मुझे चुदाई बहुत ही पसंद था, और यह मौका मुझे मिला सारिका भाभी के साथ. मैंने Hindi Sex Stories के इस घटना में उनकी चूत और गांड दोनों की दमदार चुदाई कर डाली..

हेलो दोस्तो,

मेरा नाम राहुल है और मैं गुजरात का रहने वाला हूँ, मैं एक बहुत बड़ी प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करता हूँ, और मैं दिखने में एकदम ठीक हूँ।

मैं मेरी सेक्स स्टोरी का नियमित पाठक रहा हूँ, और सारी कहानियों को पढता हूँ। आज मैं भी सभी मेरी सेक्स स्टोरी के चाहने वालों को अपनी एक घटना बताने जा रहा हूँ।

यह मेरी पहली कहानी हैं। यह कहानी पिछले एक साल पहले की है। मैं जिस शहर में रहता था, वहाँ पर मेरे एक दोस्त की अभी कुछ समय पहले ही शादी हुई थी।

भाभी का मुझसे खुलकर बात करना

उसकी पत्नी मतलब! कि मेरी कामुक भाभी का फिगर 32-30-34 था, और वो दिखने में बहुत हॉट माल थी! और उसका नाम सारिका था। मैं उनसे बहुत मजाक किया करता था।

वो भी मेरी हर बात का हँस हँसकर जवाब दिया करती थी। मुझे उसने बात करना, उनके साथ अपना समय बिताना, बहुत अच्छा लगता था।

मैं उनकी तरफ धीरे-धीरे, लेकिन कुछ ही समय में बहुत ज्यादा आकर्षित हो चुका था।

एक दिन भाभी बाथरूम से बाहर बैठकर अपने कपड़े धो रही थी, और मैं वहाँ से गुजर रहा था। मैंने देखा! कि भाभी ने कुछ ज्यादा ही गहरे गले की मैक्सी पहन रखी थी।

भाभी की चूचियों के एक झलक

उसमें से उसके चूचों की बीच की दरार मुझे साफ दिख रहा था। कपड़े धोते समय हाथ को आगे करने की वजह से, उनके गोरे गोरे बड़े आकार के चूचें! हर बार उछलकर बाहर आने लगे थे।

अचानक! मैं वहीँ पर रूक गया, और यह सब देखकर मेरा लण्ड तनकर खड़ा हो गया, और कुछ देर घूरने के बाद वहाँ से चला गया। अब मैं अपने कमरे में जाकर सोचने लगा! कि भाभी को कैसे चोदा जाए।

भाभी दिखने में ऐसी थी! कि कोई भी उन पर मर मिटे! और उसका फिगर बहुत ही मस्त था! उसको देखते ही उसे चोदने का मन करता था! और उसकी गांड तो इतनी सेक्सी थी! कि किसी का भी लण्ड खड़ा कर दे!

एक दिन भाभी को मार्केट जाना था, और उस समय मेरा दोस्त घर पर नहीं था। उन्होंने मुझे अपने घर पर बुला लिया और मुझसे उनके साथ मार्केट जाने के लिए कहा।

भाभी की चूचियों के छुवन का एहसास

मैं भी उनके साथ बाहर घूमने का बहुत अच्छा मौका देखकर, उनसे तुरन्त हाँ कर दिया। हम लोग मेरी बाईक से मार्केट चले गए।

अब मैं थोड़ी देर में जानबूझ कर अपनी बाईक को ब्रेक मारता रहा!

मेरे ब्रेक मारने से भाभी की चूचियाँ मेरी पीठ पर पीछे दबने लगी, और मुझे उनको महसूस करके बहुत अच्छा लगने लगा था।

कुछ समय के बाद! हम दोनों मार्केट पहुँचे और सब्जी ली और वापस अपने घर आ गए।

उसी दौरान! मैं भाभी को बाईक पर हर बार जानबूझ कर ब्रेक लगाकर मजा लेता रहा, और मार्केट में मैंने बहुत बार छूकर उनकी कोमल बदन को महसूस किया पर, भाभी ने कुछ नहीं कहा।

भाभी सिर्फ मुस्कुराती रही! और ऐसे देख रही थी, जैसे! कि वो चुदना चाहती हो! मुझे अब उनकी नशीली आँखों में मेरे साथ चुदाई करने की, उसकी प्यास साफ-साफ नजर आने लगी थी!

एक दिन मैंने अपने दोस्त को फ़ोन किया, तो भाभी ने फ़ोन उठाया!

भाभी को चोदने का ख्याल मन में

मुझसे बोली- आज तुम्हारे भैया अपना फ़ोन घर पर ही भूल गए है। तुम मुझे भी बता सकते हो, अगर तुम्हें कोई जरुरी काम हो तो मैं उन्हें शाम को बता दूँगी।

मैंने बोला- ठीक है! ऐसी कोई बात नहीं है, और मैंने उनसे यह बात कहकर तुरन्त फ़ोन रख दिया। लेकिन! कुछ देर बाद, मेरे मन में भाभी से बात करने का एक शरारती विचार आने लगा।

मैंने कुछ देर बाद! भैया के मोबाईल पर दुबारा फिर से कॉल किया। इस बार भाभी ने मुझसे बात करनी शुरू की और अब ऐसे ही इधर उधर की बातें करते रहे!

मैंने थोड़ी हिम्मत करके भाभी से पूछ लिया, कि भाभी क्या मैं आपको अच्छा लगता हूँ?

