हेलो दोस्तों मेरा नाम जॉन हे और मैं दिखने में काफी स्मार्ट लड़का हूँ. मेरे लंड का साइज़ 6 इंच हे और आज मैं अपनी एक सच्ची इंडियन सेक्स स्टोरी आप लोगों के लिए ले के आया हूँ. समय कीमती हे आप का इसलिए ज्यादा चटर बटर किये बिना सीधे कहानी पर आता हूँ.
बात उस समय की हे जब मैं अपनी पढ़ाई के लिए शिमला गया हुआ था और मैंने वहां पर एक किराए का कमरा ले के रहता था. करीब में ही एक आंटी रहती थी जिसकी उम्र 30-32 साल के करीब की थी. उसका एक बेटा था जो डेढ़ या फिर दो साल का था. आंटी एकदम सेक्सी थी और उसको देख के अच्छे अच्छे लंड उसे सलामी देने लगे ऐसा भरा हुआ बदन था उसका. आंटी का नाम सपना था और उसका फिगर 38-37-38 था.
आंटी का पति फ़ौज में था और वो हर 6-8 महीने में दो तिन हफ्ते के लिए एक बार घर पर आता था. आंटी को देख के मैं अक्सर सोचता था की साली ये तो ऐसा माल हे की उसे रोज सुबह शाम में चोदो फिर भी उसे देख के फिर से दोपहर में लंड खड़ा होगा. फिर ये बिना चुदे इतने हफ्तों महीनो तक कैसे रह सकती थी!
शाम को जब मैं छत के ऊपर घूमता था तब वो भी अक्सर अपनी छत के ऊपर आती थी और हमारी नजरें मिल जाती थी. ऐसे ही एक शाम को मैं छत के ऊपर अपने मोबाइल में सोंग सुनता हुआ टहल रहा था और तब मेरी और इस आंटी की नजरें मिली. वो दिवार के पास आई और उसने मेरा नाम पूछा. और मैंने उसे अपना नाम बताया. आंटी ने बाकी भी बहुत सवाल किये की क्या करते हो कहाँ से हो वगेरह वगेरह. और ये हम दोनों के बिच की पहली बात थी. उसके बाद में तो हम दोनों के बिच में बातें होने लगी थी.
मैं: सोरी आंटी.
सपना: कोई बात नहीं.
मैं: आप को यहाँ ऐसे अकेले रहने में अच्छा लगता हे?
सपना: नहीं पर क्या करूँ!
सपना: मैं आर्मी के केम्पस में नहीं रहना चाहती, वहां पर शो ऑफ बहुत होता हे इसलिए यही पर रहती हूँ.
फिर मैंने अपना हाथ अब की जानबूझ के उसके पैर पर रखा. आंटी ने भी कुछ नहीं बोला. कुछ देर बाद मैंने बोला क्या मैं आप को ऐसे टच कर सकता हूँ आंटी? तो उसने हंस के कहा, कब से तो टच किये हुए हो अगर मुझे मना करता होता तो उस वक्त ही बोल देती जब तुमने मुझे टच किया!
मैं: मेरे टच करने से अगर आप को बुरा लग रहा हे तो मैं हाथ ले लेता हूँ.
सपना: मैंने तुम्हे ऐसे कब बोला!
फिर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसने मुझे देखा और स्माइल कर दी. फिर मैंने भी स्माइल दे दी आंटी के सामने. आंटी ने कहा तुम बहुत नोटी हो.
मैं: अच्छा, मुझे तो आज ही पता चला की मैं नोटी हूँ!
फिर मैं कुछ देर बात किया और फिर अपने कमरे में वापस चला आया. मैं एक ही दिन में पूरा अध्याय नहीं करना चाहता था. लम्बा चोदना हो तो स्लो जाना पड़ता हे ऐसा मुझे एक लव गुरु ने कहा था. मैंने उस दिन से आंटी को व्ह्ट्सएप के ऊपर नंगे जोक्स भेजने चालू कर दिए. वो भी ऐसे डबल मीनिंग जोक्स के ऊपर स्माइली भेजती थी. और फिर एक दिन तो मैं हिम्मत कर के आंटी को एकदम न्यूड वाला जोक भेजा जिसके अन्दर लंड चूत लिखा हुआ था. उसका जवाब नहीं आया तब तक मैं डरा हुआ सा ही था. एंड में उसका एक वर्ड का जवाब आया नोटी!
अगले दिन मैं आंटी के रूम में गया. उसका बच्चा तब सोया हुआ था और वो टीवी देख रही थी. मैंने जा के उसके पास बैठ के बोला मैंने कहा था उसका जवाब तो दो. वो हंस पड़ी और कुछ नहीं बोली. फिर मैंने फ़ोर्स किया तो उसने बोला की छोडो मैं तो सिर्फ मजाक कर रही थी.
