हेल्लो मेरे प्यारे मस्तराम डॉट नेट के पाठको मुझे तो आप लोग जानते ही होगे मै हु शबनम… हां तो मेरी प्यारी चूत वाली बहनो और लंड धारी भाइयों आप सब अपने अपने समान पर हाथ रख लीजिए

बात उन दिनो की है जब अब्बू और भाई बाहर गये हुए थे और करीब हफ्ते भर से मेरी और अम्मी 2नो की चुदाई नही हुई थी और हम 2नो ही चूत की बेकरारी से परेशान थे और एक दूसरे की चूत से चूत और चूचियाँ रगड़ कर 4 दिन से सो रहे थे जो लोग मेरी कहानियाँ पढ़े होंगे वो तो मुझे और मेरे घर वालों के बारे मे जानते ही होंगे कि हम लोग किस तराह से घर मे ही चुदाई का खेल खेलते है पर जो नये रीडर्स है वो भी जान ले पर अब चूत और चूची रगड़ने से भला नही हो रहा था हम लोग लंड के धक्के खाने को तरस रहे थे और मामू का लड़का भी अपने हॉस्टिल गया हुआ था और कोई बचा भी नही था जिससे अपनी आग ठंडी करवाते | दोस्तों आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

अम्मी: बेटी शबनम आज 8वाँ दिन है तेरे अब्बू को गये और आज तो चूत मे रह…रह कर खुजली हो रही है अब तेरी उंगली से और मूली,गाजर से भी मज़ा नही आ रहा है

शबनम: अम्मी मूली गाजर तो आप मेरी बुर मे करती है आप का काम तो खीरे और बैगन से भी नही चलता है पता नही कितनी गफैज़ल भोसड़ी है आपकी…?

अम्मी: अररी छिनाल अब इतने सालों से पता नही बेचारी किस किस के धक्के खा रही है और फिर तुझे और तेरे गबरू भाई को भी तो इसी मे से बाहर निकाला है तो बुर..भोसड़ा तो हो ही जाएगी पर आज इसका कुछ करना ही पड़ेगा आज तो बिना लंड क काम नही चलेगा पर कोई है भी तो नही वो कमीना ऐसे वक़्त मे दूधवाला ही काम चला देता था पर वो भड़वा भी गाँव गया है | दोस्तों आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
शबनम: अम्मी 1 बात कहूँ..?
अम्मी— 1 क्यों 4 बात कहो
शबनम: अम्मी देखो आजकल जाड़े का वक़्त है मूँगफली वाले निकलते ही रहते है आप कहो तो बुला लूँ किसी को बेचारे को थोड़े पैसे वगेरा दे देंगे
अम्मी: वाआह मेरी चुद्दो कितने कमाल का आइडिया दिया है जी कर रहा अभी तेरी चूत चूम लूँ चल तो देर किस बात की बुला जल्दी से
शबनम: साली लंड के धक्के खाने को कैसे कुतिया जैसे हालत हुई जा रही है अब ज़रा सब्र तो करो निकलने तो दो किसी को
थोड़ी देर बाद 1 मूँगफली वाले की आवाज़ आई तो हम और अम्मी 1 साथ रॅलिंग पर झपट पड़े पर वो बेचारा तो 1 14…15 साल का दुबला पतला सा लड़का था अम्मी की बहुत मर्ज़ी थी कि बुला लूँ उसे पर मैने नही बुलाया अम्मी झुंझला पड़ी
अम्मी: अररी हरराफ़ा क्या बिगड़ जाता अगर उसे ही बुला लेती तो
शबनम: अम्मी वो बेचारा बच्चा था और कितना कमजोर भी तो था
अम्मी: कमजोर…वम्जोर कुछ नही होता जब सामने 2…2 नंगे जिस्म देखता तो साले का तन्ना कर खड़ा हो जाता बेटी मर्द चाहे कितना भी दुबला पतला हो पर जब बात चोदने की आती है तब वो कमजोर कहीं से नही होता अब अपने भाई को ले लो जब उसने चुदाई सुरू की थी तब उसकी भी क्या एज थी और कितना दुबला पतला था वो तो अब सेहत बनी है उसकी
शबनम: अच्छा बाबा अब बातें तो मत सूनाओ मैं तो कोई कड़ियल जवान की सोच रही थी और आप हो कि मरियल लड़के से ही अपनी बुर चुदवाना चाहती हो तो मुझे क्या अबकी बार कोई भी आएगा बुला लूँगी उसे
और थोड़ी देर बाद फिर से आवाज़ आई पर इस बार जो था उसे देख कर मेरी और अम्मी की झान्टे खिल गयी थी वो ऊँचे कद का मज़बूत काठी वाला और किसी पहलवान सरीखी सेहत वाला करीब 36….38 साला का आदमी थी उसे मैने आवाज़ दी तो वो गॅलरी मे आया और मैने मेन गेट बंद कर लिया | दोस्तों आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मूँगफली वाला: जी मेम्साब कहिए कितनी तौल दूं…?
