Category: Hindi Kahani

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ट्रेनिंग सेण्टर की प्रेम-चुदाई

मेरा नाम विजय है, मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ। मेरी कहानी 2010 जनवरी से शुरू होती है, जब मेरी पुलिस में सिपाही की नौकरी लगी और मैं ट्रेनिंग करने के लिए ट्रेनिंग सेण्टर आया। शुरू में ट्रेनिंग सेण्टर में मन ही नहीं लगता था, दिन भर की ट्रेनिंग के बाद को बिस्तर पर जाते ही नींद आ जाती थी। पर धीरे-धीरे ट्रेनिंग की आदत हो गई और अब थकान कम होती थी। एक रात खाना खाने के बाद अपने साथियों के साथ बैठा था, तभी मेरे एक दोस्त ने...

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फ़ोन से बुर चुदाई तक

अवधेश रिंकू हैलो दोस्तो, मैं इस कहानी से आपको बताना चाहता हूँ कि जब प्यार किसी से होता है तो वो शक्ल-सूरत से नहीं होता है। यह उस समय की बात है जब मैं बी. टेक के दूसरे साल में था। मेरे दोस्त ने एक फ़ोन नंबर दिया और कहा- इस लड़की से बात करो। वो लड़की उसकी दूर की रिश्तेदार थी। मैं उससे बात करने लगा और तीन महीने बीत गए, मेरे दोस्त ने बोला- तू इसे प्रपोज कर देना। तो मैंने ऐसा ही किया पर उस लड़की ने...

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शादीशुदा लड़की के साथ बिताये कुछ हसीन पल

दोस्तो, मेरा नाम कुणाल सिंह है। बहुत समय बाद अपने ज़िन्दगी की असली कहानी लिखने जा रहा हूँ। जितना प्यार आपने मेरी पुरानी कहानियों को दिया हैं, उम्मीद करता हूँ उतना ही प्यार आप मेरी इस कहानी को देंगे। मेरी सगी मौसी की चुदाई के बाद मैंने कई चुदाई की। कुछ बार उनकी, कुछ बार उनकी सहेलियों की, तो कभी उन कहानियों को पढ़ कर कुछ प्रिय पाठिकाओं की. आओ, अब सीधा कहानी पे चलते हैं. वैसे तो मेरे मेल पे कई मेसेज आते रहते हैं औरत के नाम से,...

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दोस्त की बीवी पूजा को चोदा

मेरा नाम आदित्य है. मेरी अभी तक शादी नहीं हुई है. अभी तक मैंने रंडियां चोद कर ही अपने लंड के टोपे की खुजली को शांत किया है. मगर रंडी तो रंडी ही होती है. शुरू में जब पहली बार मैंने एक रंडी की चूत चोदी तो बहुत मजा आया लेकिन फिर धीरे-धीरे मजा आना कम होता चला गया. अब मेरा मन कुछ नया चाहता था. ढीली चूत मारने में मजा नहीं आता था मुझे. मुट्ठ भी मारता था लेकिन लंड की प्यास थी कि बुझने का नाम नहीं ले...

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दरवाजे पर हुस्न से लबरेज माल खड़ा था

मैं घर पर पहुंचा ही था मैं जब दरवाजे पर खड़ा था तो पापा मुझे कहने लगे कि हर्षित बेटा मुझे तुमसे कुछ काम था। मैंने पापा से कहा हां पापा कहिए ना आपको क्या काम था पापा मुझे कहने लगे कि बेटा तुम क्या कुछ देर मेरे साथ बैठ सकते हो मैंने पापा से कहा हां पापा क्यों नहीं। पापा के साथ मैं सोफे पर बैठा हुआ था पापा मुझे देखते हुए कहने लगे कि हर्षित बेटा अब तुमने आगे क्या क्या सोचा है। मैंने पापा से कहा पापा...

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दोस्त की जुगाड़ भाभी की डबल चुदाई

मेरे प्यारे दोस्तो, कैसे हो आप सब … मैं आपका दोस्त शिवराज एक बार फिर से एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ. आप सबका जो प्यार मुझे मिला, वो ऐसे ही देते रहना. इस बार मैं आपको एक हसीन हादसा, जो मेरे साथ हुआ, उसके बारे में बताना चाहता हूँ. ये बात इसी साल दिसंबर के आखिरी की है. मेरी बीवी सर्दियों की छुट्टियों में अपनी माँ के घर गयी हुई थी. मैं घर पे अकेला था. दस दिनों तक मुझे अकेला ही रहना था. मैं रात को खाना खाने...

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दोस्त की बीवी पूजा को चोदा

मेरा नाम आदित्य है. मेरी अभी तक शादी नहीं हुई है. अभी तक मैंने रंडियां चोद कर ही अपने लंड के टोपे की खुजली को शांत किया है. मगर रंडी तो रंडी ही होती है. शुरू में जब पहली बार मैंने एक रंडी की चूत चोदी तो बहुत मजा आया लेकिन फिर धीरे-धीरे मजा आना कम होता चला गया. अब मेरा मन कुछ नया चाहता था. ढीली चूत मारने में मजा नहीं आता था मुझे. मुट्ठ भी मारता था लेकिन लंड की प्यास थी कि बुझने का नाम नहीं ले...

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शादीशुदा लड़की के साथ बिताये कुछ हसीन पल

दोस्तो, मेरा नाम कुणाल सिंह है। बहुत समय बाद अपने ज़िन्दगी की असली कहानी लिखने जा रहा हूँ। जितना प्यार आपने मेरी पुरानी कहानियों को दिया हैं, उम्मीद करता हूँ उतना ही प्यार आप मेरी इस कहानी को देंगे। मेरी सगी मौसी की चुदाई के बाद मैंने कई चुदाई की। कुछ बार उनकी, कुछ बार उनकी सहेलियों की, तो कभी उन कहानियों को पढ़ कर कुछ प्रिय पाठिकाओं की. आओ, अब सीधा कहानी पे चलते हैं. वैसे तो मेरे मेल पे कई मेसेज आते रहते हैं औरत के नाम से,...

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बिस्तर पर प्यार का इजहार

मेरे पिताजी ने नई कार खरीदी उस वक्त मेरी उम्र 21 वर्ष थी और मैं बहुत ज्यादा खुश था क्योंकि पिताजी की नई कार से पिताजी की हैसियत में भी बढ़ोतरी हो गई थी। आस पड़ोस के लोग उन्हें बधाईयां देते और बधाइयों का तो जैसा दौर ही शुरू हो गया तो वह खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था। हमारे पड़ोस में रहने वाले लोग मुझे कहते कि जाओ अपने पापा से कह कर हमें भी कहीं घुमाने ले चलो लेकिन मैं सब को मना कर दिया...

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योनि को नहलाया पहली रात में

नीलम दौड़ती हुई कमरे की तरफ आई और कहने लगी दीदी जल्दी से तैयार हो जाओ मैंने नीलम से कहा क्या हुआ तो नीलम कहने लगी दीदी बस तुम जल्दी से तैयार हो जाओ। मैं मेज पर बैठकर अपनी किताब पढ़ रही थी मैंने उसे कहा जब तक तुम मुझे बताओगी नहीं कि हुआ क्या है तब तक मैं तैयार नही होउंगी। नीलम कहने लगी मम्मी ने आपके लिए संदेशा भिजवाया है कि आप तैयार हो जाओ मैंने नीलम से कहा लेकिन उन्होंने मुझे तैयार होने के लिए क्यों कहा...