यह मेरी पहली कहानी है तो प्लीज़ आप सभी इसमें कोई गलती हो तो मुझे माफ़ करना। मेरी उम्र 19 साल की है। में एक यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट हूँ और में बहुत सेक्सी हूँ, मेरी कमर का साईज 38 बूब्स 30 और गांड 40 के लगभग है। कॉलेज मे और बाहर भी सभी लोग मुझे और मेरे बूब्स को हमेशा घूर घूर कर देखते है।
मेरे कॉलेज के सारे स्टूडेंट्स एक पार्टी के सपोर्ट मे चर्चा कर रहे थे। इसलिए हमारे कॉलेज मे कुछ समय से पड़ाई नहीं हो रही थी। तभी मेरे फ्रेंड रचित ने मुझसे कहा कि कॉलेज मे कोई पड़ाई नहीं हो रही है, तो चलो हम तीन दिन के लिए नेपाल चलते है और मेरा बर्थडे वहीं पर ही सेलीब्रेट होगा, क्योंकि वो मेरा बहुत ही अच्छा फ्रेंड था। अब मैने भी उसे हाँ कर दिया। तभी उसने कहा कि में कल सुबह के समय तुम्हारे घर आऊंगा तुम्हे लेने के लिये और मैने बोला कि ठीक है। मेरे डेड थाइलेंड रहते है और वहाँ पर अपना बिजनेस करते है।
में सिर्फ अपनी माँ के साथ घर पर रहती हूँ, लेकिन दादी जी की तबीयत खराब थी। इसलिए माँ भी कुछ दिनो के लिए गावं गई थी। इसलिए में अपने घर मे बिलकुल अकेली थी। अब में अगले दिन तैयार हो गई, मैने वाइट कलर की टॉप और लाइट कलर की मिनी स्कर्ट पहनी और मैने हमेशा की तरह ब्रा और पेंटी नहीं पहनी हुई थी। अब रचित सुबह दस बजे मेरे घर ही आया और मुझे देखता ही रह गया और अब उसने कहा कि आज में बहुत ही सेक्सी लग रही हूँ। अब में आप लोगो को बता दूँ कि रचित बहुत ही हेंडसम है और वो मुझे बहुत ही अच्छा लगता है।
अब में उससे हमेशा चुदवाने की चाहत रखती हूँ और कॉलेज की बहुत सारी लड़कियां भी उसकी तरफ आकर्षित होती है। अब हम दोनों घर से 10:30 पर निकल गये थे, अब हम लोग बाइक से नेपाल जा रहे थे, इसलिए जब भी रचित ब्रेक लगता तो मेरे बूब्स उसके बेक पर जा अड़ते मेरे बूब्स बहुत ही दब रहे थे जिसकी वजह से में एकदम गरम हो गई थी। तो तभी मैने अपना एक हाथ रचित के लंड पर रखा। अब रचित ने कुछ भी नहीं बोला अब में लंड को दबाने लगी और उसके बॉडी पर अपनी बॉडी रगड़ने लगी। देखते ही देखते अब रचित का लंड भी खड़ा हो गया था।
तभी में भी अब अपने कंट्रोल मे नहीं थी और तभी मैने रचित की पेंट की ज़िप को खोल दी, उसने भी अंडरवियर नहीं पहनी थी, अब मैने अपना हाथ उसकी ज़िप के अंदर डाल दिया और उसके लंड को पकड़ कर उस पर अपना हाथ रगड़ रही थी और तभी मैने रचित से कहा कि रचित आई लव यू। में हमेशा से तुम्हारे ही सपने देखती रहती हूँ और में तुमसे चुदना चाहती हूँ। प्लीज़ तुम मुझे चोद दो। में सिर्फ तुम्हारी हूँ, सिर्फ़ तुम्हारी। अब रचित ने कहा आई लव यू टू में भी हमेशा से तुम्हे चोदने की सोचता हूँ। लेकिन डरता हूँ कि तुम कभी कुछ किसी को ना बोल दो। अब मैने कहा कि में क्यों मना करती और ऐसे ही बात करते करते थोड़ी ही देर मे हम नेपाल पहुँच गये। हम एक अच्छे से होटल मे गये और हमने एक रूम बुक किया और हम अपने रूम मे गये। में अभी भी गरम थी। मैने रूम मे अंदर पहुँचते ही रचित के सामने ही अपने सारे कपड़े उतार दिए और कहा रचित में तुम्हारी हूँ सिर्फ़ तुम्हारी प्लीज़ आज मुझे चोदो अब मुझे बर्दाश्त नहीं होता। तभी रचित ने कहा कि ठीक है रानी तुम जैसा कहो, अब ये कहकर रचित मेरे बूब्स दबाने लगा और में जोर जोर से सिसकियां लेने लगी थी।
उहह आअहह और ज़ोर से दबाओ हाथ मे दम नहीं है क्या फिर रचित ने मेरा राईट वाला बूब्स अपने मुहं मे भर लिया और लेफ्ट वाला दबाने लगा। अब में सातवें आसमान मे थी। अब मैने रचित की पेंट को उतारा और उसका लंड देखा तो देखती ही रह गई थी। आज तक मैने कभी भी किसी का लंड नहीं देखा था। उसका लंड 8 इंच का था। मैने कहा कि इतना बड़ा लंड रचित तुम इसको अपने मुहं मे लेकर देखो मेरी रानी तुम्हारे मुहं के जादू से ये और बड़ा हो जाएगा।