वो मेरे मुँह से यह बात सुनकर हँसने लगी, लेकिन उन्होंने मुझसे ऐसा कुछ नहीं कहा, जिसको सुनकर, मैं अपनी बात को और भी आगे बढ़ा पाता।

भाभी को अपनी चाहत का इज़हार

मैंने बहुत हिम्मत करके! फ़ोन पर भाभी को साफ साफ कह दिया, कि मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ। आपसे बात करने में मुझे बहुत अच्छा लगता है!

उस दिन के बाद अब हमारी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी!

मैंने भाभी का मोबाईल नंबर लिया। उसके बाद अब हम हर दिन जब भी उसका पति अपनी नौकरी पर चला जाता था, तो फोन पर कई कई घंटे बातें करते थे।

अब हम धीरे धीरे आगे बढ़ते हुए चुदाई की बातें भी करने लगे थे।

एक दिन भाभी की बातों से मुझे पता चला, कि भैया भाभी को पूरा संतुष्ट नहीं कर रहे है। वो अपनी प्यासी तड़पती हुई चूत से बहुत परेशान है।

भाभी से फ़ोन पर चुदाई की बातें

एक बार मैंने भाभी से फ़ोन पर चुदाई की बातें की, तो भाभी को बहुत मजा आया! उसके बाद हम रोज फ़ोन पर गर्म और कामुक बातें करते, अब इसमें बहुत मजा भी आने लगा था।

एक दिन मेरी अच्छी किस्मत उसके पति नाईट ड्यूटी पर गए हुए थे!

मैंने भाभी से बोला, कि मुझे आपसे मिलना है! तो भाभी पहले मुझसे थोड़ा नाटक करके मना कर रही थी, लेकिन फिर मान गई।

तब मैंने फ़ोन से की हुई चुदाई की सारी बातों को असल में दोहराया! मैंने उनको उसी तरह करीब 15 मिनट चोदा तक लगातार जोर जोर से धक्के देकर चोदता रहा।

<भाभी मेरी चुदाई से हुई मस्त

अब भाभी थोड़ा और जोर जोर से मुझसे बोल रही थी- हाँ और चोदो मुझे! आहहा! उफ्फ्फ! वाह! मजा आ गया! तुम बहुत अच्छी तरह से चोदते हो उय्यीई! हाँ थोड़ा और अन्दर करो।

कुछ देर बाद भाभी को उल्टा लेटाकार मैं उनके पीछे से उनकी चूत में अपना लण्ड डालकर जोर जोर से धक्के देकर चोदने लगा और भाभी जोर जोर से आहाह! स्सेईइ! कर रही थी।

अब करीब पाँच दस मिनट बाद मैं झड़ने वाला था तो, मैंने भाभी को पूछा- भाभी, मैं वीर्य कहाँ निकालूँ?

भाभी को अलग अलग तरीके से चुदाई

भाभी ने कहा- तुम अपना सारा माल मेरी चूत में ही डाल दो और मैंने भाभी को अब डॉगी तरीके में लण्ड दुबारा अन्दर डालकर जोर जोर चोदने लगा,

तब मैंने महसूस किया, कि भाभी अपनी पानी छोड़ रही है!

अब भाभी पूरी तरह से संतुष्ट हो गई! मैंने धक्कों की स्पीड को बढ़ा दिया, और करीब दस मिनट के बाद! मैंने अपना भी पूरा वीर्य भाभी की चूत में ही निकाल दिया।

मैंने देखा! कि भाभी इस चुदाई से बहुत खुश थी! उन्होंने मुझे किश किया और कहा, कि जानू आज से तुम मुझे जब चाहो! जैसे चाहो! चोद सकते हो।

मैं आज से बस तुम्हारी हूँ! और मुझे आज वो मजे दिए जिसके लिए मैं बहुत समय से तरस रही थी, तुम बहुत अच्छे हो।

भाभी की दमदार गांड चुदाई

दूसरी बार जब उसका पति अपनी कम्पनी के काम से कहीं बाहर चला गया तो, मैं उसी रात को उसके कमरे में चला गया।

मैंने उसको पूरा नंगा करके, उसकी गांड पर बहुत सारा तेल लगाया। उसके बाद चिकनी गांड के ऊपर अपना लण्ड रख दिया, और थोड़ा जोर से एक धक्का दिया।

लण्ड थोड़ा अन्दर चला गया, लेकिन वो जोर से चीख पड़ी और मुझे पीछे धकेलने लगी।

कुछ देर रूकने और उसके थोड़ा शांत होने के बाद, मैंने उनकी कमर को कसकर पकड़कर फिर से एक और धक्का लगा दिया।

अब मेरा पूरा लण्ड तेल की चिकनाई की वजह से फिसलता हुआ गांड के अन्दर चला गया और वो दर्द से तड़पने लगी। मैंने कुछ देर रूककर उसकी गांड को जोर जोर से धक्के देकर चोदने लगा।

मैंने करीब 15 मिनट के धक्कों के बाद! सारा माल उसकी गांड में ही डाल दिया, और फिर हम दोनों वैसे ही बहुत थककर ना जाने कब सो गए! और अगले दिन सुबह एक दूसरे से अलग हुए।

दोस्तो, यह थी अपनी सच्ची आपबीती! आपको कैसी लगी? अपने विचार आप मुझे मेल करके बता सकते हैं।
solinder.sg@gmail.com

सारिका भाभी को देख मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था! मैं अब उनकी चुदाई करने को बेचैन था और एक बार जब भाभी मेरे साथ बाईक पर बैठी तो, मैंने जानकर ब्रेक मारी और उनकी चूचियों को एहसास किया और उन्हें भी बहुत मजा आया और एक दिन जब भैया की रात की पारी थी तो Hindi Sex Stories के इस किस्से में भाभी को राजी कर मैंने धक्कापेल चुदाई की..

Write A Comment