हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रतिका है और में एक गाँव की रहने वाली हूँ. दोस्तों मेरी शादी हो चुकी है, लेकिन यह बात तब की है जब में कुंवारी थी और में उस समय भठिंडा में रहती थी. अब में आप लोगों को अपनी सच्ची घटना सुनाने से पहले अपने बारे में बता देती हूँ, मेरा रंग सांवला गोल गोल बूब्स बड़ी सी गांड और मुझे अपनी गांड मटकाने का बहुत शौक है. मेरे घर में हम चार लोग रहते है, मेरे पापा जिनका नाम हरीश शर्मा, मेरी माँ मीनाक्षी शर्मा, मेरा भाई ओंकार शर्मा और जिसकी उम्र 18 साल और एक में.
अब ज़्यादा टाईम ना खराब करते हुए में सीधा अपनी कहानी पर आती हूँ. दोस्तों हमेशा की तरह में शाम को अपने रूम में बैठकर अपनी पढ़ाई कर रही थी कि तभी मुझे घर की घंटी बजने की आवाज सुनाई दी तो में उठी और फिर मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर अल्ताफ़ और ओंकार आए हुए थे. मैंने उन्हें अंदर बुलाया. मैंने उस समय एक छोटी सी स्कर्ट जिसमें से मेरी सुंदर जांघे दिख रही थी और एकदम टाईट टी-शर्ट पहनी हुई थी जिसकी वजह से मेरे बूब्स बिल्कुल गोल, बड़े बड़े आकार के नजर आ रहे थे. अब अल्ताफ़ मुझे देखकर एकदम दंग रह गया, उसकी नजर मेरी छाती से हटने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थी और वो मुझे बहुत घूर घूरकर खा जाने वाली नजरों से देख रहा था.
फिर वो मुझसे मुस्कुराते हुए बोला कि रतिका तुम आज बहुत अच्छी लग रही हो. दोस्तों अल्ताफ़ दिखने में बहुत अच्छा लड़का है और में तो हमेशा से ही उसको अपना बॉयफ्रेंड बनाना चाहती थी, लेकिन वो एक मुस्लिम परिवार का था और में एक हिंदू परिवार से इसलिए मुझे थोड़ा सा डर जरुर लगता था कि कहीं किसी को हमारे बारे में कुछ भी पता चल गया तो ना जाने क्या होगा? दोस्तों अल्ताफ़ अपने साथ एक फिल्म लेकर आया था और उस समय मेरे पापा, मम्मी बाहर मेरे मामा, मामी के घर गये हुए थे तो हम तीनों फिल्म देखने लगे, अभी हमे फिल्म देखते हुए करीब दस मिनट ही हुए थे कि मेरे भाई के पास उसके किसी दोस्त का फोन आ गया और वो हम दोनों छोड़कर बाहर क्रिकेट खेलने चला गया. अब उस समय पूरे घर में अल्ताफ़ और में ही बचे थे.
मैंने देखा कि अब अल्ताफ़ मेरे बिल्कुल पास में आकर बैठ गया था जिसकी वजह से हम दोनों का शरीर एक दूसरे से छू रहा था. तभी कुछ देर बाद फिल्म में एक किस करने वाला सीन आ गया और जिसको देखकर में तो शर्म के मारे एकदम लाल हो गई और उसी समय अल्ताफ़ ने मेरा एक हाथ पकड़ लिया और में भी कुछ देर बाद उसका साथ देने लगी. अब धीरे धीरे वो मेरे कंधे को सहलाने लगा और जिसकी वजह से में तो बहुत गरम हो चुकी थी. फिर उसने मुझे खड़ा किया और मुझे स्मूच करने लगा, लेकिन मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है? क्योंकि बस मुझ पर तो चुदाई का भूत सवार था तो में आज कैसे भी करके अपनी प्यास को उससे बुझाना चाहती थी और उसे पूरी तरह से अपना बनाना चाहती थी.
