मेरा नाम मनीषा है, मैं शादी के २ महीने बाद मायके गयी, राखी के लिए. मैं अपने बारे में बता दूँ, मेरी उम्र २८ साल की है, दिखने में खूबसूरत हूँ, मेरी जवानी पुरे उफान पर है, मेरा फिगर ३८-३०-३८ है, दो बड़ी बड़ी चूचियां है और बड़ी भारी गांड है. सब मर्दो की नजर मेरी चूचियों पर ही टिक जाती है. और मुझे भी अपना फिगर दिखाने में अच्छा लगता है. पर मेरी किस्मत ख़राब है, मेरे पति का लण्ड खड़ा ही नहीं होता, इसलिए शादी के बाद भी मैं वर्जिन हो.
रोहित मेरा छोटा भाई है, २५ साल का गबरू जवान है. राखी के दिन मैंने ट्रांसपेरेंट ब्लू कलर की साड़ी पहनी थी, और ब्लाउज काफी डीप था, आधी चूचियां मेरी नंगी दिख रही थी और मेरा बैक भी पूरा ओपन था. रोहित की नजर मेरी चूचियों से हट नहीं रही थी.
मैं: आ जा भाई राखी बांध दूँ
रोहित: ठीक है दीदी
मैं रोहित को राखी बांध रही थी, उसी बीच मेरा पल्लू निचे गिर गया. ब्लाउज का गला बड़ा होने की वजह से पूरा माल रोहित को दिख रहा था. मैंने भी कोईजल्दी नहीं किया. रोहित मेरी नंगी चूचियों को हवस भरी नजरो से देख रहा था. और उसकी पैंट में टेंट बन रहा था.
मैं: ऐसे क्या देख रहा है भाई
रोहित: कुछ नहीं दीदी, बस ऐसे ही
रोहित: दीदी आप जब से आयी हो थोड़ी उदाश हो, बताओ ना क्या बात है आपने मुझे राखी बाँधी है मैं आपको ऐसे उदाश नहीं देख सकता,
मैं: तू इसमें कुछ नहीं कर सकता
रोहित: बताओ ना दीदी आपको क्या दुःख है आपका भाई उसे जरूर दूर करेगा
मैं: तो सुन भाई, तूने अपनी दीदी की शादी एक नामर्द से करवाई है, जिसका लण्ड भी खड़ा नहीं होता
रोहित: क्या बोल रही हो दीदी
मैं: हाँ मेरे भाई, क्या मैं सेक्सी नहीं हूँ, जो उनका खड़ा नहीं होता
रोहित: नहीं दीदी आप तो बहुत सेक्सी हो,
मैं: सच बता भाई..
रोहित: दीदी आपका बदन पूरा गदराया हुआ है, इतनी बड़ी बड़ी चूचियां है, जैसे दूध का भरा हुआ जग है. और आपकी इतनी बड़ी गांड देख कर किसी का भी पानी निकल जाये
मैं: सच में भाई.. ठीक है जाने दे इस बात को, मैं चाय बना कर लती हूँ
फिर मैं गांड हिलाते हुए चली गयी. रोहित साड़ी में कसी हुई मेरी भारी चुत्तड़ो को ताड़ रहा था और अपना लण्ड मसल रहा था. फिर रोहित तुरंत बाथरूम चला गया. मुझे समझ में आ गया की वह हिलाने गया है. मैंने भी चाय गैस में बनने के लिए रख दी और बाथरूम की तरफ चल गया. मैंने देखा रोहित अपना लण्ड हिला रहा था.रोहित का लण्ड काफी बड़ा था, पूरा ९ इंच बड़ा और ३ इंच चौड़ा था, मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. वो मेरा नाम लेकर मूठ मार रहा था. अह्हह्ह्ह्ह दीदी चूस ले मेरा लन्ड, घुसा ले अपनी बुर में इसे.. आआह्ह्ह्ह .. मैं काफी उत्तेजित हो गयी थी, भाई का बड़ा लन्ड देखकर, पर वो मेरा भाई था, इसलिए वापस चली गयी. रोहित भी मूठ मार कर वापस आ गया. मैं किचन में चाय बना रही थी, मेरे पीछे रोहित खड़ा. मैंने अपनी साड़ी उतर दी थी गर्मी के वजह से. अब मैं सिर्फ स्लीवलेस ब्लाउज और पेटीकोट में थी. पसीने की वजह से मेरी बदन कपड़ो से चिपक गया था, और रोहित को मेरा पूरा भूगोल दिख रहा था. मेरी भारी गांड पेटीकोट से चिपक गयी थी, जो उसे और कातिलाना बना रही थी. उधर मेरी बड़ी बड़ी चूचियां भी भींग कर ब्लाउज से चिपक गयी थी, पहाड़ जैसे अधनंगी चूचियां कहर ढा रही थी. रोहित मेरी गदरायी जवानी को निहार रहा था.
