मेरा देवर अंधेरे में ही, मेरे दोनों बब्स को चूस रहा था,? मेरा देवर अंधेरे में ही, मेरे दोनों बब्स को चूस रहा था, और मेरी चूत से खेल भी रहा था उसके लंड का अहसास मुझको अपनी चूत के पास हो रहा था उस नाईट मेरी साडी तम्मना पूरी हो गयी और मेरी चूत से खेल भी रहा था उसके लंड का अहसास मुझको अपनी चूत के पास हो रहा था उस नाईट मेरी साडी तम्मना पूरी हो गयी

हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम सीमा है और मेरा ससुराल धौलपुर में है, लेकिन मेरे पति भरतपुर में काम करते है तो हम लोग भरतपुर में ही रहते है. दोस्तो, मैं आज पहली बार किसी सेक्सी कहानियों की वेबसाइट पर कुछ लिख रही हूँ. मैंने यहाँ पर बहुत सी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है. जिनको पढ़कर मुझे भी एक कहानी लिखने की इच्छा हुई. दोस्तो, आज जो कहानी मैं यहाँ लिख रही हूँ. वह केवल एक कहानी ही नहीं है, यह मेरे जीवन में मेरे साथ हुई एक सच्ची घटना है. जिसको कुछ लोग शायद झूँठ भी समझ लेंगे या कुछ लोग समझेंगे कि, मैंने इस कहानी की कहीं से नकल करी है लेकिन, आप मेरा यकीन मानो कि, यह मेरे जीवन की 100% सच्ची घटना है. दोस्तों कामलीला डॉट कॉम पर यह मेरी पहली सेक्स कहानी है, और अगर इसमें मुझसे कोई ग़लती हो जाए, तो मुझे माफ़ कर देना।

हाँ तो अब मैं अपनी कहानी पर आती हूँ। दोस्तों ये मजेदार सेक्स कहानी आप कामलीला डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

दोस्तो, मेरे देवर ने ज़रूर मेरी चुदाई कर डाली लेकिन, वह मेरे घर की बात है. मेरी उम्र 28 साल की है और मैं एक साधारण फिगर की औरत हूँ. मेरे बब्स बहुत बड़े तो नहीं है, पर हाँ इतने मस्त ज़रूर है कि, मेरे देवर जी उनको मसलकर बहुत खुश हो जाते है. मेरे देवर की उम्र 24 साल की है और वह धौलपुर में ही रहता है. लेकिन वह जब भी मेरे घर पर आता है. तो वह मेरे साथ छेड़खानी करता रहता है. दोस्तों मेरे देवर के साथ मेरी यह चुदाई की घटना तब हुई, जब मैं एक शादी में शामिल होने के लिए धौलपुर गई हुई थी. शादी के दो दिनों के बाद ही मेरे पति तो घर वापस लौट आए थे लेकिन मैं वहीं पर कुछ दिनों के लिए रुक गई थी. और तभी अचानक, एक दिन मेरी सास और ससुर को किसी ज़रूरी काम से शहर के बाहर जाना पड़ा और शाम को उन्होनें फोन करके कह दिया कि, वो लोग आज रात को वापस नहीं आ पाएँगे. और फिर उस दिन हम सभी (मेरा मतलब है, मैं मेरे देवर और उनकी पत्नी) एक ही कमरे में सोए हुए थे।

