हेलो दोस्तों, कैसे है आप? मेरा नाम राजू है और मैं आज फिर से आपके सामने अपनी एक सेक्सी कहानी लेकर आया हु. पिछली बार, मैंने आपको बताया था, कि किस तरह मैंने मेनगेट के दरवाजे के कीहोल से अपने साहब रजत और मेमसाहिब अंजली की चुदाई का पूरा प्रोग्राम देखा था. मैं उस दिन के बाद से मेमसाहब के जिस्म के लिए पगला गया था और मन ही मन में उनको चोदने के बारे में ठान चूका था. आज मैं आपको बता रहा हु, कि किस तरह से मैं मेमसाहब के नशे की बेहोशी का फायदा उठाया और उनकी मस्त चुदाई की.

बात उस समय की है, जब रजत साहब को कुछ दिनों के लिए बाहर जाना था और मेमसाहब घर पर अकेले थी. सर्दी का मौसम था, तो वो रात में अक्सर ड्रिंक कर लेती थी. कभी – कभी तो इतनी ज्यादा हो जाती थी, कि या तो वहीँ सो जाती थी या लड़खड़ाते हुए और गिरते पड़ते अपने रूम में पहुच जाती थी. उस रात भी कुछ ऐसा ही हुआ. वो बहुत ज्यादा नशे में थी और उनके कपड़े भी अस्तव्यस्त हो चुके थे और बहुत ज्यादा नशे में धुत्त होकर साहब को गालिया देने लगी थी. शायद उस दिन उनकी चूत में कुछ ज्यादा ही आग लगी होगी.

घर में केवल वो और मैं ही थे. रात के कोई ११ बज रहे होंगे और वो धुत्त नशे में सोफे पर से उठी और वहीँ गिर पड़ी और फिर उठी, तो उनकी साड़ी सोफे के पैर में फस गयी और वो एकदम से आगे बड़ी, तो उनकी साड़ी एकदम से खुल गयी. वो एकदम से ब्लाउज और पेटीकोट में आ गयी. मैंने ये सब किचन के दरवाजे से खड़े होकर देख रहा था. फिर वो एकदम खड़ी हुई और जैसे ही आगे चलने को हुई, तो वो गिरने ही वाली थी कि मैंने भाग कर उनको संभाल लिया और मेरे हाथ उनके बूब्स पर आ गये.

जिस तरह से वो मेरे हाथो में गिरी. उनके बूब्स कदम परफेक्ट मेरे हाथो में थे और एकदम से मैं दबा दिया. फिर उन्होंने मुझे देखा और बेहोश सी होने लगी. फिर मैंने उनको अपनी गोद में उठाया और उनके बेडरूम में ले गया. जेसे ही मैंने उनको बेड पर लिटाया, तो उनका पेटीकोट ऊपर घुटनों तक हो गया. बाप रे… क्या मस्त और कामुक टाँगे थी.. ओगोगूऊओह्ह्ह.. मेरा तो लंड एकदम से उनकी गोरी चिकनी टाँगे देख कर ही खड़ा हो गया.

मैंने मन ही मन में मौका फायदा उठाने का सोचा और फिर उनके पास आकर बैठ गया और उनको पेरो के पास अपनी नाक लाकर उसके जिस्म की खुशबु को महसूस करने लगा. क्या मदमस्त और मीठी खुशबु थी. मैं तो जैसे पगला ही गया था. फिर मैंने एकदम से उनके पेटीकोट को और ऊपर तक सरका दिया और उनकी मोटी भरी हुई गोल, गोरी और चिकनी जांघे देख कर मेरे लंड ने अपना आपा खो दिया और मेरी जीन्स में बाहर फुदकने को बेताब था.

मैंने अपनी जीन्स उतारी और अंडरवियर को भी उतार कर अपने लंड को खुली हवा का अहसास करवाया. फिर मैंने उनके पेटीकोट को पूरा ऊपर कमर तक कर दिया और मुझे उनकी गुलाबी चूत दिखाई देने लगी थी… वाह… क्या मस्त गरम चूत थी… एकदम गरम और गुलाबी… मैंने आव ना देखा ताव और एकदम से अपनी जीभ उनकी चूत पर रख दी. उनकी चूत एकदम गीली और मेरे जीभ को उनकी चूत पर लगाते ही वो हलकी तड़प उठी.

