मुझे जॉब करते हुए 5 वर्ष हो चुके हैं, मैंने अपने एमबीए की पढ़ाई पुणे से की और उसके बाद मैंने पुणे की एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर ली।

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मैंने जब पहले दिन अपनी कंपनी में काम शुरू किया तो उस दिन मेरी मुलाकात मेरे बॉस से हुई, मैं जब भी अपने बॉस को देखता तो मुझे ऐसा लगता कि मुझे भी उन्हीं की तरह बनना है और मैंने उन्हें अपना रोल मॉडल बना लिया, उन्होंने बड़ी ही कठिनाइयों से अपना काम शुरू किया और वह जिस ऊंचाई पर थे मैं भी उस ऊंचाई पर पहुंचना चाहता था लेकिन उसके लिए मुझे कड़ी मेहनत करनी थी और मैंने इन 5 वर्षों में काफी मेहनत की जिससे कि मेरा प्रमोशन होता चला गया। मैं जिस कंपनी में जॉब करता था उसकी ब्रांच काफी जगह पर थी लेकिन हेड ऑफिस हमारा पुणे में ही था एक बार मुझे बेस्ट एम्पलाई का अवार्ड मेरी कंपनी के द्वारा दिया गया जिसके लिए पुणे में ही सारा आयोजन किया गया था, पुणे के एक बड़े होटल में सब कुछ आयोजित हुआ था उस दौरान काफी लोग वहां पर आए भी थे मैं भी बहुत खुश था क्योंकि मुझे बेस्ट एम्पलाई का आवार्ड मिल रहा था और मेरे लिए यह किसी खिताब से कम नहीं था।

जिस दिन मुझे अवॉर्ड मिला उस दिन मेरे परिवार के लोग भी वहां पर आए हुए थे और सब लोग बहुत ही ज्यादा खुश थे, मेरी भी खुशी का ठिकाना नहीं था क्योंकि मुझे वह अवार्ड मेरे बॉस ने हीं दिया था मैं इतना ज्यादा खुश था कि उस दिन मेरे दोस्तों ने भी मुझे बधाई दी और उस दिन उस होटल में जमकर पार्टी हुई, पार्टी में हमारे ब्रांच के काफी मेम्बर आए हुए थे उस दौरान मेरी मुलाकात एक लड़की से हुई जो कि जयपुर ब्रांच में काम करती है। वह मुझे कहने लगी सर क्या मैं आपके साथ कुछ देर बात कर सकती हूं, मैंने सबसे पहले उसका नाम पूछा उसका नाम शमिता है, मैंने शमिता से कहा तुम कौन सी ब्रांच में जॉब करती हो तो उसने मुझे बताया कि मैं जयपुर की ब्रांच में काम करती हूं, वह मुझसे कहने लगी कि सर आपसे मुझे पांच मिनट चाहिए इसके लिए मैं आपका धन्यवाद कहना चाहती हूं, मैं और शमिता आपस में बात करने लगे मैंने शमिता से कहा क्या तुम मुझे अपने एक्सपीरियंस के बारे में बता सकती हो, वह मुझे कहने लगी कि मुझे इस कंपनी में काम करते हुए दो वर्ष हो चुके हैं और मैंने काफी मेहनत से इस कंपनी में काम किया है, मैंने भी शमिता से अपने एक्सपीरियंस शेयर किए और उसके साथ मैं काफी देर तक बात करता रहा।

