इस रसीली सेक्स कहानी सुनाने से पहले मैं आप लोगों को अपने बारे में बता दूँ. मेरी लम्बाई 6 फुट है और मैं कसरती शरीर का मालिक हूँ. मेरी उम्र 21 साल है. मेरे लंड की लम्बाई 7 इन्च और मोटाई 2 इन्च है. मेरा मुख्य कार्य मसाज करना है. जिन महिलाओं को शरीर में दर्द होता है और जिनकी जिन्दगी में बच्चों की ख़ुशी नहीं है, उन महिलाओं की ऐसी कमी की वजह से मैं उनको आयुर्वेदिक मसाज देता हूँ. इस मसाज की वजह से मैं कामुक से कामुक परिस्थितियों में भी खुद को सम्भाल लेता हूँ. साथ ही ऐसी कामुक परिस्थितियों में जब महिला गर्म हो जाती है, तो मैं उसके मन की भी नहीं होने देता हूँ. मेरा सोच है कि चुदाई के मूड को मालिश के साथ न मिलाऊं. वैसे मैं बहुत चोदू किस्म का लौंडा हूँ, अब तक जिनको भी मैंने चोदा है, वे सब मेरे लंड से दोबारा चुदाई के लिए लालायित रहती हैं. यह बात तकरीबन 3 महीने पहले की है. मैं फेसबुक पर कामक्रिया करता था. जिस वजह से एक औरत मुझसे प्रतिदिन सेक्स चैट करती थी. उसने मेरी आयुर्वेदिक मसाज के बारे में जाना, तो वह मुझसे बहुत प्रभावित हुई और उसने मुझसे मिलने की इच्छा जताई. भला मैं कब पीछे रहने वाला था, मैं तो खुद कब से इस ताक में था कि ये भाभी कब मेरे हाथों का निचोड़ पाएं. जब एक दिन उन्होंने मुझसे मिलने का कहा तो मैंने 3 दिन बाद उनसे मिलने का कह…

प्यारे दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार! मेरा नाम जसदीप कौर है व उम्र 24 साल है. मैं ठेठ पंजाब के मोगा ज़िले में एक गाँव से हूँ. मैंने अपनी पढ़ाई कम्प्यूटर्स में की थी, इसलिए मुझे कॉलेज में टीचर की नौकरी मिल गयी थी. लेकिन इस नौकरी से मैं कुछ खुश नहीं थी. मैं वेब डेवलपर की नौकरी करना चाहती थी लेकिन मेरे घर वाले मुझे दूर भेजना नहीं चाहते थे. फिर मैंने उन सभी को किसी तरह मना लिया और मैं नौकरी के लिए चंडीगढ़ चली गयी. मैं अब आपको अपनी देहयष्टि के बारे में बता देती हूँ. मेरा कद 5 फ़ीट 7 इंच है. रंग एकदम दूध सा गोरा है और मेरा शरीर भरा हुआ है. मैं जब टीचर थी, तब भी सूट ही पहनती थी और चंडीगढ़ में भी सूट ही पहनती थी. इसके बाद मुझे नौकरी के लिए दिल्ली से ऑफर आया. इधर मुझे वेतन भी बहुत अच्छा मिल रहा था. मैंने अपने घर बात की, पर वो मान नहीं रहे थे. किसी तरह मैंने उनको समझाया और मना लिया. मैं नौकरी करने के लिए दिल्ली आ गयी. मुझे कंपनी ने रहने के लिए कमरा भी दिलवा दिया. मेरे साथ एक लड़की और रहती थी. वो भी दिल्ली की ही एक सरदारनी थी. उसकी उम्र 26 साल थी और वो बहुत खूबसूरत थी. मैंने तो अब तक सूट ही पहने थे, पर यहाँ मेरी साथ वाली बहुत मॉडर्न थी. वो कई बार बहुत छोटे कपड़े पहनती थी. उसने मुझे भी छोटे कपड़े पहनने…

