मेरा नाम जावेद है, मैं इंदौर में रहता हूँ, मैं अपनी पहली सच्ची कहानी  लिख रहा हूँ जिसमें मैंने पहली बार अपनी गर्ल-फ्रेंड की चुदाई की थी।
उसके बाद पिछले 5 सालों से उसे चोदता आ रहा, जिसकी वजह से मुझे चुदाई की लत ही पड़ गई। उसके बाद मैं जिसे भी देखता उसको चोदने के बारे में ही सोचता।

मेरी फ्रेंड का नाम प्रीती था। वो दिखने में बहुत अच्छी थी, उसके हसीन बदन देखने में ऐसा कि किसी का भी लंड खड़ा हो जाए। उसका बदन 34-30-34 था, उसके चूचे तो दीवाना कर देते थे।

मैं जब बारहवीं कक्षा में था, तब वो मेरे स्कूल में पढ़ने आई थी, पर मैं उसे पहले से जानता था क्योंकि वो मेरे घर के पास में ही रहती थी। इसलिए हमारी पहले से थोड़ी बहुत बातचीत होती थी।

क्लास में उसकी कोई फ्रेंड नहीं थी, इसलिए वो मुझसे ही बात किया करती थी। उस वक्त मेरा इरादा कोई गलत नहीं था। वो क्लास में मेरे पास ही बैठती थी। धीरे-धीरे हम अच्छे फ्रेंड बन गए, साथ में लंच करते, साथ में रहते।

लेकिन जब एक दिन वो स्कूल नहीं आई, तो मुझे बहुत बुरा लगा मैंने उससे बहुत ‘मिस’ किया।

शाम को जब मैंने उसे फ़ोन किया तो मैंने उसकी सुने बिना उसे बहुत बुरा-भला कहा और फ़ोन रख दिया।

अगले दिन जब मैं स्कूल गया, तो वो फिर स्कूल नहीं आई।

शाम को उसका फ़ोन आया, मैंने जब बात की, तो उसने बताया उसकी तबियत ख़राब है।

मैं उससे मिलने गया, साथ में फ्रूट्स लेकर गया और उससे बहुत देर तक बातें कीं, फिर मैं घर आ गया।

स्कूल में मैंने जब उससे अगले दिन देखा, तो उसे देखते ही गले लगा लिया। मेरे गले लगाने से वो मुस्कुराने लगी और मुझे भी अजीब सा एहसास हुआ। इसी तरह कुछ दिन निकल गए। अब एग्जाम टाइम आ गया था, इसलिए उसके घर पर हम साथ में पढ़ते थे।

एक दिन उसे पढ़ते-पढ़ते नींद आ गई और वो मेरे कंधे पर सर रख कर सो गई। फिर उसे मैंने अपनी गोद में सुला लिया और उसके गालों पर हाथ फेरना शुरू किया।

वो गहरी नींद में थी, इसलिए मैंने उससे गाल पर एक चुम्मी ली, फिर उसे सुला कर में अपने घर चला आया।

सुबह वो मुझे जब स्कूल में मिली तो रात के बारे में पूछने लगी, रात को क्या हुआ था? तो मैं डर गया कहीं उस समय यह जाग तो नहीं रही थी।
पर उसने कहा- मुझे अच्छा लगा..!

और वहाँ से चली गई।

मैं बहुत खुश था, मैं क्लास में गया और उससे ‘आइ लव यू’ कह दिया। उसने भी ‘आइ लव यू टू’ कहा और गले लग गई क्योंकि क्लास में कोई नहीं था।

जब हम रात में साथ में पढ़ने लगे, तो वो मेरे बिल्कुल पास में बैठी थी, मैंने उसके गले में हाथ डाला, उसे अपनी बाँहों में ले लिया और उसे चुम्बन करने लगा।

लगभग 15 मिनट तक हम चुम्बन करते रहे, फिर मैंने अपना हाथ उसके मम्मों पर रख दिया, बेचैन होकर उसके शर्ट को भी उतार दिया।
क्या चूचे थे…! वाह..! गोरे-गोरे और बड़े-बड़े जो ब्रा से निकलने के लिए बेताब थे।