मैंने आंटी का हाथ पकड लिया, उसने कुछ नहीं बोला तो मैं थोड़ी देर में अपना हाथ उसकी कमर पर ले गया. वो इसपर स्माइल देने लगी तो मैं समझ गया की आंटी चचुदवा लेगी!
मैंने कहा, सपना आंटी मैं आप को एक बात बोलूं! वो बोली हां कहो. तो मैंने कहा आंटी आप मेरे को बहुत अच्छी लगती हो. उसने कहा अच्छा और हंसने लगी. मैंने जल्दी से उसके होंठो के ऊपर अपने होंठो को रख दिया और चूसने लगा. वो चूप हो गई और मैं उसके लिप्स को जोर से सक करने लगा. वाऊ आंटी के माउथ से मस्त मीठी और स्लो सुगंध आ रही थी और उसके होंठो के ऊपर जो हल्का गुलाबी लिपस्टिक था वो मेरे होंठो के ऊपर लग रहा था.
5 मिनिट तक मुझे लगा की जैसे मैं किसी पथ्थर के अन्दर जान डालने की कोशिश कर रहा हूँ. लेकिन फिर आंटी ने भी सपोर्ट करना चालू कर दिया मुझे. मेरा एक हाथ अब सपना आंटी के माथे पर और दूसरा उसके बूब्स पर था. वो मुझसे बोली, जाओ जा के पहले दरवाजे को बंद कर आओ कोई आ गया तो मुश्किल होगी मेरे लिए. मैंने उठ के दरवाजा बंद किया. जब मैं पलटा तो आंटी अपने बालों को खुला कर रही थी. मैंने उसके पास आ के फिर से उसके होंठो को अपने होंठो पर लगा के किस चालू कर दी. आंटी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
फिर मैंने एक हाथ उसके कपडे के अन्दर डाल के उसके बूब्स को दबाये. वो आह्ह्ह अह्ह्ह की आवाज निकालने लगी. कुछ देर बाद वो बोली, चलो बिस्तर के ऊपर चलते हे. और फिर वो उठ के बिस्तर में लेट गई. मैंने सपना आंटी की नाईटी को खोला और अंदर की ब्रा पेंटी देखी. आंटी ब्रा पेंटी के अन्दर बड़ी ही सेक्सी लग रही थी. फिर मैंने भी अपने सब कपडे खोल दिए और पूरा नंगा हो गया आंटी के सामने. और आंटी की ब्रा पेंटी को भी मैंने निकाल दी. आंटी की चूत के ऊपर छोटे छोटे बाल थे और वो चूत मस्त सेक्सी लग रही थी.
कुछ ही देर में मेरा निकलने वाला था तो मैंने सपना आंतो को बोला. उसने कहा की मेरे मुह में ही निकाल दो. मैंने मुहं में पानी निकाला. आंटी ने बाकी सब माल पी लिया और कुछ बूंदों को निकाल के उसने अपने बूब्स के ऊपर रब की. मैंने पूछा तो उसने कहा की उसे ऐसा बोला हे किसी ने की वीर्य बूब्स पर घिसने से बूब्स बड़े होते हे. मैं हंस पड़ा और बोला फिर तो आप जब कहो तब निकाल के दूंगा. वो बोली मेरे बूब्स अछे लगते हे. मैंने कहा क़यामत हे आप की चूचियां तो आंटी!
कुछ देर बाद मैना आराम आराम से आंटी को चोदने लगा. अब वो बोली अब ठीक हे अब जोर से करो मैं सेट हो चुकी हूँ. मैंने अपने लंड के धक्के अब तेज गति से मारने चालू कर दिए. आंटी के मुहं से आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह फक की अह्ह्ह्हह आह्ह्ह मेरे राज्जज्जज्जज अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह निकल रहा था.
मैंने उसको 20 मिनिट तक चोदा. आंटी का पानी मेरे लंड के ऊपर दो बार छोट गया था. आंटी भी गांड हिला हिला के मस्त चुदवा रही थी. मेरा निकलने को था तो मैंने कहा, बूब्स बड़े करेने हे! वो हंस के हां में सर हिलाने लगी.
मैंने लंड को बहार निकाला और अआंटी के बूब्स के सामने उसे हिलाने लगा. मेरे लंड से ढेर सारा वीर्य निकला. आंटी के बूब्स के ऊपर मैंने ही मसाज कर के सब वीर्य को उसके बदन पर घिस दिया!
आंटी तृप्त हुई थी बहुत दिनों के बाद! उसे मेरे साथ चुदाई का खूब मजा आया.
फिर तो हम दोनों का सेक्स जैसे रोज का रूटीन हो गया. उसका पति आता था तब वो नहीं देती थी अपनी चूत, वरना सेक्स की गोली खा के भी अपनी चुदाई करवा लेती थी. दोस्तों मैंने सपना आंटी को बहुत बार पीरियड्स में भी चोदा हे. उसकी एक चुदाई की बात आप को जल्दी ही लिख के भेजूंगा जिसमे मैंने उसे पहली बार मासिक में चोदा था.