मजबूरी में चुदाई

 हेल्लो दोस्तों कैसे हो आप लोग, आशा करता हु की आप भी तैयार होगे अपना अपना पानी निकालने के लिए, एक लड़की थी,नाम पता नहीं क्या था उसका,पर मस्त लगती थी,अब आप ही बताइए रास्ते पे आ जा रही लड़की का नाम पता कैसे मालूम होगा, चलो पता तो उसका पीछा करके लगा सकते है,,नाम के लिए तो उसके आस पास जाना पड़ेगा, रोज आते जाते मिल ही जाती थी, घर भी उसका पता कर ही लिया, चलो एक दिन नाम उसकी सहेली उसे कंचन के नाम से बुला रही थी तो नाम भी पता चल गया, आप लोग भी,,, लड़की का फिगर मालूम चला नहीं लड़के लंड और लडकियाँ चूचियां पहले दबाने लगी, उसका फिगर ३४-२८-३४ था, कभी कभी चलती थी तो लंगड़ाते हुए आती थी 4


ऐसा जैसे किसी ने चोद दिया हो, कभी जीन्स जींस तो कभी सलवार सूट तो कभी और लॉन्ग स्कर्ट और टॉप में तो माल ही लगती थी बस दिल करता था की वो आकर बोले की स्कर्ट उठा दो, पेंटी निकाल दो और लंड डाल दो, चलो भगवान् के घर देर है अंधेर नहीं ,,,एक मेरा दोस्त है उसके पिता का फाइनेंस का काम था तो औ वो बूढ़े हो गए तो मेरा दोस्त ही वहा बैठता था, पहली बार मै वहा गया था, जैसे ही मै अंदर गया मेरा दिल गार्डन गार्डन हो गया, और लंड उछलने लगा, वो लड़की वही पे काम करती थी, आते जाते लोगो की एंट्री करती थी, मेरे जाते ही देखने लगी फिर नाम पूछा एंट्री की, फिर मै अंदर चला गया,
दोस्तों से बातचीत कर रहा था पर बार बार उसकी तरफ ही देख रहा था, तभी मेरे दोस्त ने कहा क्या बात है,,, पसंद आ गयी क्या, मैंने कहा हां यार अच्छी तो लगती है, तभी मेरे दोस्त ने कहा दिल से लगाने की मत सोचना चालू लड़की है, पहले से सील टूटी पड़ी थी और मेरे साथ भी कर चुकी है अब तो अब जी चाहे इसे ले जाता हु और जी भर के चोदता हु, मैंने कहा चल यार मुझे भी इसकी दिलवा दे, और कुछ न सही एक और नया एक्सपीरियंस तो ले ही लू, मेरे दोस्त ने कहा हाँ यार किस बात की कभी,,, एक तरफ चूत तो दूसरी तरफ गांड, और ऊपर से चुचिया तेरे पास रहती ही है, पैसे देकर भी बुलाती है लेकिन तू जाता नहीं है,,, कहता है फीलिंग नहीं आती, यार वीर तेरी जगह हम होते न इसी काम से लाखो रूपये कमाते।
मैंने कहा चल अब काम की बात कर, देख वीर इस लड़की के लिए मेरे से और भी कई ने बोला है और मेने इसके लिए मैंने कंचन से भी पूछा है लेकिन मना कर दिया हाँ तू उसे पटा ले तो बात है। मैंने कहा, यानी मुझे ही सब काम करना पड़ेगा, नहीं यार तू बस रुक २ हफ्ते तेरे लिए मस्त रुस्सियन लड़की आयेंगी मेरी बात हो गयी है, २ लडकिय आएँगी, २०-२२ साल की सारा खर्च मेरी तरफ से, मैंने कहा चल है, ये बात तय रही, पर उनमे से मै पहले पसंद करूँगा, उसने कहा यार नंगी करवा के देख लेना जो तुझे ठीक लगे वो तेरे साथ ही जाएगी, ठीक है इसे तो पटा लू पहले मै, उसने कहा एक काम कर ये अभी जाएगी बस से, तू इसे वही पे पटा सकता है, मैंने कहा ठीक है, फिर कुछ देर बाद वो जाने लगी मै भी उसके पीछे चल दिया, वो बस में चढ़ गयी मै भी चढ़ गया बैठेने के लिए सीट तो थी नहीं, वो खड़ी थी मै भी उसके पीछे खड़ा था,,, मैंने उस से बोला नाम कंचन है न, उसने कहा हां क्यों, मैंने कहा ऐसे ही पूछा, फिर मैंने पूछा आप कहा
