दरवाजे की डोरबेल बजते ही मैंने दरवाजे को खोला तो सामने देखा कावेरी खड़ी थी कावेरी मेरी चचेरी बहन है। वह अंदर आई और कहने लगी भैया ताऊजी और ताई जी कहां पर है मैंने कावेरी से कहा वह लोग तो शादी में गए हुए हैं कावेरी कहने लगी भैया मुझे तो लगा था वह लोग घर पर ही होंगे मैं इसलिए उनसे मिलने के लिए आई थी। मैंने कहा कावेरी से कहा तो क्या तुम मुझसे नहीं मिल सकती हो कावेरी कहने लगी नहीं भैया ऐसी कोई बात नहीं है मैं आपसे भी मिल सकती हूं लेकिन मैं उनसे ही मिलने के लिए आई थी। कावेरी अपनी पढ़ाई विदेश से कर रही है और वह एक साल बाद घर लौटी थी। मैंने कावेरी से कहा बैठो मैं तुम्हारे लिए कुछ ले आता हूं। वह कहने लगी नहीं भैया रहने दो लेकिन मैंने फ्रीज से चॉकलेट निकाली और कावेरी को दे दी कावेरी खुश हो गई और कहने लगी आपको मालूम था कि मैं चॉकलेट पसंद करती हूं आपने पहले से ही मेरे लिए चॉकलेट रखी हुई थी।

मैंने कावेरी से कहा नहीं ऐसी कोई बात नहीं है मैंने पहले से ही तुम्हारे लिए चॉकलेट नहीं रखी थी लेकिन मुझे ऐसा अंदेशा था कि घर में कोई ना कोई आने वाला है इसलिए मैं कल चॉकलेट ले आया था और देखो ना आज तुम आ गई यह भी बड़ा अजीब इत्तेफाक है। कावेरी कहने लगी हां भैया आपने बहुत ही अच्छा किया जो आप मेरे लिए चॉकलेट ले आये। हम दोनों बैठ कर बात कर रहे थे मैंने कावेरी से कहा वहां पर पढ़ाई तो अच्छी होती है ना कावेरी कहने लगी हां भैया पढ़ाई तो बहुत ही अच्छे से होती है और सारे टीचर बड़े अच्छे से ध्यान देते हैं मैं बहुत खुश हूं कि मैं वहां पढ़ने के लिए चली गई। कावेरी और मैं एक दूसरे से बात कर रहे थे वह भी मुझसे पूछ रही थी कि आपका बिजनेस कैसा चल रहा है तो मैंने उसे बताया मेरा बिजनेस तो अच्छा चल रहा है। हम दोनों ही एक दूसरे से बात कर रहे थे और हमें बातें करते हुए करीब डेढ़ घंटा हो चुका था कावेरी कहने लगी भैया मैं अभी चलती हूं मैं कल आऊंगी मैंने कावेरी से कहा तुम परसों आना क्योंकि कल तो शायद मैं घर पर नहीं रहूंगा और परसों मम्मी पापा भी आ जाएंगे। कावेरी कहने लगी ठीक है भैया मैं परसों आ जाऊंगी और यह कहते हुए कावेरी घर से चली गई।

