हेलो दोस्तों, कैसे है आप? आप को मैं तो याद ही हुंगी. मेरा नाम अंजली है और मैंने आपको अपने साथ हुई, अपने और मेरे पति के बीच के बहुत से कामुक वृतांत सुनाये है. मुझे ख़ुशी होती है, जब आप उन्होंने पड़ कर मुझे अच्छे कमेंट देते है. आज मैं आपको अपने साथ तो नहीं, लेकिन रजत की सेक्स कहानी के बारे में सुना रही हु. रजत ने मुझसे ये सेक्स के बारे में कभी शेयर नहीं किया और शायद मुझे पता भी नहीं चलता, अगर मैं वहां गलती से नहीं पहुचती. लेकिन, वो सेक्स बहुत कामुक और गरम था. चलिए, मैं आपको बहुत ज्यादा बोर नहीं करती हु और सीधे कहानी पर आ जाती हु.
रजत के बारे में तो मैंने पहले भी बताया हुआ है, कि रजत की हाइट ६ फिट से ऊपर है और वो एक कसरती बदन के मालिक है और उनकी चौड़ी छाती को देख कर मेरे आसपडोस की सारी औरते आहे भर्ती है. मुझे पता था, कि मेरी छोटी बहन और मेरे दोनों भाई की बीविया भी रजत को पसंद करती थी और हमेशा बोलती थी. जीजा जी तो सपोर्ट पर्सन है, आपको बहुत खुश रखते है? मैं सिर्फ मुस्कुरा कर रह जाती थी और उन लोगो के दिलो पर सांप लोट जाता था. सच कहू दोस्तों, जब भी औरतो रजत को देख कर आहे भर्ती और उनकी तारीफ करके मुझ से जलती थी, तो मुझे ज्यादा मज़ा आता था, और मुझे अपनी किस्मत पर नाज़ होने लगता था.
तो बात समर वेकेशन की है. मेरा भाई और भाई की बीवी यानी मेरी भावज रश्मि मेरे घर आये थे. रजत ने भी उनको दिल्ली घुमाने के लिए छुट्टी ले ली थी और ३-४ दिन उन्होंने सबको बहुत घुमाया. इन ३ – ४ दिन में मैंने नोटिस किया, कि रश्मि रजत के करीब जाने की कोशिश कर रही थी. वो कभी भी उनका हाथ पकड़ लेती थी और उनको छु लेती थी. पहले तो रजत ने इग्नोर कर दिया. लेकिन, अगर चूत सामने से बुला रही हो, तो कौन मर्द नहीं गिरेगा? रजत ने भी उसको रेपोंस देना शुरू कर दिया. मुझे रजत से कोई प्रॉब्लम नहीं थी. क्योंकि हम दोनों ही खुले विचारो वाले बिंदास सेक्स लाइफ जीने वाले लोग है. वो सन्डे को वापस जा रहे थे. तो सैटरडे को रजत ने सबको बाहर डिनर करवाया और मूवी दिखाई. पुरे दिन घुमने के कारण हम सब थके थे और अपने – अपने रूम में जाकर सो गये थे.
अचानक रात को १ बजे मेरी आँख खुली, तो मैंने देखा कि रजत बिस्तर पर नहीं थे. मैंने उनको आवाज़ दी, तो कोई रेस्पोंस नहीं आया. फिर मैं उठी और बाहर आई. बाहर का नज़ारा देख कर तो, मेरी आँखे ही फटी रह गयी. रजत सोफे पर बैठे थे और रश्मि उनकी गोद में बैठी हुई उनको किस कर रही थी. मैंने चुपचाप वहीँ खड़ी रही और सब देखने लगी. रश्मि ने रजत का चेहरा पकड़ा हुआ था और वो इस तरह से उसके होठो को चूस रही थी, जैसे की जन्मो से प्यासी हो. उसने बड़ी ही बैचेनी से रजत के कुरते के बटन खोले और वो तो फाड़ने ही वाली थी. तो रजत ने उसे रोका और अपना कुरता उतार दिया. वो रजत की बालो से भरी हुई छाती पर हाथ फेर रही थी और चूम रही थी. वो बार – बार बोल रही थी, जीजा जी. आप बहुत गरम हो. दीदी इसलिए आपसे खुश रहती थी. मेरा पति तो १० मिनट से ज्यादा टीक ही नहीं पाता. बहुत प्यासी हु मैं. प्लीज आज मेरी प्यास बुझा दो.
