आज की ये सेक्सी कहानी जो मैं ले के आया हूँ मैं उसके अन्दर इन्वोल्व नहीं हू. लेकिन इस चुदाई को मैंने अपनी आँखों से देखा था. मैं मस्त मौला किस्म का आदमी हूँ. अगल बगल में क्या होता हैं उसकी मुझे ज्यादा परवाह नहीं होई हैं

उसका नाम अंजलि ठाकुर हैं और उसकी उम्र करीब 25 साल की होगी. शादी हो चुकी हैं उसकी और उसको एक बेटा भी हैं. जब वो मेरेज के बाद ससुराल में आई तो किसी हिरोइन के जैसा एकदम कच्ची कली सा बदन था उसका. और फिर प्रेग्नन्सी के बाद उसका बदन एकदम से भरा हुआ हो गया जैसे.

अंजलि का ससुराल मेरे सामने ही हैं. और एक दिन जब मैं अपने सूखे हुए पेंट को लेने के लिए गया तो उसके घर में मुझे कुछ हलचल होती हुई दिखी. तभी उसके चीखने की भी आवाज आई जिसके ऊपर मैंने तवज्जो नहीं दी क्यूंकि अक्सर उसका अपने पति के साथ झगडा होता ही था.

लेकिन शाम को मैं जब निम् के निचे की बेंच के ऊपर अपने पडोसी और दोस्त लखन के साथ बैठा था तो उसने मुझे एक अजीब बात बोली. वो बोला की अंजलि के उसके ससुर जी नाथा सिंह ने पकड के बूब्स मसल दिए थे. मैं समझ नहीं पा रहा था की ये सच बात थी या फिर उसने ऐसे ही गप लगाईं थी.

मैंने कहा ऐसे कैसे कोई ससुर अपनी बहु के चुचे पकड लेगा!

मुझे उसकी बात सच नहीं लेकिन जूठ लगी इसलिए मैंने उसके ऊपर ध्यान ही अहि किया. लेकिन अन्दर ही अन्दर से मैं सच में बेताब था और मेरा दिल मुझसे कह रहा था मामले की जांच के लिए. वैसे अंजलि का पति अक्सर काफी दिनों तक घर से बहार रहता था. इसलिए इस एंगल से बात सच होने का अंदेशा भी था.

और फिर मेरी नजर अंजलि के मकान के ऊपर रहती थी जब भी मैं घर पर रहूँ. सन्डे वाले दिन तो जासूसी पूरा दिन होती थ. ऐसे ही ओ हफ्ते निकल गए लेकिन मुझे तो कुछ नजर नहीं आया. लेकिन एक बात ये अच्छी हुई थी की अंजलि के साथ नजरें मिलने लगी थी मेरी.

अंजलि भी जानती थी की मैं उसके पीछे हूँ और उसे पटाना चाहता हूँ. अब भला उसको क्या पता की मुझे तो उसकी और उसके ससुर जी की कामक्रीडा देखनी थी.

एक सन्डे को मैं बहार निकला तो देखा की आज अंजलि के मकान में वो अपने ससुर जी के साथ अकेली ही थी. नाथा भी मूड में लग रहा था. बगल के नाइ से दाढ़ी शेव करवा ली थी उसने. और अपने सफ़ेद बालो को काली महंदी से छिपा लिया था. मुछों की धारो को भी कुतरवा के एकदम नुकिली कर रखी थी उसने. मेरे मन में एक चीज घूम रही थी की शायद आज इस ससुर और उसकी हॉट बहु की चुदाई देखने को मिलेगी!

ऐसे करते करते दोपहर हो गई. समर के दिन थे और दोपहर में सब सो जाते हे और गली सुनसान बन जाती हैं दोपहर में तो. मैंने अपने कान और आँखे दोनों को अंजली की खिड़की के ऊपर ही लगाया हुआ था. और फिर मुझे दो तिन बार अंजली के बोलने की आवाज आई. मैंने सोचा की उसकी खिड़की से ही झाँक लेता हूँ. खिड़की के पास आया और इधर उधर देखा. पूरी गली खाली थी तू मैं खिड़की के पास ही खड़ा हो गा.