अम्मी: हमे ये नही चाहिए
मूँगफलकी वाला: तो फिर टाइम क्यों खराब कर रही है मुझे ये सब बेच कर घर भी जाना होता है पता नही आप लोगों को परेशान करने मे
अम्मी: अर्रे मेरी बात तो सुनो अगर मैं तुझे इन सारी मूँगफली के पैसे दे दूं तो…?
मूँगफली वाला: मेम्साब क्यों मज़ाक कर रही है जाने दीजिए मुझे देर हो रही है
तभी अम्मी ने 500 का नोट निकाला और उसे देती हुई बोली तुम्हे 1 काम करना होगा
500 का नोट देख कर उसकी आँखें चमक गयी थी पर वो कुछ समझ नही पा रहा था तब अम्मी खुल कर बोली
अम्मी: बात ये है कि इन 500 क बदले तुझे हम 2नो को मज़ा देना होगा
वो परेशान सा हो गया तब मैने अम्मी की चूचियाँ दबा कर उसे दिखाते हुए कहा देखो इनको कितना मज़ा आएगा तुम्हे इनके साथ कभी देखी है ऐसे चूचियाँ..?
मूँगफली वाले की कुछ झिझक कम हुई तो मैने उससे कहा ये टोकरी किनारे रख दो और अंदर चल कर पहले नहा लो
मूँगफली वाला: मेम साहिबा कैसे बातें कर रही है भला इतने जाड़े मे वो भी रात को कोई नहाता है क्या..?
अम्मी: सबसे पहले तो तू ये मेमसाहिबा कहना बंद कर और अपना नाम बता और देख तू ये समझ कि तू पैसे दे कर किसी रंडी को चोदने जा रहा है इसलिए पूरी तराह से अपनी झीजक ख़तम कर दे और फिर जब तेरे सामने 2 नंगी औरतें होंगी तुझे नहलाने के लिए तो भला तुझे जाड़ा कहाँ से लगेगा और पानी भी गरम होगा चल उतार डाल सारे कपड़े और हो जा नंगा
उसने अपनी कमीज़ और धोती उतार दी अब वो सिर्फ़ बड़े से पटार वाली निक्कर मे था और अम्मी उसके चौड़े सीने पे हाथ फिरा रही थी और मैं सारे दरवाज़े बंद करने के बाद वाशरूम मे गयी तो अम्मी उसके नंगे बदन पे पानी डाल रही थी वो पटारे पे बैठा था | दोस्तों आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
शबनम: अम्मी आप शावर क्यों नही चला देती बच्चे की तराह क्यों नहला रही हैं पानी डाल कर…?
अम्मी: अर्रे बेटी आज बहुत सालों बाद कोई कड़ियल जवान मिला है मुझे मन की करने दे कहाँ ऐसा मौका मिलता है आजा तू भी कपड़े उतार कर और हां रे हरामी तूने अभी तक अपना नाम नही बताया
मूँगफली वाला: जी फैज़ल नाम है मेरा और ये आप मुझे गाली क्यों दे रही है..?
अम्मी: अर्रे भडवे तो तू भी दे ना गाली इससे चुदाई करने का मज़ा बढ़ जाता है मैने तो पहले ही कहा कि तू ये समझ तेरे सामन्मे 2 रंडिया हैं
फैज़ल: आप लोग मा बेटी है…?