दोस्तो, मैं प्रवीन अपनी नई स्टोरी के साथ हाजिर हूँ. यह मेरी पहली कहानी है और उम्मीद करता हूँ कि आपको ये सेक्स स्टोरी पसंद आएगी. मैं हिसार (हरियाणा) का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 23 साल है. मेरा लंड 7 इंच लंबा व 3 इंच मोटा है. मेरी गर्लफ्रेंड का नाम स्वरा (बदला हुआ नाम) है. वह एक खुले विचारों वाली लड़की है. उसका साइज 32-28-32 का है. दोस्तो जो मजा उसकी चुदाई में आता है, वो मजा मुझे अब तक किसी और के साथ नहीं आया. उसकी मटकती गांड किसी के भी लंड को खड़ा कर देती है. उसका रंग दूध जैसा गोरा है, वह अपने बालों को खुले रखती है, जो मुझे बहुत ही ज्यादा पसंद है. मैंने अपनी बीए की पढ़ाई पूरी कर ली है, अब मैं अपना खुद का काम करता हूँ. यह कहानी 7-8 महीने पहले की है. एक दिन मेरे दोस्त का फ़ोन आया, उस समय मैं घर पर था. उसने मुझे बताया कि वो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ आज रात को बाहर कहीं रूम पे रुकेगा. उसने मुझे भी साथ आने को कहा, क्योंकि उनके साथ एक लड़की और भी थी. मैं उससे हां कर दी. कुछ देर बाद वो आया, तो मैं भी उनके साथ गाड़ी में बैठ गया. मैंने उस दूसरी लड़की को देखा, तो पता चला कि वो स्वरा थी और मेरे कॉलेज में ही पढ़ती थी. मैंने स्वरा से हाथ मिलाया और पूजा (दोस्त की गर्लफ्रेंड) से भी हाय किया. बस हम निकल लिए. रास्ते में…

दोस्तो, यह मेरी कहानी है कि कैसे मैंने अपनी क्लासमेट को पटा कर उसकी सील तोड़ी। बात उन दिनों की है जब मैं इंटर में पढ़ रहा था। मेरे साथ मेरे ही मोहल्ले की पूनम नाम की लड़की पढ़ा करती थी। उसके सेब जैसे गोरे गोरे गाल, मस्त चूचियां, उभरे हुए कूल्हे, बल खाती कमर, सवाली पर जवानी से लदी हुई थी। उसको देखते ही जाने क्यों मुझे ऐसा लगता था कि उसे बस पटक कर चोद ही डालूं। मैंने हर हाल में उसे चोदने का मन बना लिया। धीरे धीरे मैंने उससे बातचीत शुरू की, इधर उधर की बातें करता रहा. महीनों बीत गए. एक बार मैंने उसे अचानक पूछ लिया- तुमने कोई अपना बॉयफ्रेंड बनाया या नहीं? उसने धत कहा और शर्मा कर मेरे से दूर चली गई। चार दिन यूं ही बीत गए. अचानक एक दिन लंच के समय क्लास में हम दोनों ही बैठे थे कि मैं उसे दोबारा पूछ लिया- तुमने बताया नहीं? तुमने कोई बॉयफ्रेंड बनाया है या नहीं? उसने शर्म से अपनी आंखें नीची कर ली, धीरे से जवाब दिया- नहीं। मैंने कहा- मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी? वो कुछ भी नहीं बोली. मैंने दोबारा उससे पूछा- मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी? फिर भी उसने कुछ नहीं कहा. मैंने उससे कहा- ठीक है, फिर मैं जाता हूं। जैसे ही मैं जाने के लिए अपने कदम उठाए, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. मैंने कहा- क्या हुआ? उसने कुछ नहीं बोला. मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसके गाल पर एक…

मेरा नाम आकाश है और ये मेरी पहली सेक्स कहानी है. जिसमें मैंने सिर्फ एक चीज़ का प्रयोग बिल्कुल नहीं किया है … और वो है झूठ. मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को ये कहानी पसंद आएगी. मैं भोपाल के पास बैरागढ़ का रहने वाला हूं. हमारा छोटा सा घर है, जिसमें मैं, मेरे मम्मी पापा और मेरी छोटी बहन … जिसका नाम मनीषा है, हम चारों रहते हैं. हम लोगों के अलावा मेरे दादाजी के छोटे भाई मतलब मेरे दादाजी ही हैं, वो भी पिछले आठ सालों से वो यहीं हमारे साथ रहने आ गए थे. मगर वो हमारे घर में नहीं रहते थे, हमारे घर के ठीक पीछे उनका एक कमरे का मकान था. उनका आगे पीछे कोई नहीं है, इसलिए जब वो आर्मी से रिटायर हुए, तो यहीं आ कर रहने लगे. उनकी उम्र को देखते हुए पापा ने उनसे उनके खाने पीने और उनके मरने के बाद उनके क्रियाकर्म का वायदा कर लिया था. बदले में दादाजी ने उनके मरने के बाद उनका फंड आदि हमें दिलाने का बोला था और उन्होंने अपना मकान भी हमारे नाम कर दिया था. आज भी मैं उन्हें उनके कमरे में रोज खाना देने जाता हूँ. अब कहानी के दूसरे पात्र से परिचय करा देता हूँ. दूसरा पात्र मतलब मेरी बहन मनीषा है. मनीषा दिखने में माल और कमाल दोनों थी. उसका गोरा बदन, गुलाबी होंठ, आंखें ऐसी नशीली कि वो किसी को नजर भरके देख भर ले, तो वो आदमी कभी उसे भूले ही नहीं.…

