हेलो दोस्तों मैं महिमा आपको अपनी सेक्सी कहानी सुना रही हूँ | मैं चंडीगढ़ की रहने वाली हूँ| गुरु तेग बहादुर यूनिवर्सिटी से सांख्यिकी विज्ञानं में मैंने बी स सी किया है. दोस्तों जब मैं बहूत साल की थी मेरी माँ कैंसर से स्वर्ग सिधार गयी तब पापा और मैं अकेले अकेले जीने लगे. मैं उस वक्त छोटी थी अब पापा मुझसे जादा प्यार करने लगे थे. एक तो मैं पापा को अपनी माँ की याद दिलाती थी उपर से पापा अन्तर्मुखी थे बाहर लोगों से कम बोलते थे. तो फ्रेंड्स अब पापा की जिन्दगी में सिर्फ मैं थी और मेरी जिन्दगी में सिर्फ पापा. पापा वकील थे सुबह ही कचेहरी चले जाते थे. मैं शाम को उनका बेस्ब्री से इंतजार करती थी. घर पर एक आया उन्होंने मेरे देखभाल के लिए रखी थी.
जो मेरा ख्याल रखती थी जब पापा शाम को आते थे तो मैं उनका बेसब्री से इंतजार करती थी. जैसे ही वो आते थे मैं उनकी गोद में चढ़ जाती थी. पापा मेरे होंठों पर चूमते थे. तब मैं 8 साल की थी मैं भी थोड़ी अन्ततर्मुखी थी. टीवी देखने का तो मुझको बड़ा शौक था सारा सारा दिन टीवी देखती थी. इस तरह दोस्तों मैं धीरे धीरे बड़ी हो गयी और २३ साल की जवान मॉल हो गयी. माँ के मरने के बाद पापा ही मुझको नहलाते थे. मेरे बाल धुलवाते थे, तौलिये से मेरे बाल पोंछते थे और मुझे निकर चड्ढी पहनाते थे. पापा मुझको मेरे होंठों पर किस करते थे. पर जब मैं बड़ी और जवान हो गयी तो चीजे बदल गयी अब पापा ने मुझको होंठों पर चूमना चाटना बंद कर दिया. दोस्तों, इस दुनिया में कोई भी बाप अपनी बेटी को बुरी नियत से नही देखता है. मेरा पापा भी कोई क्ल्युगी पापा नही थे. वो जान गए थे की अब उनकी लडकी जवान और सायानी हो गयी है. मैं भी जान गयी थी की भले ही आपका बाप आपको कितना प्यार करता हो पर जवान लडकी को होंठों पर चूमने के माने दुसरे होत्ते है इसका दूसरा मतलब निकलता है. दोस्तों मुझको किसी से चूत चुदाई और लंड के बारे में किसी दोस्त ने नहीं बताया पर ये सब मैंने टीवी से सिख लिया था.
घर में २ टीवी थे. पापा ने एक मेरे कमरे में लगवा रखा था. पापा को नही पता था, पर रात ११ बजे के बाद उसके एक चैनल पर ब्लू फिल्म आती थी. २३ साल की होते होते मैं चुदाई के बारे में सब जन गयी थी.मैं रात रात जग कर चुदाई वाला वो चैनल देखती रहती थी जब पापा मुझको रात में चेक करने आते थे तो तुरंत मैं टीवी बंद करके सो जाती थी इस तरह दोस्तों मैं चुदाई के बारे में सब जान गयी थी एक दिन पापा ने कहा की उनके बदन में बहुत दर्द हो रहा है तो मैं उनकी मालिश करने लगी पापा ने सारे कपड़े निकाल दिए पापा अभी मुस्किल ने ४० के होंगे अच्छे खासे गबरू जवान थे पर मेरी खातिर दुबारा शादी नही की उनको दर था कहीं नयी बीवी मेरे साथ अच्छा बर्ताव करे या बुरा बस दोस्तों यही सोचकर पापा ने दुबारा शादी नहीं की पापा ने अपने सारे कपड़े सिर्फ अन्डर्विअर छोड़कर सब निकल दिया था आप भी पापा बिलकुल सनी देओल से कम नहीं लगते थे वो बेड पर लेट गए मैं उनके बदन के उपर से निचे जड़ी बूटी वाला तेल लगाने लगी पहले तो मैं पापा को वैसे ही प्यार करती थी एक