हैलो मित्रो,

राहुल मल्होत्रा की छोटी मौसी स्नेहा आजकल कानपुर में ही है और हमदोनों पापा और मम्मी की गैर हाजिरी में खूब मजे कर रहे है। छोटी मौसी के साथ रात भर मजे लिए और फिर दोनों नग्न ही सो गए, अगले सुबह ९:३० बजे के आसपास मौसी आकर मुझे जगाई, मै उठकर फ्रेश हुआ और फिर मौसी मुझे चाय बनाकर दी, दोनों साथ चाय पीने लगे तो मौसी पूछी….. “क्या हाल है राहुल बेटा

(राहुल) ठीक है मौसी जान, क्या बात है आज आप जल्दी उठकर स्नान ध्यान कर ली

(स्नेहा) हां राहुल, आज दोपहर के प्लान का तुम्हे जानकारी नहीं है क्या?

(राहुल) मालूम है, याकूब को बुलाना है और फिर तेरी मस्त ठुकाई करनी है । ” मै चाय पीकर कपड़ा पहना और बगल के बाज़ार मै चला गया, वहां जाकर ४-५ बोतल बियर खरीदा और पास के ही रेस्तरां में खाने का ऑर्डर कर दिया । घर वापस आने के क्रम में याकूब को फोन किया तो वो मेरे घर की ओर ही आ रहा था ।

मै घर के अंदर घुसा और फिर बियर की दो बोतल टेबल पर रखकर बोला….. “मौसी याकूब जल्दी ही आने वाला है, आप तैयार हो जाइए. ” मौसी साड़ी साया पहनी हुई थी, गुलाबी रंग के साड़ी साया और डीप गले के ब्लाऊज मै सेक्सी दिख रही थी, बोली….. “मै तैयार हूं राहुल

(राहुल) ठीक है तीन ग्लास लाकर यहां रखिए । ” अब सोफ़ा के सामने पड़े टेबल पर दो बियर की बोतल और ग्लास रखा हुआ था, मै अपने रूम जाकर कपड़ा बदला, एक बरमूडा और बनियान पहने डायनिंग हाल आया, तभी दरवाजा पर लगे घंटी की आवाज आई, मै जाकर दरवाजा खोला तो सामने मेरा दोस्त याकूब खड़ा था….. “आओ भाई अंदर आओ. ” उसे सोफ़ा पर बैठने को बोला और फिर….. “याकूब ये मेरी छोटी मौसी है स्नेहा. ” तो याकूब हाथ जोड़कर उनको प्रणाम किया और मै बोला….. “मौसी ये मेरा दोस्त याकूब है, इसका हथियार मेरे से भी मोटा और कड़ा है. ” तो मौसी शरमाने लगी । हम तीनो सोफ़ा पर बैठे थे तो स्नेहा हामदोनो के बीच में बैठी हुई थी, फिर एक बोतल बियर का खोलकर याकूब ग्लास में डालने लगा, तीनो बियर पी रहे थे तो याकूब मौसी के गाल को चूमने लगा…. “आप वाकई बेहद सुंदर और सेक्सी है

(मौसी याकूब के ओंठ को चूम ली) तुम भी तो हठे कठ्ठे छोकरे हो । ” और फिर मौसी एक गलास बियर पीकर मेरे गाल और ओंठ को चूमने लगी तो याकूब और मै बियर पीने में मशगूल थे, अब मै मौसी के चूची को पकड़कर मसलने लगा तो याकूब उनके साड़ी को सीने पर से नीचे गिराकर चूची दाब रहा था, सांसों के साथ उनकी चूची ब्लाऊज में ऊपर नीचे होने लगी तो याकूब उनके पीठ की ओर अपना हाथ करके ब्लाऊज की डोरी को खोल दिया। स्नेहा की दो मस्त चूची ब्रा में कैद थी तो मौसी मेरे ओंठ को चूसने लगी जबकि याकूब स्नेहा की ब्रा को खोलकर स्तन को मुंह में ले लिया और चूभला रहा था, इधर मौसी मेरे मुंह में अपना जीभ भरकर चुसवा रही थी तो याकूब उसकी चूची चूसता हुआ मस्त था, मेरी मौसी याकूब के जींस को खोलने लगी तो याकूब खुद ही अपना जींस कमर से निकाला और साथ ही कच्छा को उतारकर अपना मूसल लंड स्नेहा के हाथ में पकड़ा दिया, याकूब दूसरी चूची को चूसता हुआ मस्त था तो मौसी अपने जीभ को मेरे मुंह से खींच ली और वो याकूब के मूसल लंड को हिला रही थी । कुछ देर बाद मै स्नेहा की एक चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा तो याकूब उनके ओंठ और गाल को चूम रहा था, वो “आह उह राहुल तेजी से चूसो ना मेरी चूची आह बुर में कितनी खुजलिं हो रही है ” इतने में याकूब मौसी के ओंठो को चूसने लगा तो मै चूची को छोड़कर अब मौसी के साड़ी को कमर से खोलने लगा, वो सिर्फ साया पहने बैठी थी तो याकूब उनके जीभ को चूस रहा था । कुछ देर बाद याकूब बाथरूम चला गया ।