मैंने उसे बताया कि कैसे मैंने इस कंपनी में अपने काम की शुरुआत की और कैसे मैं आज कंपनी का बेस्ट एम्पलाई बना, वह भी बहुत खुश थी और मुझे कहने लगी कि सर मुझे भी आपकी तरह ही बनना है, मैंने उसे कहा देखो तुम अपने काम पर फोकस करो और अपने काम पर पूरा ध्यान दो, वह कहने लगी सर मैं तो अपने काम पर पूरा ध्यान देती हूँ लेकिन क्या मुझे आपका नंबर मिल सकता है? मैंने शमिता से कहा क्यों नहीं तुम मेरा नंबर ले लो यदि तुम्हें कभी भी कोई जरूरत हो तो तुम मुझे फोन करना। मैंने शमिता को अपना नंबर दे दिया और उस दिन हम दोनों की काफी अच्छे से बात हुई, शमिता से बात कर के मुझे अपने पुराने दिन याद आने लगे मुझे वह दिन याद आने लगे जब मैं कॉलेज में एक लड़की के पीछे पड़ा हुआ था लेकिन वह मुझे कभी भी भाव नहीं देती थी परंतु आज मुझे एहसास हुआ कि यदि कोई इतना सफल है तो सब लोग आपके पीछे खुद ही चले आते हैं इसलिए शमिता ने भी शायद मेरा नंबर लिया यदि मैं आज सफल व्यक्ति नही होता तो शायद वह मुझसे कभी भी बात नहीं करती, मैंने शमिता से यह बात भी शेयर की शमिता इस बात पर हंसने लगी और कहने लगी कि सर सारी लड़कियां एक जैसी नहीं होती आपसे बात कर के मुझे बहुत अच्छा लगा और आप के अंदर कुछ एक अलग ही बात है, मैंने समिता से कहा ठीक है शमिता अभी मैं चलता हूं क्योंकि मेरे और भी गेस्ट आए हुए हैं और मुझे उनसे भी मिलना है, उस दिन की पार्टी बड़ी ही धमाकेदार रही और अगले दिन जब मैं ऑफिस में गया तो सब लोग मुझे बधाई दे रहे थे वैसे तो सब लोगों ने मुझे पहले दिन ही बधाई दे दी थी लेकिन उस दिन भी सब लोग मुझे बधाइयां दे रहे थे, मैं जब अपने बॉस के साथ उनके कैबिन में बैठा तो उन्होंने मुझसे कहा देखो तुम मेरे बेटे की उम्र के हो और मैं जब भी तुम्हें देखता हूं तो मुझे तुम्हारे अंदर अपना सा महसूस होता है और लगता है कि जैसे मेहनत मैंने कि वैसे ही मेहनत तुम भी कर रहे हो, मैं चाहता हूं तुम एक दिन मेरी तरह ही किसी अच्छी कंपनी में रहो या फिर खुद का ही कोई काम खोलो।

मैंने उस दिन अपने सर से कहा कि सर मैं आपको पहले से ही अपना रोल मॉडल मानता हूं और आप से ही मुझे काफी कुछ सीखने को मिलता है, वह कहने लगे कि बेटा तुम्हें जब भी मेरी जरूरत हो तो तुम हमेशा मुझसे बात कर सकते हो। जैसे ही मैं कैबिन से बाहर आया तो मैंने देखा कि शमिता का मेरे फोन पर फोन आया हुआ था लेकिन मैंने अपना फोन साइलेंट मोड पर किया हुआ था, मैंने जब उसे कॉल बैक किया तो शमिता मुझे कहने लगी कि सर मैं कुछ दिनों के लिए पुणे में ही रुकी हूं और आपसे मैं मिलना चाहती हूं, मैंने शमिता से कहा लेकिन अभी तो मैं ऑफिस आ चुका हूं, वह कहने लगी कोई बात नहीं सर जब आप फ्री हो तो आप मुझे कॉल कर लीजिएगा। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि वह मुझे इतना फोन क्यों कर रही है लेकिन मुझे इस बात का तो एहसास हो चुका था कि वह मेरे पीछे पड़ी है और इसी वजह से वह मुझे बार-बार फोन कर रही है, मैं अपने ऑफिस का काम करने के बाद जैसे ही फ्री हुआ तो मैंने शमिता को फोन किया शमिता कहने लगी कि सर मुझे आपसे मिलना था, मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुमसे मिलता हूं लेकिन मुझे अभी एक कुछ जरूरी काम है मैं वह काम निपटा कर तुम्हारे पास आता हूं।

