तेरी चूत में मेरा लण्ड

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम आकाश परंडा है और मैं महाराष्ट्र से हूँ।

आशा करता हूँ कि यह कहानी पढ कर आप काफी उत्साहित होंगे।

बात तब कि है जब मैं बारहवीं के पेपर के लिये घर से अलग किराये के रूम में रहता था। मैं कई दिन तक वहाँ रहा।

एक दिन मेरे कमरे के पास एक लड़की आई, उसका नाम प्राजक्ता था… दिखने में काफी सुंदर, गोरी और पतली थी और वो बी फ़ार्मा करती थी।

रोज हम एक दूसरे से बातेँ किया करते थे। धीरे धीरे हम आपस में घुल गये।

वेलंटाईन डे पर मैंने उसे प्रपोज किया, लेकिन उसने कुछ जवाब नहीं दिया। हम दोस्त लोगों ने शराब पी और मैं अपने रूम में आ गया…

दो दिन बाद उसने मुझे हाँ कर दिया!!!

इसको एक हफ़्ता हो गया और मैंने सोचा कब उसे चोदूंगा और कब उसकी गाण्ड में अपना नौ इच का लण्ड डालूँगा…

मेरी किस्मत बहुत अच्छी थी, एक दिन वो मेरे रूम में आ गई और बोली – आई लव यू!!! मेरा लण्ड तो साला खडा हो गया…

मैंने दोस्त को कहा – तू बाहर जा और मकान मालिक पर नजर रख।

वो बोला – ठीक है, भाई!!! और वो चला गया…

मैंने उसे पकडा और उसके गालों को किस करने लगा, फिर मैंने उसे दबोचा और उसके शरीर पर चढ गया।

अब मैं उसके चुचे दबाने लगा, जो अभी तक ठीक से बडे नहीं हुए थे। वो कुछ नहीं बोली…

लेकिन जब मैं उसकी जीन्स निकालने लगा, वो मुझे रोकने लगी।

मैंने कहा – क्या हुआ?

वो – जो करना है ऊपर करो…

मैं – क्यूँ?

वो – नहीं, मुझे शरम आती है।

मैं – लाईट बंद कर दूँ?

वो – नहीं, अभी नहीं, मेरी फ्रेन्ड ने कहा है पहली बार काफी दर्द होता है…

मैं बोला – क्या यार, इतनी सी बात से परेशान हो, ये तो जवानी का जोश है… अब नहीं तो कब?

फिर वो मान गई और बोली – मगर ज्यादा तकलीफ़ मत देना, प्लीज़…

मैंने कहा – ओके।

अब मैंने उसकी जीन्स निकाल दी और वो मेरे सामने पूरी नंगी थी और मैं उसके ऊपर था।

मैं उसकी गाण्ड को सहला रहा था, और वो भी मेरे लण्ड को ऊपर से सहला रही थी…

आखिर मैंने अपने कपडे निकाल दिये और हम 69 कि अवस्था में हो गये, फिर वो मेरा लण्ड चुसने लगी और मैं भी उसकी गाण्ड दबा रहा था…

वो चुदने के लिये तैयार थी। मैंने कहा – अब तेरी चूत में मेरा लण्ड डालता हूँ!!!

मैंने उसे पलंग पर लिटाया और उसकी चूत के दरवाजे पर लण्ड रख दिया और जोर का धक्का दिया तो वो रोने लगी और कहने लगी – आइइइ ग बससस आकाश प्लीज़ निकाल, बहुत दर्द हो रहा है।

मैंने फिर उसकी चूत में लण्ड घुसाया, तो उसने मुझे धक्का देकर अलग कर दिया…

मैंने कहा – क्या हुआ?

वो रोने लगी और मैं दूसरे रूम मैँ जाकर तेल ले आया…

वो बोली – तेल क्यूँ?

मैंने कहा – अब दर्द नहीं होगा।

मैंने उसे उठाया और पलंग पर लिटाया और मेरे लण्ड पर तेल लगाकर, मैंने उसकी चूत पर रखा और धक्का दिया!!!

वो तड़प उठी और रोने लगी और कहने लगी – नहीं, आहहहह…

आखिर मैंने एक झटका दिया और पूरा लण्ड अंदर घुस गया।

अब उसका दर्द कम हो गया था और वो गाण्ड उठा कर मेरा साथ दे रही थी।

उसने रोना भी बंद कर दिया…

उसके बाद अब तक हमने कम से कम पाँच सौ बार सेक्स किया!!!

उसे एक बच्चा है वो भी मेरा…

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