हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मेरी इस साईट पर ये पहली सेक्स कहानी है, मैंने इस साईट पर पहले बहुत सारी स्टोरी पढ़ी है, लेकिन में यहाँ पहली बार अपनी स्टोरी लिख रहा हूँ। मेरा नाम राहुल है, मेरी हाईट 5 फुट 6 इंच है, उम्र 19 साल है, में दिखने में गोरा हूँ और मेरा लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है। मुझे अलग-अलग औरतों के साथ सेक्स करने में बहुत मज़ा आता है, खास कर कि जो मुझसे उम्र में बड़ी हो।

 

मेरी ये कहानी एक साल पहले की है, जब में 12 वीं क्लास के बाद इंजिनियरिंग की काउन्सलिंग करने के लिए दिल्ली गया था, वहाँ पर में अपने मामा के घर रुका था। मेरे मामा अपनी पत्नी के साथ एक अपार्टमेंट में रहते थे, उस अपार्टमेंट में मेरी मामी की एक बहुत अच्छी दोस्त थी, उनका नाम अनन्या था, वो दिखने में एकदम गोरी है और उनकी उम्र 33 साल थी और वो शादीशुदा थी। उनके पति एक कंपनी में काम करते है। उनके बूब्स का साईज 34 और गांड का 38 था। मैंने जब उन्हें पहली बार देखा तो मेरा लंड एकदम टाईट हो गया और उनको चोदने के लिए बाहर आने को छटपटाने लगा। अब मैंने उन्हें चोदने का उस टाईम मन बना लिया था, जब वो मेरी मामी से मिलने आई, तो में उनके पास जा कर बैठ गया और उनसे काफ़ी बातें करने लगा। उस रात मैंने उनके नाम की 2 बार मुठ मारी थी।
अब आंटी ने कुछ टाईम के लिए जॉब छोड़ दी थी तो उनके पति के ऑफिस चल जाने के बाद वो घर पर अकेली रहती थी। अब आंटी से मिलने के बाद में अगले दिन उनके पति का इंतज़ार कर रहा था कि कब वो ऑफिस जायेंगे? और जैसे ही मैंने उनके पति को ऑफीस के लिए निकलता हुआ देखा तो में उनके घर जाने के लिए झट से तैयार हो गया। मेरे मामा और मामी दोनों जॉब करते है इसलिए में घर पर अकेले बोर हो रहा था और ये बहाना आंटी को बोलकर में उनके घर आ गया। आंटी बहुत ही अच्छी थी। फिर उन्होंने मुझे अंदर बुलाया और कुछ खाने को दिया। फिर हम दोनों बातें करने लगे, उनके घर में बेसिन के नीचे एक रोड लगा था जिससे मेरा थोड़ा सा पैर कट गया था। फिर आंटी ने मेरे पैर पर पट्टी बाँध दी और फिर वो मुझे टिटनेस का इंजेक्शन लगाने के लिए हॉस्पिटल ले गयी। अब हॉस्पिटल में नर्स मेरे कूल्हों पर इंजेक्शन लगाने जा रही थी, तो ये देखकर आंटी वहाँ से जाने लगी। फिर मैंने आंटी को रोक लिया और बहाना बना दिया कि मुझे इंजेक्शन से डर लगता है, अब इंजेक्शन लगते टाईम मैंने आंटी का हाथ पकड़ लिया।

 

फिर इंजेक्शन लगने के बाद नर्स ने मुझे कॉटन से अपने कूल्हों को सहलाने को कहा तो में जानबूझ कर इस तरह सहला रहा था कि आंटी को लगे कि मुझे सहलाने में प्रोब्लम हो रही है। अब ये देखकर आंटी मुझसे कॉटन ले कर खुद सहलाने लगी। अब उनका हाथ जब मेरे कूल्हों पर लगा तो मुझे ऐसा लगा कि में जन्नत की सैर कर रहा हूँ। अब मेरा लंड खड़ा हो गया था और मुझे तो बस उन्हें चोदने का मन कर रहा था, लेकिन किसी तरह से मैंने कंट्रोल किया। फिर मैंने हॉस्पिटल में ही एक बार मुठ मारा और उसके बाद हम वापस आ गये। अब में आंटी को थैंक यू बोलकर वापस घर आ गया और रात में 3 बार उनके नाम की मुठ मारी। फिर में हमेशा उनके पति के जाने के बाद उनके घर उनसे बातें करने चला जाता था। अब में उनके काफ़ी नजदीक आने की कोशिश करता था, में हमेशा उनके साथ सेल्फी लेता था, तो कभी उनकी कमर पर हाथ रखकर, तो कभी कंधो से हाथ नीचे करके उनके बूब्स को टच करने की कोशिश करता था, लेकिन आंटी इन सब बातों पर कभी ध्यान नहीं दिया करती थी। में हमेशा ये सब करने के बाद घर जाकर उनके नाम की मुठ मारता था।