जब मैं चाय देने के लिए झुकी तो, रोहित की नजर मेरे चूचियों में थी. फिर मुझे याद आया मैंने २ बटन्स ब्लाउज के खोल दिए थे, जिसकी वजह से रोहित को मेरी चूचियों के दर्शन हो रहे थे. फिर मैं सोफे में रोहित के बगल में बैठ कर चाय पिने लगी, मेरी बड़ी बड़ी चूचियां अभी भी आधे से ज्यादा ब्लाउज से दिख रही थी. रोहित छुप छुपकर मेरी चूचियों को ताड़ रहा था.
मैं: भाई मैं सोच रही थी, तू मेरी हेल्प कर सकता है
रोहित: क्या दीदी, आप बताओ सिर्फ
मैं: भाई मैं नहीं चाहती की मेरी जवानी ऐसे ही सूख जाये.. तू मेरे लिए किसी तगड़े लन्ड का इंतजाम कर दे
रोहित मेरी बात से चौक गया, उसे शायद ये उम्मीद नहीं थी.
रोहित: क्या दीदी?
मैं: भाई तू अपने किसी दोस्त से मुझे चुदवा दे, ताकि तेरी बहन के जिस्म की आग ठंडी हो जाये..
रोहित: क्या बोल रही हो दीदी?
मैं: हाँ भाई मदद करदे मेरी.. मेरी बूर में बहुत आग लगी है जिसे एक तगड़ा लन्ड ही बुझा सकता है. देख इन बड़ी बड़ी चूचियों, मेरा भी मन कर रहा है की कोई इन्हे खूब चूसे और मसले.
रोहित: दीदी एक बात बोलू.. बुरा मत मानना
मैं: बोल ना भाई
रोहित: दीदी तुम किसी और से चुद्वाओगी और तेरा भाई लन्ड हिलाता रहेगा क्या? जब घर में एक तगड़ा लन्ड हो तो बाहर में क्यू चुदना
मैं: रोहित.. तू अपनी बात कर रहा है
रोहित: हां दीदी, किसी और चुद्वाओगी तो बदनामी होगी. मेरा ही लन्ड ले लो
मैं: रोहित पर तू मेरा भाई
रोहित: दीदी चुदवा लो, आपका भाई आपकी जवानी बर्बाद नहीं होने देगा
मैं: देख रोहित मैं तो चुदूँगी, अब तू चोद या क्यू और. वैसे भी तेरा लन्ड देखा मैंने जब तू मेरी नाम की मूठ मार रहा था. बड़ा मस्त लन्ड है भाई
रोहित: क्या करू दीदी आपकी इतनी बड़ी बड़ी चूचियां है की कण्ट्रोल नहीं होता, ऊपर आपकी इतनी बड़ी गांड आपको चोदने लायक परफेक्ट माल बनाती है
मैं: आ भाई फिर भोग ले अपनी दीदी का जवान बदन, चोद ले मुझे और बनजा बहनचोद
रोहित ने मुझे अपनी तरफ खींचा और किश करने लगा. उसका एक हाथ मेरी चुत्तड़ो को मसल रहा था..
मैं: अह्हह्ह्ह्ह भाई..
रोहित: दीदी आपकी जैसी सेक्सी माल को चोदने में बहुत मजा आएगा..
रोहित ने अब मेरी चूचियों को मसल रहा था, मेरी चूचियां बहुत बड़ी बड़ी थी, उसके एक हाथ में नहीं आ रही थी. अब वो कस कसकर मेरी चूचियों को दबा रहा था.