बाप की नजर से देखटी थी पर आज न जाने क्यूँ मैं उनको एक प्रेमी की नजर से देख रही थी क्यूंकि आजकल मैं रात में वो चुदाई वाला चैनल देखती थी अब मैं अपनी चूत में ऊँगली करके मुठ भी मारने लग गयी थी मेरे इस कांडों के बारे में पापा को कुछ नहीं पता था आज जब शाम के वक़्त पापा के हाथ पैरों में मालिश कर रही तो अचानक से ख्याल आया महिमा! तू इनदिनों लंड ढूँढ़ रही है एक अच्छा ख़ासा जवान लंड तो तेरे सामने ही है ये सोचकर मैं पापा के पैरों और जांधों में खूब रगड रगड़ कर मालिश कर रही थी, आप ये कहानी नोनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है
अरे बेटी महिमा!! आज तो तू बड़ी अच्छी तरह से मालिश कर रही है कुछ चाइये क्या तुझको बेटी?? पापा ने कहा
दोस्तों जी तो हुआ की कह दूँ की पापा और क्या मांगू बस दुनिया की सबसे किमती चीज अपना बड़ा सा मोटा सा लंड दे दीजिये पर मैंने नहीं कहा मेरे मालिश करने से पापा का लंड खड़ा हो गया वो सोचे कहीं बेटी कुछ गलत मतलब न निकाले इसलिए एक तौलिया लेकर बाथरूम में भाग गए मैंने उस वक़्त एक ढीला सलवार सूट पहन रखा था पापा के मेरे दूधिया मम्मो के दर्शन हो गए
बेटी! अब तू बड़ी हो गयी है इतने ढीले कपड़े मत फना कर पापा ने कहा मैं समझ गयी की आज पापा को मेरे दूध के दर्शन हो गये है जब पापा बाथरूम में तौलिया लेकर अचानक से भाग गयी तो मुझको थोड़ी हैरानी हुई मन में सवाल उठा देखो अन्दर क्या कर रहे है दरवाजे के छेद से झाककर देखा पापा मुठ मरने में मस्त थे क्या मोटा लैंड था किसी मोटे गन्ने से कम नहीं था सुपाडा गुलाबी था और लंड काला था पापा आनखे बंद किये थे और सायद मेरा ही ध्यान कर रहे थे और खट खट मुठ मार रहे थे मैं मजे से ये सीन देखने लगी १५ मिनट तक पापा मुठ मारते रहे फिर उनके गन्ने जैसे लंड से बन्दुक की गोली की तरह ५ ६ बार मॉल की पिचकारी निगली पापा के घुटने चुत्तड जांघ और पैर की ऐडीयां ऐठ गयी पापा का चेहरा बता रहा था की उनको जन्नत का मजा मिल गया था
मैंने सोचा की अगर पापा किसी दिन मुझको चोदे तो उनको और साथ ही मुझको भी जन्नत का मजा मिल जाये मैं अपने कमरे में आ गयी और यही सोचने लगी की कैसे पापा से चुद जाऊं कोई भी बाप आसानी ने अपनी सगी लडकी को तो चोदेगा नहीं एक दिन पापा के नहाने से पहले मैं बाथरूम में घुस गयी मैं नहाने लगी जब पापा नहाने के लिए आने लगे तो मैं अचानक से बाहर निकली मैंने अपनी छाती पर सिर्फ एक गुलाबी रंग की तौलिया बाँध रही थी मेरी गोरी गोरी पतली टाँगे घुटनों तक खुली थी उपर मेरे दोनों कंधे चिकने साफ दुधिया चमक रहे थे मेरे काले लम्बे बाल किसी काली बहती नदी से लग रहे थे दोस्तों मैंने जान भूझकर तौलिया बड़ी हलकी सी बाँध रखी जैसे ही मैं बाहर निकली पापा सामने खड़े थे मैंने पीछे हल्का सा हाथ तौलिया की गाँठ पर लगाया अचानक तौलिया सर्र की आवाज करती निचे सरक गयी मैंने डरने का नाटक किया पापा बिलकुल झेप गए पर मेरा खुबसुरत जिस्म तो उनकी आँखों में कैद हो ही गया