जब कावेरी घर से गई तो मैंने अपने पुराने दोस्त को फोन किया और उससे मिलने की सोची वह हमारे घर के पास में ही रहता है काफी दिनों से उससे मेरी मुलाकात नहीं हो पाई थी तो मैं अपने दोस्त से मिलने के लिए चला गया। जब उससे मैं मिला तो वह बड़ा ही खुश नजर आ रहा था मैंने उसे कहा तुम बड़े खुश नजर आ रहे हो वह कहने लगा राहुल तुम्हें क्या बताऊं मैं कुछ दिनों से जो सोच रहा हूं वह मुझे आसानी से मिल जा रहा है ऐसा मेरे जीवन में कभी हुआ ही नहीं है। मैंने उससे कहा कि ऐसा क्या हुआ कि जो तुम्हें मिला वह कहने लगा एक बहुत ही बड़ी डील थी जो कि काफी समय से रुकी हुई थी परसों मैं उसके बारे में सोच रहा था और फिर मुझे उसके लिए कस्टमर मिल गए और उसी दिन मेरे डील फाइनल हो गई। मैंने उसे कहा यह तो बड़ी अच्छी बात है लेकिन आखिरकार ऐसा हुआ क्या है जो तुम सोच रहे हो वह सब हो जा रहा है वह कहने लगा यह तो मुझे भी नहीं मालूम दोस्त लेकिन मेरे सोचने के अनुसार ही सब कुछ हो रहा है और मैं बहुत ज्यादा खुश हूं क्योंकि काफी समय से मैं मुसीबतों से जूझ रहा था और अब वह सारी मुसीबतें छूमंतर हो चुकी हैं। वह मुझे कहने लगा कि मैंने कुछ समय पहले एक फॉर्म हाउस खरीदा है यदि तुम्हें भी वहां चलना है तो अगले हफ्ते वहां हो आते हैं। मैंने उसे कहा चलो मैं तुम्हें बताता हूं वैसे तो मैं भी आजकल बिजी हूं आज ही मैं घर पर था क्योंकि पापा मम्मी शादी के सिलसिले में बाहर गए हुए हैं वह कहने लगा तुम मुझे बता देना हम लोग वहां चलेंगे मैंने उसे कहा ठीक है। दो दिन बाद पापा मम्मी लौट चुके थे और मैंने पापा मम्मी को बताया कि कावेरी तुमसे मिलने के लिए आई थी तो वह कहने लगे कावेरी यहां आई हुई है तो मैंने पापा से कहा हां पापा कावेरी आई हुई है और वह आप लोगों के बारे में पूछ रही थी लेकिन आप लोग तो शादी में गए हुए थे। पापा ने भी तुरंत चाचा को फोन किया और कहा कि हम लोग यहां आ गए हैं कावेरी को फोन देना, चाचा जी ने कावेरी से बात कराई तो पापा मम्मी बहुत ही खुश थे और उन्होंने कावेरी को घर आने के लिए कहा।

मैंने पापा मम्मी से कहा मैं तो अभी जा रहा हूं क्योंकि मुझे कोई जरूरी काम है वह कहने लगे ठीक है। मैं अपने काम के सिलसिले में जा चुका था और मुझे कोई जरूरी काम था इसलिए मुझे उस दिन घर आने में देरी हो गई कावेरी उस दिन हमारे साथ ही रुकने वाली थी तो मैंने पापा मम्मी से कहा कि क्यों ना आज हम लोग बाहर ही डिनर कर ले। पापा मम्मी कहने लगे ठीक है बेटा हम लोग आज बाहर डिनर कर लेते हैं और हम लोग बाहर डिनर करने के लिए चले गए। हम लोग जब बाहर डिनर करने गए तो कावेरी बहुत ही खुश थी पापा मम्मी का लगाव कावेरी के प्रति बहुत ज्यादा है और हम लोगों ने उस दिन साथ में डिनर किया। जब हम लोग घर लौट रहे थे तो रास्ते में कुछ लोग झगड़ रहे थे वह लोग शराब के नशे में चूर थे और बहुत ही ज्यादा झगड़ा कर रहे थे वह आपस में एक दूसरे से गाली गलौज कर रहे थे जिससे कि मैंने वहां से निकलना ही उचित समझा। हम वहां से चले गये मेरे साथ में मेरा पूरा परिवार भी था जब हम लोग घर जा रहे थे तो मैं सोचने लगा कि कुछ दिनों के लिए मैं रंजीत के साथ उसके फार्म हाउस में चला जाता हूं।