रहती हो, उसने कहा जैसे आपको मालूम ही नहीं की मै कहा रहती हु, रोज़ तो पीछा करते हो, मै अब क्या बोलता,कोई नहीं बस चल पड़ी, सब अपने में ही मस्त थे, मैंने मौका देख के उसकी गांड पे हाथ रख दिया, वो एकदम सीधी हो गयी, पर कुछ बोली नहीं, फिर मै उसके गांड की गोलाइयों को सहलाने लगा, एक एक करके मैंने उसकी दोनों गोलाइयो को सहलाता रहा, वो बस आँखे बंद किये मजे लिए जा रही थी, फिर मैंने उसकी गांड में उंगली कर दी जिस वो थोड़ी उछल सी गयी, फिर उसने मुड़ के कहा सीधे खड़े रहो, पर मै फिर से वैसे ही करने लगा,इस बार और भी भीड़ बढ़ गयी इस बार मै एकदम उसके पीछे खड़ा हो गया,और अपने आधे खड़े लंड को उसकी गांड की दरार में सेट कर दिया, हालाँकि २-३ लोग देख रहे थे, पर उन्हें लग रहा था एक दुसरे को जानते है और आपस में कर रहे है क्युकी हम पहले आपस में बात भी तो कर रहे थे, और मेरा आधा खड़ा लंड खड़ा हो गया, ऐसा करने में मजा तो बहुत आया और उसको भी मेरे लंड के आकार के बारे में पता चल गया होगा,,,, लड़की की नरम उंगलिया और गरम गांड का स्पर्श
कुछ मजेदार ही होता है, फिर वो सीधी हो गयी और सीधे होने से उसके चुचे मेरी छाती से दब गए और लंड उसके अकेला रह गया,पर मजा तो फिर भी आ ही रहा था,पर उसके पीछे से कोई और आकर उसकी गांड दबाने लगा, और आगे से मै उसकी चुचिया दबाने लगा, वो मुझे घूर के देख रही थी,,,उसकी आँखे लाल हो चुकी थी और कभी कभी आँखे बंद भी कर रही थी,वो मदहोश हुए जा रही थी, फिर मैंने उसका हाथ पकड़ के अपने लंड पे रख दिया वो हाथ हटाने लगी पर मैंने उसका हाथ नहीं छोड़ा, कुछ देर ऐसे ही मज़बूरी में पकडे रही और फिर मजे से मुठी में पकड़ लिया, पर पीछे से उस आदमी ने शायद उसकी गांड में उंगली डाल दी थी, क्योंकि वो बीच में उछल सी पड़ी थी, अब वो मेरे ऊपर गिर सी ही गयी थी, उसे मजा आने लगा था, खैर उसका स्टॉप आ गया,, वो अपने आप को ठीक करके जाने की तैयारी करने लगी, उस आदमी ने उसे अब तक नहीं छोड़ा था,,, उसकी गांड अभी भी मसल रहा था, एक आंटी जो सब देख रही थी मै उनकी तरफ देख के मुस्कुराया, वो भी जवाब में मुस्कुरायी और वो भी उठने लगी शायद वो भी जाने वाली थी, बस रुक गयी, पहले कंचन उतर गयी, फिर वो आदमी भी,
फिर मै फिर वो आंटी और बाकि लोग भी उतरे थे वैसे आंटी भी मस्त थी, ३५-३७ की उम्र होगी पर मस्त थी, मै कंचन के पीछे जाने लगा, मै आगे बढ़ गया, कंचन उस आदमी से कुछ बात कर रही थी, फिर थोड़ी देर में वो आदमी चला गया और मै कंचन के पास पहुच गया और उसके साथ चलने लगा और वो भी मेरे साथ चलने लगी, थोड़ी देर में उसका घर आ गया और उसने ताला खोलकर दरवाजा खोला, वो अंदर चली गयी पर दरवाजा बंद नहीं किया, दरवाजे पे ताला लगा था मतलब घर पे कोई नहीं और दरवाजा खुला छोड़ने का मतलब खड़े लंड को चूत का