया. किसी को भी पहली नजर में घायल कर देने वाली पतली कमर और भाभी की चूत छोटी सी गुलाबी वो भी बिना बाल के सामने आ गई. मैंने बिना देर किए हुए लपक कर उन्हें पकड़ लिया और निप्पल पर मुंह लगा कर चूसने लगा और चुंचे दबाने लगा. उनके मुंह से आह निकल गई, उन्होंने अपनी छाती पर मेरा सर पकड़ कर दबा लिया और बोली -धीरे से करो,इतने जोर से मत दबाओ. मैंने अनसुना करते हुए उन्हें बिस्तर पर धकेल दिया और अनीता भाभी की गांड पर हाथ फेरते हुए जोर से लगा , भाभी उछल गई. उनकी गांड बहुत गोरी, चिकनी और मस्त थी. मेरा लंड भी खड़ा होकर झूम रहा था और अब भाभी ने मेरा सारा कपडा उतार कर मुझे भी नंगा कर दिया. मेरे नंगा होते ही मेरा लंड फनफना कर सामने लहराने लगा, लंड ही भाभी के मुंह से निकल पड़ा -बाप रे बाप -इतना बड़ा और मोटा तभी तो सुजाता 2-3 दिन तक ठीक से चल भी नहीं पाई थी उसे इतना दर्द हुआ था. मैंने कहा उनकी बात मत कीजिये भाभी आपको तो यह अच्छा लगा होगा.

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