शबनम: हां रे मेरे बांके गबरू हम मा और बेटी है
फैज़ल: मैं तो कभी सपने मे भी नही सोच सकता कि ऐसा भी होता है
अम्मी: अभी तूने जाना ही क्या है अर्रे इसका बाप खुद अपने बेटे का लंड पकड़ कर इस चूत्मरानि की बुर मे धकेल्ता है और खुद अपना मेरे मूह मे डाले रहता है
और अब अम्मी के सामने मैं भी अपने सारे कपड़े उतार कर उसके चौड़े सीने पे हाथ फिराने लगी उसका सारा जिस्म गीला हो रहा था और बड़ी सी निक्कर के नीचे उसका लंड किसी साप की तराह फन उठा रहा था अम्मी ने उसकी निक्कर के उपर से ही उस पर हाथ रखा तो फैज़ल क मूह से सिसकारी निकल पड़ी
शबनम: अम्मी उतारो ना इसका कच्छा इतना बड़ा कच्छा तो पर्दे के काम आता है
अम्मी: बेटी तुझे पता नही ये ही पहनना चाहिए मर्दों को इसमे काफ़ी आराम मिलता है आजकल तो वो जोक्की ऐसे और फ्रांची चली है जिसमे कि पूरा लॉडा समा ही नही पाता अब देख कितना बड़ा लग रहा है इसमे और फैज़ल को कितना आराम मिल रहा होगा इसमे क्यों फैज़ल…? दोस्तों आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
फैज़ल: हां मेरी रानी बहुत आराम मिलता है
और फैज़ल ने मेरी नंगी चूचियों पर अपना हाथ रखा और दबाने लगा उधर अम्मी उसके लंड को रगड़ती जा रही थी और अब पूरी तराह से तन चुका था उसका भी लंड तब अम्मी ने अपने सारे कपड़े उतार डाले अब हम दोनो नंगे थे और फैज़ल की जिस्म पे सिर्फ़ बड़ा सा कच्छा था जिसका नाडा अम्मी ने खीच दिया और झट से उसका निक्कर ज़मीन पे था और लंड पूरी तराह आज़ाद होकर फुंफ़कार रहा था
हां तो फैज़ल की निक्कर उतारने के बाद अम्मी और मैं 1 साथ उसके लकड़ी जैसे सख़्त और मोटे लंड पर टूट पड़े हम 2नो उसके लंड को सहला रहे थे और वो इस जाड़े मे भी पसीने…2 हो रहा था हम लोगों के गरम हाथों की छुअन और सहलाहट उसकी बर्दास्त के बाहर की बात होने लगी तब मैने उसका लॉडा अपने होटो से चूम लिया
फैज़ल: आहह बिटिया ये क्या कर रही हो भला यहाँ भी चुम्मा लिया जाता है…?
शबनम: अर्रे गवार अभी तुझे पता ही क्या है आज तू देख तू जन्नत की सैर करेगा कसम से तेरी बीवी तो बहुत किस्मत वाली होगी जो ऐसा कड़ियल लॉडा मिला है उसे
फैज़ल: पर उसने तो कभी मूह से नही चूमा इसे..?
शबनम: आज पहले तू देखता जा हम लोग क्या और कैसे करते है फिर तुझे इन सबकी कदर पता चल जाएगी
ये कह कर मैं उसका लॉडा अपने मूह क अंदर डाल कर चूसने लगी और अम्मी उसकी लटकी हुई बड़ी…बड़ी गोलियों को मूह मे डाल कर चूस रही थी और 1 हाथ से सहला भी रही थी उसका लॉडा मेरे हलक तक गढ़ रहा था जब उसका लॉडा पूरी तराह से तन कर खड़ा हो गया तब अम्मी ने कहा बेटी चलो अब बेडरूम मे चला जाए और हम लोग बदन पोछने के बाद नंगी हालत मे ही बेडरूम मे आ गये बेड रूम की मखमली कालीन मे उसके पैर धसे जा रहे देर थे और रूम भी काफ़ी गरम हो रहा था उस पर हम मा बेटी की नंगी जवान हसीनाए बेचारे की हालत खराब थी
अम्मी: अच्छा बता कभी हमारी जैसी जवानी देखी है तूने…?
फैज़ल: मेम साहिबा हमने तो सिवाय अपनी महरारू के किसी औरत को नंगा नही देखा और वो बेचारी आपके सामने कुछ भी नही है दोस्तों आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
अम्मी: मादरचोद भडवे अभी कितनी बार बताऊ तुझे कि मेम साहिबा कहना बंद कर और अपनी रखैल समझ कर बात कर
इसके बाद फैज़ल ने अम्मी की चूचियाँ कस कर दबा दी और मेरे बाल भी पकड़ कर अपनी तरफ खीचते हुए बोला
फैज़ल: आररी रांड़ आज मैं बताता हूँ कि चुदाई किसे कहते है और अब मैने भी सारी शरम हया की मा चोद के रख दी है
अम्मी: हां तो भडवे पहले तू हम लोगों की चूत चूस…काट कर मज़ा ले और दे फिर देख कितना मज़ा आता है चूत चुसाई मे अपनी जोरू की चाटी है कभी चूत…?
