ससुराल में साली की चुदाई कहानी – hindi sex story

ससुराल में साली की चुदाई कहानी

हेलो दोस्तों मेरा नाम गोपाल सिंह है, आज मैं आपको अपनी एक कहानी पेश कर रहा हु जो मेरी स्वीट साली के बारे मैं है, वो दिन आज भी नहीं भुला हु, मुझे तो जब भी वो दिन याद आटा है मैं अपने आप को मूठ मरने से नहीं रोक पता हु, मैं आज आपके साथ भी वो गुजरे हुए रंगीन दिन आपलोग को बताने बाला हु.

उस समय मेरी उम्र करीब २५ साल की थी और मेरी साली करीब १८ साल की थी भरपूर जवानी से उस समय वो तर बतर थी, बड़ी ही कामुक दिखती थी. वो मेरा काफी ख्याल रखती थी. कविता काफ़ी बोल्ड और सुंदर लड़की थी, हर कोई का लंड खड़ा हो जाए उसको देख के ऐसी माल थी, कविता का शरीर काफ़ी भरा पूरा था, बूब बड़े बड़े पर उतना भी बड़ा नही बिल्कुल पर्फेक्ट साइज़ का था, उनकी गांद चौड़ी और कमर पतली जांघे मोटी गोल गोल, गाल गोरे गोरे होठ पिंक कलर का बाल उनके घुंघराले थे, बड़ी स्टाइल मे रहती थी, मैने नोटीस किया वो सब लड़को के तरफ उसका झुकब नही था पर वो मेरे प्रति काफ़ी अच्छी थी.

मैने एक दिन उनको कहा की कविता क्या आप मुझे अपनी बाँहों में ले सकते हो मैं आपको हुग करना चाहता हु और किश भी करना चाहता हु ? तो बोली क्यों आपको वाइफ नहीं है मेरी दीदी तो बड़ी ही हॉट है उनको करो ना मैने कहा रोज रोज ले ले के अछा नही लगता है, क्या आपको रोज रोज एक भी सब्ज़ी खाने को मिले तो क्या आप को अच्छा लगेगा, तो बोली, क्या फ़र्क है होठ तो होठ है शरीर तो शरीर है, मेरे मे और दीदी मे क्या फ़र्क है, मैने कहा आप ज़्यादा सेक्सी लगती हो, तो बोली ठीक है शाम को ले लेना मैने कहा शाम तक मैं कैसे इंतज़ार करूँगा, तभी मेरी वाइफ बोली, हन जी सुनते हो मैं मार्केट जेया रही हू, 1 घंटा लग जाएगा, मा भी मेरे साथ जेया रही है, आपको चलना है तो चलो, मैने कहा नही नही मुझे थकान सी है, तुम जाओ.

उसके बाद कुछ देर बाद मेरा छोटा साल भी घर से बहार चला गया क्यों की उसको उसका दोस्त बुलाने आया था, मैने कहा कविता क्या आप चाय पीला सकते हो, बोली अभी लाती हू, तबी मेरा छोटा साला बोला मेरी साली से, दीदी मैने क्रिकेट खेलएने जेया रहा हू, दरवाजा बंद कर लो, और वो चला गया, करीब 5 मिनिट बाद मेरी साली चाय ले के आ गयी. जब वो आई तो मुस्कुरा रही थी, मैने कहा क्या मुस्कुराहट है आपकी. बोली फ्लर्ट करना बंद करो. और हम दोनो चाय पीने लगे, मैने कहा मैं पीलॉये आपको चाय बोली ठीक है आज हम पी ही लेते है अपने प्यारे जीजू से.

मैने एक घुट चाय ली और मैने बोला इधर आओ, वो नज़दीक आई मैने उनके होठ पे अपना होठ रखा और चाय धीरे धीरे उनके मूह मे डाल दिया, फिर वो एक घुट ली और धीरे धीरे मेरे मूह मे डाल दी, दोनो इश्स तरह से 5 मिनिट मे चाय ख़तम की, पर उस चाय ख़तम होठ े ही, मैने अपने साली को बाहों मे जाकड़ लिया, और किस करने लगा उनके गुलाबी होठ काफ़ी लाल लाल हो गया था, उनकी आँखे नशीली हो चुकी थी, मैने उनके बूब को पकड़ा, वो सिहरने लगी, बोली छ्चोड़ो ना प्लीज़, कोई आ जाएगा, मैने कहा कोई नही आएगा 1 घंटे बाद ही आएगा, बोली ठीक है दरवाजा देख के आती हू बाहर का ठीक से लगा हुआ है की नही.
वो वापस आई और मेरे गोद मे बैठ गयी मेरा लंड उनके गांद के बीच मे था वो बोली बहूत बड़ा लंड है आपका, ऐसा लग रहा था लो लकड़ी का टुकड़ा मेरे नीचे पद गया है, और उन्होने मुझे कस के जाकड़ लिया, वो किस करने लगी मैने उनके बूब को प्रेस करने लगा, वो सेक्सी आवाज़ निकालने लगी, मैने उनके ती शर्ट को उपर से खोल दिया और अंदर ब्रा पहनी थी मैने ब्रा के उपर से ही बूब को दबाने लगा, फिर मैने उनके केप्री को खोल दिया, जाली दार पेंटी और ब्रा दोनो इम्पोर्टे था, बड़ी ही रेड कलर मे अच्छी लग रही थी, मैने तो पूरी तरह से फिदा हो गया था.

