हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम हरप्रीत है और में पंजाब का रहने वाला हूँ और में बहुत लंबे समय से सेक्सी कहानियाँ पढ़ रहा हूँ.. लेकिन में आज पहली बार थोड़ी हिम्मत करके अपनी भी एक सच्ची कहानी लिख रहा हूँ.. लेकिन कहानी सुनाने से पहले में आप सभी से अपना परिचय भी करा देता हूँ. दोस्तों मेरी उम्र 21 साल है और में अच्छी बॉडी का मालिक हूँ और मेरे लंड के साईज पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.. लेकिन वो किसी भी प्यासी चूत की प्यास को बुझाने और उसकी तड़पती हुई चूत को शांत करने के लिए बहुत है.

दोस्तों मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती है जिसे में चाची कहता हूँ.. लेकिन वो मेरी रियल आंटी नहीं है और उसका नाम पूनम है.. लेकिन उसे सभी लोग पूवना कहते है. उसका शरीर बहुत सेक्सी है और वो इतनी स्लिम तो नहीं है.. लेकिन उसके बड़े बड़े बूब्स को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. उसके बूब्स का साईज 38 के आस पास होगा और उसकी गांड तो उससे भी ख़तरनाक है. दोस्तों उसके पति ज्यादातर काम के सिलसिले में बाहर ही रहते है और उनका हमारे घर पर बहुत आना जाना है.

तो दोस्तों में अब स्टोरी शुरू करता हूँ.. दोस्तों यह एक महीने पहले की बात है हमारे मोहल्ले में चोरियां बहुत हो रही थी तो पूवना ने हमारे घर पर आकर मेरे घर वालों से कहा कि में उनके घर पर सेक्यूरिटी के लिए सो जाऊंगा.. क्योंकि वो घर पर रात को अधिकतर समय अकेली ही रहती थी और उन्हे बहुत डर लगता था.. तो उसके यह बात कहने पर मेरे पापा, मम्मी ने उन्हे हाँ कह दी और में तो वहीं पर खड़ा खड़ा उनकी बातें सुन रहा था.

में यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया क्योंकि में तो कई बार उसके बारे में सोचकर मुठ मारा करता था और अब उसी के घर में रात को सोने जा रहा था और में उसी रात को उनके घर चला गया. वो मुझे कभी कभी छेड़ती रहती थी उनके घर जाकर मैंने दरवाजा खटखटाया और पूवना चाची ने दरवाजा खोला.

उसने गुलाबी कलर की मेक्सी पहनी हुई थी.. उसमे तो आज वो और भी सेक्सी दिख रही थी. फिर में कमरे में जाकर बैठ गया और टीवी देखने लगा.. थोड़ी देर बाद वो किचन का काम निपटाकर मेरे लिए दूध ले आई.. तो मैंने उसे पीने से ना कहा तो वो बोली कि पी ले शायद हो सकता है आज तुझे इसकी ज़रूरत पड़ जाए.. तो मैंने हैरानी भरी निगाहों से उनको देखा. तो वो समझ गई कि में क्या सोच रहा हूँ? तभी वो बोली कि अरे अगर रात को कोई चोर आ गया तो फिर ताक़त तो चाहिए ना? फिर मैंने मुस्कुराकर दूध का गिलास पकड़ लिया और एक ही साँस में पी गया.

तो वो बोली कि चलो अब सो जाओ और उन्होंने मुझे दूसरे कमरे में भेज दिया.. में तो एकदम उदास हो गया.. लेकिन में अब और कर भी क्या सकता था? फिर मैंने थोड़ा दिमाग़ चलाया आधे घंटे में उठा और चाची के रूम का दरवाजा खटखटाया और अपने रूम में जाकर लेट गया जैसे मुझे कुछ मालूम ही नहीं है. तो चाची मेरे रूम में आई और मुझसे पूछा कि क्या दरवाजा तुमने खटखटाया था? तो मैंने कहा कि नहीं..

फिर वो चली गई और मैंने कुछ देर बाद फिर से वैसा ही किया.. लेकिन अब वो बहुत घबरा गई और मुझे अपने रूम में ले आई. उनके रूम में डबल बेड था.. में वहाँ पर चाची के साथ लेट गया और में सोचने लगा कि में इसे कैसे चोदूं? फिर मुझे याद आया कि इनको बहुत अच्छी तरह पता है कि में जब भी सोता हूँ तो एकदम बेसुध होकर सोता हूँ.. क्योंकि मेरी माँ उन्हें बताती रहती थी और आधे घंटे बाद मैंने थोड़ी हिम्मत करके एक हाथ उसके बूब्स पर रखा.. लेकिन मैंने ऐसा नाटक किया कि जैसे में गहरी नींद में हूँ (दोस्तों वो हर रोज नींद की गोली लेती थी और आज उन्हे यह गोली मैंने दी थी पानी में डालकर) लेकिन उधर से कोई हरकत नहीं हुई तो मेरी हिम्मत और बढ़ी और मैंने बूब्स को सहलाना शुरू किया.

