मेरी बीवी प्राइवेट रंडी

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम प्रमोद है और मुझे नाईटडिअर डॉट कॉम पर कहानियाँ  पड़ना बहुत अच्छा लगता है और में इस साईट का बहुत समय से बहुत बड़ा फेन हूँ मेरे साथ मेरे कई दोस्त भी इस साईट के दीवाने है। दोस्तों मेरी उम्र 35 साल की है और मेरी बीवी की उम्र 30 साल की है और उसका नाम रेणु है। वो बहुत खूबसूरत और सेक्सी औरत है। वो अक्सर साड़ी ब्लाउज पहनती है.. जिसमे वह बहुत ही सेक्सी दिखती है। हमारी शादी को 8 साल हो चुके थे और हम पिछले 8 सालो से मस्त चुदाई का मज़ा लूट रहे हैं लेकिन अभी तक हमे कोई बच्चा नहीं हुआ था। वह साड़ी हमेशा अपनी नाभि के नीचे बांधती है जिससे उसके पेट का कुछ हिस्सा हमेशा दिखता रहता है जो किसी भी मर्द को आकर्षित करने के लिए बहुत है। फिर बड़े गले के ब्लाउज से झाँकते उसके बड़े बड़े लेकिन टाईट चूंचियाँ किसी भी मर्द को पागल बना देने के लिए बहुत हैं। फिर एक तो सेक्सी सुडौल गदराया बदन और ऊपर से उसके शरीर की बनावट किसी को भी मोहित कर लेने के लिए बहुत हैं।

फिर वो जब कभी घर से निकलती है तो पूरी बन ठन कर ही निकलती है। हाथ और पाँव के नाख़ून नेल पालिश से रंगे हुए, कलाईयों में आकर्षक चूड़ियां, बाँह हथेली और पाँव में मेहंदी रची हुई, गले में सोने की चैन से लटकता हुआ नेकलेस जो चूंचियों पर ठोकर मार मार कर राह चलते मर्दों को इन्हे देखने, छूने, मसलने, चूमने और चाटने का खुला निमंत्रण देते हुए नजर आते हैं। होंठो पर रची गहरी लिपस्टिक, माथे की बिंदी और माँग में भरा सिंदूर उसके सेक्स अपील को और बढ़ा देते हैं। फिर जब चलती है तो उसकी गांड बड़े ही मादक अंदाज़ में मटकती रहती हैं और उसकी चूंचियां ऐसे फुदकती रहती हैं कि किसी भी राह चलते मुसाफिर का लंड खड़ा हो जाए। वो देखने में जितनी सेक्सी है चुदने में भी उतनी ही कामुक है। फिर चुदवाते वक्त वो बड़ी सेक्सी आवाज़ निकलती और गाँड उछाल उछाल कर चुदवाती है।

फिर चुदाई करते हुए हम अक्सर सेक्सी बातें करते रहते हैं और पहले उसे चोदते वक़्त में उसकी बहन मीनू के बारे में बोलता रहता था, कहता कि उसकी चूंचिया क्या मस्त हैं, चूत क्या फूली हुई और टाईट है। फिर शुरुवाती वक़्त में वो चिढ़ती रहती थी और मुझे गंदी गलियाँ बकने लगती थी जिससे मेरी उत्तेजना और बढ़ जाती थी और में उसकी चूत में और कस कासकर धक्के मारने लगता था। फिर वो मस्त हो जाती थी और गांड उछाल उछाल कर लंड डलवाने लगती थी। फिर शुरू शुरू में ऐसी बातें ज़्यादातर में ही किया करता था और मेरी बातों का असर सीधा उसकी चूत पर पड़ता था और हमे चुदाई का कुछ अलग ही आनंद मिलता था। फिर चोदते वक़्त में अक्सर उसे गन्दी गालियां बकता रहता था जैसे रण्डी, भोंसड़ी, छिनाल, फटी चूत, वगैरा वगैरा। फिर बाद में वो भी धीरे धीरे खुलने लगी थी और हमारी चुदाई के दरमियान अपनी बहन मीनू का नाम लेने लगी थी। फिर वो कहती कि सोंचो कि तुम्हारा लंड मीनू की चूत में जा रहा है और तुम उसे गचा गच चोद रहे हो। फिर में एकदम मस्त हो जाता था और मीनू के बारे में सोचकर अपनी बीवी रेणु की चूत में फचा फच अपना लंड डालने लगता था। फिर वो अपनी बहन का रोल प्ले करते हुए कहती कि हाए जीजू और जोर से चोद… और.. और जोर से। हाए पूरा लंड घुसेड़ दो… जीजू…. और अंदर… और अंदर डालो चोद साले चोद और कस कसकर चोद…. इस तरह हम दोनों की मस्ती बढ़ती जाती थी और में पूरी ताक़त से रेणु की चूत में फच फच करके चोदने लगता था और फिर उसकी चूत से भी पानी निकलने लगता था जिससे हर धक्के के साथ फच फच की आवाज़ निकलने लगती थी और फिर हमे बहुत मज़ा आता था।