मैंने अगले ही दिन रंजीत को फोन किया तो वह कहने लगा तुमने आज मुझे कैसे फोन कर दिया मैंने रंजीत को कहा कि यार तुम कह नहीं रहे थे कि तुम ने एक नया फार्म हाउस खरीदा है तो क्यों ना वहां पर चला जाए। वह कहने लगा मैं चाय पी रहा था वैसे भी मैं तुम्हें तो कह ही रहा था कि हम लोग वहां चलते हैं चलो अब तुम आने के लिए तैयार हो चुके हो तो यह बड़ी अच्छी बात है इस रविवार को हम लोग वहां चल रहे हैं। मैंने रंजीत से कहा ठीक है दोस्त हम लोग इस रविवार को वहां चल रहे है। रविवार के दिन हम लोग रंजीत के फार्म हाउस पर गए उसका फार्महाउस बहुत ही बड़ा था मैं तो हैरान रह गया कि रंजीत ने इतना बड़ा फ़ार्म हाउस कैसे ले लिया है। रंजीत ने मुझे बताया कि यह मुझे काफी कम दामों में मिला है जिन्होंने फॉर्म हाउस बेचा है उनकी कंपनी का दिवाला निकल चुका था इसलिए उन्होंने मुझे सस्ते दामों पर दे दिया है। मैंने रंजीत से कहा तुम्हारी तो आजकल लाटरी लगी हुई है तुम जो सोचते हो वह तुम्हें मिल ही जाता है वह मुस्कुराने लगा। रंजीत के फार्म हाउस में जाना बड़ा ही मजेदार था उसका फार्म हाउस बहुत ही बड़ा और अच्छा था वह देखकर मैं खुश हो गया। मैंने रंजीत से कहा तुम्हारा फॉर्म हाउस तो वाकई में बड़ा शानदार है तो वह कहने लगा बस यार यह अच्छी किस्मत ही कहो या जो भी कहो लेकिन अब तो यह फार्महाउस मेरा है। मैंने उसे कहा तो फिर आज यहां पर जमकर मस्ती की जाय रंजीत कहने लगा इसीलिए तो हम लोग यहां आए हैं। मैंने रंजीत से कहा लेकिन क्या मस्ती की जाएगी तो वह कहने लगा तुम यह सब मुझ पर छोड़ दो। रंजीत को जैसे सब कुछ पता रहा हो और मुझे नहीं मालूम था कि रंजीत को यह सब मालूम है क्योंकि रंजीत ने जैसे जुगाड़ पटाने में पीएचडी कर रखी हो।

रंजीत ने जुगाड़ को फोन कर दिया जब वह आई तो उसकी उम्र 32 वर्ष के आसपास रही होगी उसका गोरा बदन और उसको सुडौल स्तन देखकर मेरा लंड तन कर खड़ा होने लगा था। उसके होठों पर जो लिपस्टिक लगी थी वह तो मुझे अपनी और आकर्षित कर रही थी रंजीत ने उसे अपनी गोद में बैठा लिया। जब उसने उसे अपनी गोद में बैठाया तो मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था मैंने रंजीत से कहा यार तुम तो वाकई में कमाल के हो तुम्हारा कोई जवाब नहीं है। रंजीत ने उसके कपड़े मेरे सामने ही उतार दिए जब रंजीत ने उसके कपडे उतारे तो वह मेरे सामने नग्न अवस्था में थी। मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था और रंजीत ने उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसा दिया। रंजीत ने जैसे ही अपने लंड को उसकी योनि के अंदर घुसाया तो वह मुझे कहने लगी तुम मुझे ऐसे चोद पाओगे? मैंने उसे कहा क्यों नहीं रंजीत उसकी चूत बडे ही अच्छा से मार रहा था मैं यह सब देख रहा था रंजीत ने उसके साथ 10 मिनट तक संभोग का आनंद लिया। जब रंजीत ने अपने वीर्य को उसके मुंह के अंदर गिराया तो उसने वह सब अंदर ले लिया।

अब वह मेरे पास आई उसने मेरे लंड को बाहर निकालते ही चूसना शुरू कर दिया। मैंने उसे कहा तुम बड़े ही अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह में ले रही हो वह जिस प्रकार से मेरे लंड को चूसती उसे बहुत अच्छा लगता। वह काफी देर तक मेरे लंड को चूसती रही लेकिन जब मैंने उसकी चूत के अंदर लंड को घुसाया तो उसके मुंह से चीख निकल गई। उसकी चूत बडी ही टाइट थी लेकिन मुझे उसे चोदने में मजा आ रहा था और जिस प्रकार से मैं उसे चोद रहा था उससे वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी और मुझे उसे चोदने में बड़ा मजा आया। मैंने उसकी चूत अच्छे से मारी जब मेरे लंड से मेरा वीर्य बाहर निकलने लगा तो मैंने उसे कहा मेरा वीर्य निकलने वाला है। वह कहने लगी तुम अपने वीर्य को मेरे मुंह में डाल दो मैंने अपने लंड को उसके मुंह में डाल दिया और अपने वीर्य को उसके मुंह के अंदर ही गिरा दिया।

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