कुंडी मत खडकाओ जीजाजी अंदर आ जाओ
मैं जैसे ही अपने घर अपनी पत्नी को लेकर पहुंचा तो मां ने ना जाने कितने प्रकार के व्यंजन मेरे लिए बना रखे थे पिताजी को देखते ही मैं खुशी से झूम उठा। उन्होंने मुझे गले लगा लिया इतने वर्ष बाद पिताजी से गले मिलकर अपनेपन का एहसास हुआ काफी वर्षों से मैं घर वालो से नहीं मिल पाया था। मुझे लगता जैसे मैं अपने जीवन में कितना परेशान हूं लेकिन पिताजी के गले लगते ही सारी परेशानी जैसे झट से दूर हो गई थी। मेरी पत्नी लता ने भी...