हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम प्रवीण है और मेरी उम्र 36 साल है। दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है और मैंने इस वेबसाईट से बहुत कहानियाँ पड़ी है और उन्हें पढ़कर मेरा भी मन किया कि में भी अपनी एक कहानी लिखूं। मैंने अभी तक सेक्स का बहुत अनुभव किया है और यह कहानी एक सच्ची घटना है और आपको पसंद भी जरुर आएगी। दोस्तों उस दिन में अपने ऑफिस का कम खत्म करके मेरी गर्लफ्रेंड के घर गया, उसके घर पर उसका पति और उनका तीन साल का एक बच्चा था। मेरी गर्लफ्रेंड की शादी को 5 साल हो गये थे और मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को मेरे आने की खबर भी नहीं दी थी। फिर मैंने वहाँ पर पहुंचकर घर के दरवाजे की घंटी बजाई तो उसके पति ने दरवाजा खोला और वो मुझे देखकर बहुत खुश हुई। मेरी गर्लफ्रेंड बहुत ही सुंदर थी और वो दिखने में एकदम मधुबाला जैसी और फिर उसने मुझे दरवाजे पर देखकर अंदर बुलाया।
फिर मैंने अंदर आकर देखा तो उसका पति कहीं बाहर जाने की तैयारी कर रहा था और मैंने उन्हें जाने के लिए बहुत मना किया, लेकिन वो बोले कि में अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमने जा रहा हूँ और रात को थोड़ा देरी से आ जाऊंगा, लेकिन तुम कहीं जाना नहीं, हम आज रात को बैठकर पार्टी करेंगे। फिर वो कुछ देर बाद चला गया और उसके बाद मेरी गर्लफ्रेंड ने मेरे लिए खाना गरम किया और मुझे खाना परोसने लगी और मेरे खाना खाते समय उसने मुझसे पूछा कि कैसे आना हुआ? फिर मैंने पलट कर जवाब दिया कि बस ऐसे ही और जब में वहां पहुंचा तब मुन्ना सो रहा था। फिर मेरी सफर की थकान के कारण उसने मुझसे कहा कि प्रवीण तुम जल्दी से नहा लो और में तब तक घर की साफ सफाई करती हूँ। फिर में नहाने चला गया और तब मैंने देखा कि बाथरूम का दरवाजा टूटा हुआ था। फिर मैंने उससे पूछा तो वो बोली कि हाँ यह कल ही टूटा है और इसे ठीक करवाना है। फिर में शरमाते हुए नहा रहा था तो तभी मुझे बच्चे के रोने की आवाज़ आई। दोस्तों उसका घर बहुत बड़ा था और वो बच्चा मेरे बाथरूम के सामने वाले बेडरूम में सोया हुआ था। उसने मुन्ने को उठाया और अपनी गोद में लेकर सुलाने लगी, वो ठीक मेरे सामने बैठी थी और वो मुझे नहाते हुए देख रही थी और मुझे बहुत ज्यादा शर्म आ रही थी।
तभी मैंने उसके चहरे पर हंसी देखी तो वो मुझे देखकर ही हंस रही थी। फिर में नाहकर बाहर आया तो मैंने देखा कि तब तक मुन्ना पलंग पर ही लेटा हुआ था और में मुन्ने के साथ खेल रहा था। उसने मुझे चाय बनाकर दी और फिर वो बाथरूम में कपड़े धोने चली गयी और वो शायद दोपहर में ही नहा चुकी थी मेरे आने से पहले, क्योंकि दरवाजा टूट गया था और अब मुन्ना खेलते खेलते सो गया। फिर में उसके कंप्यूटर पर गेम खेलने बैठा और तब रात के दस बजे थे और वो बाथरूम से बाहर आ गई और फिर मुझसे कहने लगी कि प्रवीण सॉरी हाँ यार तुझे भूख लगी होगी, में जल्दी से खाना बनाती देती हूँ। फिर वो अंदर किचन में चली गयी और खाना बनाते हुये मुझसे बातें कर रही थी और तुम्हारे घर पर सब लोग कैसे है? अब उसके खाना बनाने के बाद हम दोनों ने खाना खा लिया। फिर हम टी.वी. देख रहे थे और थोड़ी देर बाद मुन्ना एक बार फिर से उठ गया, शायद उसे भूख लगी थी। फिर से उसने मुन्ने को खाना खिलाया और में सब बैठे बैठे देख रहा था, उसको पता चला कि में देख रहा हूँ, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली।
फिर थोड़ी देर के बाद में मुन्ना के साथ खेल रहा था और वापस खेलते खेलते मुन्ना कब सो गया पता नहीं चला और वैसे ही पूरा टाईम कब ख़त्म हो गया पता ही नहीं चला, मेरी गर्लफ्रेंड और में टी.वी देख रहे थे और तब टी.वी. पर एक छोटी सी प्यार की कहानी फिल्म आ रही थी, लेकिन मुझे इस फिल्म के बारे में कुछ नहीं पता था और फिल्म देखते देखते मेरा लंड कब खड़ा हुआ मुझे पता ही नहीं चला और तब में केफ्री पहनकर बैठा हुआ था, इसलिए उसने मेरे लंड को देख लिया था और में भी उसके बूब्स को देख रहा था और वो मेरे लंड को देख रही थी। फिर तभी उसने मुझसे पूछा कि प्रवीण क्या तुझे दूध पीना है और वो भी भैसे का या मेरा? तब मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया और तब जवाब में मैंने उसे तेरा दूध कह दिया, उसने दरवाजा बंद लिया था। फिर में भी सोने चला गया। दोस्तों में एक अलग कमरे में सोया हुआ था, लेकिन उस फिल्म को देखने के बाद मेरे मन में अब कुछ अलग से ख्याल आ रहे थे और फिर मेरा उसको देखने का नज़रिया बिल्कुल बदल सा गया था, थोड़ी देर बाद उसके कमरे से कुछ आवाज़ आने लगी।