मेरा नाम रवीश है और मैं पटना का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 21 साल है और मैं अभी बेरोजगार हूँ. मेरा रंग गोरा है और मैं दिखने में ठीक हूँ. मेरी हाईट 5 फीट 11 इंच है. दोस्तो, आज मैं आप लोगों के सामने अपनी कहानी पेश करने जा रहा हूँ. यह मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की एक सच्ची घटना है. मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी कहानी जरूर पसंद आएगी. तो अब मैं आप लोगों का ज्यादा समय नहीं लेते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. यह घटना मेरे कॉलेज के समय की है. मेरे घर में चार सदस्य हैं. मम्मी (माधवी) जो एक हाउसवाइफ हैं, पापा (रमेश) जो किसान है और मेरा बड़ा भाई (अमित) जो आर्मी में जॉब करता है. स्कूल तक तो मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी लेकिन जब मैं कॉलेज पंहुचा तब मेरी एक लड़की से दोस्ती हो गई जिसका नाम श्वेता था और वो दिखने में बहुत ही अच्छी थी. उसका रंग गोरा व उसकी हाईट भी काफी अच्छी थी. इसी के साथ भगवान ने उसको इतना अच्छा फिगर दिया है कि कोई उसके नाम की मुठ मारे बिना तो रह नहीं सकता. मैं भी उनमें से ही एक था. फिर जब हमारी दोस्ती को काफी समय हो गया तब एक दिन मैंने सही मौका देख कर उसे प्रपोज़ कर दिया. उसने भी जवाब में हाँ कर दी. बस उसी दिन से हमारा मिलना-जुलना और घूमना-फिरना कुछ ज्यादा हो गया. हम दोनों रात भर…

मैं जैसे ही अपने घर अपनी पत्नी को लेकर पहुंचा तो मां ने ना जाने कितने प्रकार के व्यंजन मेरे लिए बना रखे थे पिताजी को देखते ही मैं खुशी से झूम उठा। उन्होंने मुझे गले लगा लिया इतने वर्ष बाद पिताजी से गले मिलकर अपनेपन का एहसास हुआ काफी वर्षों से मैं घर वालो से नहीं मिल पाया था। मुझे लगता जैसे मैं अपने जीवन में कितना परेशान हूं लेकिन पिताजी के गले लगते ही सारी परेशानी जैसे झट से दूर हो गई थी। मेरी पत्नी लता ने भी मां के पैर छुए और मां ने उसे आशीर्वाद देते हुए कहा लता बेटा तुम्हें अमित खुश तो रखता है ना। लता ने भी मां से कहा मम्मी जी अमित मेरा बहुत ध्यान रखते हैं मैंने भी मां को गले लगाया तो मां भी खुशी से कहने लगी बेटा कितना अच्छा लग रहा है, तुम दोनों को देखकर मुझे बड़ी खुशी हो रही है। मां कहने लगी चलो दोनों के दोनों जल्दी से अपने कपड़े बदलो और डाइनिंग टेबल पर आ जाओ मैंने तुम्हारे लिए इतनी मेहनत से खाना बनाया है। पिताजी बैठक में ही बैठे हुए थे मैं और लता अपने कमरे में गए और हम दोनों ने अपने कपड़े चेंज किए उसके बाद हम लोग डाइनिंग टेबल पर आ गए। जब हम लोग डायनिंग टेबल पर बैठे हुए थे तो मां के चेहरे पर बड़ी खुशी थी और मां ने तो आधे टेबल को व्यंजनों से भर दिया था। मां के हाथों का खाने का कोई…

