सर्कस में मिला चुदाई का मज़ा

हे मेरे प्यारे दोस्तों मुझे आप सब से वास्ता है और मुझे ये भी पता है कि आप लोग मुझे बहुत चाहते है | मैं रंगीला आ गया हूँ फिर से एक बार अपनी कहानी लेकर आपके सामने और मुझे ये सब करना बहुत ही अच्छा लगता है | मैंने कहा था कि मुझे आप लोगो से कोई दूर नहीं रख सकता इसलिए आज फिर से एक बार मेरी चुदाई की कहानी आपके लिए | आप लोगों को तो पता ही है पिछली बार मैं एक सर्कस में था और वह पे सर्कस की लड़की की चुदाई की थी | मुझे ये नहीं पता था की मुझ जैसे बौने इंसान का लंड अपनी मस्त चूत में डालेगी पर उसे तो मज़ा ही आ गया था मेरा लंड लेकर और जब तक मैं वहां था वो रोज़ मुझसे चुद्वाती थी | मुझे भी अपने लंड को रगड़ने के लिए कुछ चाहिए था वरना जोकर से कौन चुद्वाता है साहब | मैंने कई बार उसे चोदा और इतना चोदा कि उसकी चूत के चीथड़े उड़ गये थे | फट गयी थी उसकी चूत इतनी फट गयी थी कि कोई अपना पूरा हाथ अन्दर घुसा ले | मैंने भी तरीके से सारा काम किया और एक दिन जब मैं पकड़ा गया तो मालिक ने मुझे वहां से बाहर निकाल दिया था | मैं भी आराम से चला गया क्यूंकि जो काम मैं करने गया था वो तो हो गया और मैंने इतना कम ही लिया था कि मैं कुछ महीने बिना किसी काम के काट लूँ | मुझे दूसरा काम मिलना थोडा मुश्किल था क्यूंकि जोकर का काम आसान नहीं होता और सर्कस वाले इतनी जल्दी किसी को भी नहीं ले लेते | पर मेरे पास काबिलियत थी और मेरा गाँव जोकर के लिए मशहूर था | कई बार तो महीने भर सर्कस के मालिक उस गाँव में डेरा डाल के बैठे रहते थे और अच्छे अच्छे लड़के और लड़कियों को वहां से उठा के ले जाते थे | मेरी किस्मत थोड़ी ख़राब थी क्यूंकि जो भी वहां आ रहा था वो पैसे बड़े कम दे रहा था | मैंने सोचा कि थोड़े दिन रुक जाता हूँ और कोई अच्छे सर्कस वाले का इंतज़ार करता हूँ | मेरी तलाश ख़त्म हुयी जब भारत सर्कस मेरे गाँव में आया और मुझे अपनी कला दिखाने का मौका मिला |

 

उन लोगों ने करीब ५० लोगो का जलवा देखा और एक दिन का समय माँगा और मुझे भी कहा कि आपको कला बताया जायेगा कि किसको हम अपने साथ लेकर जा रहे हैं | मैंने भी सोचा चलो ठीक है कम से कम काम तो मिलेगा क्यूंकि ये मुझे पता था कि अगर ये लोग दस लोगों को भी ले जाएंगे तो मुझे मौका ज़रूर मिलेगा | अगले दिन का मुझे बेसब्री से इंतज़ार था और जैसे ही सुबह हुयी तो मैं वह जाकर खड़ा हो गया | उन लोगों ने नाम पुकारना शुरू किया और धीरे धीरे करके 10 नाम बोल दिए और मेरा नाम नहीं आया | मैंने सोचा चलो अगली बार किस्मत आजमाऊंगा फिर मैं वापस जाने लगा तो उन्होंने कहा | रंगीला कौन है मैंने तुरंत पीछे मुद कर कहा जी मैं हूँ रंगीला | उन लोगों ने कहा तुम इन सब जोकरों के मुखिया बनोगे और इनको इनका काम अच्छे से सिखाओगे | मेरे मन में तो जैसे लड्डू ही फूटने लगे थे मैंने सोचा कि मैं तो बस एक साधारण सा जोकर था इन लोगों ने मेरी काबिलियत को पहचान कर मुझे बड़ा बबन दिया और मैंने जाकर उन्हें धन्यवाद् कहा | वो लोग मेरी कला को देखकर बड़ा खुश थे और पैसे भी अच्छे दे रहे थे | देखिये सर्कस का मतलब घूमना और मुझे भी देश के कई कोनो में जाने का मौका मिलने वाला था क्यूंकि भारत सर्कस बहुत ही बड़ा नाम है | पहला कार्यक्रम दिल्ली में होने वाला था तो हम सब निकल पड़े दिल्ली की तरफ और बड़े बड़े ट्रक में हमलोगों नसे सफ़र किया | सफ़र के दौरान मुझे एक करतब दिखाने वाली लड़की मिली जो कि बड़ी ही सुन्दर थी और उसकी उम्र बस १८ रही होगी | मुझे देख कर लग रहा था जैसे वो अभी अभी जवान हुयी है और उसकी चाल से ये पता चल गया कि वो अभी तक चुदी भी नहीं है | पर उसका साथी जो की लम्बा चौड़ा आदमी था वो उसकी कुछ ज्यादा ही हिफाज़त करता था और उसके आस पास भी किसी को भटकने नहीं देता था | पर मैं भी हरामी था जैसे ही हम लोग खाना खाने के लिए बैठे मैंने उससे पुछा आपका नाम क्या है जी |

 

