मेरा नाम सिकंदर है और मै २४ साल का हु | मै अच्छा खासा दिखता हु और मेरी कदकाठी भी अच्छी है | जब मै कॉलेज मे था, तो मेरी ऊपर काफी सारी लड्किया फ़िदा थी, लेकिन मै किसी और को चाहता था, उसका सुमन था | सुमन सुंदर, गठीले बदन की मालकिन और हुस्न की मल्लिका थी | हम दोनों ही अच्छा अभिनय करते थे और कॉलेज के सारे नाटको मे भाग लेते थे | हम दोनों लगभग सारे नाटको मे साथ काम करते थे और तभी से, मै दिल ही दिल मे सुमन को प्यार करने लगा था, लेकिन कभी उसको बताने की हिम्मत नहीं हुई | होती भी कैसे, उसके अंकल का लड़का, हमारा सिनिएर था और सारा दिन सुमन से चिपका रहता था |लेकिन, सुमन को पता था, कि मै उससे प्यार करता हु | वो भी कभी-कभी नाटक रूम मे मुझे छेड़ देती थी और मै दूसरी तरफ चला जाता था |

सुमन काफी बोल्ड लड़की थी और उसने वार्षिक प्रोग्राम मे हम दोनों एक नाटक मे नायक-नायिका का अभिनय कर रहे थे | हम लोग उसकी रिसहल के लिए काफी वक़्त साथ बिताते थे | एक दिन सुमन ने मुझे अपने घर बुलाया, वो घर मे अकेली थी | अभिनय करते-करते, उसने मेरी पेंट मे हाथ डाल दिया और मेरे लंड को जोर से दबा दिया | आज से पहले मेरे लंड को किसी ने नहीं पकड़ा था | मेरी चीख निकल गयी | फिर, सुमन बोली, तुम बिलकुल बुद्दू हो | अकेली लड़की तुम्हे इस काम के लिए बुलाइएगी क्या ?सुमन ने मुझे सोफे पर धक्का दिया और अपनी टीशर्ट उतार कर ब्रा मे आ गयी | उसके चुचे मस्त थे, फिर उसने अपनी ब्रा का बटन खोल दिया और उसके बड़े-बड़े चुचे मेरे सामने लटक गये | सुमन मेरे पास आयी और मेरा मुह अपने निप्पल पर लगा दिया और चूसने के लिए बोला | मै भी बच्चो के तरह निप्पल चूसने लगा और सुमन के मुह से कामुक आवाज़े निकलने लगी और मेरे बालो को खीचने लगी | मेरे लंड ने भी झटके मारने शुरू कर दिया और एकदम सख्त हो गया | ऐसा लग रहा था, कि साला पेंट फाड़ कर बाहर आ जायेगा | सुमन बोली, मज़ा आ गया, मोटा है और लम्बा भी है |उसने अपनी और मेरी पेंट उतारी और हम दोनों नंगे हो गये | मै अभी भी सोफे पर बैठा था और वो मेरे सामने खड़ी हुई थी | उसने मेरे बाल पकड़ कर मेरे मुह को अपनी गुलाबी चूत मे घुसा दिया | मैने भी अपनी जीभ निकल कर चूत को चाटना शुरू कर दिया और वो मज़े से उछल ने लगी | फिर, सुमन मेरे ऊपर गिर गयी और अपने मुह मेरे लंड के तरफ कर लिया और अपनी चूत मेरे मुह के ऊपर कर दी | अब वो मेरे लंड को चूस रही थी और मै उसकी चूत को हम दोनों ही सिसकिया भर रहे थे और तड़प-तड़प कर उछल रहे थे |फिर, सुमन ने मुझे सोफे बिठा दिया और मेरे पैर खोल दिये | मेरा लंड ऊपर के ओर तन गया | फिर, सुमन उस पर कुर्सी की तरह बैठ गयी | मेरे लंड की सारी खाल नीचे खीच गयी और मेरी दर्द के मारे चीख निकल गयी | उधर, सुमन की चूत मे मेरा लंड काफी अन्दर तक चला गया था और उसको अन्दर लग रहा था | वो थोड़े दर्द और थोड़े मज़े से मेरे लंड के ऊपर उछल रही थी | मै भी उसकी गांड को पकड़ कर उसको उपर-नीचे कर रहा था | बड़ा मज़ा आ रहा था, उसने तेज़ी से उछलना शुरू कर दिया और मेरे लंड के ऊपर अपना पानी छोड़ दिया, और मैने भी अपना पानी सुमन के शरीर पर छोड़ दिया | सुमन बोली, बड़ा गरम है | फिर, जब सुमन मेरे लंड से उठी तो लगा, लंड किसी कैद से छूट गया | फिर, हम बाथरूम मे साथ गये और अपने आप को साफ़ किया | उसदिन के बाद सुमन और मैने काफी बार सेक्स किया, लेकिन हमारी शादी अलग-अलग हुई | लेकिन, सुमन आज भी मेरी एक्स-गर्लफ्रेंड है इर मौका मिलने पर, हम चुदाई करते है |

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