रजत ने अब उसे उठाया और उसको सोफे पर लिटा दिया और उसकी साड़ी खोल दी और उसके ब्लाउज को भी उतार दिया. रजत बहुत ज्यादा चांस नहीं लेना चाहते थे. उन्होंने अपने पायजामे को उतार दिया और अंडरवियर में से उनका लंड बाहर आने को तड़प रहा था. रजत का ८ इंच का लंड इतना बड़ा तम्बू बना रहा था. मैंने ने खड़े – खड़े ही पानी छोड़ दिया था. मन कर रहा था, कि मैं भी चली जाऊ. लेकिन बात बिगड़ सकती थी. इसलिए मैं वही रुक कर सब देखने लगी. रजत ने उसकी ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स को अपने हाथो में भर लिया और उसको मस्ती में दबाने लगे.
रजत ने रश्मि के होठो को अपने होठो के बीच में दबाया हुआ था और वो उसको जोर से चूस रहे थे. रश्मि के कहराने की आवाज़ को मैं सुन सकती थी अहहः अहहः अहाहा अओअओअओअ अहहः ह्ह्ह्हम्म्म्म उम्म्म्मम्म हम्म्म्म और करो जीजा जी.. बहुत गरम… रजत उसके ऊपर पुरे लेटे हुए थे और उसका लंड उसकी चूत को छु रहा था. रश्मि ने हाथ बडाकर उसको अंडरवियर के ऊपर से उनको पकड़ लिया और दबाने लगी. रश्मि ने रजत के लंड को पूरी मजबूती से दबा दिया और रजत ने दर्द में उसके होठो को काट लिया. उन दोनों के मुह से आआआआआ आआआआआ जोर से चीख निकल गयी.
रश्मि बोली, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है जीजा जी. प्लीज मेरी चूत को अपने लंड का स्वाद चखा दो. रजत मुस्कुराये और बोले – इतनी भी क्या जल्दी है. फिर रजत ने उसकी ब्रा को बीच से खीच कर फाड़ दिया. ये ही अदा मुझे रजत की बहुत पसंद है. फिर उन्होंने रश्मि एक बूब्स को अपने हाथ से पकड़ा और उसके निप्पल को अपने मुह में भर लिया और उसको चूसने लगे. उनकी चुदाई की आवाज़ सुनकर मेरे निप्पल खड़े हो गये सप स्प स्प स्प चिप चिप सीसीसी.. रश्मि को बहुत मज़ा आने लगा था और उसका बदन मस्ती में मचल रहा था. फिर रजत नीचे आये और उसकी पेंटी को उतार दी और उसकी चूत को अपनी ऊँगली से रगड़ने लगे. उन्होंने अपनी जीभ उसके पेट पर चला रहे थे.
रश्मि बिना पानी के मछली की तरह तड़प रही थी और अपने दातो से अपने होठो को काट रही थी. वो अपने हाथो से अपने बूब्स को भी मसल रही थी और उसके मुह से कामुक आहे आआ हहहः अहहाह अहहहः अहहाह अहहः निकलनी शुरू हो रही थी. मैं भी बहुत गरम हो चुकी थी. मेरी ऊँगली मेरी चूत की तरफ जाने लगी थी. लेकिन मैंने अपने आप को रोका और उत्सुकता से देखने लगी. अब रजत अपनी जीभ से रगड़ते हुए, रश्मि की चूत पर आ गये और उसकी चूत के दाने पर अपनी जीभ रख दी. जीभ के लगते ही, रश्मि तो जैसे तड़प ही उठी और उसने रजत के बालो को एकदम से पकड़ कर खीच लिया और उसके मुह से निकला आआआआआअ आआआआआअ मर गयी जीजा जी… अहहहः अहहह्हा अहहहः
रश्मि अब बहुत गरम हो चुकी थी और रजत का लंड अब पुरे रौद्र रूप में आ चूका था. रजत अब खड़े हुए और उन्होंने ने अब अपने लंड को रश्मि के मुह के सामने रख दिया. रश्मि मना करने लगी और बोलने लगी, कभी मैंने उनका लंड अपने मुह में नहीं लिया. तो रजत बोले – तो क्या हुआ, उसने तो तुम्हारी चूत भी नहीं चाटी. रश्मि आश्चर्य से बोली – आपको कैसे मालूम? रजत बोले – जानेमन, तुम्हारे शरीर और चूत को हाथ लगाते ही, मुझे सब मालूम हो गया था. रश्मि ने बेमन से लंड को मुह में ले लिया. उसके मुह में लेते ही, रजत ने उसके बालो को पकड़ा और जोर – जोर से अपने लंड को उसके मुह में घुसाने लगे.