मैंने फ़ौरन उसकी ब्रा को भी उतार दिया और उसकी नंगी चूचियों को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा और साथ-साथ दबाना भी जारी रखा।
मेरा लंड खड़ा हो गया था। मैं उसके मम्मों को मस्ती से दबा रहा था

10 मिनट तक चूसने के बाद, उसने मुझे रोक दिया क्योंकि रूम की तरफ किसी के आने का अहसास हुआ।

हमने जल्दी से कपड़े पहने और पढ़ने लग गए।

उसकी मम्मी रूम में आईं और नाश्ता दे कर चली गईं। फिर नाश्ता करके मैं उसे चुम्बन करके चला गया।

मेरा लंड बिल्कुल कड़क था और उससे चोदना चाहता था, पर मेरे घर जा कर हाथ से उससे शांत किया। मेरे दिमाग में उसके मम्मे ही घूम रहे थे।

अगले दिन हम फ़िर उसके घर में मिले, हमने मिलते ही एक-दूसरे को चुम्बन करना शुरू कर दिया। मैंने उसके मम्मों को दबाया और उसके कपड़े उतार कर उसके बोबों को चूसने लगा। फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और कपड़े उतारते ही लंड फनफनाता हुआ बाहर आया।

8 इंच का एकदम कड़क और मोटा लंड देखते ही उसने उसे हाथ में ले लिया, मेरे लंड के साथ खेलने लगी और हिलाने लग गई।
फिर उसने उसे मुँह में लिया और चूसने लगी।

ऐसा लगा जैसे वो तड़प रही हो।

मैंने उससे लेटाया और उसकी चूत को हाथों से मसलने लगा।

उसकी चूत गीली हो गई थी।

फिर मैंने थोड़ा क्रीम लिया और लण्ड पर लगाया और फिर लंड को उसकी चूत पर रख कर उसे हल्का सा धक्का लगाया, लंड थोड़ा सा अन्दर गया, वो दर्द से थर्रा उठी।

मैंने उसे चुम्बन करके थोड़ा शान्त किया। फिर उसे चुम्बन करते हुए चूत में एक धक्का और दिया।

मेरा आधा लंड अन्दर चला गया था, उसे बहुत दर्द हो रहा था, तभी मैंने एक धक्का और दिया और लंड पूरा अन्दर चला गया।

वो तड़प उठी, मैंने चुम्बन किया।
जब वो थोड़ी शांत हुई, तो मैंने धीरे-धीरे लंड को अन्दर-बाहर करना शुरू किया।

मेरा लंड पूरा खून में सन गया था, पर मैंने उसे नहीं बताया, शायद वो डर जाती।

जब उसका दर्द कम हुआ, तो वो मेरा साथ देने लगी और 20 मिनट तक मैं उसे चोदता रहा।

इस बीच वो 2 बार झड़ चुकी थी। मैं भी तब झड़ गया,उसके पानी से अब मुझे उसकी चूत में ढीलापन महसूस हो रहा था इसलिए मैंने अपना लंड निकाल लिया।

5 मिनट के बाद फिर से मेरे लंड से खेलने लगी जिससे मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। पर अब उसने चुदने से मना कर दिया, कहा- सब कुछ बहुत गन्दा-गन्दा लग रहा है, आज नहीं, कल मौका मिला तो जरूर करेंगे !

हम दोनों ने अगले दिन भी चुदाई का आनन्द उठाया और इस बार भी मैंने अपना पूरा पानी उसकी चूत में छोड़ दिया।

उसने अपनी सहेली से मांग कर कोई गोली खा ली तो हमल रूकने का खतरा नहीं रहा !
फिर मैं उसे अकसर चोदता रहा और फिर 3 साल बाद उसका निकाह हो गया।

मेरी यह सच्ची कहानी आपको कैसी लगी, आप मुझे मेल कर के जरुर बताइए।

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