एक पलंग पर तो मेरी देवरानी, उनकी बेटी और मैं और मेरे देवर जी दूसरे पलंग पर सोए हुए थे. हम सभी सो रहे थे कि, अचानक से मुझे अपने पैरों पर कुछ हरकत सी महसूस हुई और फिर जब मैंने आँखे खोली तो देखा कि, कमरे में पूरा अंधेरा था (देवर जी ने पूरे कमरे की लाइटें बंद कर दी थी). और मुझे कुछ दिख तो नहीं रहा था. बस अपने पैरों पर कुछ हरकत सी होती हुई महसूस हो रही थी. और फिर मैं सब समझ गई थी कि, ज़रूर हो ना हो यह मेरे देवर जी ही है. और फिर वह धीरे–धीरे मेरी साड़ी को ऊपर की तरफ उठा रहे थे और मैं उनके हाथों को छुड़ाने के लिए अपनी पूरी ताक़त लगा रही थी. लेकिन, वह छोड़ना ही नहीं चाह रहे थे. और मैं चीख भी नहीं सकती थी. क्योंकि मुझको मेरी देवरानी के उठ जाने का भी ख़तरा था. क्योंकि अगर वह उठ जाती, तो देवर जी के साथ-साथ मैं भी बदनाम हो जाती। और फिर मैं तो बस किसी भी तरह से अपने आप को उनसे छुड़ा लेना चाहती थी. लेकिन वह भी अपनी पूरी ताक़त से मेरी साड़ी को ऊपर की तरफ़ सरकाए जा रहे थे. और फिर उनका एक हाथ धीरे–धीरे मेरी जाँघों तक पहुँच गया था. और फिर वह मेरी जाँघों को हल्के–हल्के से दबा रहे थे. और इससे मुझको भी मज़ा तो आ रहा था, लेकिन डर भी लग रहा था. उनका एक हाथ मेरी जाँघ पर था और वह अपने दूसरे हाथ से मेरे पेट को सहला रहे थे. और फिर उनके हाथ धीरे–धीरे मेरे बब्स की तरफ बढ़ने लगे थे. लेकिन इसबार मैंने उनका हाथ नहीं पकड़ा था और उनका हाथ मेरे बब्स तक पहुँच गया था. जिससे मैं उत्तेजित तो होने लगी थी, लेकिन डर के मारे काँप भी रही थी. और फिर वह मेरे बब्स को हल्के–हल्के से सहला रहे थे. कि, तभी मेरी देवरानी उठ गई थी और फिर वह हड़बड़ाकर अपने बेड पर चले गये थे. और तब मैंने चेन की सांस ली थी, उस समय मेरे दिल की धड़कनें बहुत तेज हो चुकी थी. और फिर मैंने तुरन्त ही अपने बच्चे को मेरी जगह पर सुला दिया और मैं खुद उसकी जगह पर सो गई थी. लेकिन, फिर कुछ देर के बाद मेरा देवर फिर से मेरे पास आ गया था और उसने मेरे बच्चे को उठाकर अपने पलंग पर सुला दिया था और फिर वह खुद मेरे पलंग पर मेरे पास आकर लेट गया था. और फिर मैंने डरते हुए, धीरे से फुसफुसा कर उसको कहा कि, प्लीज़ ऐसा मत करो, मुझको बहुत डर लग रहा है. लेकिन उसने मेरी बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया और वह तो बस मेरे बब्स को मेरे ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लग गया था. और फिर उसने मेरे ब्लाउज के हुक को खोल दिया था. और उस समय मेरी हालत यह थी कि, मैं चीख भी नहीं पा रही थी, और ना ही खुलकर मज़े ले पा रही थी।

और फिर मेरे ब्लाउज के हुक के खुलते ही, मेरे दोनों नंगे बब्स को उसने बड़े ही प्यार से मसलना शुरू कर दिया था. और फिर धीरे–धीरे उसका हाथ मेरे पेट से होते हुए मेरे पैरों तक गया. और फिर वह मेरी साड़ी को ऊपर की तरफ खींचने लग गया था. और फिर मैंने उसके हाथ का अहसास अपनी चूत पर किया. दोस्तों मैं रात को सोते समय ब्रा-पैन्टी नहीं पहनती हूँ, इसलिए बड़ी आसानी से मेरी नंगी चूत उसके हाथ लग गई थी. और फिर वह धीरे–धीरे मेरी नंगी चूत को सहलाने लग गया था. दोस्तों मेरी चूत तो पहले ही पानी–पानी हो चुकी थी, और उसका हाथ लगते ही वह शरमाकर सिकुड़ भी गई थी. और फिर उसने अचानक से मेरी चूत को सहलाते–सहलाते अपनी दो ऊँगलियाँ मेरी चूत में डाल दी थी. और मेरे मुहँ से अब दबी-दबी सी सिसकारियाँ निकलने लग गई थी. और मैं उनको दबाने की पूरी कोशिश कर रही थी. लेकिन मेरी सिसकियाँ रुक ही नहीं पा रही थी. और उसने अभी भी अपना एक हाथ मेरे बब्स को मसलने में लगाया हुआ था, और वह अपने दूसरे हाथ से मेरी चूत को सहला रहा था. और तभी अचानक से उसने अपना मुहँ मेरे बब्स पर लगा दिया था. और फिर वह मेरे बब्स को चूसने लग गया था. और फिर तो मुझको भी बहुत मज़ा आने लग गया था, और मुझे उस मज़े के साथ एक अलग ही मज़ा भी मज़ा भी आ रहा था।

