दोस्तों, ज़िन्दगी का खूबसूरत पल को इंसान कैमरे में कैद करके रखना चाहता है, पर आज जो मैं कहानी बताने जा रहा हु sexkahani.net पे उसमे भी मैंने अपनी उस यादगार दिन सुहागरात को अपने कैमरे में कैद कर के रखा है, मेरी पहली चुदाई का दिन को मैंने यादगार रखने के लिए मैंने मूवी बनाई, उसमे हीरो मैं नहीं हु, बल्कि मेरी पत्नी का भाई कुणाल है, मैंने सुहागरात के दिन अपने बीवी को कुणाल से चुदवाया, जो मेरा साला लगता है और मेरी बीवी का भाई, आप लोग सोच रहे होंगे की ऐसा क्या हो गया की मैंने ये कदम उठाया, दोस्तों आज मैं आपको सब सच सच और हु बहु बताने की कोशिश कर रहा हु, ये कहानी सच है, और मैं आपको भी सुनाना चाह रहा हु,
मेरा नाम रणवीर है, मैंने २४ साल का हु, मेरी शादी दो महीने पहले ही हुई है, पर इस कहानी को इस वेबसाइट पे लिखने में इतना देर हो गया इसका कारण है, पहले मैं सोच रहा था की मैं ये बात किसी को भी नहीं बताउगा. पर बाद में लगा की क्यों नहीं बताऊँ, मेरी बीवी को पता तो चले की उसने क्या किया था और क्यों मैंने ये कदम उठा, मेरी बीवी किया नाम सुलेखा है, उसकी उम्र २३ साल है, सुलेखा मेरे रिस्तेदार में ही थी, मेरे पापा ने सुलेखा के साथ मेरी शादी तय कर दी. और हुआ बहूत ही जल्दी जल्दी. पहली बार मिला और उसी दिन रोक हो गया था. अब मैं जेंटल मेन की तरह मिलता था बड़े ही अदब से, उसके घर भी जाता था बड़े ही शान से, मेरी खूब इज्जत होती थी, सुलेखा भी बड़ी शैलज तरीके से मेरे सामने आती थी, सीधी साधी सी, खूबसूरत सी, सूट में और दुपटा तो कभी भी मैंने उसके छाती से सरकते हुए देखा नहीं था. मुझे ऐसी ही लड़की पसंद थी.
दिन रात सुलेखा को ख्वाब में देखता, जब उसके घर जाता और या तो कभी वो बाहर मिलने आती, तो मैंने हाथ तक की पकड़ता था. और एक दो बार ही किश किया था वो भी माथे पे, क्या बताऊ दोस्तों मादरचोद मेरा माथा खराब हो गया था जो मैं ऐसा रोल कर रहा था, मैं बहूत ही इज्जतदार बनना चाह रहा था और वो भी सती सावित्री की रोल कर रही थी, रात दिन ख्वाब में और व्हाटप्प और फेसबुक पर, जब बात करता था तो आप जनाब.
शादी का दिन आ गया, शादी हो गई. सुहागरात मेरी उसकी के घर पर था क्यों की लड़की पांच दिन बाद विदा होती, क्यों की दिन नहीं बना था. पंडित ने कहा था की डोली ५ दिन में जाएगी, मैंने वही रुक गया, सुहागरात का दिन था, बहूत ही ज्यादा एक्सईटमेंट थी. मैंने किसी लकड़ी को पहले चुदाई नहीं की थी. पर रंडियों को जरूर चोदा था, यानी की चूत का मजा ले चूका था पर टाइट चूत और वर्जिन को चोदने का ख्वाब ही था, क्यों की रंडियों की चूत तो दरवाजा हुआ करता था. लंड घुसाओ तो बहनचोद सरपट भागकर अंदर चला जाता था, बस थोड़े देर पेलने के बाद माल अंदर गिरा देता था. और बाद में सोचता था की काश कोई टाइट चूत मिलती तो कितना मजा आता, मैंने पैसे खर्च कर के किसी वर्जिन को चोदने की इच्छा भी जताई तो कामयाबी नहीं मिली.