रोहित: उफ़फ़फ़फ़ दीदी कितनी बड़ी बड़ी चूचियां है आपकी मजा आ रहा है इसे दबाने में
मैं: आअह्ह्ह्हह भाई.. निचोड़ दे इन्हे .. और दबा
रोहित ने मेरा ब्लाउज एक झटके में फाड़ दिया, अब मेरी चूचियां हवा में आजाद हिलने लगीr. वो नंगी चूचियां देख कर और पागल हो गया.. और मेरी तरबूज के जैसी बड़ी बड़ी चूचियों को चूसने लगा
रोहित: उफ्फ्फफ्फ्फ़ .. ये तो मेरी उम्मीद से बड़ी है दीदी.
मैं: अह्ह्ह्हह भाई .. उफ्फ्फ … आअह्ह्ह्हह
मैंने अपना हाथ रोहित के पैंट में डाला और उसके लन्ड को निकल लिया. लन्ड काफी मोटा और बड़ा था
मैं: भाई यह तो बहुत बड़ा है..
रोहित: दीदी आज आपकी ऐसी चुदाई करूंगा की आप याद रखोगी, आपकी चूत को चोद चोद कर भोसड़ा बना दूंगा..
मैं: हाँ बहनचोद चोद लेना मुझे, मेरी बूर भी तेरा लन्ड लेने के लिए मरी जा रही है. आ इसे चूस कर तैयार कर देती हूँ
मैं भाई का लन्ड चूसने लगी, १० मिनट की चुसाई में लन्ड और कड़ा हो गया. अब रोहित ने मेरी पेटीकोट उतर दी. अब मैं पूरी नंगी खड़ी थी. भाई ने मेरी चिकनी बूर को खूब चूसा और दो उंगली डाल कर चुदाई भी की.
मैं: भाई अब तरसा मत.. डाल दे
रोहित: क्या ड़ालु दीदी?
मैं: भाई तू भी बहुत बदमाश है, अपना ये लन्ड डाल मेरी बूर में और तोड़ दे अपनी जवान बहन की सील
रोहित अपना लन्ड मेरी बूर में रगड़ रहा था पर घुसा नहीं रहा था… मेरी प्यास और बढ़ती जा रही थी
मैं: भाई क्यू तरसा रहा है, चोद ले अपनी जवान बहन को.. घुसा दे अपना लन्ड मेरी बूर में और रगड़ कर चोद मुझे
रोहित ले एक झटका मारा और लन्ड का सुपाड़ा आधा मेरी बूर में चला गया.. मेरी तो जान ही निकल आयी
मैं: उईईईईई .. आइइइइइइ .. मार डाला भाई.
रोहित थोड़ी देर ऐसे ही रुका, जैसे ही मेरा दर्द कम हुआ. उसने एक और करारा शॉट मारा और अपना ९ इंच का लौड़ा मेरी बूर में पूरा घुसा दिया
मैं: भाईईई …. अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.. उईईईईई ….मर गयी ..
रोहित: बस दीदी हो गया, आपकी बूर का उद्घाटन कर दिया मैंने, तोड़ दिया आपकी सील.
अब रोहित धीरे धीरे लन्ड अंदर बाहर करने लगा. थोड़ी देर बाद मुझे भी मजा आने लगा..
मैं: अह्हह्ह्ह्ह… आअह्ह्ह्ह .. भाई
रोहित: उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़.. दीदी मजा आ गया.. आपको चोद कर..
मैं: आअह्ह्ह्ह.. और चोद भाई.. चूची दबा दबा कर चोद मुझे
रोहित: ये ले मेरी रंडी… अह्ह्ह्हह …
हर झटके के साथ मेरी बड़ी बड़ी चूचियां हिल रही थी और रोहित उसको दबा दबा कर चोद रहा था. लन्ड घाचा घच मेरी बूर में अंदर बाहर हो रहा था.
मैं: ओह्ह्ह्हह … आअह्ह्ह भाई.. फ़क मी हर्डर भाई
रोहित: आई लव यू दीदी,,,,
मैं: आई लव यू टू भाई… फ़क मी डिअर..
रोहित ने अब अपनी स्पीड बड़ा दी. १ घंटे तक वो मुझे बुरी तरह चोदता रहा और मेरी बूर में ही झड गया.