फिर में उठकर कमरे की तरफ चला गया तो कमरे का दरवाजा थोड़ा सा खुला था और में छुपकर देख रहा था तो वो अपनी चूत को खुजा रही थी और थोड़ी देर बाद अपनी उंगली उसमें डाल रही थी और चिल्ला रही थी, अह्ह्हहह उह्ह्ह्हह्ह मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया, में भी उसको देखकर मुठ मारने लगा था और उसी हड़बड़ाहट में मेरे हल्के से धक्के से दरवाजा खुल गया तो वो जल्दी से उठ गई और में भी डर की वजह से बाथरूम में चला गया और पेशाब का नाटक करके बाहर आ गया और तब उसने गाऊन पहना हुआ था, शायद अंदर पेंटी नहीं पहनी थी और उसका गाऊन चूत के पास से थोड़ा गीला था और मेरा लंड भी केफ्री की वजह से खड़ा दिख रहा था और मैंने कुछ नहीं देखा और अपने बेडरूम में चला गया, लेकिन शायद उसको पता चल चुका था कि मैंने सब कुछ देख लिया है और वो भी मेरे खड़े लंड की वजह से उस रात में सो नहीं सकी और मेरे मन में अजीब अजीब ख़याल आने लगे थे। सुबह में जल्दी उठा ताकि में उसको नहाते हुआ देख सकूं। में छुपकर उसे देख रहा था, उसने अपने गाऊन को उतार दिया और उसने पेंटी नहीं पहनी थी और अब धीरे से ब्रा को खोल दिया तो वो मेरी तरफ अपनी पीठ करके नहा रही थी, क्या सुंदर फिगर था? में देख रहा था कि अब वो कब मेरी तरफ पलटे और मुझे उसकी चूत और पूरे खुले बूब्स देखने को मिले? रात को में थोड़ा अंधेरा होने की वजह से ठीक से नहीं देख पाया था।
तभी वो वापस मेरी तरफ घूम गई और में भी जल्दी से पीछे मुड़ा। दोस्तों मेरे रूम के पास ही बाथरूम था और बाथरूम के सामने उसका कमरा था और शायद उसको मेरी आहट लग चुकी थी तो इसलिए वो जानबूझ कर मेरे रूम में आ गई और मेरी तरफ देखने लगी और मेरे पास आकर मेरे सर पर बालों को सहलाती रही और अब मेरा लंड पूरी तरह से वापस खड़ा हो गया, अब मुझे उसके स्पर्श से कुछ अलग सा महसूस होने लगा और साथ ही साथ डर भी लगा, क्योंकि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था। मैंने सोने का नाटक किया तो फिर वो कुछ देर बाद उठकर चली गई। में उठकर जब नहाने चला गया तो वो मुझे कुछ अलग नज़र से देख रही थी, नहाने के बाद में टी.वी. देखने लगा, उसने चाय बनाई और मुझे दी। तभी मैंने उसे उसके पति के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वो तो दो दिन घर नहीं आने वाले है और उसने मुझे मुन्ने के साथ थोड़ी देर खेलने को कहा और मुस्कुराकर बाथरूम में कपड़े धोने चली गई और कपड़े धोने के बाद वो खाना बनाने लगी, तब में उठ गया था और उसने मुझे नाश्ता भी नहीं दिया था, मुझे अब बहुत भूख लगी थी और मैंने उससे कहा भी था तो इसलिए वो जल्दी खाना बनाने लगी और मुन्ने से खेलने के लिये उसने अब मुन्ने को किचन में नीचे अपने पास बैठा दिया और में मुन्ने के पास था,
वो बहुत खुले दिल की थी यानी मॉडर्न जमाने की है और वो एम.बी.ए. कर चुकी थी। वो मुझसे बातें करने लगी, लेकिन वो कुछ अलग ही बातें थी, क्योंकि कल रात का परिणाम हम महसूस कर रहे थे। फिर उसने पूछा कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? मैंने कहा कि नहीं है और वो मुझे देखकर हंस पड़ी। फिर उसने पूछा कि तूने कभी किसी लड़की को किस किया है? फिर मैंने कहा कि नहीं अभी तक मुझे मौका नहीं मिला और में भी खुले मन से जवाब देने लगा और वो वापस मुस्कुराई। फिर मैंने हिम्मत करके उससे पूछा कि तुम कल धीरे धीरे चिल्ला क्यों रही थी? वो बिल्कुल नहीं चौकी, क्योंकि उसने मुझे देख लिया था। फिर वो मेरी तरफ देखकर बोली कि तुम पहले मुझसे वादा करो कि तुम यह बात किसी को नहीं बताओगे, मेरे पति को भी नहीं? तो मैंने झट से हाँ कह दिया। फिर उसने मुझसे कहा कि मेरी कुछ ज़रूरते ऐसी है कि वो पूरी नहीं हो रही थी। फिर मैंने पूछा कि कौन जरूरते? फिर वो बोली कि प्रवीण तुम वो सब समझते हो तो वो वापस मेरे पास आई और मुस्कुराई और मेरे सर के बालों को हिलाते हुए बोली कि तुम बहुत शरारती हो।