आप सब ने मेरी पहली कहानी पढ़ी होगी…
अगले दिन हम दोनों मुंबई घूमने गए और बहुत मस्ती की, हम दोनों बहुत खुश थे…
रात 7 बजे हम होटल वापस आ गए, फिर हमने फ्रेश होकर खाना खाया। खाना खाने के बाद पूजा अपने कपड़े बदलने बाथरूम में चली गई।
पूजा कपड़े बदल के वापस आई तो ग़ज़ब की दिख रही थी…
ख़ास तौर से उसकी गाण्ड क्या ग़ज़ब लग रही थी, बता नहीं सकता हूँ…
मुझसे रहा ना गया और मैंने पीछे से पूजा को पकड़ा और उसकी गर्दन पर किस करना शुरू किया, पूजा भी तुरंत गरम होने लगी।
फिर अब मैं उसके होंठों को अपने होंठ से चूमने लगा। पूजा भी मेरा साथ देने लगी।
अब मैंने पूजा के सारे कपड़े उतारना शुरू किया। एक-एक करके मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए।
पूजा की चूत पूरी गीली थी, मैंने तुरंत पूजा की चूत को चाटना शुरू किया, पूजा के मुँह से आह… अह्ह्ह्ह… की आवाज़ आने लगीं।
अब हम दोनों 69 की पोज़िशन में हो गए, अब तक पूजा दो बार झड़ चुकी थी।
कुछ देर में हम दोनों अलग हो गए, और मैंने पूजा से कहा – मैं आज तुम्हारी गाण्ड को चोदूंगा…
पूजा मना करने लगी और कहने लगी – मैं गाण्ड नहीं चुदवाऊँगी, बहुत दर्द होगा…
मैंने पूजा को समझाया कि मैं आराम से करूँगा, बहुत कहने के बाद पूजा मानी और मैंने तुरंत पूजा को डौगी पोज़ मैं किया…
थोड़ा सा थूक उसकी गाण्ड के छेद पर लगाया और थोड़ा अपनी उंगली पर, फिर उसकी गाण्ड को उंगली से पेलना शुरू किया।
मैंने उंगली से उसकी गाण्ड को साफ किया…
फिर मैंने उसकी गाण्ड पर तोड़ा सा तेल लगाया, थोड़ा उसके छेद के अन्दर डाला और थोड़ा छेद के बगल में। फिर, थोड़ा सा तेल अपने लण्ड पर भी लगाया…
अब मैंने अपने लण्ड को गाण्ड के छेद पर लगाया और थोड़ा धक्का दिया। लण्ड दो इंच अंदर गया और पूजा ज़ोर से चिल्लाई…
मैंने पूजा के मुँह पर तुरंत हाथ रख दिया, वरना आवाज़ बाहर चली जाती।
पूजा कहने लगी – निकालो प्लीज़, पर मैं कहाँ मानने वाला था… जब मैंने देखा कि पूजा का दर्द कम हो गया तो एक और जोर से धक्का लगया।
इस बार पूजा की चीख पूरे रूम मैं गूँज गई, पूजा एकदम से पेट के बल बिस्तर पर गिर गई और ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी…
मैं कुछ देर तक उसके ऊपर लेटा रहा, जब देखा पूजा का दर्द कम हो गया तो मैंने आगे-पीछे करना शुरू कर दिया, अब पूजा का दर्द कम हो गया था और उसको भी मज़ा आने लगा था…
वो भी गाण्ड उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी और उसके मुँह से आ आ आ आ आ आ की आवाज़ें आने लगी थी।
कुछ देर में पूजा कहने लगी – मैं झडने वाली हूँ… मैंने यह सुन कर अपनी स्पीड तेज़ कर दी और पूजा के मुँह से आवाज़ आने लगी – ज़ोर से… हाँ… हाँ… हाँ… और फिर मैंने अपनी पिचकारी पूजा की गाण्ड के अन्दर छोड़ दी।
पूजा भी अब तक झड चुकी थी, 5 मिनट तक मैं पूजा के ऊपर ऐसे ही लेटा रहा…
फिर मैंने उठा कर देखा कि पूजा की गाण्ड से खून निकल रहा था और चादर पर भी खून के धब्बे लगे हुए हैं…
पूजा ने देखा और मुझसे कहा – आपने मेरी गाण्ड की भी सील तोड़ दी…
फिर मैंने पूजा को गोद मैं उठाया और बाथरूम जा कर उसको नेहलाया…
हम वहाँ 7 दिन रहे, दिन भर घूमते और रात को सेक्स का मज़ा लेते…