कैसे तौलिया बांधती हो? ठीक से बाँधा करो बेटी अब तुम बच्ची नहीं रह गयी पापा ने कहा जल्दी से तौलिया उठा के मेरे सीने पर डाल दी पापा ने मेरे खुले नंगे सीने को साफ साफ देख लिया मैं पछतावे का नाटक किया जल्दी से वहां से भागी तो फर्श पर पड़े पानी पर पैर पड़ा मैं फिसल गयी एक बार फिरसे मेरी तौलिया खुल गयी पापा मुझको उठाने उठे तो वो भी फिसल गए और मेरे उपर ही गिर गए मैंने उनको बाहों में ले लिया उन्होंने भी मुझको बाहों में भर किया कुछ सेकंड को वो भूल गए की मैं उनकी सगी बेटी हूँ मेरे होंठों पर उन्होंने अपने होंठ रख दिए
मैं भी उनके होंठ पीने लगी जवान नंगी लडकी को पाकर सब भूल गए मेरी रूप के आंच ने उनकी साधना तोड़ दी मैंने भी कहा की आज मौका मिला है महिमा इसको मत छोड़ मैंने पापा को बाँहों को कस लिया हम दोनों एक दुसरे को जमकर पिने लगे मैं नंगी तो थी ही पापा का हाथ मेरे कसे कसे गोल मम्मो पर चला गया मैंने कुछ नहीं कहा पापा मेरी छातियाँ दबाने लगे मैंने भी दबाने दिया पापा के चेहरे पर मेरे काले भीगे बाल बिखर गये थे पापा ने मेरे भीगे बालों को एडजस्ट किया और मेरे मम्मे पिने लगे मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी कुछ मिनट में ही पापा का लंड खड़ा हो गया
बेटी! तू इतनी मस्त मॉल कब हो गयी ?? मैं तो यही सोचता था की तू आज भी छोटी है पर तू तो बिलकुल पक चुकी है पापा बोले
बेटी! मैं तेरे रूप का रस पीना चाहता हूँ पर डर है तू कहीं कल किसी को इस कांड के बारे में बता न दे बेटी महिमा क्या तू चुदाई के बारे में कुछ जानती है पापा ने पूछा
पापा मैं चुदाई के बारे में सब जानती हूँ आपने जो टीवी मेरे कमरे में लगवाया है न उनमे रात में एक चैनल पर ब्लू फिल्म आती है अब तो मैं मुठ भी मारने लगी हूँ मैंने पापा से कहा पापा खुश हो गए
पापा आप मुझको बिना कोई टेंशन को चोदो मैं खुद आपसे चुदवाना चाहती हूँ मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगी ये हमारा राज सिर्फ बाप बेटी के बिच रहेगा दुनिया में इसके बारे में किसी को पता नहीं चलेगा आप मुझको बेफिक्र होकर चोदो मैंने पापा से कहा उनको पूरा यकीन दिलवाया अब पापा बेफिक्र हो गए मस्ती से मेरे दूध पीने लगे आज दोस्तों मेरा सपना सच होने वाला था रोज टीवी में चुदाई देखती थी पर आज मैं खुद चुदने वाली थी पापा किसी बच्चे की तरह मेरे दूध पीने लगे मैं मस्त हो गयी मेरी बुर गीली होने लगी मॉल मेरी चूत से निकलने लगा मैंने पापा के सर पर अपना हाथ रख दिया जिस तरह से पापा मेरी माँ के दूध पीते थे ठीक उसी तरह मैं उनको अपना दूध पिला रही थी पापा ने तो आज जन्नत का मजा ले लिया अब मेरे पतले गोर पेट को चूमने चाटने लगे दोस्तों मैं अपनी माँ को गयी थी जिस तरह मेरी माँ इतनी गोरी थी की अगर कमरे में रख दो तो उजाला हो जाए ठीक उसी तरह मैं भी इतनी गोरी थी की पापा की तपस्या टूट गयी