फिर कोई भी पुराना तरीका कितने दिनों तक काम आएगा.. धीरे धीरे इन बातों का असर घटने लगा तो एक दिन में चुदाई करते वक़्त मैंने एक नया तरीका आजमाया.. रेणु की चूत में अपना लंड डालते हुए अचानक बोला कि हाय भोंसड़ी किससे चुदवा रही है? तेरी चूत को हर रोज़ में इतना जमकर चोदता हूँ लेकिन तेरी चूत की ख़ाज़ नहीं मिटती है जो अपने पति को छोड़कर अपने यार का लंड डलवा रही है? मेरी इन बातों का असर उस पर ऐसा पड़ा कि उसकी कमर अचानक जोर जोर से उछलने लगी और उसकी चूत में पानी भर गया। फिर वो एकदम से मस्त हो गयी और मुझे जोर से भींच कर मेरे होंठों को चूमते हुए बड़ी मस्त होकर चुदवाने लगी। फिर मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.. इतना मजा जो पहले कभी नहीं मिला था।

फिर में सोंचने लगा कि शायद ये किसी और का लंड अपनी चूत में डलवाकर मज़ा लूटना चाहती है। मैंने उसके मन को टटोलने के लिए पूछा कि हाय साली यार के नाम ही से इतना मस्त हो रही है तो अगर सचमुच वो अपना लंड तेरी चूत में घुसेड़े तो क्या हाल होगा तेरी मस्ती का? इस पर वो बोली अबे भोंसड़ी के अभी जोर जोर से मेरी चूत को बजा ये बात बाद में कर लेना। अह्ह्ह चोदो और कसकर कसकर चोदो। तभी वो कहने लगी कि आज तेरा लंड छोटा क्यों लग रहा है और जोर से ठोक साले.. चोद हुउऊ चोद चोदकर फाड़ दो मेरी चूत आह मेरी चूत को भोंसड़ा बना दो.. अहह और जोर से।

तभी मैंने बोला कि ले साली रंडी ले पूरा लंड अपनी चूत में और जोर से। फिर अपना पूरा लंड उसकी चूत में गचा गच डालने लगा। फिर में जिस रफ्तार से लंड डालता वो उसी रफ्तार से अपनी गांड उछाल कर मेरे हर धक्कों का भरपूर जवाब देती जा रही थी। फिर उसकी चूत से फचर फचर की आवाज़ आ रही थी और वो जोर जोर से चिल्ला चिल्लाकर चुदवा रही थी और में गचा गच चोद रहा था। फिर इसी तरह करीब दस मिनट की ताबड तोड़ चुदाई के बाद दोनों एक साथ खल्लास होकर एक दूसरे को भींचे हुए बहुत देर तक पड़े रहे।

फिर जब हमारी हालत सामान्य हुई तो मैंने पूछा कि क्या बात है यार के लंड का नाम सुनते ही तुम्हारी चूत एक दम से पगला गई थी? कौन है तेरा यार जिससे तुम चुदवाना चाहती हो?’ फिर वो बोली कि अभी कोई है तो नहीं लेकिन अगर तुम बुरा ना मानो और कोई मोटे लंड वाला मिल जाए तो मज़ा आ जाए और वैसे तुम भी तो मेरी चूत में मेरे यार के लंड के ख्याल से एकदम मस्त होकर सांड जैसे चोदने लगे थे.. क्या तू चाहता है कि कोई अन्य मेरी चूत में अपना मोटा लंड डालकर चोदे?