मेरा देवर अंधेरे में ही, मेरे दोनों बब्स को चूस रहा था, और मेरी चूत से खेल भी रहा था. और तभी अचानक से मैंने महसूस किया कि, उसने अपनी पेन्ट उतार दी है, और उसके लंड का अहसास मुझको अपनी चूत के पास हो रहा था. और फिर उसने अपने दोनों हाठों को मेरे पैरों के पास ले जाकर मेरे पैरों को सहलाते हुए उनको फैला दिया था. और फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत के मुहँ पर सटा दिया था. और फिर अचानक से हुए उस हमले से मैं बहुत डर गई थी. और फिर मुझको नहीं मालूम था कि, अब मैं अपने मुहँ से निकलने वाली चीख को कैसे रोकूंगी. लेकिन दोस्तों मेरा देवर तो पूरा पक्का खिलाड़ी था। और फिर उसने मुझसे कहा कि मेरे बेड पर चलते है यहाँ पर तो हमारी चुदाई से यह बेड हिलेगा तो मीना (मेरे देवर की बीवी) जाग जाएगी. और फिर हम दोनों उठकर उसके बेड पर आ गए थे, और उसने मेरे बच्चे को फिर से मेरे बेड पर सुला दिया था. और फिर वह मेरे पास आकर धीरे–धीरे अपने लंड को मेरी चूत में डालने लगा था. और उस समय मुझको भी बहुत ही मज़ा आ रहा था।

और फिर मेरे देवर जी ने धीरे–धीरे मुझको चोदना जारी रखा और मैं भी उस समय बहुत खुश हो रही थी. और फिर मैंने उनको अपनी बाहों में कसकर जकड़ रखा था. और फिर वह ऐसे ही धीरे–धीरे करीब 30 मिनट तक मुझे लगातार चोद रहा था. और मैं उन 30 मिनट में दो बार झड़ चुकी थी. और फिर तभी अचानक से उसने मुझे बहुत मजबूती से पकड़ लिया और फिर उसका शरीर मुझको ज़ोर–ज़ोर से झटके मारने लगा और फिर 5-7 मिनट के बाद उसके झटके धीरे हो गए थे और फिर उसने अपना सारा माल मेरी चूत में ही डाल दिया था. और फिर वह मेरे ऊपर ही निढाल होकर गिर गया था. और फिर कुछ देर के बाद, मैंने उसको अपने  ऊपर से उठाया और फिर मैं उठकर अपने बेड पर आ गई थी।

और फिर वह भी चुपचाप अपने बिस्तर पर सो गया था. और मुझको मेरी उस चुदाई में बड़ा मज़ा आया था, लेकिन ज़्यादा अंधेरा होने के कारण और मेरी देवरानी के पास में होने के कारण जो असली मज़ा मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल पाया था. मैं उससे एकबार और भी चुदवाना चाहती थी लेकिन, मुझको उस रात वह मौका ही नहीं मिल पा रहा था. और फिर अगले दिन, मेरे सास और ससुर जी वापस आ गये थे. फिर तो चुदाई का मौका मिलने का सवाल ही नहीं उठता था. और फिर दूसरे दिन मैंने मेरे देवर जी से पूछा कि, आपने कल रात मेरे साथ ऐसा क्यों किया? तो फिर उन्होनें मुझसे कहा कि, आप मुझको पहले से ही बहुत अच्छी लगती हो, और मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ. और फिर मैंने भी उससे कहा कि, कल रात को तुमने मुझे जो शारीरिक सुख दिया है, उसके बाद से तो मुझको भी तुमसे प्यार हो गया है।

और फिर कुछ दिनों के बाद मैं वापस भरतपुर आ गई थी. और फिर तो मेरे देवर जी से मेरी रोज़ ही फोन बात होने लगी थी. और फिर एक दिन मेरा देवर भी भरतपुर आ गया था, क्योंकि मेरे पति ने उसको कहीं काम दिलवाने के लिए यहाँ बुलवाया था. और मेरे पति के काम पर चले जाने के बाद दिन में भी हम दोनों अकेले में साथ ही सोते थे. दिन में तो वह मेरे पीछे पड़ा रहता था, और रात में पति. मेरे पति के होते हुए भी मैंने मौका निकालकर उससे अपने आप को कई बार चुदवाया और उसको भी मज़ा दिया और खुद ने भी मजा लिया था। भरतपुर में उसका काम नहीं हो पाया तो वह 15 दीन बाद ही वापस चला गया था. और उन 15 दिनों में हम दोनों ने चुदाई की सारी हदें पार कर दी थी हम दोनों ने हर तरह से चुदाई करी थी।

और फिर तो अब वह जब भी भरतपुर आता है तो, वह मेरी जमकर चुदाई करता है. दोस्तों मुझे उसकी चुदाई में बहुत मज़ा आता है, क्योंकि वह मेरे पति से बहुत अच्छी चुदाई करता है. और मेरी चूत की आग को ठंडा भी कर देता है, और मुझको पूरी तरह से सन्तुष्ट भी कर देता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

|