फिर उसने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और वो मेरे बूब्स को दबाने लगा और चूसने लगा, लेकिन दोस्तों तब मेरे बूब्स कुछ ज़्यादा बड़े आकार के नहीं थे, वो मेरे बूब्स को अपने पूरे जोश से मसल रहा था. अब उसने मौका देखकर मेरी स्कर्ट को भी उतार दिया और अब में उसके सामने सिर्फ़ अपनी पेंटी में थी, लेकिन कुछ ही सेकिंड में उसने मेरी पेंटी को भी उतार दिया, जिसकी वजह से में अब पूरी नंगी उसके सामने खड़ी हुई थी. फिर उसने जोश में आकर मेरे पूरे शरीर को चूमा, चाटा और कुछ देर बाद में उसने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए और जब मैंने उसका लंड देखा तो में उसे देखकर एकदम दंग रह गई, क्योंकि उसका लंड करीब 7 इंच लंबा होगा और वो मोटा भी बहुत था. फिर उसने मेरी चूत को सहलाया, चूसा और अब मेरी चूत पूरी गीली हो चुकी थी.
फिर उसने मुझे अपना गोरा लंड चूसने को बोला तो में थोड़ा नाटक करने के बाद तैयार हो गई. मैंने करीब दो मिनट तक उसका लंड चूसा, वाह बहुत मज़ा आ रहा है उफ्फ्फ कर रहा था. फिर उसने एक ज़ोर का धक्का देकर अपना पूरा लंड मेरे गले तक पहुंचा दिया, जिसकी वजह से मेरी आँखे बाहर आ गई और मुझे सांस लेने में बहुत मुश्किल हो रही थी और फिर उसने मेरे इशारा करने पर तुरंत अपना लंड बाहर निकाल लिया, उसने अब मुझसे तेज़ तेज़ मुठ मारने को कहा और में मारने लगी और कुछ 20-25 सेकिंड के बाद उसके लंड ने अपना पानी छोड़ दिया और उसने वो सारा गरम गरम लावा मेरे बूब्स के ऊपर गिरा दिया.
फिर उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और वो मेरी गरम तड़पती हुई चूत को चाटने, चूसने लगा, में अब उसकी गरम जीभ को अपनी चूत पर महसूस करके ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और वो लगातार मेरी चूत को चाटता रहा और अपनी जीभ से मेरे दाने को सहलाता रहा और जब कुछ देर बाद उसका लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया. फिर उसने मेरी कमर के नीचे एक तकिया रख दिया, जिसकी वजह से मेरी चूत थोड़ी ऊपर उठ गई और वो कुछ देर मेरी चूत को अपनी भूखी नजर से देखता रहा.
फिर उसने अपना लंड मेरी चूत के मुहं पर टिका दिया और मेरी पतली कमर पर अपनी मजबूत पकड़ बनाते हुए उसने पूरा दम लगाकर एक जोरदार धक्का मार दिया, जिसकी वजह से उसका लंड आधे से ज़्यादा मेरी चूत के अंदर चला गया और मेरे मुहं से बहुत ज़ोर की चीख निकल गई और में उस दर्द से बिना पानी की मछली की तरह तड़पने उछलने लगी और कहने लगी उफफ्फ्फ्फ़ माँ में मरर गई, आह्ह्हह्ह प्लीज अब इसे बाहर निकालो अल्ताफ़ आईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है स्स्सीईईई, लेकिन दोस्तों उसने मेरी एक ना सुनी और में चीखती चिल्लाती रही और उसके इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ा.
फिर उसने दोबारा एक और जोरदार धक्का मार दिया, जिसकी वजह से अब उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर रगड़ खाता हुआ चला गया और में तड़प उठी और लंड को बाहर करने का बार बार आग्रह करती रही, लेकिन वो फिर भी नहीं माना. तभी मेरी अच्छी किस्मत से दरवाजे की घंटी बजी और हम दोनों डर गये तो उसने तुरंत बहुत जल्दी से अपने लंड को मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और फिर उसने मुझे कपड़े पहनाकर बाथरूम में भेज दिया, लेकिन मुझसे अब ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था, में बहुत मुश्किल से धीरे धीरे चलते हुए बाथरूम तक पहुंच गई और अपने दर्द की वजह से नीचे बैठ गई और अब वो दरवाजा खोलने चला गया. जब उसने दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर ओंकार खड़ा हुआ था और वो अंदर आ गया.