फिर एक दिन मेरी किस्मत खुली और आख़िरकार मुझे आंटी को चोदने का मौका मिल ही गया। फिर में आंटी के घर गया, उस दिन उनके घर का दरवाज़ा खुला था और आंटी ड्रॉयग रूम में नहीं थी, तो में सीधा उनके बेडरूम में चला गया, तो मैंने देखा कि वो सीढ़ियों पर चढ़ कर रूम साफ कर रही थी, वो जब शॉर्ट्स और टाईट छोटी सी टॉप पहने हुई थी, जिससे उनकी थोड़ी सी पीठ दिख रही थी। अब मेरा लंड खड़ा हो गया था और अब मेरा मन किया कि अभी आंटी को नीचे ऊतार कर बस चोद दूँ। उन्होंने मुझे नहीं देखा था तो सफाई करते-करते उनका बैलेन्स बिगड़ कर गया और वो गिर गयी। फिर में जल्दी से आंटी के पास गया और उन्हें अपनी गोद में उठाया और उन्हें बेड पर लेटा दिया, उनकी पीठ पर थोड़ी चोट लग गयी थी। फिर मैंने कहा कि लाओ में आपकी पीठ पर बाम लगा दूँ, लेकिन वो मना करने लगी, लेकिन मैंने जब ज़िद की तो वो मान गयी।

फिर मैंने उनका टॉप इतना ऊपर कर दिया था कि अब मुझे उनकी लाल कलर की ब्रा दिख रही थी, कहाँ पर चोट लगी है? ये पूछने के बहाने में उनकी पूरी पीठ पर अपना हाथ फैर रहा था। अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था और अब बाम लगाते लगाते में अपनी कोहनी से उनके बूब्स टच कर रहा था और अब में ब्रा के ऊपर नीचे अपना हाथ फैरने लगा। उसके बाद हिम्मत करके मैंने उनकी ब्रा के हुक खोल दिए, ये देखकर वो गुस्सा हो गयी और बोलने लगी कि ये क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि आंटी ब्रा की वजह से थोड़ी प्रोब्लम हो रही थी इसलिए मैंने हुक खोल दिया। फिर उन्होंने कहा कि में बच्ची नहीं हूँ कि तुम जो बोलोगे वो में मान लूँगी। तब मैंने कहा कि बच्चा तो में भी नहीं हूँ और ये कह कर उनकी ब्रा हटाकर फेंक दी।

 

फिर जब वो पीछे मुड़ी तो उनके बड़े-बड़े बूब्स को देखकर में तो पागल सा ही हो गया था। अब में उसके बूब्स से खेलने जा ही रहा था कि तो उन्होंने मुझे रोका और बोली कि में शादीशुदा हूँ। में तुम्हारे साथ ये सब नहीं कर सकती। फिर मैंने कहा कि आप जिंदगी भर अपनी चूत में सिर्फ़ एक लंड से कैसे मज़ा ले सकती है? और फिर उन्हें समझाने लगा। फिर में उन्हें किस करने के लिए आगे बढ़ा तो उन्होंने मुझे रोका नहीं, लेकिन उन्होंने मेरे किस का जवाब भी नहीं दिया। फिर मैंने उनसे कहा कि अगर आप अपने दिमाग और दिल के लिए अगर कुछ अपने पति से छुपकर करती है तो आप कुछ ग़लत नहीं कर रही है। ये बोलकर में फिर उन्हें किस करने लगा और इस बार उन्होंने थोड़ी देर तक कुछ नहीं किया, लेकिन फिर वो भी मेरा साथ देने लगी। अब में बहुत खुश हो गया और पूरे जोश में आ गया, फिर मैंने उनका टॉप निकालकर और शॉर्ट्स निकालकर फेंक दिया। अब वो सिर्फ़ अपनी पेंटी में मेरे सामने बैठी थी। दोस्तों ये कहानी आप चोदकाम डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर मैंने भी अपनी टी-शर्ट और हाफ पेंट निकालकर फेंक दी और फिर उनकी पेंटी भी निकालकर फेंक दी। अब पेंटी खोलते ही में हैरान हो गया, उनकी चूत पूरी गीली थी और उस पर एक भी बाल नहीं था, मैंने पहली बार किसी औरत को अपनी आँखों के सामने नंगा देखा था। फिर में पागलों की तरह उन्हें किस करने लगा और उनके बूब्स दबाने लगा। अब में उनके निपल्स को अपने दाँत से काट रहा था और उसकी सिसकियाँ मुझे और जोश से भर रही थी। अब उनके बूब्स का मज़ा लेने के बाद में उनकी चूत को चाटने लगा। अब मुझे तो ऐसा लग रहा था कि में आज जन्नत में पहुँच गया हूँ। अब उसकी सिसकियाँ तेज हो रही थी और ज़्यादा तेज़ी से उनकी चूत को चाटने लगा। फिर थोड़ी देर के बाद उसने अपनी चूत का पानी झाड़ दिया तो मैंने उसका सारा पानी पी लिया।