मै स्नेहा के साया को खोलकर नंगा कर चुका था, वो अपना चूतड़ सोफ़ा के किनारे करके बैठी थी तो मै ज़मीन पर बैठकर उसके दोनों जांघों को फैलाया और बुर को चूमने लगा, बिन बार के बुर पर चुम्बन देता हुआ मस्त था तो स्नेहा बुर को उंगली की मदद से फैला दी और मै जीभ पेलकर बुर को चाटने लगा, याकूब वापस आकर मौसी के चेहरे के सामने खड़ा हो गया और मौसी उसके लंड को जड़ से थामकर चूमने लगी । मै उनकी बुर को जीभ से चोद रहा था तो स्नेहा सुपाड़ा को अपने ओंठो पर रगड़ रही थी, याकूब मौसी के मुंह में अपना लंड पेल दिया तो स्नेहा लंड को चूसने लगी और मै अब जीभ को बुर से निकालकर उसके दोनों फांक को आपस में जोड़कर मुंह में भर लिया, पता नहीं बुर चाटने चूसने में मुझे इतना मजा क्यों आता था ? अब याकूब के लंड को मुंह से निकाल मौसी उसपर जीभ फेरकर चाटने लगी तो मै बुर चूसता हुआ उनका एक बूब्स दबाने लगा…… “आह ओह ऊं राहुल अब मेरी बुर छोड़ दो ना आह

(राहुल बुर छोड़कर बोला) जैसी आपकी मर्जी । ” मै बाथरूम गया और फ्रेश होकर वापस आया तो याकूब मौसी के बाल को कसकर थामे उनके मुंह में लंड से चुदाई कर रहा था, कुछ देर बाद लंड को मुंह से निकाला और तीनो एक छोटे से ब्रेक में बियर पीने लगे। मौसी बियर पीने को तैयार नहीं थी तो मै बोला…. “पिलो ना साली बहुत मजा आएगा

(स्नेहा) अधिक नशा में मजा कैसे लूंगी

(राहुल) झुमझुम कर चुदोगि साली । ” फिर मौसी को एक गलास बियर मै अपनी हाथों से जबरदस्ती पीला दिया तो अब नजारा अलग था, मौसी को खड़ा करके याकूब उसके सामने तो मै उसके पीछे खड़ा था।

