मैं कर्नाटक की शिमोगा का लवली लड़का हूँ मेरी हाईट 5 फिट 9 इंच हैं और मैं थोडा पतला सा हूँ. आज मैं आप को अपने पहले सेक्स अनुभव के बारे में बताने के लिए आया हूँ. और यहाँ इस साईट के ऊपर की कहानियां पढ़ के ही मुझे भाभी के साथ ये सब करने की भी हिम्मत हुई इसके लिए मैं इस साईट का बहुत बहुत धन्यवाद करता हूँ. चलिए अब आप को मेरी देसी कहानी सुनाता हूँ.

आज की इस कहानी की हिरोइन का नाम प्रीति हैं और वो करीब 33 साल की हैं. वो मेरी भाभी हैं जिसकी दो बेटियाँ और एक बेटा भी हैं. वो मेरे कजिन की वाइफ हैं और उन लोगों का घर मेरे घर के एकदम सामने ही हैं. मैं अपने घर में अपने दो भाई, मम्मी और पापा के साथ में रहता हूँ.

पहले मुझे प्रीति भाभी को ले के कोई ऐसी फिलिंग नहीं थी, सचमुच! लेकिन यहाँ पर इन्सेस्ट कहानियां पढने के बाद वो फिलिंग जैसे मेरे अन्दर अपनेआप ही पैदा होने लगी थी. और मुझे लगा की मुझे प्रीति भाभी के साथ सेक्स करना चाहिए.

वो थोडा अन्तर्मुखी किस्म की औरत हैं, इसलिए उसको पटाना मेरे लिए बड़ा मुश्किल हो गया था. जब वो झुकती थी तो उसके आमो की एक झलक पाने के लिए मैं वहां देखता था लेकिन कभी उसने नोटिस ही नहीं किया.

एक दिन मेरे घर पर कुछ फंक्शन था. और प्रीति भाभी उस फंक्शन में मस्त ग्रीन साडी पहन के आई थी. और वो साडी के अन्दर वो सचमुच कामदेवता की कोई अप्सरा ही लग रही थी. और उस दिन से मेरी भाभी को चोदने की अन्तर्वासना जैसे और भी भडक गई. उस दिन से मैं भाभी के घर ज्यादा ही जाने लगा था. और उसके क्लीवेज को देखने का भरपूर प्रयास करता था लेकिन कभी ऐसा हुआ नहीं!

करीब डेढ़ दो हफ्तों के बाद मेरी फेमली और भाभी के पति यानी की मेरा कजिन किसी के अंतिमसंस्कार के लिए गए. वो मृत्यु किसी और शहर में हुई थी. मम्मी ने मुझे कहा था की तुम भाभी के घर पर ही खा लेना. और भाभी के वहां जाने के ख़याल से ही मैं रोमांचित हो गया.

लंच करने के बाद मैं लेटा हुआ था. और मन ही मन सोच रहा था की माँ पापा और कजिन के आने से पहले कुछ भी कर के भाभी को चोद लेता हूँ. क्यूंकि तब भाभी के साथ मैं अकेला ही था. मेरे दोनों छोटे भाई भी पेरेंट्स के साथ गए थे. और भाभी के बच्चे तो बहुत छोटे थे. उनके सामने भी चोदता भाभी को तो उन्हें कुछ समझ में नहीं आने वाला था.

मैंने मन में एक प्लान सोचा और कमरे को अन्दर से बंद कर के रोने लगा. मैंने मेक स्योर किया की मेरे रोने की आवाज भाभी तक जरुर पहुंचे.

भाभी ने आके दरवाजा नोक किया. मैने खोला.

भाभी: तुम रो क्यूँ रहे हो?

मैं: नहीं तो मैं नहीं रो रहा था.

भाभी: तुम जूठ मत बोलो मैंने सुना था, अब बताओ क्यूँ रो रहे थे?

मैं: कुछ भी नहीं भाभी.

भाभी: अच्छा, देखो तुमने नहीं बताया तो मैं तुम्हारे साथ बात ही नहीं करुँगी.

मैं: भाभी आप पहले मेरे को प्रोमिस करो की मैं जो कहूँगा वो आप किसी को भी नहीं बतायेंगी.

भाभी: ठीक हैं, प्रोमिस.

मैं: थोड़ी शर्म आ रही हैं आप को बताने में.

भाभी: अरे शरमाओ नहीं, मुझे अपनी दोस्त समझ के बता दो.

मैं: भाभी मुझे मेरे पेनिस में दर्द हो रहा हैं!!!!

भाभी: अच्छा तो ये प्रॉब्लम है, उसमे रोने की कक्या जरूरत हैं. डॉक्टर को दिखाओ और दवाई ले लो तो प्रॉब्लम खत्म.

मैं: वो कर चूका हूँ मैं.

भाभी: तो क्या कहा डॉक्टर ने.

मैं: डॉक्टर ने बोला की तुम्हारी उम्र सेक्स की हो गई हैं. और अगर कर सकते हो तो सेक्स करो, वरना मस्टरबेट कर के होर्मोन्स को कंट्रोल करो.

भाभी: अच्छा, फिर क्या प्रॉब्लम हैं?

मैं: भाभी मेरे हाथ दुःख जाते हैं लेकिन खड़ा होता हैं फिर झुकने का नाम ही नहीं लेता हैं. मैं चैन से हस्तमैथुन नहीं कर सकता.

भाभी: ओह, अच्छा ये प्रॉब्लम हैं.

मैं: हां भाभी और अब पेन और भी बढ़ गया हैं.

भाभी: अच्छा, फिर तुम्हारे पास कोई आइडिया हैं इस पेन को कम करने के लिए.

मैं: क्या आप मेरी मदद कर सकती हो भाभी?

भाभी: कैसी मदद?

मैं: आप मुझे हेंडजॉब दे सकती हो?

भाभी: नहीं, बाप रे मैं तुम्हारी मा के जैसी हूँ और मुझसे ऐसी बात मत करो प्लीज.

मैं: प्लीज मदद कर दो मेरी, अभी तो आप ने कहा की आप मेरी दोस्त हो.

भाभी: नहीं नहीं मैं तुम्हारे भाई को धोखा नहीं दे सकती हूँ.

 मैं: भाभी कम से कम मेरे लंड को खड़ा कर दो आप, मैं उसके बाद मस्टरबेट कर लूँगा.

भाभी: उसके लिए मुझे क्या करना होगा?

मैं: आप मुझे अपने दूध दिखा दो, मैं आप के बूब्स को देख के मस्टरबेट कर लूँगा.

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