नमस्कार दोस्तों, मैं गौरांग हाजिर हूँ आपके लिए अपनी मस्त स्टोरी लेकर। आशा है आपको कहानी पसंद आएगी। मेरा घर नॉएडा में सेक्टर 18 में है। लोग इसे अट्टा के नाम से भी जानते है। मैं अपनी फेमिली के साथ **** सोसाइटी में रहता हूँ। इसमें कुल 7 बिल्डिंग है जो 20- 20 माले की है। मेरी वाली बिल्डिंग में नीचे बड़ी सी पार्किंग लॉट है। सभी लोग अपनी अपनी कारे और मोटरसाईकिल इसी में खड़ी करते है। आप यह कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
अक्सर इस पार्किंग लॉट में चुदाई हो जाती है। मेरा घर 10th फ्लोर पर है। तिवारी जी और उनकी खूबसूरत बीबी नीना भी इसी फ्लोर पर रहते है। तिवारी जी के बारे में सब लोग तरह तरह की बाते करते है की नीना उसकी साली थी। तिवारी जी बहुत सेक्सी और चोदू टाइप के आदमी थे। अपनी बीबी का रोज काम लगाते थे पर साली को भी लाइन दिया करते थे। धीरे धीरे नीना उसने पट गयी और चुद गयी। उसके बाद तो जीजा साली में आये दिन ऐयाशी होने लगी। पहले तो तिवारी जी छुप छुपकर नीना से इश्क लड़ाते थे। फिर कोई न कोई बहाने से उसे घर ले आते। कभी पढ़ाने के बहाने से कभी उसकी नौकरी लगवाने के बहाने से। जब उनकी बीबी घर पर नही होती तो दोनों खूब चुदाई करते। खूब मजे लुटते। फिर एक दिन तिवारी जी की बीबी ने दोनों को रंगे हाथो पकड़ लिया।
उसके बाद दोनों ने खुले आम बगावत कर दी। तिवारी अपनी साली नीना को लेकर इस सोसायटी के फ्लैट में लेकर चले आये और अपनी बीबी को तलाक दे दिया। फिर जीजा साली ने शादी कर ली। पर धीरे धीरे नीना का असली चेहरा सामने आ गया। वो तिवारी से भी जादा चुदक्कड लड़की निकल गयी। तिवारी जी 40 साल के मर्द थे पर नीना अभी सिर्फ 22 साल की फूल जैसी थी। देखने में गोरी और मस्त माल थी। अभी अभी उसकी जवानी और जिस्म की खूबसूरती में निखार आना शुरू हुआ था। हमारी बिल्डिंग के कुछ जवान लड़के धीरे धीरे नीना को लाइन देने लगे और उसे पटाकर चोद भी डाला। उसके बाद तो सब जान गये की वो सिर्फ जवान मर्दों से चुदना चाहती है।

अक्सर मेरी और नीना की मुलाकत होने लगी। उसे नई नई नोवेल्स पढने का बड़ा शौक था। मेरी बिल्डिंग में सिर्फ मैं ही एक लड़का था जिसे नोवेल्स पढने का शौक था। कुछ दिनों में मेरी दोस्ती नीना से हो गयी। हम दोनों को लव स्टोरी वाली बुक्स पढना पसंद था। नीना मेरे घर आने लगी और कई कई घंटे मेरी लाइब्रेरी में बैठकर अपनी पसंद की नोवेल्स पढ़ती थी। धीरे धीरे हमारी हमारी किसिंग शुरू हो गयी। मैं उसे पकड़ लेता और होठो पर किस कर लेता। वो भी मेरा खूब साथ देती थी। हम दोनों सिर्फ लव स्टोरी की ही बाते करते थे। नीना का जिस्म सिर से पाँव तक भरा हुआ था।
“नीना !! तिवारी जी तुमको रात में खुश कर पाते है की नही??” एक दिन मैंने उससे पूछ लिया
“हाँ कर देते है। उनका स्टेमिना कमाल का है। एक साथ 3 -3 औरतो की चुदाई कर दे ऐसी पावर है” नीना गर्व से कहने लगी