रश्मि की आँखे बाहर निकलने लगी थी और वो लंड को बाहर निकालने की नाकाम कोशिश करने लगी थी और उसके मुह से सिर्फ घु – घु – घु घु घु करके आवाज़ ही निकल रही थी. रजत ने उसके मुह १५ मिनट तक ठोका और वो रश्मि का शरीर ढीला पड़ गया. उसका शायद पानी निकल गया था. रजत ने अब उसके मुह को छोड़ा और अपने लंड को बाहर निकाल लिया. रजत ने पूछा – मज़ा आया. रश्मि में एक दर्द भरी मुस्कान दी और हाँ में मुंडी हिला दी. फिर रजत ने उसे सोफे पर लिटा दिया और उसके पेरो को अपने कंधो पर रख लिया.
रजत ने अब उसकी चूत पर अपने लंड को रखा और जोर से घिसने लगे. रश्मि ने डर के मारे आखे बंद कर ली और तभी उसकी एक जोरदार चीख निकली आआआआआआ आआआआआअ मर गयी. रजत ने एक जोरदार धक्के के साथ अपने लंड को उसकी चूत में उतार दिया था. उसका आधा लंड रश्मि की चूत में था और फिर एक और जोरदार धक्के के साथ रजत का पूरा लंड रश्मि की चूत में घुस गया था. बहुत ही जोरदार शॉट था. रश्मि झेल नहीं पायी और रजत को लातो से मारने लगी. उसकी चीख को रोकने के लिए, रजत ने अपने हाथो से उसका मुह बंद कर दिया था.
कुछ देर के बाद, उसका शरीर ढीला पड़ा और रजत ने भी अपनी पकड़ ढीली कर दी और रजत ने जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. वो बहुत जोर से बोल रही थी अहहह्हा अहहहः जीजा जी और जोर से ठोको.. आपने आज इस चूत की पूरी खुजली मिटा दी.. जोर से चोदो… मैं तो आपकी दीवानी हो गयी हु… अहहाह अहहहः अहहहः अहहाह मर गयी आआआआ और जोर से … रश्मि भी अपनी गांड हिलाकर रजत का साथ दे रही थी. फिर कोई २० मिनट के बाद, रजत ने जोर से स्पीड बढ़ा दी. मैं समझ गयी, कि रजत का छुटने वाला है. रश्मि तो पता नहीं कितनी बार झड़ चुकी थी और उसके चेहरे पर एक चमक थी.
रजत ने जोर दार धक्को की बारिश कर दी और अपने लंड को बार में पूरा अन्दर घुसा दिया और अपना सारा वीर्य उसकी चूत के अन्दर छोड़ दिया. बहुत मज़ा आया दोनों को. दोनों के चेहरे से पता चल रहा था और मैं फटाफट अन्दर आ गयी और अपनी साइड में आकर सो गयी. रजत भी आ गये और सो गये. सुबह रश्मि बहुत खुश थी. मैंने उससे पूछा, तो उसने जवाब दिया. दीदी तो सुख आपको मिलता है, कई दिनों बाद मुझे भी मिल गया. और वो मुस्कुरा दी. मैं समझ तो गयी थी, लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और वो लोग वापस चले गये.