मेरे पिताजी मुझे बोल उठे केशव बेटा क्यो ना तुम अपनी बहन के पास कुछ दिनों के लिए चले जाओ मैंने पिता जी से कहा लेकिन मैं वहां जाकर क्या करूंगा। पिताजी कहने लगे तुम कुछ दिनों के लिए अपनी बहन के पास चले जाओगे तो क्या कुछ हो जाएगा यहां पर भी तो तुम दिन भर आवारागर्दी करते रहते हो। एकदम से पिताजी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया तो मेरे पास उनकी हां में हां मिलाने के अलावा कुछ और नहीं था। मैंने उनकी बात में हां में हां मिलाई और कहा पिताजी कल चला जाऊंगा और अगले दिन मेरी मां ने मुझे सुबह नाश्ता दिया और मैं अपनी बहन के घर चला गया। मैं जब अपनी बहन से मिला तो उसे देख कर मुझे भी अच्छा लगा क्योंकि उसे करीब 6 महीने बाद मैं मिल रहा था। मेरी बहन मुझे देख कर खुश हो गई वह कहने लगी चलो केशव कम से कम तुम तो मुझसे मिलने के लिए आए पिताजी और मां ने तो जब से मेरी शादी करवाई है तब से वह मुझे जैसे भूल ही गए हैं। मैंने अपनी बहन सुनीता से कहा ऐसा कुछ नहीं है और पिताजी के बारे में तो तुम्हें पता ही है ना पिताजी छोटी छोटी बात में गुस्सा हो जाया करते हैं। मां को तो घर से फुर्सत ही नहीं मिलती और पिताजी भी अपने स्कूल से फ्री नहीं हो पाते हैं इसीलिए तो उन्होंने मुझे तुम्हारे पास भेजा है ताकि मैं देखा आऊं कि…

मेरे मां-बाप ने मुझे उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए लंदन भेज दिया था और जैसे ही मुझे लंदन में नौकरी मिली तो मैंने अपने साथ में जॉब करने वाली लड़की से ही शादी कर ली। मैं हर रोज अपने घर जाने के बारे में सोचता लेकिन ऐसा संभव ना हो सका समय इतनी तीव्र गति से आगे भाग रहा था कि मुझे खुद के लिए समय नहीं मिल पाता था। अपनी शादी में मैं अपने माता-पिता तक को भुला चुका था मुझे इस बात का हमेशा ही दुख था लेकिन अब मैं लंदन में ही बस गया था और मैं अपने घर जा ही ना सका। मुझे मेरे बूढ़े मां बाप की चिंता सताने लगी थी तो इसी के चलते एक दिन मैंने अपनी पत्नी से बात की तो वह मुझे कहने लगी देखो ललित में लंदन में ही पली बढ़ी हूं और मैं नहीं चाहती कि मैं तुम्हारे साथ लखनऊ में रहूं। मुझे उसकी यह बात बहुत बुरी लगी लेकिन मेरे पास भी शायद अब और कोई चारा न था मुझे कुछ दिनों के लिए अपने मां बाप से मिलने तो आना ही था और मैं अपने मां बाप से मिलने के लिए चला आया। जब मैं अपने मां बाप से मिलने के लिए लखनऊ आया तो वह लोग मुझे देखकर बहुत खुश हुए और उनकी खुशी का ठिकाना ना था आखिरकार मैं उनका इकलौता लड़का हूं और इतने सालों बाद मैं अपने घर जो वापस आया था। उन्हें तो कभी उम्मीद भी नहीं थी कि…

सोचा काफी दिन हो गए अपने परिवार के साथ कहीं अकेले समय भी नहीं बिताया तो इसी उम्मीद में अपने बच्चों को मूवी दिखाने के लिए लेकर चला गया मेरे साथ मेरी पत्नी भी थी। मैंने गाड़ी को पार्किंग में लगाया और वहां से लिफ्ट लेकर मैं चौथी मंजिल पर पहुंचा वहां के गार्ड ने हमें कहा सर आपको 10 मिनट और इंतजार करना पड़ेगा। मैंने उसे कहा ठीक है भैया और हम लोग वहीं सोफे पर बैठ गए 10 मिनट का इंतजार ऐसा लग रहा था कि जैसे कितना लंबा इंतजार हो लेकिन वह 10 मिनट भी आखिरकार कट ही गए। जैसे ही 10 मिनट हुए तो उस गार्ड ने कहा सर आप टिकट दिखा दीजिए हमने उन्हें टिकट दिखाया और हम लोग हॉल के अंदर चले गए। जब हम लोग अंदर जा रहे थे तो अंदर काफी अंधेरा था मुझे अपने मोबाइल की टॉर्च ऑन करनी पड़ी मैंने अपने बच्चों से कहा बेटा देख कर जाना। हम लोगों को अपनी सीट मिल गई हम लोग अपनी सीट पर बैठे थे कि एक लड़का और लड़की कहने लगे सर यह क्या एस3 है मैंने उसे कहा नहीं यह एस3 नहीं है एस3 बिल्कुल इसके नीचे है। उन्होंने मुझे धन्यवाद कहा और वह लोग वहां चले गए बच्चे और मेरी पत्नी मेघा मूवी का इंतजार कर रहे थे तभी मूवी के शुरू होते ही सब लोग तालियां बजाने लगे। अब मूवी शुरू हो चुकी थी बच्चे और मेघा पूरी तरीके से मूवी में खो चुके थे मुझे भी…