मैंने उसे फिर से गालो पर किस कर लिया। उसके गाल बहुत चिकने थे
“तो मेरा कब नम्बर आएगा??” मैंने पूछा
वो हंसने लगी
“मेहनत करते रहो। एक न एक दिन फल जरुर मिलेगा” वो बोली
मैंने उसे बाँहों में लपेट लिया और होठो पर किस करने लगा। मुंह चला चलाकर उसके होठो को चूस गया। चबा चबाकर चूस गया। नीना गुलाबी साड़ी पहने थी। उसके साड़ी में मैंने हाथ घुसा दिया और ब्लाउस के उपर रख दिया। फिर दबाने लगा। ओह्ह गॉड!! 34” की भरे भरे दूध को छूकर करेंट लग गया। मैंने खूब सहलाया। मिसेज तिवारी (नीना) “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….”करने लगी। मैंने 5 मिनट तक खूब दबाया। उसके बाद फिर से हम दोनों किस करने लगे। इतने में तिवारी जी मेरे घर पर आ गये और “नीना नीना!!” कहकर बुलाने लगे। हम दोनों डर गये। नीना मुससे दूर हट गयी और जाने लगी।
“मिसेज तिवारी !! चूत कब दोगी??” मैंने पूछा
“रात के 1 बजे पार्किंग लॉट में मिलना!!” वो बोली और जल्दी से चली गयी
तिवारी जी उस पर शक भी करते थे। मुझे कभी नीना के बात करते देख लेते थे तो उनकी झांट सुलग जाती थी। नीना से मुझसे मिलने को मना करते थे। उनको इस बात का डर था की कही मैं उनकी बीबी को पटा कर चोद न दूँ। मेरी नजर सिर्फ घड़ी पर थी। तिवारी जी अपनी नई वाली बीबी को एक राउंड चोदकर घोड़े बेच कर सो गये। मैं रात के 1 बजने का इन्तजार करने लगा। किसी तरफ वक़्त कटा। फिर मैं लिफ्ट से पार्किंग लोट में आ गया। हमारी सोसायटी में सब तरह की अवैध चुदाई इसी पार्किंग लोट में होती थी। कई शरीफ लोगो की बीवियां दूसरे मर्दों से फंसी हुई थी और रात में आकर चुदवा लेती थी।

मैं भी पार्किंग लॉट में पहुच गया नीना का इंतजार करने लगा। कुछ देर बाद वो आ गयी। उसने तिवारी जी की बड़ी सी स्कोरपियो कार को चाबी लगाकर खोल दिया। हम दोनों कार में पीछे वाली सीट पर आ गए। फिर किस होने लगा। मैंने उसे बाहों में भर लिया और गाल, गले, और आँखों पर गरमा गर्म चुम्मा दे दिया। मिसेज तिवारी (नीना) ने भी मेरा खूब साथ निभाया। आप यह कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
“तिवारी जी जग तो नही रहे है???” मैंने परवाह करते हुए पूछा
“नही!! एक बार मेरी चूत मारकर जोर जोर से हांफने लगे। फिर नींद की गोली खाकर सो गये। कोई टेंशन की बात नही है गौरांग” मेरी बुलबुल नीना बोली
“लेट जाओ मिसेज तिवारी!! आज तुमको तिवारी से भी लम्बा डोज दूंगा। जिन्दगी भर याद करोगी” मैंने कहा