शबनम: आप भी कैसे बातें कर रही है
हो सकता है इसने ठीक से अपनी बीवी की चूत देखी भी नही हो क्यों कि ये लोग बस साड़ी उठा कर औरत को धक्के लगाना ही जानते है और ज़्यादा हुआ तो चूची को चूम लिया या मूह मे भर कर चूस लिया क्यों फैज़ल….?
फैज़ल: हां बहन की लौडि बात तो तू ठीक ही कह रही है भला चूत या लंड जैसी गंदी चीज़ को कोई मूह मे लेता है क्या…?
अम्मी: अर्रे भडवे आज मज़ा ले हमारी चूत का फिर देख अपनी बीवी की भोसड़ी मे मूह डाले ही पड़ा रहेगा चल आजा मैदान मे और 1 साथ 2 चूतो को काटने का मज़ा ले
मैं और अम्मी अपनी अपनी चूत पूरी तराह से टांगे खोल कर फैलाकर लेट गयी और फैज़ल अम्मी की चूत के पास आया और किसी कुत्ते की तराह से बुर सूंघने लगा उसके बाद उसने ज़बान निकाल कर अम्मी की बुर चाटना सुरू कर दी तो मैने कहा फैज़ल मैं भी हूँ तो उसने अपना 1 हाथ मेरी बुर पे रख कर सहलाना सुरू कर दिया और अब वो चपर…चपर अम्मी की चूत चाट रहा था और मेरी चूत को पूरी हथेली से रगड़ रहा था पर वो ये सब पहली बार ही कर रहा था उसे चूत से किस तराह मज़ा लेना होता है आता ही नही था मैने अम्मी से कहा अम्मी इसको पहले कुछ बताओ तब ही तो जानेगा
अम्मी: फैज़ल आओ पहले मेरे साथ मेरी बेटी की चूत का मज़ा लो मैं दिल्वाति हूँ तुमको मज़ा आओ
और अम्मी और फैज़ल मेरी फैली हुई टाँगों के बीच पसर गये अम्मी ने मेरी चूत पूरी तराह से फैला दी और फैज़ल से कहा चाटो इसे और अपनी ज़बान अंदर घुसेड कर मज़ा लो फैज़ल ऐसा ही करने लगा फिर अम्मी उठी और मेरे सिरहाने आकर उन्होने अपनी बुर मेरे होंठो पे लगा कर मुझसे चूसने के लिए कहा और अब अम्मी की बुर मैं चूस रही थी और फैज़ल मेरी बुर को बहुत मज़े से चोद रहा था बहुत देर तक चूसने के बाद फैज़ल बोला बहन की लौडियों अब मुझसे बर्दास्त नही हो रहा बताओ पहले कौन चुदवायेगा…?
अम्मी: इतनी जल्दी भी क्या है प्यारे अभी तो रात परवान चढ़ि है
फैज़ल: पर मुझे वापस भी जाना है बीवी परेशान हो रही होगी
अम्मी: कितने बच्चे है तेरे
फैज़ल: =2 ,4साल की लड़की और 2साल का लड़का
अम्मी: तुझे आज 1000 और दूँगी थोड़ा देर से जा घर बीवी पैसा देख कर खुस हो जाएगी अब तुम लोगों के पास फ़ोन भी नही होता वरना फ़ोन करवा देती कि तू रात भर नही आएगा
फैज़ल : मेरे घर के बगल का नंबर है मेरे पास आप फ़ोन कर दो
फिर मम्मी के सेल से फैज़ल ने घर पे फ़ोन कर दिया कि वो नही आ सकता रात को उसके बाद मम्मी और मैने उसका लॉडा चाट कर तैयार किया जब वो खड़ा हुआ तो मैने अम्मी से कहा अम्मी कॉंडम का पॅक निकाल लाइए अलमारी से और कॉंडम देखते ही वो भड़क गया ये क्या है भला इसको चढ़ा कर भी कहीं चुदाई का मज़ा आता है
अम्मी: ओये कबूतर ज़्यादा बद्चोदि ना कर अगर एड्स हो गया तो गान्ड फट जाएगी पता है क्या होता है एड्स साले इस कॉंडम के कई फाय्दे है पहली बात कि तेरी बीवी या जिसे भी तू चोदेगा वो पेट से नही होगी और दूसरी सबसे बड़ी बात की एड्स नही होता दोस्तों आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
और अम्मी ने उसे कॉंडम पहना दिया
अम्मी: बता किसको चोदेगा पहले…?
