मेरा नाम गणेश है और मैं अपने भाई की शादी की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसमे मैंने अपनी भाभी की बहन की चूत फाड़ी।

मैं परली का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र बाईस साल है। मेरी लंबाई सात फुट है और मेरा लंड सात इंच का है।

ये कहानी दो साल पहले की है जब भाई की शादी थी। भाई की शादी कल थी, तो मैं भाई के साथ हल्दी वाले दिन गया।

कुछ देर बैठने के बाद एक आइटम दिखा, उसके आगे-पीछे घुमने के बाद पता चला कि वो दुल्हन की छोटी बहन है।

वो औँरगाबाद के होस्टल में रहती है। कुछ देर प्रयास करने के बाद उसकी और मेरी जमने लगी। उसका नाम प्रिया है।

वो भी मुझमें रूचि लेने लगी। रात आठ बजे जब मेहंदी की रस्म शुरु हुई तो सब दुल्हे के साथ मज़ाक में मुझे भी मेहंदी लगाने लगे।

अचानक मज़ाक में प्रिया मेरे बदन से चिपकी तो मेरे बदन में करंट सा लगा और मेरे अंदर की कामवासना जागी।

मैं प्रिया को वासना से देख रहा था। प्रिया भी मुझे लाईन दे रही थी।

मन ही मन हम दोनों खुश थे, अब रात के ग्यारह बजे थे।

मैंने उसे हल्का सा इशारा किया कि वो मेरे पीछे आई और उसके रुम में ले गयी और कहा कि क्या बात है?

मैंने कहा – कहूँ?

क्या? – उसने कहा – कहो ना।

मैंने कहा कि तू मुझे बहुत अच्छी लगती है तो वो मेरे गले लग गयी, मेरा हौसला बङा और मैंने उसे आई लव यू कहा तो उसने भी मी टू, कहा।

उसी वक्त मैंने उसे चूम लिया हम एक-दूसरे में समा रहे थे और उसने हट कर कहा कि बाकी बाद मैं और वहाँ से भाग गयी।

मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ और सोने चला गया। रात भर मैं उसके ही बारे मैं सोच रहा था, कब सुबह हुई पता नहीं चला।

मैं दोस्तो के साथ बातें कर रहा था तब ही पीछे से किसी ने मुझे धक्का दिया। देखा तो प्रिया थी।

उसके जाने के बाद दोस्तो ने पूछा – यार, कौन है रे यह जन्नत? मैंने कहा कि कल ही पटाया है।

शादी हुई और दुल्हन के साथ मायके से कोई आता है तो भाभी के साथ प्रिया आने वाली है पता चलते ही मैं फूला ना समाया।

शादी के दो-तीन बाद दुल्हन मायके जाती है तब उसके साथ आने वाले को नये कपड़े लाने पङते हैं।

भाई को कुछ काम था तो उन्होने मुझे दो हजार रुपये दिए और कहा – तुम और प्रिया जाकर कपड़े ले आना, मैंने अपनी बाईक निकाली और जाकर कपड़े खरीद लिये।

आते समय हमने पानी-पूरी खाई और मैंने कहा – बाकी का?

उसने कहा – क्या?

मैंने कहा – शादी के अगले दिन वाला।

उसने कहा – मैं तेरी ही हूँ राजा।

मैंने एक अपने दोस्त को फोन करके उसके फ्लैट की चाबी ली।

हम उसके घर गये और कुछ देर बातें करते फिर मैंने उसे पकङा और चूमने लगा।

मैंने उसे उठाया और बिस्तर पर पटक दिया और उसको ऊपर से मसलने लगा।

वो शरमा रही थी। उसके मम्मे बहुत कसे हूऐ थे, उनकी साईज 36-32-36 की होगी। मैंने उसके सलवार का नाड़ा खोला और कुर्ता भी निकाला दिया।

उसने भी मेरे कपड़े निकाले।

अब मैं अपने भाई की शादी की में भाभी की बहन की चूत फाड़ने वाला था।

उसके बाद हमने दस मिनट चुमा-चाटी की और हम 69 की अवस्था में थे। उसकी गुलाबी चूत पर एक भी बाल नहीं था।

उसने लगता था ब्लु फिल्में देख रखीं थीं इसलिए बहुत ज़ोर से चाट रही थी। मुझे भी मजा आ रहा था और उसको भी।

मेरा होने वाला था तब तक वो भी झड़ चुकी थी। मैं उसका सारा रस पी गया। मैं भी उसके चुचों पर झड़ गया।

अब मैंने अपने लंड को चूत पर रखा और हल्का झटका दिया पर घुस नहीं रहा था फिर मैंने जोर का झटका दिया और मेरा सात इंच का लंड आधा घुस गया।

उसकी झिल्ली फट गयी और खून बहने लगा। वो चिल्लाने लगी – निकालो, दर्द हो रहा है। मैंने उसको चूमा और एक हाथ से उसके मम्मे दबाने लगा।

वो थोङी शांत हुई कि मैंने जोरदार झटका लगाया और वो और ज़ोर से चिल्ला उठी। मैं दोनों हाथों से उसके चुचे दबाने लगा और चूमने लगा। थोङी देर बाद उसको भी मजा आने लगा।

मैंने धक्के लगाना चालू किया तो वो भी मेरा साथ चूतड़ उठा-उठा कर देने लगी उसके मुँह से कामुक आवाज़ें आ रहीं थीं – अअआआउउहाहाममममाअअ..

पच्चीस मिनट में वो दो बार झड़ चुकी थी, मेरा भी निकलने वाला था।

मैंने कहा – अंदर या बाहर?

उसने कहा – बाहर, मुझे पीना है।

मैंने बाहर निकाला और उसके मुँह में डाल दिया। दो-तीन झटकों में मैं झड़ गया।

उस दिन हमने तीन-चार बार चुदाई की और फ्रेश होकर कपड़े पहने और घर आ गये।

अगले दिन प्रिया और भाभी जा रही थीं, तब उसने मुझे एक चीज़ दी। क्या?

वो मैं अगली बार बताऊँगा।

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