मैंने उनको टांगो को खीच कर अपने मुह से पास कर दिया और उनकी टांगो को कस कर जकड लिया. जैसे – कैसे मैं उनकी चूत को दबा रहा था.. उनके मुह से सिस्कारिया निकलने लगी थी. वो मस्ती में झुमने लगी. लेकिन, नशे के कारण उनको पता नहीं चल रहा था, कि उनको मैं मस्ती में चोदने वाला हु. फिर मैंने उनकी चूत को मस्ती में खूब चूसा और उनका पानी निकाल दिया. वो अपनी गांड को इधर – उधर हिला रही थी और जैसे ही पानी निकलने वाला था.. उन्होंने चादर को पकड़ लिया.

अब मेरा लंड भी पुरे उफान पर था और मैंने अपने लंड को उनकी चूत के मुह पर लगाया और उसको गोल – गोल घुमा कर रगड़ने लगा. उनके मुह कामुक सिसकिया निकल रही थी अहहह्हा अहहाह अहहहः आआअ ऊओअओअओ ओहोहोहोहोह और उनके सांसे बहुत गरम और तेज थी. मैंने उनकी सासों की आवाज़ को सुन पा रहा था और हवा में उनकी सासों की गरमाहट को महसूस कर सकता था. अब मुझसे और नहीं रुका गया और मैंने एक जोर का झटका मारा और मेरा लंड पूरा का पूरा उनकी चूत के अन्दर था.

मैंने धीरे – धीरे झटके लगा कर अपने लंड को पूरा का पूरा अन्दर तक ठेल दिया और मस्ती में जोर के धक्के लगा रहा था. उनके मुह से भी कामुक सिस्कारिया निकलने लगी थी और वो धीरे – धीरे अपनी गांड भी चला रही थी. मैंने लगभग ५ से १० मिनट तक धक्के लगाये होंगे, कि मेमसाहब का शरीर हिलना शुरू हो गया और उन्होंने मेरे लंड को अपने टांगो के बीच में जकड लिया और पूरा दबा दिया और फिर एक झटके में छोड़ दिया.

उसका रस निकल चूका था और उसका शरीर भी ढीला हो चूका था. अब मैंने और भी जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए और अपने लंड को जोर – जोर से उनकी चूत के अन्दर घिसने लगा और फिर एक जोरदार पिचकारी के साथ, मैंने अपना सारा का सारा माल, उनकी चूत में छोड़ दिया. फिर मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और उनके शरीर पर रगड़ने लगा और अपना पूरा का पूरा माल उनके बदन से पौछ दिया.

फिर, मैं वहीं नीचे जमीन पर सो गया. जब मेरी आँख खुली, तो देखा कि मेमसाहब बिलकुल नंगी पड़ी है और उन्होंने सारे कपड़े उतार दिए है. मुझे एक बार फिर से जोश आ गया और मैंने फिर से अपने लंड को उनकी चूत से टिका दिया और करीब २० मिनट तक उनको पेला. उनकी चूत लाल होकर सूज गयी थी और फुल गयी थी. उन्होंने मेरे लंड के अन्दर रहते – रहते पेशाब भी कर दिया था वहीँ बिस्तर पर. फिर उन्होंने अपना माल छोड़ दिया और मैंने भी एक बार फिर से अपना माल उनकी चूत में छोड़ दिया.

जब मेमसाहब सुबह उठी. तो उन्होंने सारा माजरा समझ आया. लेकिन उन्होंने मुझे कुछ भी नहीं कहा और मैंने मैंने उनसे कुछ कहा. उनको चोदने का मौका मुझे फिर नहीं मिल पाया. लेकिन मैं उनको आज भी चोदने की फ़िराक में रहता हु.

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