नीना लेट गयी। उसके ब्लाउस पर मैंने फिर से हाथ फेरना शुरू कर दिया। 22 साल की अभी कच्ची कली थी। सुडौल और कसे दूध थे उसके। मैं उपर से दबाने लगा। मेरी बेताबी देखकर वो खुद ही बटन खोलने लगी। ब्लाउस उतार दिया। फिर ब्रा भी खोल कर किनारे रख दी। मैंने अपनी शर्ट उतार दी। उसके कसे कसे बेहद गोल मम्मो को देखकर उसका दीवाना हो गया। अपनी शादी शुदा प्रेमिका के उपर ही लेट गया और प्यार करने लगा। उसके कबूतरों को मैंने अपने हाथ में ले लिया और हाथ से सहला सहलाकर दबाने लगा। नीना “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की सिसकियाँ लेने लगी। उसे भी अच्छा लग रहा था। आज कितने दिनों बाद उसके दूध के दर्शन हुए। इससे पहले तो सिर्फ ब्लाउस में देख देखकर मुठ मार लेता था। दोस्तों मेरी शादी नही हुई थी। इसलिए चूत का कोई जुगाड़ नही था। अब नीना मेरी जिन्दगी में ताजी हवा का झोंका बनकर आई थी।
मैं काफी देर तक उसके मम्मो को आटे की तरह मसला, फिर मुंह में लेकर चूसने लगा। उसके बूब्स बहुत ही सेक्सी थे। कितने नर्म, तने और चिकने थे। सफ़ेद चूचियों के निपल्स बहुत सेक्सी थे। काले काले सेक्सी गोले और भी शोभा बढ़ा रहे थे। मैं नीना की भरी मदमस्त छातियों को मुंह में लेकर चूसने लगा। वो कामवासना से “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” करने लगी।

“आई लव यू गौरांग!! आई लव यू!!” वो भी मेरे आगोश में आकर कहने लगी
मैंने उसके आमो को खूब चूसा। तबियत भरकर रस पीया। मुंह चला चलाकर किसी बच्चे की तरह रस पी गया। मिसेज तिवारी भी मुझ पर सेंटी हो गयी थी। दोस्तों एक शादी शुदा औरत को चोदने में कुछ जादा ही मजा आता है। मुझे भी कुछ ऐसा ही आनंद आ रहा था। मैं उसके निपल्स को दांत से काट लेता था। वो कराह जाती थी। उसे दर्द होता था। 15 मिनट तक एक छाती को चूस चूसकर सब रस मैं पी गया। अब दूसरी छाती पर हमला कर दिया। पहले तो खूब दबाया। फिर खूब चूस डाला। फिर हम दोनों कार के अंदर ही नंगे होने लगे। मैंने अपनी जींस खोल दी। अंडरवियर खुद ही उतार दिया। उधर नीना ने अपनी साड़ी खोली। फिर पेटीकोट का नारा खोला। उसे भी उतार दिया। फिर वो लेट गयी। अपनी साड़ी को मोड़कर उसने तकिया बना लिया और अपने सिर के नीचे लगा लिया।
“गौरांग बेबी!! फक मी हार्ड!!” वो रिक्वेस्ट करने लगी
“आई विल!!” मैंने कहा
उसके सफ़ेद गोरे पैरो को आज सहलाने का मौका मिला। उसकी जांघ भरी भरी काफी मांसल थी। सेक्स और चुदाई करने के लिहाज से नीना मस्त सामान थी। मैं वासना से भर गया और सफ़ेद भरी जांघो को किस करने लगा। हाथो से धीरे धीरे सहला रहा था। चुम्मा पर चुम्मा ले रहा था। उधर नीना तडप रही थी और “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” कर रही थी। मैं कई बार कामांध होकर उसकी जांघो पर दांत गड़ा दिए। उसने पैर खोल दिए। उसकी पेंटी पानी से डबडबा गयी थी। हम दोनों करीब 40 मिनट से चुम्मा चाटी कर रहे थे। तभी उसकी चूत का ऐसा हाल हो गया था। मैंने उसकी पेंटी को उपर से चाटने लगा। नीना बौखलाने लगी। फिर मैंने ही अपने हाथ से उसकी पेंटी उतारी और अपनी जींस की जेब में हिफाजत से रख दी। आप यह कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