फिर मैंने कहा कि तू अगर चाहे तो मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है हां लेकिन या तो तुम मेरे सामने चुदवाओगी या फिर अपनी चुदाई की पूरी कहानी खुलकर बयान करोगी और अपनी बहन मीनू या मेरे मनपसंद अपनी किसी मस्त सहेली को चोदने का मुझे भी अवसर प्रदान करने में मेरा सहयोग करोगी। तब तभी रेणु कहने लगी कि ठीक है दोनों मिलकर कुछ सोचते हैं।

में : लेकिन बता तेरे खयालों मे कौन है?’

रेणु : कोई खास तो नहीं लेकिन मीनू का देवर मनोज कैसा रहेगा? मैंने सुना है कि वो अपनी भाभी मीनू को भी चोदता है और उसका लंड बहुत बड़ा और मोटा है। इस तरह उसकी मदद से हम दोनों का काम आसान हो सकता है मेरी चूत को मोटा लंड और तेरे लंड को अपने सपनो की शहजादी मीनू की चौड़ी चूत का स्वाद मिल जायेगा।

में : तुम्हारी बातों में दम तो है लेकिन ये होगा कैसे?’

रेणु : यह तुम मुझ पर छोड़ दो मीनू बोल रही थी मनोज किसी काम से एक महिने के लिए इधर आने वाला है। उसके ठहरने के ठिकाने के बारे में वो बात कर रही थी।

में : बहुत खूब लगता है तुम्हारा काम जल्दी ही बनने वाला है। फिर महीने भर उसके मोटे और लम्बे लंड से चुदवा चुदवाकर तेरी चूत भोसड़ा और तू कामुक घरवाली से चुदक्कड रण्डी बन जाएगी लेकिन मेरा क्या होगा?’

रेणु : कुछ दिन तुम हमारे साथ ही मौज उड़ाना.. शुरू के दिनों में छुपकर मुझे रण्डी कि तरह चुदते देखने की अपनी हसरत पूरी कर लेना। फिर उससे चुदने के बाद में तेरे लंड की गर्मी झाडती रहूंगी बाद में कुछ ऐसा प्लान बनायेंगे कि एक ही बेड पर तीनो एक साथ मज़ा लूटेंगे और किसी बहाने में मीनू को भी इधर ही बुलाने का जुगाड़ सोचती हूँ फिर चारों मिलकर मौज करेंगे।

में : चलो ठीक है।

रेणु फिर से गरम होने लगी और मेरे लंड को पकड़ते हुए बोली कि हाय लगता है अब कुछ खास होने वाला है। फिर में भी धीरे धीरे उत्तेजित होने लगा था। फिर मैंने रेणु की एक चूची को एक हाथ से कसकर मसलते हुए दूसरे हाथ की उंगली गच से उसकी चूत में डालते हुए कहा कि हां लगता है अब जरुर कुछ खास होकर रहेगा।

रेणु : तो शुरुवात कैसे की जाए?’

फिर में रेणु के होंठों को चुमते हुए बोला कि मीनू से बोल दो मनोज हमारे ही घर पर जब तक चाहे रह सकता है और ये भी पूछ लो कि वो कब आ रहा है? फिर बड़ी जबरदस्त ढंग से मुझे किस करते हुए मेरे लंड को जोर से दबाते हुए बोली कि हाय मेरे चोदु भड़वे में अभी सेटिंग मिलाती हूँ। तभी उसने तुरन्त मीनू का नंबर डायल किया और सामान्य बातचीत के बाद पूछा कि तू मनोज के आने के बारे में बोल रही थी। वह कब आना चाहता है? फिर मीनू ने कुछ कहा जिसे सुनने के बाद रेणु बोली तुम उसके ठहरने की चिन्ता छोड़ दो.. अगर वो चाहे तो हमारे घर पर ही ठहर सकता है और फिर मैंने तुम्हारे जीजू से भी बात कर ली है.. वो कह रहे थे कि मीनू का देवर है तो हमारा भी तो अपना ही हुआ ना.. वह जब तक चाहे बेहिचक हमारे साथ रह सकता है।