अंदर से अंजलि की आवाज आई: डेडी जी ये गलत हैं, हम दोनों के बिच में ससुर बहु का रिश्ता हैं उसका ही लिहाज कर लो आप.

नाथ ने कहा: अरे बहु तुम कुछ भी कहो लेकिन अब मेरे इ ये सब बर्दाश्त नहीं हो रहा हैं, जब से ब्याह के आई हो मेरे लंड में आग तुमने ही लगाइ हैं.

अबे बेशर्म बूढ़े, इतनी ही आग लगी हैं तो लंड पर बर्फ डाल ले, और तेरी बीवी भी तो जिन्दा हैं अभी, उसे जा के पकड ना मुझे मत छुआ करो.

नाथा की साँसे उखड़ रही थी और उसके मुहं में पानी आया हुआ था. वो बोला: अरे बहु एक बार अपना गुलाम बना लो मुझे, और फिर मैं तुम जो कहोगी वही करूँगा कसम से

ये कह के नाथा ने अंजलि को बाहों में जकड़ लिया. अंजलि ने उसे धक्का दिया और बोली, पापा जी आप छोडो मुझे, अरे छोडो मेरे स्तन को उसमे दर्द हो रहा हैं मुझे. और फिर वो गाली गलोच के ऊपर आ गई, अरे बेन्चोद बूढ़े साले मादरचोद छोड़ ना मुझे.

मैं समझ चूका था की बूढ़े नाथा केलौड़े इ आग लगी थी. और वो घर में अकेली बहु को चूत देने के लिए कह रहा था. और मैं उसकी पर्सीस्टंट देख के समझ गया था की आज नाथा जरुर अंजलि का बुर चोदेगा.

अंदर से जो आवाजे आ रही थी वो सुन के मेरी बेचेनी भी बढ़ रही थी. और मैने अपनी आँखों को खिड़की के ऊपर लगा के देखना चाहा की अन्दर साला हो क्या रहा हैं.

फिर मैंने सोचा की यहाँ से देखना खतरे से खाली नहीं हैं क्यूंकि गली में कोई भी आ सकता था. इसलिए मैं मकान के पीछे की तरफ चला गया. दबे पाँव में अन्दर घुसा. वो लोग जिस कमरे में थे वहां देखने के लिए मुझे सही जगह मिल गई थी. और वहां पर मुझे दोनों की आवाज और द्रश्य दोनों एकदम सही आ रहे थे.

अंजलि बोली: पापा जी प्लीज़ जान दो मुझे, आप के बेटे को पता चला तो फिर अआप सोचो की आप की हालत कैसी होगी?

लेकिन पापा जी खड़े लंड के ऊपर कंट्रोल नहीं कर सकते थे नाथा ने कहा: अरे अंजलि कुछ मत कह मुझे, मैंने वो सब चीजे पहले से ही सोच के रखी हैं. सच कहूँ तो मैं जब सब कुछ कर के भी नहीं रुका तो मैंने तुम्हे बोला.

अंदर का सिन कुछ ऐसा था. नाथा एकदम न्यूड था और उसका लंड एकदम खड़ा कडक था. वो अपने लोडे को एक हाथ से सहलाते हुए बातें कर रहा था. और उसकी बहु बिस्तर के ऊपर बैठी हुई थी और वो लंड की तरफ नहीं देख रही थी. अंजलि के बूब्स को बिच बिच में पकड़ के नाथा दबा रहा था.