फैज़ल: = पहले तुझे ही चोदुन्गा
अम्मी: भला मेरी जवान बेटी को क्यों नही…?
फैज़ल: क्योंकि मेरी रांडो मुझे लगता है तुझमे जवानी का ज़्यादा मज़ा है तेरी बेटी तो अभी बच्ची है बेचारी चीख…पुकार मचाने लगेगी
शबनम: ओये तेरी बेटी को कुत्ते चोदे बहन के लौडे अभी तूने मेरी जवानी काय्दे से देखी ही कहाँ है चल अब जब तूने मेरी अम्मी को चोदने का मन बना ही लिया है तो बेटा तू अभी जानता नही मेरी मा की साली खाई जितनी गहराई है उसकी भोसड़ी की हालत खराब हो जाएगी तेरी पहले तू उसको ही निबटा ले उसके बाद देखती हूँ तेरा कितना दम बचता है तेरा
शबनम= अम्मी कैसे चुइदवाओगि इससे…?
अम्मी: बेटी मैं तो खड़े होकर चुदवाउन्गि इसके हलब्बी लौडे पर झूलने मे बहुत मज़ा आएगा क्यों रे गबरू उठा लेगा मेरा बोझ…?
फैज़ल: हां हां मैं तो तुम दोनो को 1 साथ अपने लंड पर बिठा कर उछाल सकता हूँ
अम्मी: बात उतनी कर जितनी हो सके बहन के लौडे चल भिड़ा अपने लंड को मेरी चूत से
उसके बाद अम्मी की चूत से सेंटर मिलाकर उसने अपनी गोद मे उठा लिया और अम्मी पूरी तराह से अपनी बुर को उसके लौडे पे डाले हुए थी और वो नीचे से गान्ड फाडू धक्के लगा रहा था और सच मे कुछ ही देर मे अम्मी की चीखें निकलने लगी करीब 20 मिनट तक वो धक्के लगाता रहा फिर अम्मी से बोला जानू तुम भी थोड़ी मेहनत करो तो अम्मी बोली बहन के लौडे मुझे ही मेहनत करना है तो तू पैसे किस बात के ले रहा है हरामी मार धक्के उसके बाद वो ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा
हां अब बातें चोदना बंद करके कुछ चुदाई….वुदायि की बाते हो जाए और कहानी वहीं से सुरू करती हूँ जहाँ से ख़तम हुई थी जिन रंडियों और चोदु लोगों ने मूँगफली वाले से चुदाई पार्ट 1 और 2 नही पढ़ा हो तो प्लीज़ यहाँ गान्ड ना मराए पहले इसका पहला और 2सरा पार्ट पढ़े तब ही मज़ा आएगा हां तो उस दिन मम्मी और मेरी चूत मे लंड खाने की खुजली मची हुई थी और जमाने की परवाह ना करते हुए दोस्तों आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
अम्मी : क्यों रे हरामी तू हम दोनो को 1 साथ चोद पाएगा..?
