हेल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम सोनाली हैं और आज मैं अपनी एक फ्रेंड टीना के सेक्स अनुभव को शेयर करने के लिए आई हूँ. टीना ने ही मुझे बोला था उसकी ये हिंदी सेक्स कहानी आप लोगो के साथ सेक्स करने के लिए. उसने मुझे मुहं से बताया जिसे मैं लिख रही हूँ. मैं ये कहानी टीना ने जो बताया उस हिसाब से लिख रही हूँ.
मैं एक बहुत ही सुन्दर लड़की हूँ और मेरा रंग थोड़ा घेहूँआ हैं. और मेरा बॉडी एकदम ही सेक्सी हैं. मेरा फिगर 36 26 36 हैं. मैं मुंबई के अन्दर एक मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करती हूँ. और आज की ये कहानी मेरी ऑफिस के बॉस लोगो के साथ मेरे सेक्स के अनुभव की हैं. उस वक्त शाम के 5 बजे थे. मेरा घर जाने का वक्त हो चूका था. तभी ऑफिस के माइक पर अनाउंसमेंट हुई की बंगलौर से कंपनी के कुछ बिग बॉस लोग आ रहे हे और वो लोग ऑफिस के कलिग लोगो के लिए कुछ जरुरी अनाउंसमेंट करेंगे.
हम सभी को ऑफिस की इमारत के 12वे फ्लोर पर वन टू वन मीटिंग के लिए बुलाये गए. मेरा टर्न आया तब आलरेडी शाम के 7 बज चुके थे और मैं सब से आखरी ही थी.
मैं जैसे ही अन्दर घुसी तो मैंने देखा की कम्पनी के बॉस राघव, कबीर, अवी और कार्तिक सर बैठे हुए थे. और कार्तिक सर ने मुझे डोर बंद करने के लिए कहा. मैंने डोर को बंद किया और स्माइल देते हुए सब को गुड इवनिंग विश किया. वो सब के सब मुझे भूखे कुत्तों के जैसे ही देख रहे थे. राघव सर ने बातचित स्टार्ट की न्यू यॉर्क की ऑफिस वालों ने उन्हें सखत हिदायत दी हैं इसलिए कम्पनी के 50% स्टाफ को अपनी जॉब लूज करनी होगी.
मैं घबरा रही थी. तभी कबीर सर ने खड़े हो के कहा, लेकिन अगर तुम जॉब बचाना चाहती हो तो एक रास्ता हैं. मैं कुछ नहीं बोली और वो आगे बोले. अगर तुम हम चारों को आज रात के लिए खुश कर दो तो हम तुम्हारी जॉब को सेफ रखेंगे. मैं कुछ भी कर के अपनी जॉब को बचाना चाहती थी इसलिए मैंने उन्हें कहा की जो करना हैं वो कर लीजिए आप लोग. कबीर सर ये सुन के बड़ी एक्साइटमेंट में आ गए. और वो बोले, तुम्हारी जैसी स्मार्ट लड़की ऐसा ही करती जो तुमने किया हैं.
तब मैंने एक नेवी ब्लू साडी और लो नेक ब्लाउज पहना हुआ था. कबीर सर खड़े हो के मेरे पास आ गए और उन्होंने मुझे कमर से पकड़ लिया और मुझे खिंच के मेरे होंठो को चूमने लगे. मैं एकदम अव्क्वार्ड फिल कर रही थी. लेकिन मेरे पास कोई और चोइस भी नहीं थी इसलिए मैंने वो जो कर रहे थे वो करने दिया.
अब उन्होंने मेरे पल्लू को कंधे के ऊपर से हटाया और मेरे ब्लाउज को एक्सपोस कर दिया. और उन्होंने मेरे पल्लू को कार्तिक सर को दे दिया. कार्तिक सर ने मेरे पल्लू को खिंच के मेरी साडी को उतार दी. अब मैं उन चारो के सामने ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी हुई थी. मैं एकदम एम्ब्रास हुई पड़ी थी और अपने हाथो से अपनी चुचियों को छिपा रही थी.
उतने में अवी ने आ के मुझे ऑफिस के टेबल के ऊपर लिटा दिया. अब वो चारो मेरे इर्द गिर्द आ के खड़े हो गए. वो मुझे हवस से भरी हुई आँखों से देख रहे थे. राघव ने अब मेरे ब्लाउज के बटन को खोलना चालु कर दिया. और अवी ने मेरे पेटीकोट को निचे खिंच लिया. अब मैं सिर्फ अपनी ब्रा और पेंटी में थी. कबीर मेरे पेट को चाटने लगा और कार्तिक मेरी थाई यानी की जांघो को लिक कर रहे थे.
और फिर वो मुझे टेबल से उठा के ऑफिस के अन्दर ही बने हुए पलंग के ऊपर ले आये और मुझे बिठा दिया. और फिर वो चारो ने अपनी पेंट की ज़िप खोल के अपने लंड बहार निकाल दिए. कबीर मेरे पास आ गया और उसने मुझे घुटनों के ऊपर बिठा दिया और बोला डार्लिंग हम हर 6 महीने में न्यू यॉर्क जाते हे आज तुम हमें खुश कर दो तो हम तुम्हे भी अमरिका दिखा देंगे.