उसके बाद मैं मिसेज तिवारी (नीना) की चूत पर आ गया। लेटकर उसका भोसड़ा पीने लगा। किसी प्यासे कामांध कुत्ते की तरह चट चट की आवाज निकालकर उसका भोसड़ा पिने लगा। उसके माल का स्वाद बहुत नमकीन स्वाद था। काफी अजीब था। मैं जल्दी जल्दी चाटने लगा। नीना नाक से गर्म गर्म साँसे छोड़ने लगी। खूब मजा लिया। अंत में मैंने अपने 6” लम्बे और 2.5” मोटे लंड को उसकी चूत पर रख दिया और अंदर की तरह धकेलने लगा। नीना “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” करने लगी। शायद उसे दर्द हो रहा था। धीरे धीरे उसकी गुलाबी और बड़ी सुंदर भोसड़ी खुलती जा रही थी।
“आह!! गौरांग!! तुम्हारा लंड तो कुछ जादा ही मोटा है। प्लीस इसे बाहर निकाल लो वरना मैं मर जाउंगी” नीना कराहकर बोलने लगी
मैं अंदर धक्का देता रहा और पूरा 5” लंड अंदर तक उसकी चूत में फिट कर दिया। फिर मैं धक्के देने लगा। शुरू शुरू में उसे खूब दर्द हुआ क्यूंकि मेरे लंड पर कोई चिकनाई नही थी। पर जैसे जैसे सम्भोग होने लगा, चुदाई होने लगी नीना की भोसड़ी का रस मेरे लंड की त्वचा पर अच्छे से लग गया। अब आराम से वो चुदने लगी। मुझे भी जादा मेहनत नही करनी पड रही थी। मैं धीरे धीरे अपनी रफ्तार पकड़ ली। अब बड़े आसानी से लंड उसकी चूत की गुफा में फिसलने लगा।

मुझे नीना के चेहरा देखकर प्यार हो गया। वो मेरी आँखों में ही देख रही थी। मैंने उसे पेलते पेलते ही बाहों में भर लिया। उसके होठो को फिर से किस करने लगा। वो भी चूसने लगे। हम दोनों गरमा गर्म चुम्बन करते करते चुदाई में डूब गये। कुछ देर में वो खुलकर चुदवाने लगी। हम दोनों दो जिस्म एक आत्मा बन गये। हम दोनों को बड़ा सुख नसीब हो रहा था। आप यह कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
“फक मी हार्ड गौरांग!! फक माई पुसी!!” वो कहने लगी
अब मुझे और जादा जोश आ गया। मैंने अपने हाथ उसके खूबसूरत कंधो पर रख दिए और पूरी ताकत लगाकत उसकी चुद्दी फाड़ने लगा। नीना की चुद्दी से फट फट की तेज आवाज आने लगी जैसे किसी को कितने चांटे पड़ रहे हो। उसकी दोनों दूध की निपल्स अब खड़ी होकर टनटना गयी। मैं कामुकता में आकर उसकी निपल्स को अपनी उँगलियों से गोल गोल मरोड़ने लगा। ऐसा करने से नीना की गांड फट गयी। वो “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” करने लगी। मुझे रोकने लगी। मैंने मैंने उसकी एक नही सुनी। उसकी दोनों निपल्स को अपनी उँगलियों से मरोड़ मरोड़ कर मसल दिया। फिर तेज धक्के देते देते मैं चूत में ही झड़ गया। अब दोनों सेक्स करने में हांफ गये। नीना मुझे तिवारी जी की तरह प्यार करने लगी। चुदाई खत्म होने के बाद हम दोनों कार से निकले। नीना ने मेरे वीर्य को अपने ब्लाउस से साफ़ कर दिया। दोनों पार्किंग लॉट से चुप चाप लिफ्ट से उपर चले आए। वो अपने फ़्लैट में घुस गयी। तिवारी जी अभी भी गहरी नींद में सो रहे थे।

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