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फिर उसने मेरा अंडरवियर खोल दिया और अब मेरे 6 इंच के लंड को देखकर वो बहुत खुश हो गयी और बोली कि मैंने इतना लंबा और मोटा लंड कभी अपनी चूत में नहीं लिया है। फिर मैंने कहा कि आज में आपको पूरी जन्नत की सैर करा दूँगा। फिर वो मेरा लंड अपने मुँह में लेने लगी और अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, वो इतनी तेज़ी से मेरा लंड मुँह में ले रही थी कि मेरा लंड झड़ने ही वाला था। फिर मैंने उससे कहा कि मुझे आपके मुँह में झड़ना है, लेकिन उसने मना कर दिया और मेरे जिद करने पर वो मान गयी और मेरे लंड का सारा पानी पी गयी। फिर वो कहने लगी कि प्लीज़ मेरी चूत को और मत तड़पाओ और अपना लंड डाल दो। फिर मैंने कहा कि आंटी अभी सब्र रखो और उनके बूब्स के बीच में अपना लंड घुसाने लगा। फिर मैंने आंटी को 69 पोज़िशन में आने को कहा और फिर में उनकी चूत को चाटने लगा। अब वो भी मेरा लंड चूसने लगी थी और करीब 10 मिनट तक चूत चाटने के बाद मैंने सोचा कि अब चूत फाड़ ही डालता हूँ और फिर उसके दोनों पैर फैलाकर अपना पूरा लंड उसकी चूत में एक ही बार में डाल दिया।

फिर आंटी जोर से चीख उठी और बोली कि राहुल मैंने इतना लंबा और मोटा लंड कभी अपनी चूत में नहीं लिया है, इसलिए प्लीज़ आराम से चोदो, लेकिन में कहाँ सुनने वाला था और अब में अपनी फुल स्पीड से उनकी चुदाई करने लगा। फिर थोड़ी देर में वो भी अपनी गांड उछाल-उछाल कर मेरा साथ देने लगी, फिर 15 मिनट तक उसकी चुदाई करने के बाद मैंने उसे डॉगी स्टाइल में आने को कहा। अब उसकी बड़ी-बड़ी गांड को देखकर में तो मदहोश हो गया था और फिर उनकी गांड के छेद में उंगली करने लगा तो अब उसकी सिसकारियाँ बढ़ने लगी। फिर मैंने उसकी गांड में भी एक ही झटके में अपना पूरा लंड डाल दिया। इस बार भी वो जोर से चीख उठी और मुझे थप्पड़ मारने लगी, लेकिन में नहीं रुका और उसकी गांड मारता रहा। फिर मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और उसे चोदने लगा। फिर चोदते चोदते मैंने उसकी चूत में ही अपना पानी झाड़ दिया। फिर करीब 40 मिनट तक हम एक दूसरे का मज़ा लेते रहे। फिर हमने थोड़ी देर आराम किया और फिर में आधे घंटे तक उसकी चुदाई करता रहा। उसके बाद उसने मुझे भेज दिया, क्योंकि उसके पति के आने का टाईम हो गया था। उसके बाद में जब तक दिल्ली में था, में उसे चोदने का मौका नहीं छोड़ता था। रविवार को जब उसका पति घर में रहता था, तो हम होटल में जाकर मज़ा करते थे। अब में दिल्ली से वापस आ गया और उसके बाद में उससे कभी नहीं मिला ।।

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