रेणु फिर मीनू की बात सुनने लगी फिर बोली तू अपने जीजू को तो जानती ही है वो अगर यहाँ आकर कहीं और ठहरा तो उन्हें ठीक नहीं लगेगा.. वो यहीं पर हैं में उन्हें फोन देती हूँ तुम खुद ही बात कर लो। कहते हुए रेनु ने फोन मुझे थमा दिया।

फिर में बोला कि हैल्लो मीनू।

मीनू : नमस्ते जीजू

में : नमस्ते साली जी.. कैसी हो?’

मीनू : सब ठीक है आप लोग कैसे हैं?

में : हम भी बिलकुल ठीक हैं हाँ रेणु कह रही थी कि तुम्हारा देवर इधर आने वाला है? वह कब आ रहा है? देख तू उसके रहने सहने का फिक्र छोड दे वो आराम से हमारे यहाँ पर रह सकता है और हम उसका पूरा ख्याल रखेंगे उसे कोई दिक्कत नहीं होगी.. कहते हुए मैने रेणु को आँख मारते हुए उसकी चूत में पूरी ताक़त के साथ उंगली डाल दी।

मीनू : अरे जीजू आप क्यों परेशान हो रहे हो वो किसी होटल में भी तो ठहर सकता है?

में : अबे साली ज्यादा नखरे मत दिखा अब बस ये बता वो कब आ रहा है? और में अपनी उंगली रेणु की चूत में अन्दर बाहर करने लगा।

मीनू : ठीक है आप जैसा चाहें वो दो तीन दिन बाद जाना है कह रहा था अभी रिजर्वेशन के चक्कर में ही गया हुआ है लौटने के बाद में फाइनल तारीख आपको बता दूंगी।

फिर रेणु की चूत को अपनी ऊँगली से चोदते हुए मैंने कहा तुम भी उसी के साथ आ जाओ ना तुम्हारे दर्शन भी हो जायेंगे और बेचारे को अकेलापन भी महसूस नहीं होगा। में रेणु की चूत में लगातार उंगली डाले जा रह था। अब रेणु अपनी गांड उठा उठाकर अपनी चूत उंगली से चुदवा रही थी।

मीनू : आप लोगों से मिलने का मेरा भी बहुत मन हो रहा है लेकिन मेरे पति को तो आप जानते ही हो वो मुझे आसानी से कहीं जाने का मौका नहीं देते है.. उनका वैसे दस बारह दिनों के लिये उनकी कम्पनी के काम से दुबई जाने का प्लान है वह फाइनल हो जाए और वो मान गये तो देखती हूँ।

फिर हमारी बातों से रेणु समझ गई थी कि में मीनू को चोदने का अपना प्लान सेट कर रहा हूँ और वो उत्तेजित होते हुए झुककर मेरा लंड अपने मुंह मे लेकर चूसने लगी थी।

फिर में बोला कि ठीक है ट्राई करके देखो तुम चाहो तो में और रेणु भी आग्रह करके तुम्हारी मदद कर देते हैं।

मीनू : पहले में बात कर लूं फिर जरुरत पड़ी तो आपको बताउंगी अच्छा तो अब रखती हूँ.. बाय।

