हैल्लो दोस्तों, में और मेरी भाभी sex kahani के बहुत बड़े फैन है। मैंने इस साईट की सारी स्टोरी पढ़ी है। मेरे दूर के भैया की शादी 2 साल पहले ही हुई है। मेरी भाभी का नाम शशि है, भाभी बहुत ही सेक्सी, गोरी, स्लिम है, उनका फिगर मस्त है। भैया बैगंलोर में एक मल्टीनेशनल कंपनी में सेल्स मैनेजर है, वो कभी कभी आते है। भाभी को देख देखकर में तो जैसे पागल हुआ जा रहा था और किसी ना किसी तरह भाभी को छूने की कोशिश करता रहता था। फिर वो जब मेरे कमरे में झाड़ू लगाने आती तो जैसे ही झुकती तो मेरा ध्यान सीधा उनके ब्लाउस के अंदर चला जाता था, क्या गजब के बूब्स है उनके? मन करता है की पकड़कर मसल दूँ, लेकिन में तो सिर्फ़ उन्हें देख ही सकता था। भाभी और मुझमें बहुत ही अच्छी जमती थी, हम हंसी मजाक भी कर लेते थे, लेकिन कभी भी घर में अकेले नहीं होते थे, कोई ना कोई रहता था।
अब में सोचता था कि काश एक दिन में और भाभी अकेले रहे तो शायद कुछ बात बने। जब सर्दी का मौसम था। अब घर के सभी लोगों को एक रिश्तेदार की शादी में मुंबई जाना था। अब भैया तो रहते नहीं थे, अब मम्मी पापा, में और भाभी ही थे। फिर पापा ने कहा कि शादी में कौन-कौन जा रहा है? तो तब मैंने कहा कि मेरे तो एग्जॉम आ रहे है तो में तो नहीं जा पाउँगा। तब मम्मी बोली कि चलो ठीक है इसकी मर्जी नहीं है तो ये यहीं रहेगा, लेकिन इसके खाने की प्रोब्लम रहेगी। तो तब इतने में में बोला कि भाभी और में यही रह जाएगें, आप दोनों चले जाए तो सबको मेरा आइडिया सही लगा। फिर अगले दिन में मम्मी पापा को ट्रेन में बैठा आया। अब में और भाभी ही घर में थे भाभी ने आज गुलाबी साड़ी और ब्लाउज पहन रखा था, उनके ब्लाउस में से उनकी ब्रा जो कि क्रीम कलर की थी साफ दिख रही थी। अब में तो कंट्रोल ही नहीं कर पा रहा था, लेकिन भाभी को कहता भी तो क्या?
फिर तब भाभी बोली कि थैंक यू देवर जी। तो तब मैंने कहा कि किस बात का? तो तब भाभी बोली कि मेरा भी जाने का मूड़ नहीं था, अगर आपकी पढाई डिस्टर्ब ना हो तो हम आज मूवी देखने चले। तो तब मैंने कहा कि चलो, लेकिन कोई अच्छी मूवी तो लग ही नहीं रही है सिर्फ़ लव स्टोरी ही लगी हुई है। तो तब भाभी बोली कि वही देखने चलते है, तो तब में चौंक गया। फिर भाभी ड्रेस चेंज करने चली गयी और थोड़ी देर में वापस आई तो तब उन्होंने डीपकट ब्लाउज पहना हुआ था। अब मुझे उनकी ब्रा और बूब्स के दर्शन हो रहे थे। तो तब मैंने कहा कि भाभी नाइस लुकिंग। तो तब भाभी बोली कि थैंक्स।
फिर हम सिनेमा हॉल गये। अब हमें किस्मत से सीट भी सबसे ऊपर कोने में मिली थी। फिर थोड़ी में फिल्म शुरू हुई। अब मेरा लंड तो काबू में ही नहीं हो रहा था। फिर अचानक से मैंने देखा कि भाभी के मुँह से सिसकियाँ निकलनी शुरू हो गई थी और भाभी मेरा हाथ पकड़कर मसलने लगी थी। फिर मेरा भी हौसला बढ़ा और फिर मैंने भी भाभी के कंधे पर अपना एक हाथ रख दिया और धीरे-धीरे मसलने लगा था। अब वहाँ हॉल में बिल्कुल अंधेरा था। अब मेरा हाथ धीरे-धीरे भाभी के बूब्स पर आ गया था। तो तब भाभी ने भी कुछ नहीं कहा। अब वो तो फिल्म का मज़ा ले रही थी। अब में भाभी के बूब्स को मसल रहा था और अब मैंने उनके ब्लाउज में अपना एक हाथ डाल दिया था। फिर भाभी सिर्फ़ सिसकारियां भरती रही और मुझे गर्म करती रही। अब फिल्म ख़त्म हो चुकी थी। फिर हम दोनों घर आए। फिर मैंने पूछा कि क्यों भाभी कैसी लगी फिल्म? तो तब भाभी बोली कि मस्त। तो तब मैंने कहा कि भाभी भूख लगी है।