तभी मैने तुरंत लंड को मुहं मे लिया और उसको जोर जोर से चूसने लगी थी। उसका लंड इतना बड़ा था कि मेरे मुहं मे भी पूरा नहीं आ रहा था। अब वो लंड को मेरे मुहं मे जोर जोर के धक्के देकर आगे पीछे किये जा रहा था, लेकिन थोड़ी देर मे उसने मेरे मुहं के ही अंदर अपनी पिचकारी छोड़ दी और मैने उसका पूरा जूस पी लिया। वो मुझे बहुत ही टेस्टी लगा, मैने अपने लिप्स उसके लिप्स पर लगा दिये और हम पांच मिनट तक स्मूच करते रहे। इससे रचित फिर से जल्दी ही गरम हो गया। हम दोनो ने अपनी जीभ एक दूसरे की जीभ से टच करा दी और हम दोनो एक दूसरे का टेस्ट कर रहे थे, वो बहुत ही मीठा था।
अब दस मिनट के बाद रचित ने अपना मुहं मेरी चूत पर लगाया और चूत को चाटने लगा था। अब उसके मुहं के स्पर्श से ही ना जाने क्यों मुझे एक अलग सा नशा छा गया था। अब मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था और में सिसकियां भरने लगी थी उहह मर गयी रे साले थोड़ा अच्छे से चाट आज में तेरी हूँ सिर्फ़ तेरी रंडी आज तू मुझे इतना चोद कि मेरी चूत फट जाए। अब थोड़े देर के बाद में भी झड़ गई और उसने मेरा पानी पी लिया। अब उसने अपना लंड मेरी चूत मे डालना शुरू किया फिर उसने लंड को चूत के मुहं पर रखकर एक हल्का सा धक्का दिया कि में चिल्ला गई उउईईई मरी में।
तभी उसने अपने होंठ मेरे होंठ पर लगा कर मुझे स्मूच देने लगा था और अपने राईट हाथ से मेरे बूब्स दबाने लगा और उसने इस बार बहुत जोर जोर से धक्के दिये थे कि उसका पूरा लंड एक बार मे ही मेरी चूत के अंदर चला गया और चूत के दर्द से मेरी आँखों से आंसू आ गये थे। में जोर से रो पड़ी। अब फिर उसने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया, अब मुझे थोड़ी राहत मिली। उसने मुझे लगातार बीस मिनट तक चोदा जिससे में तीन बार झड़ चुकी थी। अब बीस मिनट के बाद उसने कहा कि में भी झड़ने वाला हूँ तो में अब क्या करूं तभी मैने कहा कि में तुम्हारी रंडी हूँ, तुम्हे जो करना है करो। अब उसने कहा कि ठीक है रंडी में तेरी चूत मे ही झड़ जाता हूँ। अब मैने कहा की ठीक है।
तभी उसने अपनी चोदने की स्पीड बड़ाई और थोड़ी ही देर मे मेरी चूत के अंदर ही झड़ गया। फिर अब हम थोड़ी देर तक ऐसे ही नंगे चिपक कर लेटे रहे। वो फिर से जोश मे आ गया और उसने कहा कि में अब तुम्हारी गांड मारूँगा। तभी मैने कहा कि सब तुम्हारा है मेरे राजा जो करना है करो, अब वो बहुत खुश हो गया और मुझे दूसरी स्टाइल मे बैठने को कहा में भी बैठ गई। अब उसने धीरे धीरे अपना लंड मेरी गांड मे डालना शुरू किया, अब मेरी तो जान ही निकलने लगी थी चार पांच धक्को के बाद उसका पूरा लंड मेरी गांड मे समा गया और में चिल्ला पड़ी बहुत ही दर्द हो रहा था लेकिन वो रुकने वाला नहीं था। थोड़ी देर बाद मुझे भी दर्द के साथ मज़ा आने लगा था।
अब उसने पूछा तुम्हे कैसा लग रहा है मेरी रंडी। मैने कहा कि मुझे बहुत मज़ा आ रहा है। अब मेरा मन तो कर रहा है कि में तुम्हारे लंड को हमेशा के लिए अपनी गांड मे ही रखूं। अब वो मुझे और जोर से चोदने लगा और फिर आधे घंटे बाद कहा कि अब में झड़ने वाला हूँ और इस बार मैने कहा कि मुझे तुम्हारा वीर्य पीना है। तभी उसने अपना लंड गांड से निकाल कर मेरे मुहं में डाल दिया।
अब थोड़ी देर बाद उसका वीर्य मेरे मुहं मे आया और में सब पी गई और हम फिर ऐसे ही लेट गये फिर हम दोनों उठे और साथ मे बाथरूम गये। वहां भी उसने मेरी गांड मारी और फिर हम साथ मे नहा कर बाहर निकले और फिर हम तैयार होकर घूमने निकल गये और ऐसे ही हम लोग जितने भी दिन नेपाल रहे उतने ही दिन रोज़ दो बार चुदाई करते थे ।।