स्नेहा के दोनों पैर को दो दिशा में करके याकूब अपना लंड बुर से सटाया और सुपाड़ा सहित आधा लंड पेल दिया तो मै मौसी के पीछे खड़ा था, मौसी के एक पैर को हवा में उठाया और याकूब सामने की ओर से मौसी के बुर में तेज धक्का दिया तो मै पीछे तरफ से मौसी की गान्ड मारने को आतुर था, तभी याकूब की तेज चुदाई से वो चिंख् पड़ी…. “उई मां बुर फ़ाड़ देगा क्या बे, कितने साल बाद ऐसा मूसल लंड बुर को नसीब हुआ है । ” तभी मै मौसी का पैर याकूब के हाथ में पकड़ाया और किचन की ओर गया, एक तेल की शीशी लाकर उनके चुतर के सामने बैठा, मौसी ३०-३१ साल की मस्त माल थी, खासकर उसकी गोल गुंबद्कार चुतर मुझे रिझाती थी, तो मै अब मौसी के चुतर को चूमने लगा और साथ ही गान्ड के छिद्र में उंगली घुसकर हिलाने लगा, इधर याकूब खड़े खड़े स्नेहा को पूरे गति के साथ चोद रहा था । तभी मौसी की गान्ड को तेल पिलाया और फिर मै उनके गान्ड के मुहाने में सुपाड़ा पेल दिया, धीरे धीरे आधा लंड गान्ड में था तो मै उनके चूची को मसलता हुआ एक तेज झटका स्नेहा की गान्ड में दे दिया, मेरा पूरा लंड गान्ड के भीतर था तो वो चीनख़ पड़ी….. “अबे मादरचोद गान्ड फाड़ने में क्यों लगा है धीरे धीरे गान्ड मार ना, आह याकूब मेरी बुर रस से भरी हुई है चाटो ना रस को । ” तो याकूब लंड को बुर से निकाला और जमीन पर बैठकर बुर में अपना जीभ डालकर रस चाटने लगा लेकिन मै गान्ड मारने में लीन था, गपागप लंड गान्ड के अंदर आ जा रहा था तो मौसी एक गांडु किस्म की औरत थी इसलिए उनके गान्ड का रास्ता खुला हुआ था, फिर भी गान्ड मारना अप्राकृतिक काम क्रिया है और उसके अंदर से रजो नीबृती भी नहीं होती, अब मेरा लन्ड गान्ड के आग में जल रही थी तो याकूब बुर चाटकर उठा….. “राहुल भाई अब मुझे गान्ड का मजा लेने दे और तू इस रण्डी को चोद । ” तीनो थोड़े देर का ब्रेक लिए और मै याकूब के साथ बाथरूम गया, दोनों फ्रेश होकर आए तब मौसी फ्रेश होने बाथरूम गई, हम दोनों एक एक ग्लास बियर पिये और मौसी नंगे ही वापस हम दोनों के पास आ गई।

हम तीनो बेड रूम चले गए और अब मै बिस्तर पर लेट गया तो स्नेहा टांग फैलाए मेरे लन्ड के ऊपर बुर को किए बैठ गई, उसके कमर को कसकर पकड़ रखा था तो वो मेरे लंड को थामे सुपाड़ा को बुर में घुसा ली तो मै नीचे से एक जोर का झटका बुर में दे दिया, स्नेहा के कमर को थामे उसके बदन को संतुलित करके वजन को संभाले बुर में एक और धक्का दे दिया तो पूरा लंड मौसी की चूत में था और वो चिन्नख उठी….. “उई मां फ़ाड़ देगा बुर को क्या बे. ” लेकिन तुरंत ही स्नेहा अपने चूतड़ को ऊपर नीचे करते हुए चुड़ने लगी, मेरा लंड खरणजा की तरह बुर को चीरने लगा तभी मौसी को अपने बदन पर कुतिया की तरह होने को बोला, वो अब आगे की और झुकी तो मै उसके कमर को थामकर नीचे से ही लंड पेलने लगा, तभी याकूब मौसी की गान्ड की छिद्र में तेल पिलाने लगा और अब स्नेहा के कमर को कसकर जकड़े याकूब ने अपना लंड उसकी गान्ड में पेल दिया, आधा लंड वो आराम से निगल ली और मै अभी लंड को बुर में पेले इस्थिर था, तभी याकूब एक जोर का धक्का गान्ड में दे दिया, पूरा लंड गान्ड में था तो स्नेहा चिल्ला उठी….. “बाप रे गान्ड फट ेराही है ेयाेअकुब जरा आराम से । ेेे तो मै बेड पर लेटा नीचे से मौसी की बुर चोद रहा था तो याकूब पीछे से स्नेहा की गान्ड मारने लगा, स्नेहा का हाल खराब था और उसे एक साथ दो लंड दो छिद्र में मिल रहा था, कुछ देर बाद याकूब चिल्ला उठा….. “आह ओह ले बे रण्डी अपनी गान्ड के छिद्र में वीर्य पिला. ” तो मेरा हाल भी खराब था और मेरा लंड उसकी बुर में रस स्खलित कर दिया स्नेहा की चूत और गान्ड की आग बुझ गई ।

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