पापा अब मेरी नाभि को चूमने चाटने लगे गहरी खूब गहरी नाभि थी पापा जीभ को मेरी नाभी में डालने लगे मुझे एक अजीब सा सुख मिलने लगा मेरे पेडू में हलचल होने लगी जी किया की अब पापा से ख दू पापा अब मुझको मत तडपाओ जिस तरह मम्मी को चोदते थे ठीक उसी तरह जोर जोर से मुझको चोदो पर मैंने कुछ नहीं कहा पापा बड़े प्यार से धीरे धीरे मुझको चोदना चाहते थे मैं उनको डिस्टर्ब नहीं करना चाहती थी पापा मेरी गहरी गोली अति सुन्दर नाभि में अपनी जीभ डाले और डाले ही जा रहे थे मैंने अपनी दोनों छातियों को हाथ में ले लिया और मुह तक लाकर मैं अपनी काली निपल्स को चाटने लगी
अब पापा को बड़ी जोर की चुदास लगी मेरी बुर पर पापा आ पहुचे मेरी गोरी चिकनी बुर का दीदार किया कुछ दिन पहले ही मैंने झांटे बनायीं थी मेरी चूत बड़ी खुबसूरत और गद्देदार थी पापा का तो दोस्तों दिल खुस हो गया
महिमा बेटी तू जानती है जब तेरी माँ नयी नयी शादी के बाद आई थी पहली रात को ठीक ऐसी ही चूत थी उनकी पापा बोला मैं हस दी
तो पापा मम्मी की तरह मुझको भी चोदिये आप मैंने कहा पापा निहाल हो गये मेरी बुर पीने लगे मुझको तो जैसे जन्नत मिल गयी रोज bf में देखती थी आज खुद किसी को अपनी बुर पिला रही थी पापा अपनी लम्बी जीभ फेर फेरकर मेरी बुर पिने लगी मेरी चूत अब और क्रियाशील होकर फूलकर कुप्पा हो गयी पापा चूत में ऊँगली करने लगे साथ ही मेरी चूत के हसींन होंठों को वो पीने लगे मुझको चरम सुख मिलने लगा मैंने दोनों पैर खोल लिए पापा जान गयी की बेटी अब चोदने को ख रही है पापा ने कपड़े निकल दिए मेरी बुर के दरवाजे पर अपना वो अलसी निग्रो जैसा सुपाडा रखा और जोर का ढाका मारा मेरी सिल टूट गयी
गाढ़ा चिपचिपा खून मेरी चूत से बह निकला पापा मुझको पेलने लगे कुछ देर बाद मुझको दर्द ख़तम हो गया कमर उठा उठा के मैं अपने ही सगे बाप से चुदवाने लगी सारे रिश्ते नातों को हम दोनों बाप बेटी आज भूल गये थे पापा ने मुझको आधे घंटे चोदा और मेरी नयी नयी फटी चूत में ही अपना मॉल निकाल दिया जैसे ही उन्होंने अपना लौडा बहार निकला पीछे ने उनका मॉल भी मेरी चूत ने निकल आया फिर कुछ देर बाद पापा ने मेरी गाड़ भी मारी उसके बाद तो दोस्तों चुदाई का ऐसा सिलसिला चला की बस पूछिए ही मत दिन रात चुदाई होने लगी हम बाप बेटी में एक सीक्रेट डील हो गयी खाना बनाने वाले नौकर को हमने निकाल दिया की कहीं उसको हमारे पाप और काण्ड के बारे में न पता चल जाए
अब हम बाप बेटी अलग अलग कमरे में नहीं बल्कि एक ही कमरे में एक बिस्तर में सोते मैंने मोबाइल पर ४ बजे का अलार्म लगा देती जब जाती और पापा का लैंड चुस्ती पापा जान जाते इसका चुदवाने का मन है मुझको सुबह सुबह की २ राउंड चोदते फिर नहाने चले जाते मैं फटाफट पापा का नाश्ता बनती उनके बैग में टिफ़िन रख देती शान को पापा ६ बजे आते उस्से पहले मैं सब काम कर लेती अब एक नई साडी उनका इंतजार करती रात १० बजे तक हम दोनों बाप बेटी खाना खाकर बिस्तर पर आ जाते और फिर होती चुदाई पलंगतोड़ चुदाई चुदवा पापा से चुदवा चुद्वाकर मैं गर्भवती हो गयी
महिमा बेटी अब मैं तेरी चूत के बिना नही जी सकता पापा बोले १ हफ्ते में हम दोनों ने चंडीगढ़ छोड़ दिया और पटियाला आ गये यहाँ हमको कोई नहीं जानता था जब कोई मेरे बारे में पूछता पापा कहते मेरी बीवी है लव मैरिज की है और तबसे मेरे प्यारे पापा मुझको हर रात चोदते है कभी नागा नहीं किया.