फिर हम दोनों ने साथ में खाना खाया। फिर में अपने कमरे में चला गया, तो तब इतने में भाभी की आवाज आई कि क्या कर रहे हो देवर जी? जरा इधर आओ ना। तब में भाभी के बेडरूम में गया। तो तब भाभी बोली कि ये मेरी ब्रा का हुक बालों में अटक गया है, प्लीज निकाल दो ना। अब भाभी सिर्फ़ ब्रा पेटीकोट में ही थी, उसने क्रीम कलर की ब्रा पहन रखी थी। फिर मैंने उनकी ब्रा खोलने के बहाने उसके निप्पल को भी मसल दिया और उसकी पूरी पीठ पर अपना एक हाथ फैर दिया। फिर मैंने कहा कि भाभी लो खुल गयी ब्रा और मैंने उनकी ब्रा को झटके से नीचे गिरा दिया। अब भाभी पूरी टॉपलेस हो चुकी थी। अब हम दोनों फुल फॉर्म में आ चुके थे। फिर भाभी बोली कि देवर जी भूख लगी है तो दूध पी लो। तो तब मैंने भाभी को उठाया और बिस्तर पर ले गया और उनका पेटीकोट भी खोल दिया था। अब वो पूरी नंगी हो चुकी थी और में भी पूरा नंगा था। दोस्तों ये कहानी आप कामुकपोस्ट डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर मैंने शुरुआत ऊपर से ही करना मुनासिब समझा और भाभी के लाल लिपस्टिक लगे रसीले होंठो को जमकर चूसा। फिर उसके बाद बारी आई उनकी छाती की जिस पर की दो मोटी-मोटी 2 दूध की टँकिया लगी थी, उनके निप्पल का सबसे आगे का हिस्सा बिल्कुल भूरा था। फिर मैंने भाभी के बूब्स को इतना मसला और चूसा की सच में ही दूध निकल आया था। फिर मैंने उनके दोनों बूब्स का जमकर आनंद लिया। अब भाभी के मुँह से तो बस सिसकारियाँ निकल रही थी आह, आआआआ, आआआआआहह। फिर में उनके बूब्स से नीचे भाभी की चूत पर आया, वाह क्या क्लीन चूत थी उनकी? उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। फिर मैंने पहले तो भाभी की चूत को खूब चाटा और फिर ब्लू फ़िल्म की तरह ज़ोर-जोर से उंगली करने लगा। अब भाभी अया, आआआ देवर जी कर रही थी। फिर मैंने भाभी को घोड़ी बनने के लिए कहा तो भाभी घोड़ी बन गयी। फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा था।
फिर इस तरह से मैंने 30 मिनट तक भाभी को अलग अलग पोजीशन में चोदा और अब में थक गया था। फिर भाभी बोली कि तुमने तो मेरे बहुत मज़े ले ले लिए, मेरे बूब्स को चूस-चूसकर और मसल-मसलकर लटका और खाली कर दिया, अब मेरी बारी है। फिर में लेट गया और भाभी मेरे ऊपर चढ़ गयी और मेरे सीने को मसलने और चूसने लगी थी और मेरे भी छोटे-छोटे बोबे निकाल दिए थे। अब में भी भाभी के बूब्स को मसल रहा था। फिर भाभी मेरे लंड को पकड़कर चूसने लगी। फिर करीब 15 मिनट तक उसने मेरे लंड को चूसा। अब हम दोनों को नींद आ रही थी। अब हम उसी अवस्था में सो गये थे। फिर सुबह उठकर हम दोनों साथ में ही टब में नहाए और फिर मैंने भाभी के एक-एक अंग को रगड़-रगड़कर धोया। फिर इसके बाद भी हम 2-3 दिन तक सेक्स का आनंद लेते रहे। अब हमें जब भी कोई मौका मिलता है तो हम शुरू हो जाते है और साथ में घर पर ही इन्टरनेट पर सेक्सी साईट देखते है। मुझे तो इस साईट की सारी सेक्स स्टोरी बहुत पसंद है ।।