उस समय वो बड़ी शर्मीली थी पर मेरा नेचर ऐसा था कि मैं किसी को भी अपना दोस्त बना लूँ और अपने वश में कर लूँ | मैंने भी बहुत सोचा कि सफ़र के दौरान उसे पता लूँ ताकि सर्कस में मेरी चूत का जुगाड़ हो जाये पर उसका साथी ये होने नहीं दे रहा था | मुझे पता चल गया था कि ये साला भी उसकी चूत के पीछे पड़ा है और हो भी क्यूँ न वो थी ही सुन्दर और उसकी चूत भी पैक थी | पर मुझे पता था वो मेरे पास ही आएगी और मेरा लंड ही उसकी सील को खोलेगा | बस इसी उम्मीद में मैं पूरे सफ़र में उससे हसी मजाक करता रहा और उसका मन बहलाता रहा | उसने बताया था उसके माँ बाप कलकत्ता में रहते हैं तो मैंने उसे उनकी कमी भी नहीं महसूस होंने दी | फिर जब हम दिल्ली पहुचे तो उसने कहा तुम बहुत अच्छे हो मैं तुम्हरी दोस्त हूँ आज से रोज़ मिलना मुझसे | मैंने मन में कहा बस यही तो मैं सुनना चाहता था और हुआ भी वही मैंने उससे कहा हाँ मिलूँगा ज़रूर अगर तुमहरा अकडू साथी मुझे ना रोके तो | उसने कहा वो मैं देख लुंगी पर मुझसे मिलना ज़रूर | मुझे पता चल गया कि बस अब इसकी चूत मेरी हो गयी और मैं भी निकल पड़ा अपने तम्बू की तरफ | वह पर जब मैं पहुंचा तो देखा हमारे कपडे और सारा सामन रखा हुआ है | एक जोकर के लिए उसकी नाक सबसे बड़ी चीज़ होती है और यहाँ पे तो रहा तरह की नाक थी पर मुझे पता था कि वो लाल और गोल नाक ही सबका मन जीतने में सक्षम है | इसलिए वह जो मेरे नीचे काम करने वाले जोकर थे उनको भी समझाया कि बस यही वाली नाक चलेगी और अगर किसीने मेरी बात नहीं मानी तो मैं उसे निकलवा दूंगा | सब मेरी बात समझ गये और शाम को ही हमारा पहला कार्यक्रम था इसलिए ज्यादा समय भी नहीं था मेरे पास | कार्यक्रम चालु हुआ और पहले उस करतब वाले की प्रस्तुति थी और उसने अपना हुनर दिखा के सबका मन जीत लिया और मेरी गांड फट गयी | पर जैसे ही मैं अन्दर गया और वापस आते आते तक लोग अपना पेट पकड़ के हस्ते रहे और कहते रहे एक बार और | मालिक ने उनके लिए मेरा और मेरे साथियों का नाटक फिर से करवाया |

 

जब मैं वापस आ रहा था तो देखा वो भी हस रही थी और उसने कहा वाह दिल जीत लिया | मैंने कहा तो फिर क्या मिलेगा मुझे इसके बदले में | वो मुझे अपने तम्बू में ले गयी और मुझे लगा कि की बस अब इस तम्बू में मेरे बम्बू की बांसुरी बजेगी | उसने पहले मेरी नाक को निकला और मेरे चेहरे पे चूमना शुरू किया | उसकी साँसे इतनी गर्म थी कि मुझे अन्दर से जोश आ रहा था | मेरा लंड तो उठ गया था और वो उसे साफ़ देख पा रही थी | उसने मेरे लिप्स पे चूमना शुरू किया और एक हाथ से मेरे लंड को ऊपर से ही मसलने लगी | वो इतने जोर जोर से मेरा लंड मसल रही थी कि मैं ऊऊउम्म्म्म ऊऊन्न्ह्ह आआआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आअह्ह्ह्हऊऊउम्म्म्म ऊऊन्न्ह्ह आआआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आअह्ह्ह्हऊऊउम्म्म्म ऊऊन्न्ह्ह आआआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आअह्ह्ह्ह करने लगा | उसने मेरा माल अन्दर ही गिरवा दिया था | फिर मैंने उसकी चूत को खोला और गुलाबी चूत पे थूक लगा के उसे चाटने लगा | वो भी ऊऊउम्म्म्म ऊऊन्न्ह्ह आआआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आअह्ह्ह्हऊऊउम्म्म्म ऊऊन्न्ह्ह आआआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आअह्ह्ह्हऊऊउम्म्म्म ऊऊन्न्ह्ह आआआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आअह्ह्ह्ह करके मेरे मुह पे झड़ गयी | फिर मैंने लंड उसकी चूत में एकदम से घुसा दिया और वो रोने लगी | पर मैंने चुदाई चालू रखी क्यूंकि मुझे पता था उसका साथी आ जाएगा | मैंने उसे 25 मिनट तक चोदा और एकदम से लगा कोई आ गया मैं वह से बिना माल गिराए उठा और मेरा लंड खड़ा ही था | उसकी खून वाली चादर भी उठा लिताकी शक न हो | फिर मैंने बाहर एके माल गिराया और जब वो चला गया मैं फिर अन्दर गया और उसकी चूत चोदने लगा | अगले दिन मैंने उसकी गांड का छेद बड़ा किया और ऐसे ही मैंने उसके साथ जी भर के चुदाई की जब तक वहां था | इस बार मुझे उसके साथ चुदाई करते हुए देख लिया गया था इसलिए फिर मेरे साथ वही हुआ जो पहले हुआ था यानी कि निकाल दिया गया | और अब मैं फिर से काम ढूंढ रहा हूँ और चूत भी |

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