इशारा, मैंने अन्दर जाकर दरवाजा बंद कर दिया, वो अपने रूम में जाकर बैठी हुई थी, मेरे आते ही कहा तुमने बस में ठीक नहीं किया, मैंने पूछा क्यों अच्छा नहीं लगा, उसने घूरते हुए कहा हाँ मुझे तो मजा आया,, वो आदमी भी पीछे लग गया तुम्हारी वजह से, फिर मैंने कहा मजा तो आ ही रहा था तुमको, मैंने देखा था तुम आँखे बंद करके मजे ले रही थी और जाकर उसके बगल में बैठ गया और जांघो में हाथ रख दिया, अच्छा ये बताओ की तुमने उस आदमी से क्या कहा की वो चला गया ……कंचन ने कहा की मैंने बाद में बता दूंगी, फिर उसने कहा की मुझे ५००० की जरुरत है क्या तुम मुझे दे सकते हो,, मैंने कहा चलो दे दूंगा मेरे पास नहीं तो तुम्हारे बॉस से दिलवा दूंगा,,
तो उसने कहा नहीं उनसे मत कहना, मैंने कहा अच्छा ठीक है उस से नहीं कहूँगा,,, में तुमको दे दूंगा, फिर उसने कहा अच्छा तुम यही बैठो मै नहा के आती हु, मैंने कहा सुनो ,,,उसने कहा हाँ ,,,, मैंने कहा बाथरूम का दरवाजा खुला रखना, वो तोलिया लेकर चली गयी,,, बेड पे बैठ के उसका बाथरूम सामने ही दिखता है,उसने बाथरूम में जाकर अपना सूट और सलवार उतार कर मेरे ऊपर फेक दिया,… वाइट ब्रा पेंटी में क्या मस्त लग रही थी, फिर ब्रा उतर के फेका और फिर पेंटी भी उतार के फेक दी,,,पेंटी गीली थी शायद बस में जो अच्छे काम हुए उसकी वजह से, अब वो नंगी मेरे सामने खड़ी थी और शावर चालू कर दिया, क्या यार, कल तक जिसे मै चोदने का सपना देखता था आज वो मेरे सामने नंगी होकर नहा रही है। मैंने भी अपने कपडे उतार दिए थे और सिर्फ अंडरवियर में बैठा हुआ था, ऊपर से ही लंड मसल रहा था,वो नह के आई टॉवल में और कोई बॉडी लोशन अपने ऊपर लगाने लगी,,, फिर टॉवल में ही मेरे पास आने लगी, पर मैंने कहा यार एक काम कर दो,,, तुम लॉन्ग स्कर्ट और टॉप में बड़ी मस्त लगती हो,,, वो पहन के आओ ना, ठीक है,,, वो गयी और,,, कपडे पहन के आ गयी,,, पर इच्छा ..इंसान इच्छाओ का भण्डार होता है,,, मर जाता है,, पर इच्छाए नहीं मरती, मैंने उसे से एक और इच्छा बताई उसका डांस देखने की,,,,, उसने भी राऊडी राठौर का छम्मक छल्लो वाला गाना चालू कर दिया और डांस करने लगी,,,, क्या मस्त चुचे उसके उछल रहे थे,,, फिर डांस के थोड़ी देर बाद उसने स्ट्रिप करना शुरू कर दिया,,,
मतलब स्ट्रिप डांस,,,, गाना ख़तम हो गया, वो भी नंगी हो गयी, आकर मेरे लंड जो अभी अंदर था उसके ऊपर ही अपनी चूत रख दी, मैंने उसके चुचे अपने हाथो में ले लिए,,,, और दबाने लगा,, मस्त रुई जैसे,, लग रहे थे, फिर मै उसके भूरे रंग के निप्पल को चुटकी में लेकर मसलने लगा,,,,, वो अपनी कमर हिलाए जा रही थी, नंगी चूत और कच्छे में मेरा लंड ,,क्या मजा आ रहा था,,,,, फिर उसने मेरे होठो पे होठ रख दिया,,और मै भी उसका साथ देते हुए उसके होठो को चूसने लगा, फिर उसने अपने चुचे मेरे मुह में दे दिए जिसे मै मजे से चूसने लगा और एक हाथ से दबाने लगा, कभी दबाता तो कभी चूस रहा था, बीच बीच में कही कही काट भी लिए थे,जिस से गुस्सा होकर होकर उसने भी