मैंने अपना काम जैसे ही खत्म किया तो उसके बाद मैंने शमिता को फोन किया शमिता ने मुझे अपनी लोकेशन व्हाट्सएप पर भेज दी और जब मैं उसकी लोकेशन पर पहुंचा तो उसके साथ एक लड़की और थी मैंने उन दोनों को अपनी कार में बैठा लिया और शमिता ने मेरा परिचय उस लड़की से करवाया, वह उसकी मामा की लड़की थी। शमिता कहने लगी सर कल आप से ज्यादा देर तक बात नहीं हो पाई इसलिए सोचा आज आपके पास समय हो तो मैं आपके साथ कुछ समय और बिताना चाहती हूं, मैंने समिता से कहा कि मेरे पास तो आज इतना टाइम नहीं है लेकिन हम लोग दो-तीन घंटे साथ में बिता सकते हैं, शमिता मेरे साथ आगे वाली सीट पर बैठी हुई थी मैंने उसे कहा क्या हम लोग कहीं पर डिनर करें, शमिता कहने लगी कि हां सर हम लोग कहीं पर डिनर कर लेते हैं हम तीनों ने साथ में डिनर किया और हम लोग आपस में बात करने लगे शमिता से भी मुझे काफी कुछ चीजें उसके बारे में पता चली और मैंने भी उसे अपने बारे में काफी कुछ बताया, उसके मामा की लड़की का नाम रोशनी है उसने भी मुझसे अपनी बातें शेयर की हम तीनों ने जब डिनर कर लिया तो मैंने होटल का बिल पे किया और हम लोग वहीं पर बैठ कर कुछ देर तक बात करते रहे, उस दिन मौसम भी काफी अच्छा था शमिता मुझे कहने लगी कि सर आप जब भी जयपुर आओ तो मुझे जरूर बताइएगा, मैंने उसे कहा की मैं कुछ समय पहले तो जयपुर आया था लेकिन वहां मेरा आना बहुत कम ही होता है।

शमिता मुझसे कहने लगी सर आप हमे घर छोड़ दीजिए उसकी बहन और उसको मैंने घर तक छोड़ा लेकिन शमिता ने मेरे हाथ को पकड़ लिया और कहने लगी मेरा मन नहीं हो रहा सर आपको छोड़कर जाने का। मैंने उसे कहा तो फिर हम लोग कहां चले वह कहने लगी जहां आपकी इच्छा हो। मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी झोली में कोई टाइट चूत आकर गिर गई और उसके साथ उसके मामा की लड़की भी मेरे साथ आ गई। मैं उन दोनों को लेकर एक सुनसान जगह पर चला गया मैंने उन दोनों के कपड़े उतारे और उन दोनों को नंगा कर दिया। उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह में लिया वह दोनो मेरे लंड को बड़े अच्छे से चूस रही थी। मैंने उसके बाद उन दोनों को घोड़ी बना दिया घोड़ी बनाते हुए मैंने जब शमिता की चूत में अपने लंड को घुसाया तो उसकी चूत से खून निकल आया मेरे लंड में बहुत दर्द होने लगा मुझे नहीं पता था कि शमिता एकदम टाइट और फ्रेश माल है। मैं उसे तेजी से चोद रहा था और उसे धक्के दिए जा रहा था उसके मुंह से आवाज निकल रही थी।

उसने गाडी का सहारा लिया हुआ था उसकी बहन की चूत में मैने उंगली डाल दी। मैंने जब रोशनी की चूत में उंगली डाली तो वह चिल्लाने लगी मेरा वीर्य जैसे ही शमिता की योनि में गिरा तो मैंने उसकी चूत से लंड को निकालते हुए साफ किया। मैने रोशनी की चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया उसकी चूत में लंड जाते ही दोबारा से कड़क अवस्था में आ गया। मैं उसे धक्के देने लगा उसकी चूत मे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था उसमे मुझे बड़ा आनंद आता रोशनी भी अपने मुंह से सिसकिया ले रही थी। मैं जब रोशनी को चोद रहा था तब शमिता मेरे पास आई और वह मेरे होठों को किस करने लगी। वह मेरे होठों को चूम रही थी मैं रोशनी को धक्के दे रहा था जब मेरा वीर्य गिरने वाला था तो मैंने रोशनी से कहा मेरा वीर्य गिरने वाला है। मैंने उन दोनों के मुंह को अपने लंड के आगे कर दिया जैसे ही मेर वीर्य उन दोनो के मुंह के ऊपर गिरा तो वह दोनों खुश हो गई कुछ एक बूंद उनके मुंह के अंदर भी जा चुकी थी। मुझे उन दोनों के साथ सेक्स करने मे बड़ा अच्छा लगा मैंने उसके बाद उन दोनों से कहा क्या मैं तुम दोनों को घर छोड़ दूं लेकिन उन दोनों का मन मुझे छोड़कर जाने को हो ही नहीं रहा था परंतु मैंने उन्हें उनके घर छोड़ दिया। शमिता अगले दिन जयपुर जा चुकी थी परंतु उससे मेरी फोन पर बात होती रहती, रोशनी मुझे कभी-कभार मिल जाती है।

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