और ये कहते कहते ही उसने अपने लंड मेरे मुहं में घुसेड दिया और मुझे चूसने के लिए मजबूर सा कर दिया. मैं जब कबीर सर के लंड को चूस रही थी तब अवी ने आके मेरी ब्रा को निकाला और राघव ने मेरी पेंटी को. अब मैं उन चार खड़े लंड वाले मर्दों के बिच में पूरी नंगी हो चुकी थी. अवी और राघव दोनों मेरे पास आ गए और राघव ने मुझे लंड हिलाने के लिए पकड़ा दिया. और अवी ने जैसे ही कबीर के लंड को बहार करते ही अपने लोडे को मेरे मुहं में दे दिया.
और तभी कार्तिक भी पीछे से आ गया और वो पीछे से ही मुझे चोदने लगा. अब कबीर मेरी चूत को फिंगर कर रहा था. और फिर राघव ने मुझे लंड चुसाया. अवी तब मेरे बूब्स को चूस रहा था. और तभी कार्तिक ने कहा दोस्तों ये तो बड़ी रंडी हे और आराम से चार लंड अपनी चूत और गांड में डलवा सकती हैं. एक काम करते हैं कबीर का घर यही करीब हैं, पूरी रात के लिए इसे ले चलते हैं फुल मजे करवाएगी हमें. और मेरे बूब्स को पकड़ के उसने कहा क्या कहती हैं मेरी रंडी. मैंने कुछ जवाब नहीं दिया लेकिन मैं बस स्माइल कर रही थी.
वो लोगो ने मुझे ब्रा पेंटी के बिना ही साडी पहना दिया. कार के अंदर मैं कबीर और कार्तिक के बिच में बैठी हुई थी. अवी और राघव आगे बैठे हुए थे. कार की पीछे की सिट में वो दोनों ने मुझे ब्लाउज खोल के बूब्स मुहं में ले के खुश किया. कार थोड़ी चली और मैंने कबीर के लोडे को मुहं में ले लिया. कार्तिक ने मेरी साडी को ऊपर कर के मेरी चूत में ऊँगली डाल के फिंगर किया. उनकी ऊँगली से चलते जादू की वजह से मैं मोअन कर रही थी. वो दोनों भी एकदम उत्तेजित थे और मेरे बूब्स को दबा के लंड चूसा रहे थे मुझे. वो दोनों ने मेरे मुहं में ही झाड निकाल दी.
अवी और राघव आगे बैठ के जेलस हो रहे थे क्यूंकि उन्हें आगे की सिट में बैठ के कार्तिक और कबीर के जैसा प्लीजर नहीं मिल रहा था.
कुछ ही देर में हम लोग कबीर के घर पर पहुँच गए. कबीर और कार्तिक ने कार में मेरे साथ मजे लिए थे. इसलिए घर पर पहुँच के मेरे साथ पहले अवी और राघव की बारी आई. अवी मुझे बेडरूम में ले गया और मुझे एकदम न्यूड कर दिया. और तब राघव सब के लिए ड्रिक बना रहा था. अवी ने मुझे बिठा दिया और वो मेरे बूब्स से खेलने लगा. और फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत में डाल के चोदना चालू कर दिया.
आधे घंटे तक चोद चोद के उसने अपने लंड का पानी मेरी चूत में ही छोड़ा. और फिर उसने राघव को बेडरूम में बुला लिया. राघव ने भी आ के मेरी चूत में लंड डाल दिया. एक एक कर के वो चारो मुझे ऐसे ही चोद गए. और वो लोगों ने मुझे कहा की ये तो बस वार्म अप सेशन था असली चुदाई तो चारो साथ में मिल के पूरी रात करेंगे मैं बुरी तरह से थकी हुई थी लेकिन कोई चोइस भी तो नहीं थी. उन्होंने मुझे वाशरूम में जा के क्लीन अप करने को कहा. और मैं गई तब वो बैठ के ड्रिंक कर रहे थे.
जब मैं क्लीन कर के वापस आई तो अवी ने मुझे अपने लंड के ऊपर बिठाया. फिर मैंने चारो के लंड चुसे. अब राघव ने मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया. और कबीर ने अपने लंड को मेरी चूत में पेल दिया. कबीर ने मेरे मुहं को लंड से भर दिया. और मैं बाकी बचे एक लंड को हाथ में पकड़ के हिला रही थी.
मैं भी उत्तेजित हो चुकी थी और मैं बस एक गुडिया की तरह बेजान रही. वो चारो मजे से मेरे अंग अंग को भोग रहे थे. वो बार बार जगह बदल के मुझे चोद रहे थे. सुबह तक मेरी गांड और चूत की हालत वो लोगों ने चोद चोद के मेरी हालत खराब कर दी. और मुझे ये ख़ुशी थी की मैंने चुदवा के ही सही लेकिन अपनी जॉब बचाई थी!!!