फिर जब उसने अल्ताफ़ से पूछा कि रतिका कहाँ है? तो उसने बोला कि शायद वो बाथरूम में है और फिर वो अपनी बॉल लेकर दोबारा बाहर चला गया तो अल्ताफ ने उसके बाहर जाते ही तुरंत दरवाजा बंद किया और बाथरूम के पास आकर मुझसे दरवाजा खोलने के लिए कहा तो मैंने दरवाजा खोल दिया और अल्ताफ़ ने मुझे अपनी गोद में उठाकर बाहर निकाला तो उस समय मैंने देखा कि मेरी स्कर्ट पर खून ही खून लगा हुआ था. फिर उसने मुझे लाकर सीधा बेड पर पटक दिया और मेरे सभी कपड़े उतारकर मुझे दोबारा पूरी नंगी कर दिया और वो अपने एक हाथ से मेरी चूत को धीरे धीरे सहलाने लगा.
फिर कुछ देर बाद उसने तुरंत अपने भी कपड़े उतार दिए और अपने लंड को दोबारा मेरी चूत के मुहं पर टिका दिया और उसने एक जोरदार धक्का मारा और उसका आधे से ज़्यादा लंड फिसलता हुआ मेरी चूत के अंदर चला गया. उसने मुझे लिप किस करते हुए मेरे होंठो को बंद कर लिया ताकि में चीख ना सकूँ, में अब उस दर्द की वजह से उसकी पीठ पर अपने नाख़ून गड़ाने लगी.
अब वो मुझे लगातार तेज़ तेज़ धक्के देकर मुझे चोदने लगा और में चीखे मार रही थी, आहहह आईईईई में मर गई, प्लीज मुझ पर थोड़ा तो रहम करो, प्लीज प्लीज अल्ताफ़ अपना लंड बाहर निकालो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ा और वो मुझे तेज धक्के देकर चोद रहा था, करीब दस मिनट के बाद उसने अपना लंड झट से खींचकर बाहर निकाला और मेरे बूब्स पर अपना सारा वीर्य निकाल दिया. फिर उसने मुझे चूमा और तीन चार मिनट के बाद उसका लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया और उसने मेरी चूत पर अपना लंड रख दिया और ज़ोर से धक्का मार दिया.
दोस्तों इस बार उसका पूरा लंड मेरी चूत की गहराईयों में चला गया और वो मुझे तेज़ तेज़ धक्के देकर चोदने लगा, कुछ देर धक्के झेलने के बाद मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा और में भी उसका पूरा पूरा साथ देने लगी, अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ हाँ तेज़ और तेज़ फाड़ डालो मेरी चूत उईईईई में आज से तुम्हारी रंडी हूँ, तेज़ और तेज़ चोदो मुझे अल्ताफ़ वाह मज़ा आ गया, आह्ह्ह्ह. फिर वो कहने लगा कि साली रंडी अपने भाई के दोस्त से चुदवाती है ले और तेज़ ले, ऐसे चुदाई करते करते वो करीब बीस मिनट के बाद में झड़ गया और हम दोनों बहुत थक गये थे और एकदम निढाल होकर बेड पर लेट गये और में उस पूरी चुदाई में करीब 7 बार झड़ चुकी थी.
फिर उसने अपने कपड़े पहने और उसने मुझे भी कपड़े पहनाए और फिर वो उठकर चला गया. फिर में धीरे से उठी और जब मैंने बेड शीट को देखी तो वो खून से भरी हुई थी. मैंने वो बेडशीट धोई और उस दिन से लेकर मेरी शादी होने तक उसने मुझे करीब 30-40 बार चोदा और उसने मुझे चोद चोदकर अपनी रांड बना लिया था और मुझे लंड लेने की बहुत गंदी आदत सी हो गई थी और उसने इस बात का फायदा उठाते हुए मुझे कई बार अपने दोस्तों से भी चुदवाया. मैंने उनके लंड को भी बहुत आराम से ले लिया, क्योंकि अब मेरी चूत को उसने फाड़कर भोसड़ा बना दिया था.