में : बाय.. बात जरुर कर लेना.. अपने होठों को चबाते हुए बोला और फोन रख दिया।

फिर फोन रखने के बाद में अपनी बीवी के ऊपर टूट पड़ा और उसके मखमली चूत में उंगली डालते हुए बिस्तर पर लेटाकर उसकी मस्त चूची को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा। वो अपनी चूची को मेरे मुहं में डालकर चुसवाने लगी। फिर में कभी उसकी दांयी तो कभी बांयी चूची को चूस रहा था एक चूची को चूसते वक्त में उसकी दूसरी चूची को बड़ी बेरहमी से मसलता जा रहा था और वो लगातार मेरे लंड पर अपना हाथ घुमाकर उसे सहला रही थी। फिर हम दोनों की मस्ती हर पल बढती जा रही थी। तभी मैंने उठकर घुटने के बल बैठते हुए उसे सीधा लेटा दिया और थोड़ी देर तक उसकी चूचियों का लुत्फ़ उठाने के बाद उसके पेट और नाभि को चूमने लगा। फिर मेरे दोनों हाथ रेणु के पूरे बदन को सहलाने में व्यस्त थे और मैंने अपना एक हाथ उसके पेट पर फेरते फेरते अपनी उंगली से उसकी गहरी नाभि को कुरेदने लगा। तभी मैंने अपनी जीभ लगाकर कुछ देर तक उसकी नाभि को चाटा फिर उसकी चिकने शरीर और जांघों को सहलाने और चूमने लगा। फिर बीच बीच में में रेणु की चूत को भी सहलाता जा रहा था और कभी अभी उसकी चूत में उंगली भी डाल देता था। तभी उसकी चूत पानी छोड़ने लगी थी और वह अपने बदन को ऐंठाने लगी और चूत को उठा उठाकर मचलने लगी थी। फिर मैंने अपना पूरा ध्यान उसकी चूत पर केन्द्रित करके उसकी चूत को सहलाने और चूमने लगा। फिर मैने अपनी उँगलियों से उसकी चूत को फैलाया। चूत का छेद गुलाबी था जिससे लगातार पानी बह रहा था। फिर में कुछ देर तक उसकी चूत को निहारता रहा फिर अपना मुंह उस पर लगाकर उसकी चूत का पानी चाटने लगा। फिर में जोर जोर से अपनी जीभ रेणु की चूत में डालकर उसकी चूत चाटने लगा। तभी वो गांड उठाकर अपनी चूत को चटवा रही थी।

फिर में उसे घोड़ी बनाकर उसके चूतड़ो को मसलने लगा.. मेरी उंगली पीछे से उसकी चूत में घूम रही थी। फिर पीछे से चौड़ा करके में उसकी चूत में उंगली अन्दर बाहर करने लगा। फिर उसकी चूत से लगातार पानी बह रहा था। तभी मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर लगाकर उसे चाटना शुरू कर दिया और वो अपनी गांड पूरी ताक़त से मेरे मुंह पर दबाने लगी चूत को जीभ से चाटते चाटते में उसकी गांड के छेद में अपनी एक उंगली डालकर अन्दर बाहर करने लगा। फिर इसी तरह थोड़ी देर तक उसकी चूत को चाटते हुए में अपनी उंगली से उसकी गांड चोदता रहा और मैंने अपनी जीभ उसकी गांड पर लाकर उसकी गांड को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया।

तभी वो बड़ी मस्त होकर अपनी गांड चटवा रही थी तभी कुछ देर तक ऐसे ही गांड चाटने के बाद मैंने अपनी एक उंगली को उसकी गांड के अन्दर बाहर करते हुए दूसरे हाथ की उंगली को चूत में डाल दिया। फिर पहले में उसकी चूत में एक फिर दो और अब एक साथ तीन उंगलियां डाल रहा था। फिर इसी तरह कभी एक कभी दो और कभी तीन उँगलियों से अपनी बीवी की चूत को चोदते चोदते में अपनी चौथी उंगली भी एक साथ उसकी चूत के अन्दर बाहर करने लगा और वो बड़ी मस्त होकर अपनी चूत में एक साथ चार चार उंगलियों को डलवाकर मज़े करती रही। फिर यूँ ही ऊँगलियों से चुदवाते हुये उसकी चूत ने पानी उगल दिया और वो झड़ गयी। दोस्तों आगे की कहानी दूसरे भाग में सब कुछ विस्तार से बताऊंगा ।।

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