मुझे सच में अब अंजलि की नियत के ऊपर भी डाउट होने लगा था. क्यूंकि अगर उस को ससुरजी का लंड नहीं लेना था तो फिर वो बिस्तर के उपर क्यूँ बैठी थी? वो उठ के चली जाती उठ के वहाँ से! और वो अपने ससुर जी का ज्यादा विरोध भी नहीं कर रही थी उतने जोर शोर से. वो कहते हैं ना नौटंकी!

और तभी ससुरजी ने अंजलि के हाथ को खिंचा और उसकी हथेली में अपना लंड पकड़ा दिया. अंजलि ने जल्दी से हाथ को पीछे किया. लेकिन अंजलि के हाथ को वापस नाथा ने लंड पर रख दिया. अब अंजलि रोते रोते हुए अपने ससुर जी के लंड को सहलाने लगी.

नाथा सिंह आँखे बंद किये हुए कराह रहा था. उसके मुहं से मीठी और ठन्डी आहें निकल रही थी. अब नाथा ने अंजलि को लंड मुहं में ले के चूसने के लिए कहा. लेकिन अंजलि ने उसके लिए मना कर दिया ससुर जी को. पर नाथा ने अंजलि के माथे को पकड़ा और एक हाथ से उसके मुहं को खोल के खुले हुए मुहं में अपना लंड जबरन दे दिया.

अंजली ने लोडे को बस थोड़ा सा ही चूसा और फिर अपने मुहं से बहार कर दिया. अंजलि के इस कदम को देख के नाथा की नाक फुल गई थी वो गुस्सा हो गया. और अब नाथा सिंह ने बहुरानी के कपडे उतारने चालू कर दिए.

अंजलि के नंगे बदन का नजारा बड़ा ही सेक्सी था. मैंने अपने शर्ट की जेब से मोबाइल निकाल लिया और इन दोनों की मूवी बनानी चालू कर दी. अंजलि नौटंकी करते हुए विरोध दिखा रही थी. लेकी मैं जानता था की ससुर के बड़े लोडे ने उसके मन में चुदास को जगा दिया था. नाथा ने कुछ ही देर में अंजलि को पूरा नंगा कर दिया.

अंजलि को ऐसे एकदम न्यूड देख के मेरा लंड भी एकदम पागल सा हो रहा था. मन तो मेरा भी हो रहा था की धडाम से दरवाजे को खोल के खुश जाऊं और इस बूढ़े को हटा के अंजलि की सेक्सी चूत में खुद ही अपना लंड डाल दूँ नंगी होने के बाद में अंजलि अपने हाथ को अपनी बुर और बूब्स के ऊपर रख के उन्हें छिपाने की नाकाम कोशिश में लगी हुई थी. नाथा ने उसे धक्का दे के बेड पर डाला और खुद उसकी टांगो को फैला के उसकी चूत में अपनी जबान घुसेड के चाटने लगा.

अंजलि ने अब अपना छटपटाना और ससुर जी का विरोध करना बिलकुल ही बंद कर दिया था. और उसका रोना भी बंद हो गया था. उसके आंसू चले गए थे और कुछ देर पहले जो दर्द था वो अब सिसकियों में और आहों में बदल रहा था. वो आहें जो सेक्स के नशे में चूर औरत के गले से निकलती हैं.

अपने ससुर जी को वो अब उकसा रही थी और अह्ह्ह अह्ह्ह्ह पापा अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह करने लगी थी. उसके हाथ नाथा सिंह के माथे को बुर के ऊपर और भी दबा रहे थे. और अंजलि के पुरे बदन में अब चुदास का नशा चढ़ता हुआ दिख रहा था.

दो मिनिट के अंदर ही इस बूढ़े ससुर जी ने अपनी बहु को पूरा गर्म कर के रख दिया. और अब उसने नाथा को निचे कर लिया. अब वो ससुर जी के ऊपर चढ़ के उस से अपना बुर चटवा रही थी.

अंजलि बोली: चाटो साले हरामी साले मुझे भी अपने जैसी हवसखोर बना लिया हैं तुमने, खाओ मेर्रे बुर को हरामी साले!