मैंने उनको किश करते हुए, और सहलाते हुए, मैने कविता को बेड पे लिटा दिया, और किस करने लगा, फिर मैने ब्रा के हुक को खोल के उनके दोनो बड़े बड़े बूब को दबाने लगा, उनके निपल को चूसने लगा, उनका निपल काफ़ी टाइट और खड़ा खड़ा हो गया था, मैने होठ से लेले नीचे नाभि तक जीभ से छाता तो गरम हो गयी वो बार बार अपने होठ को अपने जीभ से चाट रही थी, काबी वो तकिये को अपनी मुट्ही मे कस के पकड़ती, तो कभी उउफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआआआआआआहह की आवाज़ करती, मैने फिर उनके पेंटी को नीचे उतार दिया पर वो फिर से फ़ना ली, उन्होने बोला नही नही उपर से ही जो करना है, कर लो नीचे से नही, मैने कहा उपर तो कुच्छ होठ ा ही नही असल मज़ा तो नीचे है मेरी जान, तो कविता बोली क्यों जान तो दीदी है, मैने कहा हा हा आपने सुना नही साली भी आधी घरवाली होठ ी है, बोली हा हा इसीलिए आप दिन मे मुझे कर रहे हो. और दोनो हास पड़े.

मैने फिर उनके पेंटी को नीचे किया और तोड़ा पैर फैलाकर देखा एक छ्होटा से च्छेद भूरा भूरा चूत पे बाल, चूत मे उंगली भी ना जाए, मैने जाइब लगाया तो उच्छल पड़ी मैने कहा क्या हुआ तो बोली गुदगुदी होठ ी है, मैने फिर जीभ से चाटने लगा उनके चूत से नमकीन पानी निकालने लगा मैने जीभ से चाट से सॉफ कर दिया, वो बोली और छातो जीजा जी बहूत अक्चा लग रहा है, ई लोवे योउ जीजा जी, आप मुझे भी छोड़ना जैसे दीदी को छोड़ते हो. मैने कहा क्यों नही मैं भी तो यही चाहता हू, फिर मैने कहा लो लंड को चूसो बोली नही नही ये मुझसे नही होगा, तो मैने भी जबर्दाश्ती नही की.

मुझे अब छोड़ने को जल्दी पड़ी थी क्यों की घर बाले कभी भी आ सकते थे इस वजह से, पैर को फैला दिया, लंड को बाहर निकल दिया, अपने लंड को गीला करने की ज़रूरत नही थी क्यों की चूत ऑलरेडी गीली थी, मैने चूत के बीचो बीच अपने लंड को रखा और कस के अंदर किया, पर चूत इतना टाइट था की मुस्किल से 1 इंच अंदर गया पर कविता के आँख से आंशु आ गये, मैने समझाया पहली बार छुड़वा रही हो इश्स वजह से दर्द हो रहा है, थोड़े देर मे ठीक हो जाएगा. बोली ठीक है पर धीरे धीरे, मैने फिर से धक्का लगाया, अभी 4 इंच तक गया था तब तभी 3 इंच मेरा लंड बाहर था, फिर मेने एक धक्का लगाया अब पूरा 7 इंच का लंड मेरे साली के चूत मे अंदर चला गया पर वो मेरे हाट को कस के पड़की हुई थी, बोली मैं मार गयी जीजा जी, बहूत पाईं हो रहा है.

फिर मैंने उनको काफी सहलाने लगा, वो और भी कामुक हो गयी, उसके छूट से लगातार पानी निकल रहा था, मैंने अपने लैंड को उसके छोटी सी छूट पे रख के धक्का लगाया और मेरा लंड थोड़ा गया, फिर तीन चार धक्के के बाद मेरा लंड उनके छूट में साला गया, करीब मैंने ३० मिनट तक चुदाई की थी, उनका छोटा सा छूट का छेद काफी बड़ा हो चूका था छूट से खून भी निकल रहा था फिर दोनों झड़ गए और एक दूसरे को किश करने लगे, वो मुझे अपनी बाहों में समेट लेना चाहती थी और मैं उन्हें अपने बाहों में समेट लेना चाहते थे.

फिर करीब 15 मिंटुटे तक लेते रहे फिर वो बोली, क्या मैं प्रेगञेन्ट हो जौंगी? क्यों की आपने अपना वीर्य मेरे चूत के अंदर डाल दिया, तो मैने कहा कोई बात नही कविता अगर आप प्रेगञेन्ट हो गये तो मैं आपसे शादी कर लूँगा, ये मेरे वाडा है, और फिर वो बातरूम चली गयी और मैने भी अपने कपड़े पहन लिए. उसके बाद 2 महीने बाद ही मेरी शादी की शादी हो गयी. आपको मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी जाऊर बातायं और फ़ेसबुक पे लीके और शेर करे,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

|