सभी “एम एस एस” के पाठकों को मेरे खङे लण्ड का सलाम।

अब मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ।

मेरा नाम अरूण चौधरी है और मैं बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूँ।

लडकियाँ व औरतें अपनी चूत में उंगली डाल लें…

मेरे मामा जी “दिल्ली” में काम करते है, लेकिन उनका घर गाजियाबाद में है तो मेरी मामी और उनके दोनों बच्चे वहीं रहते हैं।

बात उन दिनों कि है जब गरमी की छुट्टियां चल रहीं थी…

मैं अपने मामा जी के यहाँ गया हुआ था।

मामाजी के दोनों बच्चे अपनी मौसी के घर दिल्ली गये थे, गरमी की छुट्टियों को मनाने।

मुझे मामी के घर गये हुए तीन दिन हो गये थे।

मेरा मन वहाँ बिलकुल नहीं लग रहा था। अक्सर रात में लाईट चली जाती तो गरमी की वजह से मुझे और मामी को छत पर सोना पङता।

मामी जी मेरी और अपनी फोल्ङिग एक साथ लगाकर मच्छरदानी लगा लेतीं, लेकिन रात को जैसे तैसे ही सो पाते।

एक रात जब मैं और मामी जी ऊपर सो रहे थे, रात के दो बजे मामी जी के फोन पर मामा जी का फोन आया।

थोडी देर तक दोनों आपस में इधर-उधर की बातें करते रहे, फिर मामी ने मामाजी को बोला कि उनको मामा जी की बहुत याद आ रही है, बहुत मन कर रहा है “सेक्स” करने का!!!

तब मामा जी ने मामी को चूत में उंगली डालने को कहा, तो मामी कहने लगी – उंगली से कुछ नहीं होता, मुझे लण्ड चाहिए।

फिर मामी ने उस दिन उंगली डालकर अपनी “चूत की गरमी” शान्त कर ली।

मैं मामी के बारे में आपको बता दूँ कि उनकी उम्र 36 साल है और फिगर “36 30 38” का है। रंग एकदम गोरा है और जब वो चलती हैं, तो समझो कयामत ढाती हैं!!!

फिर, अगले दिन जब रात को हम लोग सो गये, तो रात के बारह बजे मेरी अचानक नींद खुल गई।

मैंने देखा कि मामी पुरी तरह सोयी हुयी थीं।

उन्होंने “मेक्सी” पहनी हुई थी, जो पुरी जांघों तक उपर हो रही थी जिससे उनकी “मखमली जांघों” को देखकर मेरा 6 इंच का सोया हुआ लंङ उफान मारने लगा।

मामी के प्रति मेरा नजरिया बदल चुका था।

मैंने धीरे से एक हाथ उनकी जाँघ पर रख दिया…

क्या “मखमली जांघ” थी…

मेरा लण्ड तो फटने को हो रहा था, लेकिन बहुत ङर भी लग रहा था कि मामी जाग ना जाये…

अगर मामी ने मामा जी को बता दिया तो बहुत बुरी तरह पिटाई होगी।

लेकिन मेरे दिमाग ने मामी को चोदने का पूरा मन बना लिया था।

मैं धीरे धीरे मामी की जांघों को सहलाता रहा। जब दस मिनट तक मामी का कोई प्रतिरोध नहीं आया, तो मेरी भी हिम्मत बढ गई…

मैं दूसरा हाथ मामी की चूची पर रखकर सहलाने लगा।

मामी के मुँह से भी सिस्सकारी निकलने लगी!!

मैं समझ गया कि मामी जाग चुकी हैं।

इससे मेरा साहास और बढ गया और मैं मामी की दोनों चुचियों को जोर जोर से दबाने लगा, जिससे मामी पूरी तरह गरम हो गईं!!!

उनके मुँह से आवाजें भी तेज हो गईं…

अचानक ही मामी का एक हाथ मेरे बरमुडा के ऊपर से मेरे लण्ड को दबाने लगा…

मेरा लण्ड तनकर 6 इंच का हो गया था…

लेकिन अब तक हम दोनों में से कोई कुछ नहीं बोल रहा था, बस उस पल का आनन्द ले रहे थे।

अचानक मामी मेरे ऊपर आ गईं और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए।

दस मिनट तक चुम्बन लेने के बाद मैंने मामी की मेक्सी उतार फेकी…

अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेन्टी में थीं।

उन्होंने मेरी टी-शर्ट और बरमुडा उतार दिया और मैं सिर्फ़ अन्डरवियर में आ गया।

मामी थोड़ा नीचे खिसकी और मेरे लण्ड को बाहर निकाल कर मुँह में लेने लगीं, लेकिन मेरा 6 इंच का लण्ड उनके मुँह में ठीक से नहीं जा रहा था।

वो कहने लगी – इतना बडा तो तेरे मामा जी का भी नहीं है।

अब तक वो बहुत गर्म हो चुकी थीं।

मैं मौके को देखते हुए मामी की चूत के ऊपर अपना लण्ड फिराने लगा।

अब मामी बोली – अब मत तडपा, डाल दे अपना लौडा मेरी चूत में और बना दे इसका भोसडा…

मैंने लण्ड चूत के छेद पर टिकाकर, एक जबरदस्त झटका मारा…

मामी की चीख निकल गई।

वो झटपटाने लगी, उनकी आँखों से आँसू बह रहे थे…

लेकिन मैं नहीं रूका और धीरे धीरे धक्के लगाता रहा।

थोड़ी देर में मामी भी गाण्ड उछालने लगीं, उन्हें मजा आने लगा था…

अब वो बडबडाने लगी – चोद… और जोर लगा कर चोद… फाङ दे मेरी चूत…

इस तरह की बातें सुनकर मैं जोश से भर गया और दम लगाकर मामी को चोदता रहा।

50 मिनट की चुदाई के बाद मैं मामी की चूत में झड गया…

तब तक मामी 8 बार झड चुकी थीं…

उस रात मामी को मैंने 9 बार चोदा और उनकी गाण्ड भी मारी।

मामी, मुझसे बहुत खुश थीं…

मैं पन्द्रह दिन वहाँ रहा और मामी को रोज नये नये तरीकों से चोदा।

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