मेरी छाती पे काट खाया बहुत तेज काटा था, बहुत दर्द भी हुआ, निशान सा पड़ गया पर उस टाइम इतना एह्साह नहीं हुआ था। फिर वो नीचे हो गयी पहले ऊपर से ही लंड को खूब दबाने और मसलने लगी, लंड एकदम सक्त हुआ पड़ा था। फिर ऊपर से ही पहले दांत से हल्का सा काटा फिर मुह से कच्छे को नीचे किया फिर क्या था,,, बिचारे लंड को बाहर आने का रास्ता चाहिए था और जैसे ही रास्ता देखा फुदक के बाहर आ गया, फिर उसने हाथ से पूरा कच्छा निकाल दिया, और लंड की जड़ से होते हुए टोपे तक चाटने लगी, मगर फिर टोपे को नीचे करके मेरे बॉल्स को जो चूस रही थी,,, वो मजा कुछ अलग ही आ रहा था, लंड के टोपे को अच्छे से चाट रही थी, और चाटते चाटते पूरा लंड मुह में ले लिया और गप गप करके चूसने लगी,,,,,फिर लंड एक दम टाइट हो गया उसे मैंने डौगी स्टाइल में आने को कहा वो वैसे हो गयी,,, मै बेड के नीचे खड़ा हो गया और उसकी चूत पे जीभ रख दिया,,,,,और चाटने लगा,,, वो मदहोश सी होने लगी,,,,,,,५ मिनट चाटने के बाद उसने कहा अब बस डाल दो,,, मैंने उसकी चूत पे लंड रखा और एक धक्का दिया,,,,और आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत के अंदर था,,,वो चिल्ला सी गयी,,,, उसने कहा आराम से नहीं कर सकते थे क्या,,,,,,उसकी बातो पे मैंने भी बिना रुके एक ही धक्का मारा और पूरा लंड उसकी चूत में चला गया, वो बिस्तर पे नीचे गिर गयी, मतलब लेट सी गयी ,,,,,,,,,, क्युकी मै उसको डोग्गी स्टाइल में चोद रहा था, तो गिरने के बाद मै भी उसके ऊपर अपना सारा वजन डाल दिया और उसके ऊपर ही लेट गया, फिर मै आधा लंड निकाल के फिर डालता मैंने उसके कंधो पे हाथ रख दिया और,,,, तेज स्पीड में चोदने लगा,जब उसके कंधे दुखने लगे तो उसने कहा अब मुझे ऊपर आने दो,,,, मै फिर नीचे आया गया उसने मेरी तरह पीठ कर ली
और लंड को चूत पे सेट कर लिया,,,और धीरे धीरे धीरे बैठने लगी,,,,और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया,,,,फिर वो उछल उछल के चुदने लगी,,,,क्या मस्त गांड लग रही थी उसकी,,,,, तभी मैंने सोच लिया उसकी गांड जरुर मारनी है,,,,,,फिर वो पीछे की ओर हो गयी जिस से मैंने उसके चुचे पकड़ लिए और दबाने लगा,,,,,लगभग १० मिनट बाद वो झर गयी,,,, और लेट सी गयी,,,,,पर मेरा अभी नहीं हुआ था,,,फिर वो सीधी लेट गयी और मैंने वैसे ही उसकी चूत में लंड को सरका दिया,,,,,और चोदने लगा पर उसे एक मिनट में ही दर्द होने लगा उसने निकाल लेने को कहा,,, मै नहीं रुका। २ मिनट तक उसे तेज दर्द हुआ वो रोने सी लगी इसलिए मैंने निकाल लिया,, पर मैंने कहा मेरा तो हुआ नहीं,,,,, तो उसने कहा लाओ चूस के निकाल देती हु,,,,, मैंने कहा ठीक है,,, फिर उसने मेरा लंड मुह में ले लिया और चूसने लगी,,, बाल्स सहला सहला के चूसने लगी ५ मिनट तक चूसने से भी नहीं निकला तो उसने कहा कैसा है ये निकल क्यों नहीं रहा तो मैंने उस से कहा की कभी कभी दिक्कत होती है,,,, जल्दी नहीं निकलता,,,, वो भी समझ गयी की मै खेल खाया बंदा हु,,,,वैसे वो भी खेली खायी ही थी,,,मैंने उस से कहा एक काम करो,, मै पीछे से डाल देता हु टाइट जगह जायेगा तो जल्दी निकल जायेगा,,,, उसने थोड़ी देर सोच के कहा चलो ठीक है,, पर आराम से करना,,,, मैंने पास ही रखी क्रीम अपने लंड पे लगायी और उसकी गांड में भी