नाथा सिंह आराम जीभ क लपलपा के बहु के बुर का सवाद लुट रहा था. और फिर अंजलि ने ससुर जी के लंड को मुठ्ठी में भर लिया. वो कस कस के लौड़े को हिला रही थी. और लंड को हिलाते हुए वो बोली: साले तेरे बेटे को भी फूंक दे कुछ चोदने की, उसका लंड तो खड़ा ही नहीं होता हैं.

नाथा ने कहा: उसका खड़ा नहीं होता हैं तो क्या हुआ मेरा लंड तो मेरी डार्लिंग के लिए हमेशा ही खड़ा होता हैं.

और फिर अंजलि ने ससुर जी के लोडे को मुहं में ले लिया. कुछ देर पहले वो इसी लौड़े को मुहं में लेने से कतरा रही थी और मना कर रही थी. बहु रानी के ब्लोव्जोब देने से नाथा के चहरे के ऊपर जो ख़ुशी थी वो किसी शब्दों में नहीं लिखी जा सकती. अंजलि ने काफी देर लौड़े को घुमा घुमा के चूसा और फिर वो बोली: चल अब जल्दी से अपने लौड़े को मेरी बुर में डाल दे, अब मैं बहुत गरम हो गई हूँ.

नाथा ने अपने लौड़े को बहु की चूत के ऊपर रख दिया. और फिर उसके होंठो के ऊपर किस करते हुए एक जोर का धक्का दे दिया. अंजलि की गीली और प्यासी चूत के अन्दर वो लंड ऐसे घुसा जैसे मख्खन के अन्दर छुरी. अंजलि उछल पड़ी और बोली, बाप रे कितना बड़ा लोडा हैं आप का पापा जी!

और उसके आगे अंजलि कुछ बोलती उसके पहले तो उसके पापा जी यानी की ससुर ने अपने लंड के ताबड़तोड़ झटके लगाने चालू कर दिए. ससुर का लंड अंजलि की पिलपिली चूत में मजे से अन्दर बहार होने लगा था और वो दोनों कस के एक दुसरे को गले से लगा के लेटे हुए थे. अंजलि को इस बड़े लौड़े से चुदवा के दर्द भी काफी हो रहा था.

नाथा सिंह ने जोर से अंजलि की चुचियो को पकड़ा और उन्हें चूसते हुए वो और भी जोर जोर से अपने लंड के धक्के उसकी चूत में देने लगा. अंजलि भी गांड उठा उठा के लौड़े के मजे लुटने में लगी हुई थी.

वो कह रही थी: चोद दो मेरी जवान चूत को अपने बूढ़े लौड़े से पापा जी, आह्ह अह्ह्ह्ह कस के मारो उसे, आप का बेटा आप से 10 गुना कम सेक्सी हैं पापा जी, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह, जोर लगाओ पापा जी. नाथा सिंह भी कस कस के अपनी बहु को पेलने में लगा हुआ था.

वो दोनों को ऐसे मस्त चोदन करते हुए देख के मेरा लंड भी फूलने लगा था. मैंने भी इस लाइव चुदाई को देखते हुए वही अपने लौड़े को निकाल के हिला लिया. वीर्य निकलने के ठीक पहले पेंट में डाल के चड्डी गन्दी कर ली अपनी.

करीब 20 मिनिट तक नाथा ने बूढ़े लौड़े से अपनी सेक्सी बहु को मस्त चोदा. फिर वो दोनों मिशनरी पोज में से उठ के डौगी पोस में आ गए. और इस पोस में भी नाथा ने 10 मिनिट और अंजलि को चोदा.

फिर जब उसने लंड को बहार निकाला तो वो फवारे छोड़ रहा था वीर्य के. वो अंजलि ने पीछे हाथ कर के बूढ़े ससुर के वीर्य को गांड के और चूत के छेद पर घिस लिया!

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