सुहागरात में अंदर गया, सुलेखा, माल तो थी जबरदस्त, चूचियां टाइट टाइट, बड़ी बड़ी गोल गोल गांड, नाभि देख कर तो ऐसे लगता था की चूत के जगह पे नहीं चोदके नाभि में ही लौड़ा पेल दू, गोरी लंबी चौड़ी, जंघे गोलगोल, मैंने तो एक महीने से रोज मूठ मार रहा था की मैंने ऐसे घुसाउंगा वैसे घुसाउंगा, मैं खुश था वो दिन आज आ गया था, मैं अंदर गया, दरवाजा बंद किया, वो खड़ी हो गई, आकर प्रणाम करी, मुझे बहूत अच्छा एहसास हुआ, मैंने गले से लगा लिया, चूच की गर्मी जब मेरे सीने पे पड़ी मैं तो पागल होने लगा. शरीर में गर्मी चढ़ने लगी. मजा आ गया, घुघंट उठा कर फेस देखा वो आँख बंद कर ली. मैंने उसके लाल लाल होठ पर अपनी होठ रख ली. वो सिहर गई. मैं खुद सिहर गया. दोनों बैठ गए पलंग पे, एक दूसरे का हाथ थामे हुए,
मैंने उसको लिटाया, और मैंने भी सो गया, लगा सहलाने, वो बोली इतनी जल्दी क्या है, मैंने कहा क्यों नहीं जल्दी है मैं तो इस दिन का इंतज़ार एक महीने से कर रहा हु और तुम कहती हो की क्या जल्दी है. सुलेखा बोली अच्छा बाबा जो मर्जी कर लो, मैं तो तुम्हारी हु, अब कौन रोकेगा, मैंने ब्लाउज के हुक खोल दिए, वो मचल रही थी. पीछे से ब्रा का हुक भी खोल दिया, बड़ी बड़ी सॉलिड गोल गोल चूचियां देखते ही मैं पगला गया और मैं झपट पड़ा, निप्पल उसके कत्थई कलर के ओह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों मजा आ गया था, मैं निप्पल को ऊँगली से दबाना शुरू कर दिया, वो अंगड़ाई ले राइ थी, मैंने टूट पड़ा था उसके बूब्स पे. Antarvasna, Antervasna, antervasna hindi
दोस्तों उसके बाद उसके होठ को देखा थरथरा रहा था, काँप रहा था उसके होठ लाल लाल थे, लग रहा था की चबा जाऊं, सरक के ऊपर गया और मैंने उसके होठ को चूसने लगा, वो भी काफी ज्यादा कामुक हो चुकी थी, उसकी चुचिया मेरे सीने से दबी हुई थी, मैंने उसके होठ को चूसने लगा, उसके बाद गाल को चूमते हुए, उसके गर्दन के चारो और चूमने लगा. वो मेरे बाल पकड़ ली, और मुझे चूमने लगी, आई लव यू रणवीर, मैंने तुम्हे बहूत खुश रखूंगी, मेरे राजा, मेरे सैयां, मुझे कभी नहीं छोड़ना, हम दोनों बहूत ही जोड़ा बनेगे, लोगो की नजर ना लगे मेरे जोड़े को, मैं धन्य हु जो की आपके जैसा पति मिला है, आह आह आह आजा आज रात मैं अपनी बाँहों में सुलाउंगी, वो सब दूंगी, जिसकी आपको चाह है मेरे राजा,
दोस्तों मैं गदगद हो गया था, मजा गया था, लगा था यार शादी के बिना तो ज़िन्दगी बर्वाद है. असली मजा तो शादी के बाद ही है, गजब लग रहा था, मैं भगवान को थैंक्स कह रहा था की मुझे सुलेखा जैसी पत्नी दी है. मैंने कहा मेरी जान मैं तुम्हे बहूत चाहता हु, और ज़िन्दगी भर तेरे आँचल के छांव में रहुगा मुझे बहूत प्यार देना, मैं तुम्हारे बिना किसी और को नहीं नहीं चाहूंगा, तू मेरी ज़िन्दगी है सुलेखा, फिर मैंने चूचियों को दबाते हुए निचे गया और फिर पेट को अपने जीभ से चाटते हुए, उसने नाभि में ऊँगली डालने लगा, सुलेखा को गुदगुदी होने लगी. वो हँसने लगी. जब है रही थी तो गजब की लग रही थी, उसकी चूचियां उसके हँसी से हिले जा रही थी, मैं तो बहूत ही ज्यादा मूड में था,
मैंने निचे सरक गया और साडी उतार दी. फिर पेटीकोट भी खोल दिया, गजब की पेंटी जो की झिल्लीदार पहनी थी, ओह्ह्ह्ह मेरा रोम रोम खड़ा हो गया, अंदर बिजली का करंट सा लगा, मैंने उसके पेंटी के ऊपर से ही अपनी नाक लगा कर उसके चूत की खुशबु का आनंद लेने लगा, वो मचल रही थी, वो मेरे बाल को पकड़ कर हटाने की कोशिश कर रही थी, मैंने उसके पेंटी को उतारने की कोशिश की, वो शर्मा गई, मैंने कहा अरे मुझसे क्या शर्माना, वो बोली धीरे धीरे नार्मल हो पाऊँगी. और मैं उसके पेंटी में हाथ घुसा दिया, वो चहक उठी. आह आह आह आह आह मेरा लंड तो तन गया था, मेरी साँसे तेज तेज चलने लगी. शेष अगले पार्ट में………..