उंगली दे के लगा दी,,,, फिर लंड गांड के छेद पे रखा और धक्का दिया,,,, आगे का तो आराम से चला गया वो कहने लगी कैसे मार रहे हो इसमें दर्द ही नहीं हुआ,,,,,,, मगर जब उससे आगे गया,,,, तो उसकी गांड फट गयी,,, क्युकी मेरे लंड बीच में से थोडा मोटा है,,,आगे की तुलना में,,,, फिर एक धक्का ,,,और वो शोर मचने लगी निकाल लो दर्द हो रहा है,,,, मेरी फट गयी,,,,, कुत्ते कमीने ऐसे ही कुछ बोलने लगी,,,,,जितना वो बोलती उतना मै उसकी गांड पे चपत लगता और १ मिनट में पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया,,,,,, फिर धक्के पे धक्का मतलब लंड आगे पीछे ….. अंदर बाहर करने लगा और वो भी थोड़ी देर बाद मजे से गांड मरवाने लगी,,,,, और १ मिनट बाद फिर ……आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मै आने वाला हु कहा निकलू,,,, कंचन:आह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह अंदर ही डाल दो,,,, और फिर उसकी गांड में ही झर गया,,, फिर साफ़ किया,, थोडा आराम किया और कपडे पहने और चला गया,,,,, मैंने उसे पैसे दे दिए,,,, उसके बाद भी मैंने उसे कई बार चोदा और न ही उसने मना किया,,,,, वो खूबसूरत तो इतनी थी की जिसका जल्दी झड जाता होगा उसको अगर हाथ भी लगा दे तो उसका निकल जायेगा,,,पर ख़ूबसूरती जितनी हो उसके पीछे कई राज़ भी होते है,,,उसके पास आता गया और ये मालूम चला की वो एक हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल है,,,,वो काम का बहाना करके होटलों में या घर पे जाती है और औरो की राते रंगीन करती है,,,फिर मेने उससे मिलना जुलना छोड़ दिया और बात भी करना छोड़ दिया,,,, एक दिन मिली थी तो कहा था की मुझे पता है तुम्हे मेरे बारे में सब पता चल चुका है,,,,, पर जितने भी लोगो से मै मिली हूँ।
उनमे से तुम ही मुझे लगे और तुम पे दिल भी आ गया था,,,, तुम में किसी की भावनाओ की कदर है,,, और कहा की अगर फिर कभी किसी चीज़ की जरुरत हो तो मुझे याद करना मुझे अच्छा लगेगा,, और मेरे पांच हजार देने लगी जो मैंने दिए थे। मगर मै नहीं ले रहा था,,, तो उसने कहा मैंने तुमसे उधार लिए थे अगर नहीं लोगे तो ऐसा लगेगा की मैंने तुम्हे अपना जिस्म बेचा था,, इसलिए ले लो,,,, मैंने तुम्हारे साथ जो किया वो दिल से किया,,,,, इसके बाद वो पैसे देकर चली गयी आज भी कही मिलती है तो सलाम नमस्ते हो जाती है,,,, दिल की अच्छी थी पर मज़बूरी में करती थी,,,, उसके घर में वो और एक उसकी छोटी बहन है उसका फ्यूचर बनाने के लिए अपना जीवन ख़राब कर रही थी वो,,,, तो दोस्तों बताइए कैसी लगी आपको मेरी कहानी …… मेरा ईमेल आईडी है आपके मेल का इन्तजार करूँगा.
धन्यवाद …

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