फैज़ल(मूँगफली वाला) : अरी कुतिया रांड़ अभी तूने हमारे लंड की ताक़त देखी ही कहाँ है वो तो पहले मैं ज़रा शरमा रहा था पर तुम रांड़ मा बेटी को इस तराह खुल्लम…खुल्ला चूत और लंड की बाते करते देख कर मैने भी सारी शरम की मा चोद दी और अब मेरा लंड तुम 2नो की चूत और गान्ड फाड़ने को तैयार है
शबनम: अब हरामी सारी रात क्या बाते चोदने मे ही निकाल देगा चल फटाफट अपने कपड़े उतार और लंड के दीदार करा देखूं तो कितना दम है और फिर हम 3नो लोग पूरी तरह से नंगे हो गये फैज़ल ठीक ही कह रहा था उसका लंड वाकाई मे जानदार था खैर हम मा बेटी भी कम नही थे चुदाई के मामले मे अच्छे अच्छे लंड धारियों की मा चोद थी थी हम लोगों ने फिर तो ये अनपढ़ गवार था
अम्मी: मैं तो इतने कड़ियल लंड पर झूला झूलूंगी
शबनम: अम्मी पहले इसका डंडा खड़ा तो कर लो चलिए पहले इसको लंड चुसाई का मज़ा दे और उसके बाद उसको बेड पर लिटा कर अम्मी और मैं उसके जवान अकड़ते हुए लंड पर भूखी बिल्लियों की तराह टूट पड़े और कुछ ही देर मे उसका लंड जो कि खड़ा होकर 9″ का हो गया था सलामी देने लगा उसके लंड की टोपी भी बहुत सेक्सी लग रही थी वो पूरी तराह से गरम हो चुका था पर अभी ना तो मैं और ना ही मेरी रांड़ अम्मी ही मे ज़रा सी भी गर्मी आई थी वो झट से अम्मी को पलट कर अपना लंड उनकी चूत मे भिड़ाने को हुआ तो अम्मी ने तडाक से उसको छाता मे मार दिया
अम्मी: बहन के लौडे करा ना तूने जलीलो वाला काम ऐसी ही तू अपनी बीवी के साथ भी टाँग उठा कर चोदना सुरू कर देता होगा भोसड़ी के तुझे तो हम लोगों ने गरम कर दिया पर तुझे पता होना चाहिए जब तक औरत गरम नही हो जाती उसको मज़ा नही आता है
फैज़ल: आप लोग इतनी देर से मेरा लंड चूम चाट रही है गरम नही हुई…?
शबनम: अभी ना तो तूने हमारी चूची दबाई और ना ही चूत छाती तो भला कैसे गरम होती और हम लोग पूरी छिनाल है और छिनालों को गरम करने मे अच्छे अच्छों की गान्ड फट जाती है
फैज़ल ने उठा कर हम 2नो को 1 साथ बेड पर पटक दिया और किसी कसाई की तरह दबोच लिया हम 2नो को 1 साथ और हमारी चूचियों को बहुत बेदर्दी से दबाने लगा | दोस्तों आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
फैज़ल: बहन की लौडियों आज मा चोद दूँगा तुम दोनो की
अम्मी: अर्रे हरामी हम मा बेटी को तो तू चोद नही पा रहा है और तू मेरी अम्मी यानी कि इसकी नानी को नही जानता भडवे 3….4 मर्द एक साथ चढ़ाती थी अपने उपर तब कहीं जा कर उसकी भोसड़ी की आग बुझती थी
फैज़ल: तुम लोग तो बहुत बड़े रंडियो के खानदान से हो खैर आज तुम्हारी चूत की धज्जियाँ तो उड़ा ही दूँगा मैं और कुछ देर तक वो हम लोगों की चूचियाँ चूमता दबाता रहा उसके बाद वो नीचे चूत की तरफ बढ़ गया और अम्मी की चूत को 2नो हाथों से फैला कर चाटने लगा और मैं उसके लंड को काट रही थी तब अम्मी ने कहा शबनम इस हरामी को कोई बढ़िया स्टाइल बताओ जिससे हम तीनो को मज़ा आए चूसने चटवाने मे
शबनम: अम्मी सोफे पर चलते है और सोफे पे जा कर पहले फैज़ल को बिठाया उसके बाद अम्मी को ज़मीन पर उनके चूतड़ उठा कर उल्टा करवा दिया और उनकी बुर की दरार फैला कर फैज़ल से उनकी बुर चटवाने लगी और मैं भी अम्मी की बुर चाट रही थी कुछ देर बाद मैं अपनी चूत फैला कर अम्मी के मूह पर बैठ गयी और अम्मी मेरी चूत चाट रही थी अम्मी: आह शबनम बेटी आसन तो बहुत बढ़िया है पर मेरी कमजोर हड्डिया इस तराह से चटकी जा रही है ये तेरे लिए सही था पर अब तूने लगा ही दिया है तो चाहे गान्ड भले ही फट जाए पर मज़ा पूरा लूँगी दोस्तो फिर मैने और अम्मी ने रात भर आसान बदल बदल कर फैज़ल से ऐसी चुदाई करवाई कि बेचारा हम दोनो की हवस देख कर हैरान रह गया . और सुबह जब वो अपने घर जाने लगा तो मम्मी ने उसे १००० रुपये दिए और कहा जब तुम्हारा दिल करे आ जाना

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