उसके बूब्स बहुत मुलायम, बड़े बड़े थे और उनमे से थोड़ा थोड़ा दूध भी आ रहा था. दोस्तों में तो पागल हो गया. मैंने उनके बूब्स को मुहं में लेकर चूसना शुरू किया और फिर काटा भी.. लेकिन वो नींद में ही आह्ह्ह उह्ह्ह्ह करके सिसकियाँ ले रही थी. फिर पाँच मिनट के बाद मैंने अपना हाथ चूत की तरफ बडाया वो एकदम साफ थी.. जैसे आज ही शेव की हो और मेरे 10 मिनट उनकी चूत सहलाने के बाद मुझे विश्वास हो गया कि वो गहरी नींद में है और अब मैंने टी-शर्ट को थोड़ा ऊपर किया.. वो बहुत खुली हुई थी इसलिए कोई समस्या नहीं हुई और पूवना ने नीचे कुछ नहीं पहना था और मैंने उसकी मेक्सी को भी उतार दिया और लाईट बंद थी.

दोस्तों मैंने कभी किसी औरत को नंगा नहीं देखा था.. तो मैंने उठकर लाईट जलाई ओह भगवान में तो खुशी से एकदम पागल सा हो गया.. मैंने अपने कपड़े उतारे और पूवना के ऊपर चढ़ गया और उसके बूब्स चूसने लगा. उसके बूब्स चूसने से मुझे धीरे धीरे जोश आ रहा था और में तो पागल हो रहा था. फिर आधा घंटा बूब्स चूसने के बाद मैंने अपना लंड हाथ से पकड़ा और चूत के मुहं पर टिकाकर सटीक निशाने पर लगाया.

फिर मैंने एक ज़ोर से धक्का मारा और मेरा 9 इंच का लंड थोड़ा अंदर चला गया.. लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी जैसे कि वो वर्जिन हो ऐसा लगा कि जैसे चाचा उनको कभी कभी चोदते थे और उनको ठीक तरह से संतुष्ट नहीं कर पाते थे. तो वो थोड़ी कसमसाई में बहुत डर गया और एकदम से रुक गया और फिर एक मिनट रुकने के बाद एक और ज़ोर से धक्का मारा तो आधे से ज़्यादा लंड अंदर चला गया..

फिर एक और ज़ोर से धक्का मारा तो पूरा का पूरा लंड अंदर चला गया और मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू किए और धीरे धीरे मेरी स्पीड बड़ती ही जा रही थी. फिर मैंने कुछ देर चोदने के बाद उनके दोनों पैरों को उठाकर अपने कंधो पर रख लिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर लंड डालने लगा और इसी तरह में उनको चोदता रहा.

दोस्तों वो मेरी जिंदगी की सबसे खूबसूरत रात थी और कम से कम 45 मिनट के बाद मेरा लंड झड़ गया और मैंने सारा वीर्य अंदर ही डाल दिया.. मैंने उस रात उनकी तीन बार और चुदाई कि और चाची की अपने मोबाईल से कुछ नंगी फोटो भी खींच ली और में सो गया. फिर सुबह में 9 बजे उठा तो चाची उस समय किचन में थी और में उठकर सीधा फ्रेश होने चला गया और जब में वापस आया और रूम में बैठ गया तो उन्होंने मुझे चाय दी.

फिर मैंने रूम में बैठकर चाय पी. तभी चाची अंदर आई और बोली कि रात को कम से कम मुझे कपड़े तो पहना देते. तब मुझे याद आया कि में रात को चाची को बिना कपड़े पहनाए ही सो गया था और में बहुत डर गया. तो वो बोली कि डरो मत में किसी से कुछ भी नहीं कहूंगी.. लेकिन तुम्हे हर रात को ऐसे ही चोर पकड़ने आना पड़ेगा. तब मैंने उनकी बात का इशारा समझते हुए फिर से चाची को पकड़ लिया और एक बार फिर से जमकर सेक्स किया.. लेकिन इस बार मैंने उनको घोड़ी बनाकर उनकी गांड में लंड डाला और उनके ऊपर सवार होकर उनकी गांड मारी.

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